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Incest बहन के जिस्म का पहला स्पर्श
#30
दीदी की योनि में लंड को डालकर मैंने धीरे-धीरे अपने बदन को दीदी के बदन पर घिसना शुरू किया. धक्के कैसे लगाये जाते हैं ये भी मैं बाद में ही सीख पाया लेकिन उस दिन तो बस जैसे तैसे करके मुझे दीदी की योनि का रस पीना था.
सेक्स का मजा कैसे लिया जाता है वो सब मैंने बाद में ही सीखा.

मेरी जवान ममेरी बहन की योनि इतनी गर्म और गीली थी कि मैं दो मिनट से ज्यादा उसमें टिक ही नहीं पाया और जब वीर्य निकला तो ऐसा आनंद मिला कि वैसा आनंद दुनिया में कहीं और मिल ही नहीं सकता।
मैंने दीदी की चूत में अपना पूरा लंड खाली कर दिया.

मेरी सांसें तेजी से चल रही थीं लेकिन दीदी शायद प्यासी रह गई थी. मगर फिर भी दीदी ने प्यार से मेरी पीठ को सहलाया और मुझे अलग होने के लिए कह दिया.

उस रात से हमारे जवान जिस्मों के बीच में जो संबंध बनने की शुरूआत हुई तो फिर हमने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा.

एक रोज भाग्य ने भी पूरा साथ दिया और घर में हम दोनों अकेले ही थे. उस दिन मैंने दीदी की योनि को चाटा भी और चूसा भी। मगर सेक्स तो उस दिन भी पांच मिनट से ज्यादा नहीं चल पाया. फिर धीरे-धीरे जैसे-जैसे मैं पारंगत होता गया तो मेरी और दीदी की जवानी खिलती चली गई.

हम दोनों चुदाई का भरपूर मजा लेने लगे. होते-होते बात यहां तक पहुंच गई थी कि दोनों ने भाग कर शादी करने का फैसला तक कर डाला. मगर ऐसा कुछ हो न पाया। फिर मेरी पढ़ाई वहां से खत्म हो गई और मैं अपने घर आ गया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बहन के जिस्म का पहला स्पर्श - by neerathemall - 14-09-2021, 03:01 PM



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