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Misc. Erotica गलती किसी की नहीं, लेकिन मजा आ गया
#20
"चल शरीर कहीं के ..." भाभी ने हंसते हुये कहा और अपनी टांगें फ़ैलाने लगी और आराम जैसी पोजीशन में आ गई। आधा बाहर निकला हुआ लण्ड मैंने धीरे से दबा कर पूरा अन्दर तक उतार दिया। इस बार मुझे स्वर्ग जैसा आनन्द आ रहा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: गलती किसी की नहीं, लेकिन मजा आ गया - by neerathemall - 06-09-2021, 12:48 PM



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