24-08-2021, 10:04 AM
मलाई- एक रखैल-10
सचिन अंकल बियर की 6 बोतल ले खरीद कर लाए थे| मैंने फ्रिज में जगह बना कर पांच बोतलों को अंदर रख दिया और फ्रिज को क़ुइक फ्रीज मोड पर डाल दिया|
एक ट्रे में बियर की एक अध्- ठंडी बोतल को लिटा कर और साथ में दो गिलास लेकर मैं सचिन अंकल के कमरे में पहुंची|
मैंने देखा कि सचिन अंकल ने अपने कपड़े उतार दिए थे वह सिर्फ एक तौलिया लपेट कर बिस्तर पर बैठे मेरा इंतजार कर रहे थे| उनके बिस्तर के पास रखी हुई टेबल पर मैंने गिलासें सजा कर रखी है... और जैसा कि मैंने मूवी में देखा था... वैसे ही दोनों गिलासों में बीयर डालने लगी... मैंने इस बात का ध्यान रखा की बियर डालते वक्त गिलासों में ज्यादा झाग ना भर जाए|
जब तक मेरे डियर डाल रही थी तब तक मेरी पीठ सचिन अंकल की तरफ थी| जब मैं उनकी तरफ मुड़ी तब मैंने देखा कि सचिन अंकल ने अपना तौलिया भी उतार दिया था... उनका कुतुबमीनार जैसा लिंग बिल्कुल सख्त और सीधा खड़ा हो रखा था... अब मैंने गौर किया की उनका लिंक अनिमेष की तरह मुड़ा हुआ नहीं है... वह बिल्कुल एक भाले की तरह एकदम सीधा है... और उनके लिंग का टोप बहुत ही सुडौल और विकसित है...
वह मुझसे बोले, “मेरे पास आकर बैठो, मलाई”
यह क्या करवाने मेरा हाथ पकड़ कर अपने पास खींच कर और अपने बाएं हाथ को मेरी कमर से लिपटा करके बैठे-बैठे और दाएं हाथ से उन्होंने मेरी डबल- ब्रेस्टेड नाइटी का कपड़ा मेरे सीने से हटाया और फिर मेरे मेरे स्तनों की चुचियों को एक-एक करके बारी बारी से को वह बड़े प्यार से चूसने लगे...
मुझे गुदगुदी सी होने लगी थी मैंने शर्मा कर कहा, “हाय दैया! यह क्या कर रहे हैं, सचिन अंकल?”
“कुछ नहीं बस तुम्हारे जैसी खूबसूरत बला को थोड़ा सा प्यार कर रहा हूं... क्यों? तुम्हें कोई एतराज है क्या...?”
मैं शरमा कर हंस दी| मैंने कहा, " जी नहीं, मैं भला एतराज क्यों करूंगी?"
"तो ठीक है, बीयर पीने के बाद तुम बिस्तर पर लेट जाना, मलाई..."
"क्यों? आप मुझे लेटने के लिए क्यों कह रहे हैं?" मैंने जानबूझकर शरारत भरी निगाहों से उन्हें देखते हुए पूछा|
उन्होंने भी मस्ती भरे अंदाज में मेरे स्तनों को दबाते हुए कहा, "अरे भई, अगर तुम बिस्तर पर लेट होगी तभी ना मैं तुम्हारे ऊपर लेट पाऊंगा? है कि नहीं?"
"ही ही ही ही ही ही ही"
" हा हा हा हा हा हा हा"
मेरा भी जी ललचाने लग गया मैंने कहा, “सचिन अंकल, अगर आप बुरा ना माने तो क्या मैं अपनी नाइटी उतार दूं और हां मैं आपके पास नहीं बैठूंगी… मैं आपकी गोद में बैठना चाहती हूं वह भी बिल्कुल नंगी होकर के...” यह कहकर मैंने अपनी नाइटी उतार कर जमीन पर फेंक दी|
सचिन अंकल की बांछें खिल गई और हमें अपना एक हाथ आगे करके मेरे बालों को एक गुच्छा पकड़ा और मुझे खींचकर अपनी तरफ ले आए, मैं बीयर की दोनों गिलासें पकड़ कर उनकी नंगी जांघों पर बैठ गई और फिर मैंने उनको उनकी गिलास पकड़ाई|
उन्होंने मेरे गिलास से अपना गिलास खनकाया और बोले, “चियर्स !”
एक तो मैं देर से उठी थी जिसने मुझे काफी भूख भी लग रही थी और वैसे भी मुझे प्यास भी लग रही थी इसलिए जैसे ही मैंने बीयर को होठों से लगाया मैंने पाया कि मैं गटागट बियर के घर बड़े-बड़े घूंट मार रही हूं लेकिन कुछ ही देर में मुझे उल्टी सी आने को हुई और मैं खांसने लगी...
सचिन अंकल बोले, "जरा धीरे-धीरे लड़की; इतनी जल्दी बीयर नहीं पिया करते"
थोड़ी देर खांसने के बाद जब मैं थोड़ा सा संभली तब सचिन अंकल ने दोबारा मेरे होंठों को चूमा और इस वक्त मैं कहां रुकने वाली थी मैंने अपनी जीभ उनके मुंह के अंदर डाल दी... उन्हें कोई एतराज नहीं था वह मेरी जीभ चूसने लग गए...
जब उन्होंने ने मुझे छोड़ा तब मैंने जी भर के उनको चूमा और फिर मैं बोली, "सचिन अंकल, मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूं..."
"बोलो, तुमको जो कहना है, तुम बेधड़क बोल सकती हो"
“जी नहीं अभी नहीं मेरे मुझे बीयर खत्म कर लेने दीजिए उसके बाद मैं नहा कर आऊंगी उसके बाद मुझे आपसे जो कहना है वह मैं कहूंगी” मैं जिंदगी में पहली बार बियर पी रही थी, इसलिए सिर्फ एक गिलास बीयर पीने के बाद ही मुझे हल्का हल्का नशा होने लगा था|
उन्होंने कहा, “ठीक है” और फिर वह मुझे सहलाने, सूंघने और चूमने में मगन हो गए...
और मनो तभी हमारी इस कामलीला के बीच एक रुकावट से आ गई|
दरवाजे की घंटी बजी, पिज़्ज़ा वाला डिलीवरी देने के लिए आया हुआ था- सचिन अंकल ने जैसे-तैसे अपनी हाफ पेंट चढ़ाई और उन्होंने ने मुझसे कहा, " तुम अंदर ही रुको, मलाई"
मैंने कहा "जी अच्छा..." मैं बाहर निकलती भी तो कैसे मैं तो बिल्कुल नंगी थी... इतने में मुझे लगा कि मेरा फोन बज रहा... और रिंगटोन से मैं पहचान गई थी कि यह फोन अनिमेष ने ही किया था...
पिज्जा का बक्सा बहुत बड़ा था| इसलिए सचिन अंकल कर उसे दोनों हाथों से पकड़ कर अंदर ले आए और फिर उन्होंने उसे टेबल पर रखा| घर का सदर दरवाजा खुला ही था, जब तक उन्होंने वापस जाकर उसे बंद करके कुंडी नहीं लगा दी; तब तक मुझे कमरे के अंदर ही इंतजार करना पड़ा... इतने में मैंने गौर किया कि अनिमेष करीब करीब दो बार और मुझे फोन लगा चुका था|
अनिमेष थोड़ा बेसब्र किस्म का इंसान है... और इधर मैंने नाइटी भी न जाने मस्ती में आकर कहां उतार कर फेंक दी थी? वह मुझे मिल ही नहीं रही थी? वह तो हमारी आवाजाही में बिस्तर के नीचे सरक गई थी... लेकिन उस वक्त मेरे पास इतना भी वक्त नहीं था कि मैं अपनी नाइटी को ढूँढू, इसलिए जैसे ही दरवाजा बंद हुआ मैं ऊपर कमरे की तरफ उसी हालत में भागी और उसका फोन उठाया|
इतने में मैंने सुना कि सचिन अंकल का फोन भी बज रहा है| शायद कमला मौसी ने फोन किया होगा|
अनिमेष के साथ मेरी करीब-करीब है 20-25 मिनट तक बातें होती रही| अनिमेष इस बात से नाराज था कि सुबह उसने दो-तीन बार और भी फोन किया था लेकिन मैंने फोन उठाया नहीं| उठाती भी कैसे? एक तो मैं सो रही थी और दूसरी सचिन अंकल के घर आते ही मैं उनके कमरे में चली गई थी शायद फोन की आवाज मुझे सुनाई नहीं दी|
मैंने अपने पति अनिमेष को झूठ-मूठ भरोसा दिलाया कि आज मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है| मौसम खराब है इसलिए मुझे थोड़ा सा जुकाम हो गया है हल्का हल्का बुखार भी है- इसलिए मैं सो रही थी|
फोन अभी भी पूरी तरह से चार्ज नहीं हुआ था, इसलिए मैं फोन को चार्ज समेत है उठाकर नीचे सचिन अंकल के कमरे में ले आई|
सचिन अंकल तब भी किसी से बात कर रहे थे- और ऐसा लग रहा था कि वह किसी आदमी से बात कर रहे हैं| उनकी बातचीत 10:15 मिनट तक और चली... लेकिन तब तक हम दोनों के अंदर से ही वासना का वह ज्वार उतर चुका था|
हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और शायद एक साथ ही हम दोनों ने कह रही थी सांस छोड़ी...
मैंने कहा, "सचिन अंकल, मैं सुबह से नहीं नहाई हूं| मैं जाकर नहा लेती हूं उसके बाद आप जाकर नहा लीजिएगा फिर हम लोग खाना खा लेंगे... और उसके बाद..."
"और उसके बाद क्या, मलाई?" सचिन अंकल ने शरारतभरी निगाहों से मुझे देखते हुए पूछा|
मैंने कहा, "हम दोनों बैठकर टीवी देखेंगे..."
"हा हा हा हा"
"ही ही ही ही ही ही"
क्रमशः
सचिन अंकल बियर की 6 बोतल ले खरीद कर लाए थे| मैंने फ्रिज में जगह बना कर पांच बोतलों को अंदर रख दिया और फ्रिज को क़ुइक फ्रीज मोड पर डाल दिया|
एक ट्रे में बियर की एक अध्- ठंडी बोतल को लिटा कर और साथ में दो गिलास लेकर मैं सचिन अंकल के कमरे में पहुंची|
मैंने देखा कि सचिन अंकल ने अपने कपड़े उतार दिए थे वह सिर्फ एक तौलिया लपेट कर बिस्तर पर बैठे मेरा इंतजार कर रहे थे| उनके बिस्तर के पास रखी हुई टेबल पर मैंने गिलासें सजा कर रखी है... और जैसा कि मैंने मूवी में देखा था... वैसे ही दोनों गिलासों में बीयर डालने लगी... मैंने इस बात का ध्यान रखा की बियर डालते वक्त गिलासों में ज्यादा झाग ना भर जाए|
जब तक मेरे डियर डाल रही थी तब तक मेरी पीठ सचिन अंकल की तरफ थी| जब मैं उनकी तरफ मुड़ी तब मैंने देखा कि सचिन अंकल ने अपना तौलिया भी उतार दिया था... उनका कुतुबमीनार जैसा लिंग बिल्कुल सख्त और सीधा खड़ा हो रखा था... अब मैंने गौर किया की उनका लिंक अनिमेष की तरह मुड़ा हुआ नहीं है... वह बिल्कुल एक भाले की तरह एकदम सीधा है... और उनके लिंग का टोप बहुत ही सुडौल और विकसित है...
वह मुझसे बोले, “मेरे पास आकर बैठो, मलाई”
यह क्या करवाने मेरा हाथ पकड़ कर अपने पास खींच कर और अपने बाएं हाथ को मेरी कमर से लिपटा करके बैठे-बैठे और दाएं हाथ से उन्होंने मेरी डबल- ब्रेस्टेड नाइटी का कपड़ा मेरे सीने से हटाया और फिर मेरे मेरे स्तनों की चुचियों को एक-एक करके बारी बारी से को वह बड़े प्यार से चूसने लगे...
मुझे गुदगुदी सी होने लगी थी मैंने शर्मा कर कहा, “हाय दैया! यह क्या कर रहे हैं, सचिन अंकल?”
“कुछ नहीं बस तुम्हारे जैसी खूबसूरत बला को थोड़ा सा प्यार कर रहा हूं... क्यों? तुम्हें कोई एतराज है क्या...?”
मैं शरमा कर हंस दी| मैंने कहा, " जी नहीं, मैं भला एतराज क्यों करूंगी?"
"तो ठीक है, बीयर पीने के बाद तुम बिस्तर पर लेट जाना, मलाई..."
"क्यों? आप मुझे लेटने के लिए क्यों कह रहे हैं?" मैंने जानबूझकर शरारत भरी निगाहों से उन्हें देखते हुए पूछा|
उन्होंने भी मस्ती भरे अंदाज में मेरे स्तनों को दबाते हुए कहा, "अरे भई, अगर तुम बिस्तर पर लेट होगी तभी ना मैं तुम्हारे ऊपर लेट पाऊंगा? है कि नहीं?"
"ही ही ही ही ही ही ही"
" हा हा हा हा हा हा हा"
मेरा भी जी ललचाने लग गया मैंने कहा, “सचिन अंकल, अगर आप बुरा ना माने तो क्या मैं अपनी नाइटी उतार दूं और हां मैं आपके पास नहीं बैठूंगी… मैं आपकी गोद में बैठना चाहती हूं वह भी बिल्कुल नंगी होकर के...” यह कहकर मैंने अपनी नाइटी उतार कर जमीन पर फेंक दी|
सचिन अंकल की बांछें खिल गई और हमें अपना एक हाथ आगे करके मेरे बालों को एक गुच्छा पकड़ा और मुझे खींचकर अपनी तरफ ले आए, मैं बीयर की दोनों गिलासें पकड़ कर उनकी नंगी जांघों पर बैठ गई और फिर मैंने उनको उनकी गिलास पकड़ाई|
उन्होंने मेरे गिलास से अपना गिलास खनकाया और बोले, “चियर्स !”
एक तो मैं देर से उठी थी जिसने मुझे काफी भूख भी लग रही थी और वैसे भी मुझे प्यास भी लग रही थी इसलिए जैसे ही मैंने बीयर को होठों से लगाया मैंने पाया कि मैं गटागट बियर के घर बड़े-बड़े घूंट मार रही हूं लेकिन कुछ ही देर में मुझे उल्टी सी आने को हुई और मैं खांसने लगी...
सचिन अंकल बोले, "जरा धीरे-धीरे लड़की; इतनी जल्दी बीयर नहीं पिया करते"
थोड़ी देर खांसने के बाद जब मैं थोड़ा सा संभली तब सचिन अंकल ने दोबारा मेरे होंठों को चूमा और इस वक्त मैं कहां रुकने वाली थी मैंने अपनी जीभ उनके मुंह के अंदर डाल दी... उन्हें कोई एतराज नहीं था वह मेरी जीभ चूसने लग गए...
जब उन्होंने ने मुझे छोड़ा तब मैंने जी भर के उनको चूमा और फिर मैं बोली, "सचिन अंकल, मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूं..."
"बोलो, तुमको जो कहना है, तुम बेधड़क बोल सकती हो"
“जी नहीं अभी नहीं मेरे मुझे बीयर खत्म कर लेने दीजिए उसके बाद मैं नहा कर आऊंगी उसके बाद मुझे आपसे जो कहना है वह मैं कहूंगी” मैं जिंदगी में पहली बार बियर पी रही थी, इसलिए सिर्फ एक गिलास बीयर पीने के बाद ही मुझे हल्का हल्का नशा होने लगा था|
उन्होंने कहा, “ठीक है” और फिर वह मुझे सहलाने, सूंघने और चूमने में मगन हो गए...
और मनो तभी हमारी इस कामलीला के बीच एक रुकावट से आ गई|
दरवाजे की घंटी बजी, पिज़्ज़ा वाला डिलीवरी देने के लिए आया हुआ था- सचिन अंकल ने जैसे-तैसे अपनी हाफ पेंट चढ़ाई और उन्होंने ने मुझसे कहा, " तुम अंदर ही रुको, मलाई"
मैंने कहा "जी अच्छा..." मैं बाहर निकलती भी तो कैसे मैं तो बिल्कुल नंगी थी... इतने में मुझे लगा कि मेरा फोन बज रहा... और रिंगटोन से मैं पहचान गई थी कि यह फोन अनिमेष ने ही किया था...
पिज्जा का बक्सा बहुत बड़ा था| इसलिए सचिन अंकल कर उसे दोनों हाथों से पकड़ कर अंदर ले आए और फिर उन्होंने उसे टेबल पर रखा| घर का सदर दरवाजा खुला ही था, जब तक उन्होंने वापस जाकर उसे बंद करके कुंडी नहीं लगा दी; तब तक मुझे कमरे के अंदर ही इंतजार करना पड़ा... इतने में मैंने गौर किया कि अनिमेष करीब करीब दो बार और मुझे फोन लगा चुका था|
अनिमेष थोड़ा बेसब्र किस्म का इंसान है... और इधर मैंने नाइटी भी न जाने मस्ती में आकर कहां उतार कर फेंक दी थी? वह मुझे मिल ही नहीं रही थी? वह तो हमारी आवाजाही में बिस्तर के नीचे सरक गई थी... लेकिन उस वक्त मेरे पास इतना भी वक्त नहीं था कि मैं अपनी नाइटी को ढूँढू, इसलिए जैसे ही दरवाजा बंद हुआ मैं ऊपर कमरे की तरफ उसी हालत में भागी और उसका फोन उठाया|
इतने में मैंने सुना कि सचिन अंकल का फोन भी बज रहा है| शायद कमला मौसी ने फोन किया होगा|
अनिमेष के साथ मेरी करीब-करीब है 20-25 मिनट तक बातें होती रही| अनिमेष इस बात से नाराज था कि सुबह उसने दो-तीन बार और भी फोन किया था लेकिन मैंने फोन उठाया नहीं| उठाती भी कैसे? एक तो मैं सो रही थी और दूसरी सचिन अंकल के घर आते ही मैं उनके कमरे में चली गई थी शायद फोन की आवाज मुझे सुनाई नहीं दी|
मैंने अपने पति अनिमेष को झूठ-मूठ भरोसा दिलाया कि आज मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है| मौसम खराब है इसलिए मुझे थोड़ा सा जुकाम हो गया है हल्का हल्का बुखार भी है- इसलिए मैं सो रही थी|
फोन अभी भी पूरी तरह से चार्ज नहीं हुआ था, इसलिए मैं फोन को चार्ज समेत है उठाकर नीचे सचिन अंकल के कमरे में ले आई|
सचिन अंकल तब भी किसी से बात कर रहे थे- और ऐसा लग रहा था कि वह किसी आदमी से बात कर रहे हैं| उनकी बातचीत 10:15 मिनट तक और चली... लेकिन तब तक हम दोनों के अंदर से ही वासना का वह ज्वार उतर चुका था|
हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और शायद एक साथ ही हम दोनों ने कह रही थी सांस छोड़ी...
मैंने कहा, "सचिन अंकल, मैं सुबह से नहीं नहाई हूं| मैं जाकर नहा लेती हूं उसके बाद आप जाकर नहा लीजिएगा फिर हम लोग खाना खा लेंगे... और उसके बाद..."
"और उसके बाद क्या, मलाई?" सचिन अंकल ने शरारतभरी निगाहों से मुझे देखते हुए पूछा|
मैंने कहा, "हम दोनों बैठकर टीवी देखेंगे..."
"हा हा हा हा"
"ही ही ही ही ही ही"
क्रमशः
*Stories-Index* New Story: উওমণ্ডলীর লৌন্ডিয়া