13-09-2021, 01:20 AM
वैसे तो दूसरे सारे घरों के बीच दीवार थी पर पता नहीं क्यों हम दोनों के घर सिर्फ कुछ पेड़ लगा कर अलग किये गए थे। बिल्डर ने कहा था की यदि आप चाहें तो दीवार खड़ी करवा सकते हैं लेकिन दीवार न होने से हमारा लॉन बड़ा लगता था तो हमने जरूरत नहीं समझी। राजेश हमेशा अपने घर पर काम करते रहते थे और उनका ज्यादातर वक़्त लॉन को ठीक करने में जाता था। उनके लॉन की स्थिति हमारे मुकाबले काफी बेहतर थी। इस वक़्त भी वो अपने गमलो में खाद डालने आये थे।
"अरे वकील साहब, कैसा चल रहा है?" मैंने उत्तर दिया। रेनू उन्हें देख कर पानी के नीचे चली गई, उसको लगा की पानी में उसकी बिकिनी ज्यादा छोटी लग रही होगी तो वो राजेश से बचना चाहती थी।
राजेश ने खाद के बैग को रख दिया और मुस्कुराते हुए हमारे हिस्से में चले आये।
"अरे मनीष जी बस लॉन का कभी न खत्म होने वाला काम, कभी खाद डालो तो कभी घास काटो तो कभी पेड़ों की छटाई, यही सब चलता रहता है।" वो रुके और पूल में रेनू की तरफ देखने लगे जो अब वापस पानी की सतह पर आ गयी थी।
"जी खुद करने में मेहनत तो है लेकिन हमारा लॉन देखिये। माली के भरोसे छोड़ने से क्या हालत है और आपका लॉन इसके मुकाबले शानदार है और आप मुझे मनीष जी न कहा करें। आप तो मुझे मोनू कह कर बुलाया करें। सभी दोस्त इसी नाम से बुलाते हैं" मैंने कहा।
"तय रहा लेकिन आप भी मुझे राजेश पुकारेंगे। आप दोनों हमेशा मुझे राजेश जी कहते हैं। भाई मैं इतना भी बूढा नहीं हूँ।" वो हँसते हुए बोले।
"आप दोनों इस पूल का खूब आनंद लेते हैं वर्ना आपसे पहले यहां रहने वाले लोगों ने तो कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया। हर इतवार को मैं देखता हूं तो आप लोग तैर रहे हैं।"
"बस पैसे वसूल कर रहे हैं।" मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
"अरे वकील साहब, कैसा चल रहा है?" मैंने उत्तर दिया। रेनू उन्हें देख कर पानी के नीचे चली गई, उसको लगा की पानी में उसकी बिकिनी ज्यादा छोटी लग रही होगी तो वो राजेश से बचना चाहती थी।
राजेश ने खाद के बैग को रख दिया और मुस्कुराते हुए हमारे हिस्से में चले आये।
"अरे मनीष जी बस लॉन का कभी न खत्म होने वाला काम, कभी खाद डालो तो कभी घास काटो तो कभी पेड़ों की छटाई, यही सब चलता रहता है।" वो रुके और पूल में रेनू की तरफ देखने लगे जो अब वापस पानी की सतह पर आ गयी थी।
"जी खुद करने में मेहनत तो है लेकिन हमारा लॉन देखिये। माली के भरोसे छोड़ने से क्या हालत है और आपका लॉन इसके मुकाबले शानदार है और आप मुझे मनीष जी न कहा करें। आप तो मुझे मोनू कह कर बुलाया करें। सभी दोस्त इसी नाम से बुलाते हैं" मैंने कहा।
"तय रहा लेकिन आप भी मुझे राजेश पुकारेंगे। आप दोनों हमेशा मुझे राजेश जी कहते हैं। भाई मैं इतना भी बूढा नहीं हूँ।" वो हँसते हुए बोले।
"आप दोनों इस पूल का खूब आनंद लेते हैं वर्ना आपसे पहले यहां रहने वाले लोगों ने तो कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया। हर इतवार को मैं देखता हूं तो आप लोग तैर रहे हैं।"
"बस पैसे वसूल कर रहे हैं।" मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।