13-09-2021, 06:05 PM
मैंने उसकी ब्रा को उसके मम्मों से निकाल दिया … और मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा. फिर मैंने उसकी जींस निकाल दी. अपने होंठों से उसके पेट को चूमता हुआ मैं नीचे आ गया. उसकी लाल रंग की पैंटी के ऊपर से ही उसकी चुत को सूंघने लगा. चुत से बहुत ही अच्छी खुशबू आ रही थी.
मैं चड्डी के ऊपर से चुत पर जीभ फेरने लगा. उसका रस निकलने लगा. वो कसमसाते हुए अपनी वासना से लड़ रही थी. फिर मैंने धीरे से उसकी पैंटी निकाल दी.
शालिनी की चुत पर बाल उगे थे. देख कर मुझे ऐसा लगा, जैसे उसने बहुत दिनों से चुत को साफ नहीं किया हो.
मुझे चुत चूसना बहुत अच्छा लगता है. मैं उसकी चुत की फांकों में अपनी जीभ फेरते हुए चुत चाटने लगा. उसने भी मस्ती से अपनी टांगें हवा में उठा दीं. उसकी चुत पूरी खुल गई थी. मैं जीभ को चुत के अन्दर डाल कर चूसने लगा.
जैसे ही मैंने उसकी चुत में जीभ डाली … वो अचानक से मेरा सर अपनी चुत में दबाने लगी. मैंने बहुत देर तक उसकी चुत चूसी. वो झड़ गई, तो मैंने उसकी चुत का पानी भी चाट लिया.
मैं चड्डी के ऊपर से चुत पर जीभ फेरने लगा. उसका रस निकलने लगा. वो कसमसाते हुए अपनी वासना से लड़ रही थी. फिर मैंने धीरे से उसकी पैंटी निकाल दी.
शालिनी की चुत पर बाल उगे थे. देख कर मुझे ऐसा लगा, जैसे उसने बहुत दिनों से चुत को साफ नहीं किया हो.
मुझे चुत चूसना बहुत अच्छा लगता है. मैं उसकी चुत की फांकों में अपनी जीभ फेरते हुए चुत चाटने लगा. उसने भी मस्ती से अपनी टांगें हवा में उठा दीं. उसकी चुत पूरी खुल गई थी. मैं जीभ को चुत के अन्दर डाल कर चूसने लगा.
जैसे ही मैंने उसकी चुत में जीभ डाली … वो अचानक से मेरा सर अपनी चुत में दबाने लगी. मैंने बहुत देर तक उसकी चुत चूसी. वो झड़ गई, तो मैंने उसकी चुत का पानी भी चाट लिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.