13-09-2021, 06:04 PM
मुझे बस अब इस बात का इन्तजार रहता था कि कब शालिनी अकेले में मिले और मैं उसको चोद सकूं.
मगर शालिनी इस बार सिर्फ दो दिन के लिए हमारे घर आई थी. इन दो दिनों में हम दोनों को अकेले में मिलने का टाईम नहीं मिल सका. वो अपने घर चली गई.
अब हम दोनों फोन सेक्स करने लगे थे. वीडियो चैट करके एक दूसरे के लंड चुत को ठंडा कर लेते थे.
इसके बाद एक बार मुझे उसके घर जाने का अवसर मिला, तो मैं उस दिन उसे चोदने की पूरी तैयारी से गया हुआ था. मगर उस दिन भी कुछ ऐसा हुआ कि उसके घर कुछ अधिक मेहमान आ गए और हम दोनों को मिलने का मौका न मिल सका.
बस दो मिनट का टाइम मिला, जिसमें मैंने उसे अपनी बांहों में लेकर उसके मम्मे दबाए और उसको चूम कर छोड़ दिया. उसने भी मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही दबा कर आग लगा कर छोड़ दिया. उस दिन भी हमारे बीच इससे ज्यादा कुछ नहीं हो सका था.
तभी एक अवसर आया. मेरे परिवार में एक शादी तय हुई. शादी की डेट अगले माह जून में निकली. मुझे जब इस बात का पता चला, तो मुझे लगा कि मेरी किस्मत खुल गयी. शादी में तो उसे आना ही था. मैं लंड सहलाते हुए शालिनी की चुत चुदाई के सपने देखने लगा.
उस दिन उससे वीडियो चैट भी की और हम दोनों ने एक दूसरे के लंड चुत का रस निकाल दिया.
मगर शालिनी इस बार सिर्फ दो दिन के लिए हमारे घर आई थी. इन दो दिनों में हम दोनों को अकेले में मिलने का टाईम नहीं मिल सका. वो अपने घर चली गई.
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इसके बाद एक बार मुझे उसके घर जाने का अवसर मिला, तो मैं उस दिन उसे चोदने की पूरी तैयारी से गया हुआ था. मगर उस दिन भी कुछ ऐसा हुआ कि उसके घर कुछ अधिक मेहमान आ गए और हम दोनों को मिलने का मौका न मिल सका.
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उस दिन उससे वीडियो चैट भी की और हम दोनों ने एक दूसरे के लंड चुत का रस निकाल दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.