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Adultery मम्मी बनी मेरे दोस्त के पापा की रखैल
#32
मेरी मम्मी, उस दिन भी चुदाई के बाद बहुत खुश थीं.

आप तो जानते ही हैं, मुझे अब तक समझ में आ गया था की मेरी मम्मी शायद पूरी तरह से अंकल के साथ सेक्स करने का मज़ा लेने लगी हैं.

इधर, मेरे स्कूल के फाइनल एग्जाम ख़तम हो गये थे.

मार्च का लास्ट चल रहा था और श्लोक, अपनी मम्मी के साथ नानी के यहाँ चला गया था.

अंकल यहीं थे और होली के दिन, मम्मी ने अंकल को खाने पर बुलाया था.

सुबह के समय में तो सब होली में बिज़ी थे.

मेरी मम्मी और मैं, नीचे होली खेलने में बिज़ी थे.

फिर होली खेलने के बाद, मेरी मम्मी घर में आ गईं और उन्होंने उस दिन मटन और पुल्लाव बनाया.

हमने दिन में खाना खाया और मेरी मम्मी के खाने की अंकल तारीफ़ करने लगे.

खाना खा के, अंकल वापस चले गये.

सच कहूँ दोस्तो उन्होंने एक बार भी कुछ ऐसा नहीं किया, जिससे मुझे कुछ अजीब लगे या कुछ शक हो.

हर इंसान के अंदर, कहीं ना कहीं एक अभिनेता रहता है.

मेरी मम्मी खाना खाना खाने के बाद, अंकल चले गये उसके बाद सोने चली गईं.

मैं टीवी देख रहा था.

मेरी मम्मी सो के 5 बजे करीब उठीं और हमने साथ में चाय पी, तभी मेरी मम्मी के मोबाइल पर मेसेज आया.

मैंने देखा मेरी मम्मी ने फाटक से मोबाइल उठा के रिप्लाइ दिया.

उधर से, फिर मेसेज आया.

फिर मम्मी ने रिप्लाइ दिया.

फिर कॉल आ गया.

मेरी मम्मी ने तिरछी निगाह से मेरी तरफ देखा और फोन काट दिया.

उसके 2 मिनट के बाद, मैंने देखा मेरी मम्मी उठ के अपने कमरे में चली गईं.

मुझे पूरा ऐहसास हो गया था, हो ना हो ये अंकल का ही फोन होगा.

मैंने टीवी की आवाज़ कम कर दी और उठ के धीरे से, कमरे के दरवाज़े के पास गया.

मम्मी की दबी दबी आवाज़ आई – नहीं नहीं, मैं नहीं आ सकती… मेरा बेटा घर में है… तुम जानते तो हो… मैंने कहा ना, प्लीज़… नहीं आ सकती… उसके बाद मम्मी ने फोन रख दिया.

कुछ ही पल में, फिर से फोन आया.

मम्मी ने कहा – क्यों ऐसा कर रहे हैं आप… ?? मैंने कहा ना, मैं परेशानी में फँस जाउंगी…

फिर कुछ देर वो चुप रहीं.

फिर उन्होंने कहा – ठीक है… लेकिन मैं कुछ ही देर में वापस आ जाउंगी… उसके बाद, उन्होंने थोड़ा गुस्से में फोन रख दिया.

फिर मेरी मम्मी बिस्तर पर बैठ गईं और चुप चाप बिस्तर पर बैठीं रहीं.

मैं जान रहा था, मेरी मम्मी अभी जाना नहीं चाह रही हैं क्यूंकि वो मेरे सामने कुछ भी संदेह वाला काम नहीं करना चाहती थीं.

लेकिन, शायद अंकल ने बहुत प्रेशर दिया था, उनको आने का.

खैर, इसके कुछ देर बाद मेरी मम्मी बाहर की तरफ आने लगीं.

मैं चुप चाप जाके बैठ गया और टीवी देखने लगा.

मेरी मम्मी भी आकर बैठ गईं और साथ में टीवी देखने लगीं.

आख़िर, मम्मी ने कुछ देर बाद मुझसे कहा – प्रणव, मैं कुछ देर के लिए बाहर जा रही हूँ, अपने दोस्त से मिलने… जाना ज़रूरी है… तू खा लेना…

मैंने कहा – ठीक है, मम्मी…

और कहता भी क्या… ??

करीबन 7 बजे, मैंने देखा मेरी मम्मी तैयार होके बाहर आ गईं.

मेरी मम्मी, उस समय सच में बहुत सुन्दर लग रही थीं.

उस दिन उन्होंने काले रंग की साड़ी और डीप कट ब्लाउज पहन रखा था.

मेरी मम्मी की क्लीवेज साफ दिख रही थी.
[Image: 341231_01big.jpg]
शायद, मेरी मम्मी ने नाहया था क्यूंकि मेरी मम्मी के बाल पूरे भीगे हुए थे.

मेरी मम्मी बाहर आईं और उन्होंने कहा – प्रणव, चिंता मत करना… मैं कुछ देर में आ जाउंगी…

मैंने कहा – ठीक है, मम्मी…

उसके बाद, मेरी मम्मी घर से निकल गईं.

मैं जानता था, मेरी मम्मी कहाँ जा रही हैं क्यूंकि आज श्लोक और उसकी मम्मी थीं नहीं घर पर इसी लिए अंकल ने मेरी मम्मी को पक्का, अपने घर पर बुलाया होगा.

मैं 8 बजे के करीब नीचे उतर के अंकल के घर के पास चला गया.

बाहर का डोर बंद था. होल के पीछे वाली खिड़की के पास जब गया, तब देखा मेरी मम्मी और अंकल सोफे पर बैठे हुए थे और अंकल ने मेरी मम्मी को बाहों में ले रखा था और दोनों बातें कर रहे थे.
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RE: मम्मी बनी मेरे दोस्त के पापा की रखैल - by badmaster122 - 19-04-2019, 11:01 AM



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