26-08-2021, 12:05 AM
(This post was last modified: 07-08-2023, 11:07 PM by RajnPriya. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
बीवी की दोस्त से चुदाई 02
उस दिन मुझे लग रहा था कि आदित्य शायद प्रिया को छेड़ना शुरू करेगा पर वो शरीफ बन्दे की तरह बैठा मेरे शुरुआत करने का इंतज़ार कर रहा था। शायद क्योंकि उसके साथ हम पहली बार गए थे इसलिए वो झिझक रहा था। मैंने सुनसान जगह पर पहुँच कर कुछ देर इंतज़ार लिया कि आदित्य मेरी गरम और मस्त बीवी को छूना और छेड़ना शुरू करेगा क्योंकि हम सबको मालूम था कि हम वहां किसलिए आएं हैं, मै और कुछ देर तक बातें करता रहा. पर जब आदित्य ने शुरुआत नहीं की तो थोड़ी देर बात करने के बाद मैंने प्रिया की तरफ झुककर उसको चूम लिया। मै ड्राइविंग सीट में बैठा था और प्रिया मेरे बगल वाली सीट पर और आदित्य मेरी सीट के पीछे। मैंने प्रिया को चूमना शुरू किया तो प्रिया फ़ौरन मेरा साथ देने लगी और उसने अपने हाथ मेरे सर पर रख दिए और मुझे जोर से चूमने लगी। आदित्य पीछे बैठ कर बड़े interest से हम दोनों को देख रहा था पर अभी तक शांत बैठा था।
मैंने धीरे से ड्रेस के ऊपर से प्रिया की मोटी-मोटी चूंचियों पर हाथ रखा तो उसने मुझको चूमते - चूमते अपनी चूंचियां उभार दी। मैंने मजे मैं आकर कस कर उसकी चूंचियां मसली और धीरे से उसकी ड्रेस को नीचे सरकाना शुरू कर दिया। उसकी चूंचियां नंगी करके मैंने अपना मुंह अपनी तरफ वाली चूंची पर लगा कर भूखे बच्चे की तरह इसको चूसना शुरू कर दिया। मेरे ऐसा करते ही प्रिया ने सर पीछे को करके मस्ती भरी आह भरी।
कुछ देर चूची चूस कर मैंने आदित्य की तरफ देखा वह बड़ी चाहत से प्रिया की चूची देखने की लोशिश कर रहा था। गाड़ी में अँधेरा था बस बाहर से चाँद की हलकी हलकी रौशनी आ रही थी। और उस रौशनी में प्रिया की गोरी और मोटी चूंचियां खजाने की तरह चमक रही थी।
मैंने उसकी चूची से अपना मुँह हटा कर आदित्य का हाथ पकड़ कर खुद ही अपनी बीवी की नंगी चूंची पर रख दिया। उसकी, मोटी, चिकनी, सख्त और गरम चूंची पकड़ते ही आदित्य पर जैसे नशा छा गया। वह कुछ मिनट तक तो धीरे से, मुलायमियत से और नजाकत से प्रिया की चूंचियां सहलाता रहा प्रिया भी मस्त slut की तरह अपनी मादक चूची पर किसी दुसरे mard का हाथ लगते ही और भी ज्यादा मस्त हो गयी।
प्रिया की चूचियाँ बहुत sensitive हैं और जैसे ही उनको कोई भी मसलना शुरू कर दे, वो गरम होने लगती है। मैंने एक बार तो डीटीसी की बस में देखा है जब किसी मनचले ने उसकी चूची बस में केवल ५ मिनट ही मसली थी, और प्रिया वहीँ गरम होने लगी थी। उसकी चूत बस में ही गीली हो गयी थी और घर आते ही मुझसे चुदी थी। (कभी कभी सोचता हूँ कि अगर उस दिन बस में साथ में शायद मै साथ न होता तो प्रिया उसी बदमाश से कहीं चुद लेती). खैर जैसे ही आदित्य ने प्रिया की चूची मसलनी शुरू की, तो वह बिलकुल मस्त होकर आहें भरने लगी।
आदित्य को भी मज़ा आने लगा और वो भी सिसकारी भर के प्रिया के मस्त मोटे चिकने अमृत कलशों को जोर जोर से मसलने लगा। मैंने आगे झुक कर प्रिया की सीट की बैक पीछे झुका दी थी ताकि वो अपनी सीट में लेटी हुई हो जाए। आदित्य ने इस बीच प्रिया की चूंचियों को जोर से पकड़ कर मसला और खूब जोर से भींच कर ऊपर को खींचा जैसे किसी मोटी गाय का दूध दोहने की तैयारी कर रहा हो। प्रिया जोर से कराही पर उसकी इस कराह में दर्द कम और मस्ती और समर्पण ज्यादा था।
उस दिन मुझे लग रहा था कि आदित्य शायद प्रिया को छेड़ना शुरू करेगा पर वो शरीफ बन्दे की तरह बैठा मेरे शुरुआत करने का इंतज़ार कर रहा था। शायद क्योंकि उसके साथ हम पहली बार गए थे इसलिए वो झिझक रहा था। मैंने सुनसान जगह पर पहुँच कर कुछ देर इंतज़ार लिया कि आदित्य मेरी गरम और मस्त बीवी को छूना और छेड़ना शुरू करेगा क्योंकि हम सबको मालूम था कि हम वहां किसलिए आएं हैं, मै और कुछ देर तक बातें करता रहा. पर जब आदित्य ने शुरुआत नहीं की तो थोड़ी देर बात करने के बाद मैंने प्रिया की तरफ झुककर उसको चूम लिया। मै ड्राइविंग सीट में बैठा था और प्रिया मेरे बगल वाली सीट पर और आदित्य मेरी सीट के पीछे। मैंने प्रिया को चूमना शुरू किया तो प्रिया फ़ौरन मेरा साथ देने लगी और उसने अपने हाथ मेरे सर पर रख दिए और मुझे जोर से चूमने लगी। आदित्य पीछे बैठ कर बड़े interest से हम दोनों को देख रहा था पर अभी तक शांत बैठा था।
मैंने धीरे से ड्रेस के ऊपर से प्रिया की मोटी-मोटी चूंचियों पर हाथ रखा तो उसने मुझको चूमते - चूमते अपनी चूंचियां उभार दी। मैंने मजे मैं आकर कस कर उसकी चूंचियां मसली और धीरे से उसकी ड्रेस को नीचे सरकाना शुरू कर दिया। उसकी चूंचियां नंगी करके मैंने अपना मुंह अपनी तरफ वाली चूंची पर लगा कर भूखे बच्चे की तरह इसको चूसना शुरू कर दिया। मेरे ऐसा करते ही प्रिया ने सर पीछे को करके मस्ती भरी आह भरी।
कुछ देर चूची चूस कर मैंने आदित्य की तरफ देखा वह बड़ी चाहत से प्रिया की चूची देखने की लोशिश कर रहा था। गाड़ी में अँधेरा था बस बाहर से चाँद की हलकी हलकी रौशनी आ रही थी। और उस रौशनी में प्रिया की गोरी और मोटी चूंचियां खजाने की तरह चमक रही थी।
मैंने उसकी चूची से अपना मुँह हटा कर आदित्य का हाथ पकड़ कर खुद ही अपनी बीवी की नंगी चूंची पर रख दिया। उसकी, मोटी, चिकनी, सख्त और गरम चूंची पकड़ते ही आदित्य पर जैसे नशा छा गया। वह कुछ मिनट तक तो धीरे से, मुलायमियत से और नजाकत से प्रिया की चूंचियां सहलाता रहा प्रिया भी मस्त slut की तरह अपनी मादक चूची पर किसी दुसरे mard का हाथ लगते ही और भी ज्यादा मस्त हो गयी।
प्रिया की चूचियाँ बहुत sensitive हैं और जैसे ही उनको कोई भी मसलना शुरू कर दे, वो गरम होने लगती है। मैंने एक बार तो डीटीसी की बस में देखा है जब किसी मनचले ने उसकी चूची बस में केवल ५ मिनट ही मसली थी, और प्रिया वहीँ गरम होने लगी थी। उसकी चूत बस में ही गीली हो गयी थी और घर आते ही मुझसे चुदी थी। (कभी कभी सोचता हूँ कि अगर उस दिन बस में साथ में शायद मै साथ न होता तो प्रिया उसी बदमाश से कहीं चुद लेती). खैर जैसे ही आदित्य ने प्रिया की चूची मसलनी शुरू की, तो वह बिलकुल मस्त होकर आहें भरने लगी।
आदित्य को भी मज़ा आने लगा और वो भी सिसकारी भर के प्रिया के मस्त मोटे चिकने अमृत कलशों को जोर जोर से मसलने लगा। मैंने आगे झुक कर प्रिया की सीट की बैक पीछे झुका दी थी ताकि वो अपनी सीट में लेटी हुई हो जाए। आदित्य ने इस बीच प्रिया की चूंचियों को जोर से पकड़ कर मसला और खूब जोर से भींच कर ऊपर को खींचा जैसे किसी मोटी गाय का दूध दोहने की तैयारी कर रहा हो। प्रिया जोर से कराही पर उसकी इस कराह में दर्द कम और मस्ती और समर्पण ज्यादा था।