19-04-2019, 03:37 PM
रिया ने घडी की तरफ देखा और बोली
"महक अब मुझे घर जाना चाहिए..... वर्ना मेरे घर वाले ढून्डते हूए आ जायेंगे"
और हमदोनों ने फटाफट कपडे पहने.
मैं: "पर रिया ......"
रिया : "मुझे पता है महक .... तुम्हे बहुत कुछ पूछना है ..... लेकिन अभी नहीं .....
मैं तुम्हे सब कुछ बताऊंगी लेकिन बाद में अब तो हम दोनों एक ही खेल के पार्टनर है"
मैं: " फिर कब आवोंगी ?"
रिया : "बहुत ही जल्दी आउंगी मेरी जान..... तुझसे जादा जल्दी तो मुझे है ....
तेरा मखमली बदन मुझे सोने नहीं देगा "
इतना कहके रिया अपने बुक्स समेटने लगी.
जाते जाते मुझसे कस के लिपट के रियाने एक कड़क चुम्मा मेरे होटों पे दिया
और कुण्डी खोलके बहार निकल गई.
रिया के चले जाने के बाद न जाने कितिनी देर तक मैं वही बैठी रही.
फिर निचेसे मामी की आवाज आई
" महक बेटा शाम होने को है ..... हाथ मुह धोलो और निचे आओ "
हर रोज शाम को मामीजी के साथ मैं आरती करती हूँ.
मैं बाथरूम जाकर फ्रेश हो गई. और निचे पूजाघर की और चल दी .....
आज पूजा में भी मेरा मन नहीं लग रहा था.
मामी ने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया ....
उन्होंने सोचा मैं कॉलेज के बारे में या अपने घर के बारे में सोच रही हू.
मैं फिरसे मेरे कमरे में आ गई. पर मेरा मन कही नहीं लग रहा था ,
सामने किताब खुली थी लेकिन आँखों के सामने अभी भी रिया के भरे भरे स्तन ही आ रहे थे .
मैं अभीभी रियाके होटो की नमी अपने होटोपर महसूस कर रही थी.
इतने में मामी की आवाज आई
"महक बेटा तेरे लिए फ़ोन है ...."
"महक अब मुझे घर जाना चाहिए..... वर्ना मेरे घर वाले ढून्डते हूए आ जायेंगे"
और हमदोनों ने फटाफट कपडे पहने.
मैं: "पर रिया ......"
रिया : "मुझे पता है महक .... तुम्हे बहुत कुछ पूछना है ..... लेकिन अभी नहीं .....
मैं तुम्हे सब कुछ बताऊंगी लेकिन बाद में अब तो हम दोनों एक ही खेल के पार्टनर है"
मैं: " फिर कब आवोंगी ?"
रिया : "बहुत ही जल्दी आउंगी मेरी जान..... तुझसे जादा जल्दी तो मुझे है ....
तेरा मखमली बदन मुझे सोने नहीं देगा "
इतना कहके रिया अपने बुक्स समेटने लगी.
जाते जाते मुझसे कस के लिपट के रियाने एक कड़क चुम्मा मेरे होटों पे दिया
और कुण्डी खोलके बहार निकल गई.
रिया के चले जाने के बाद न जाने कितिनी देर तक मैं वही बैठी रही.
फिर निचेसे मामी की आवाज आई
" महक बेटा शाम होने को है ..... हाथ मुह धोलो और निचे आओ "
हर रोज शाम को मामीजी के साथ मैं आरती करती हूँ.
मैं बाथरूम जाकर फ्रेश हो गई. और निचे पूजाघर की और चल दी .....
आज पूजा में भी मेरा मन नहीं लग रहा था.
मामी ने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया ....
उन्होंने सोचा मैं कॉलेज के बारे में या अपने घर के बारे में सोच रही हू.
मैं फिरसे मेरे कमरे में आ गई. पर मेरा मन कही नहीं लग रहा था ,
सामने किताब खुली थी लेकिन आँखों के सामने अभी भी रिया के भरे भरे स्तन ही आ रहे थे .
मैं अभीभी रियाके होटो की नमी अपने होटोपर महसूस कर रही थी.
इतने में मामी की आवाज आई
"महक बेटा तेरे लिए फ़ोन है ...."