Poll: Did you like the story?
You do not have permission to vote in this poll.
Yes
66.67%
2 66.67%
Could be better (Provide suggestions)
33.33%
1 33.33%
Total 3 vote(s) 100%
* You voted for this item. [Show Results]

Thread Rating:
  • 5 Vote(s) - 3.2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery मलाई- एक रखैल
#32
मलाई- एक रखैल-11

मेरे नहाने के बाद सचिन अंकल भी तुरंत बाथरूम में घुस गएलेकिन मुझे थोड़ा लजीला महसूस हो रहा था क्योंकि जब मैं बाथरूम में घुसी थी; तब मैंने  देखा कि बाथरूम की रैक पर मेरे बालों का तेलशैंपू साबुन यहां तक की नहाते वक्त बदन साफ करने की नायलॉन वाली जाली भी रखी हुई थी और तो और मेरा पिंक रंग का बड़ा सा लेडीस तौलिया  भी खूंटे पर सचिन अंकल के तौलिये के बगल में लटक रहा था... इस बात में कोई शक नहीं यह सारा सामान कमला मौसी ही वहां रख कर गई थी|


ध्यान बढ़ाने के लिए मैंने टीवी पर म्यूजिक चैनल चला दिया और फिर पिज़्ज़ा के टुकड़े थाली में सजाकर उन्हें ढक कर सचिन अंकल का इंतजार करती रही|

सचिन अंकल को नहाने में उतनी देर नहीं हुईउन्होंने देखा कि मैं अपना लेडीस तौलिया लपेट कर टेबल लगा रही हूं और मैंने अपने बालों को फिर से जुड़े में बांध  रखा है|  

तौलिये से मेरी छाती से लेकर जांघों  तक का हिस्सा ढका हुआ था|

वह मुस्कुराते हुए  मेरे पास आए और मेरे कूल्हों पर अपनी सख्त हथेलियां फिरते हुए बोले, "मलाईक्या तुम्हारे लिए इस तौलिये से अपने बदन को ढकना और अपने बालों को इस तरह से कसकर जुड़े में बांधना जरूरी है क्यामैंने कहा नातुम नंगी और खुले बालों में बहुत सुंदर दिखती हो"
 
मैं शर्म से लाल हो कर मुस्कुराई और फिर मैंने कहा, "जी मेरे बदन और बाल गीले थे इसलिए...  मैं बस आप ही का इंतजार कर रही थी मैं फ्रीज से बीयर और किचन से गिलास लेकर आती हूं..."
 
हां, ठीक है लेकिन उससे पहले तुम अपना यह  तौलिया  हटाओ और अपने बालों को खोल दो...  सचिन अंकल सिर्फ एक चड्डी पहन कर बाथरूम से बाहर आए थे और मेरा ध्यान बार-बार उनकी ऊसन्धि के उभार पर जा कर टिक रहा था|
 
***
एक तो सुबह से मैंने कुछ नहीं खाया था और ऊपर से बीयर पीने के बाद मुझे थोड़ी ज्यादा ही भूख लग रही थी इसलिए ऐसा लगता है कि मैंने कुछ ज्यादा ही खा लिया थालेकिन इस वजह से मुझे कोई तकलीफ नहीं हो रही थी बस परेशानी इस बात की थी कि पिज़्ज़ा खाते वक्त बीयर पीते पीते मुझे नशा होने लगा था|   खाना खत्म होने के बाद, जब मैं टेबल से प्लेट उठाने के लिए खड़ी हुई है तब मैं थोड़ा डगमगा गई|

सचिन अंकल ने उठ कर आ कर जल्दी से मुझे संभाल लिया और बोले, "मलाईतुम कमरे में जाकर लेट जाओ टेबल में साफ किए देता हूं..."

यह कहकर उन्होंने मुझे अपनी बाहों में उठा कर अपने कमरे में ले जाकर बिस्तर पर लेटा दिया और फिर टेबल साफ करने चले गए|
हां, यह बात तो तय है कि मुझे नशा हो चुका था...  मैं तो लेटे लेटे एक दिवास्वप्न में डूब सी रही थीमैं सचिन अंकल के साथ बिताए हुए सारे हसीन लम्हों को याद कर रही थी... और मैंने महसूस किया कि मेरे पेट के निचले हिस्से में हल्की-हल्की गुदगुदी होने लगी है मानो कई सारी तितलियां अंदर अपने पंख फड़फड़ा हों...  इतने में मुझे सचिन अंकल के कमरे में आने की आहट सुनाई थी...  मेरी पलकें बहुत भारी लग रही थीलेकिन फिर भी मैंने उन्हें हल्का खोल कर देखा कि सचिन अंकल अपनी चड्डी उतारते हुए मेरे नंगे बदन को  ऊपर से नीचे तक निहार रहे थे...

उनका लिंग दोबारा कुतुबमीनार की तरह एकदम तन गया था और अब मुझे वह पल याद आया जब मैं अनजाने में ही उनके लिंग को अपने मुंह में डालकर चूस रही थी...  इस लम्हे को याद करती ही मेरे पूरे बदन में मानो एक सनसनी सी दौड़ गई...  और मारे शर्म के मैंने अपने दांतो तले अपनी जीभ दबा ली|

ऐसा करते वक्त मेरी जी मेरे मुंह से थोड़ा बाहर निकल आई थी और शायद सचिन अंकल को ऐसा लगा होगा कि मैं उन्हें अपनी जीभ चूसने का न्योता दे रही हूं...  इसलिए वह सीधा कर मेरे नंगे बदन पर लेट गए और मेरी जीव को अपने मुंह में डालकर एकदम मदमस्त होकर चूसने लगे|

उनके वजन से दबकर मानो मेरे अंदर की आग  और भड़क उठी...  मैंने उन्हें कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी टांगों को फैला दी... 

सचिन अंकल काफी देर तक मेरी जीभ चूसते रहें उसके बाद उन्होंने मेरे गालों को चाटना शुरू किया...  फिर वह मेरे कान की लतियों को हल्के हल्के कुतरने लगे...  मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था...  मैंने कान में कमला मौसी की दी हुई सोने की बालियां पहन रखी थीशायद इससे उन्हें थोड़ी परेशानी हो रही थी इसलिए उन्होंने मेरी एक कान से वह वाली उतार कर टेबल पर रख दी...  मैं समझ गई थी इसलिए जल्दी-जल्दी मैंने अपने दूसरे कान की बाली भी उतार दी... 

जब सचिन अंकल कमरे में आए थे तो मैंने गौर नहीं किया था क्योंकि हाथ में एक बीयर की बोतल भी थी इसे उन्होंने मेरे ऊपर लेटते वक्तबिस्तर के पास ही जमीन पर रख दिया था|

अब उन्होंने वह बोतल उठा ली  और बीयर की चार पांच बूंदें उन्होंने मेरे गले के ऊपर डाली और उसे वह चाटने लगेउनकी इस हरकत से मेरे पूरे बदन में मानो तूफानी लहरें उठ रही थी...  और चूँकि  मैं उनके भारी-भरकम शरीर के नीचे बिल्कुल दबी हुई थी इसलिए मैं ज्यादा हिलडुल भी नहीं पा रही थी...  मेरे मुंह से सिर्फ 'ऊँह-- आअह' की आवाज नहीं निकल रही थी... लेकिन सचिन अंकल रुके नहीं वह मेरे बदन के बाकी हिस्सों में भी हल्का-हल्का बीयर की बोतल डालने लगे और उन्हें चाटने लगी है...  जब वह मेरे स्तनों से  ऐसे खेल रहे थे और जूस रहे थे...  तब मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं मारे खुशी और मस्ती के मर ही ना जाऊं...

लेकिन सचिन अंकल अपना ही टाइम ले रहे थे...  उन्होंने कोई जल्दबाजी नहीं थी...  आखिरकार मुझसे रहा नहीं गया  मैंने अपनी टूटी फूटी रुआंसी  आवाज में, उनसे गिड़गिड़ा कर कहा, "सचिन अंकल...  हम से रहा नहीं जा रहा... प्लीज... प्लीज... प्लीज... "

सचिन अंकल में मेरी आंखों में आंखें डाल कर एक ललचाए भरी नजर से मुझे देखा और फिर उन्होंने अपनी दो उंगलियां मेरे दो टांगों के बीच के हिस्से में यानी कि मेरे यौनांग  में फेरीं  और बोले, "हां अब तुम गीली हो चुकी हो"

यह कहकर उन्होंने अपने कुतुब मीनार को मेरी कोमल सुरंग में घूसेड़  दिया...

इस बार मैं चीख उठीदर्द तो मुझे उतना नहीं हुआ था लेकिन मैं इतना मदहोश हो चुकी थी कि मेरे मुंह से चीख निकल गई...
सचिन अंकल ने मुझे एक आध  मिनट का मौका दिया ताकि मैं थोड़ा संभल जाऊं
 
और उसके बाद उन्होंने अपना समुद्र मंथन शुरू कर दिया...
 [Image: 240705464-357453152749849-1944714679311608681-n.jpg]
क्रमशः
[+] 1 user Likes naag.champa's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मलाई- एक रखैल - by Vihaan - 21-08-2021, 07:25 AM
RE: मलाई- एक रखैल - by Vihaan - 21-08-2021, 12:56 PM
RE: मलाई- एक रखैल-11 - by naag.champa - 24-08-2021, 10:16 AM
RE: मलाई- एक रखैल - by Rome s - 10-10-2021, 12:12 AM



Users browsing this thread: 2 Guest(s)