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Incest बहन के जिस्म का पहला स्पर्श
#23
लेकिन न मैंने दीदी का हाथ छोड़ा और न ही दीदी ने छुड़ाया। मैं उनका हाथ छोड़ना भी नहीं चाहता था क्यूंकि मेरी नस-नस में अब दीदी को छूते रहने की लालसा थी। पूरी रात दीदी मेरे हाथों पर प्यार की थपकी (जैसे छोटे भाई को दी जाती है) देती रही और मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी।

अक्सर रात में दीदी का हाथ मेरे हाथों में रहता था और दीदी के पूरे बदन को छूने की लालसा मेरे मन में हर दिन बढ़ती ही जा रही थी।

लेकिन यह आनंद भरा खेल उस रात को गड़बड़ा गया जब मामी की वजह से मुझे तख्ते से हटकर दूसरी चारपाई पर जाना पड़ा। उस कमरे में 3 चारपाई और एक तख्ता एक साथ एक आयताकार रूप में एक दूसरे से सटा कर बिछाए हुए थे। उस रात को मैं जिस चारपाई पर गया वो दीदी की चारपाई के विपरीत दिशा में थी। अब दीदी और मेरा सिर एक दूसरे की विपरीत दिशा में था। उस रात को दीदी के सिर में तेज दर्द था.

चूंकि मैं उनसे काफी छोटा था तो मैंने सिर दबाने को कहा. बहुत कहने पर दीदी मान गयी और मैं अपनी चारपाई से ही हाथ पीछे करके उनका सिर दबाने लगा। लगभग 15 मिनट बाद जब दीदी और सब लोग सो गए तब मेरी उँगलियाँ दीदी के माथे से होते हुए दीदी के गालों पर पहुंचने लगीं। ऐसा लगने लगा था कि शायद अब मेरी उँगलियाँ किसी रुई के गुच्छे में चली गयी हों। मैंने उनके गाल पर काफी देर तक उँगलियाँ फेरीं और फिर सरकाते हुए उनके गले तक पहुंचा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बहन के जिस्म का पहला स्पर्श - by neerathemall - 14-09-2021, 02:59 PM



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