16-08-2021, 08:17 AM
अपडेट -31
मैं बस स्टॉप पर पहुँची और बस का वेट करने लगी….काफ़ी देर तक वेट करने के बाद पता चला कि, आज बस वालों ने स्ट्राइक कर दी है…मैं परेशान हो गयी थी….सब बच्चे किसी ना किसी तरह अपने घर की तरफ निकल चुके थे…अगर मैं पैदल चल कर जाती तो दो घंटे लग जाते…और ऊपेर से टाइम भी बहुत लगता….तभी भाभी की कॉल आई…
भाभी: हेलो डॉली कहाँ रह गयी तुम….अभी तक आए नही…..?
मैं: वो भाभी बस वालो ने स्ट्राइक कर दी है..कोई कन्विन्स नही मिल रही…
भाभी: अच्छा रूको मैं कुछ देखती हूँ….
और भाभी ने कॉल कट कर दी….मैं वही खड़ी होकर वेट करने लगी….करीब 15 मिनिट बाद राज अपनी बाइक लेकर आया…उससे देखते ही मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया….उसने मेरे सामने बाइक रोकते हुए कहा….”चलो बैठो….” मैने दूसरी तरफ फेस कर लिया…”नही मैं चली जाउन्गी….मुझे तुम्हारी हेल्प की कोई ज़रूरत नही है..” वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था…
राज: नखरे ना करो और बैठो….मुझे कोई नया शॉंक नही चढ़ा तुम्हारी हेल्प करने का….वो तो तुम्हारी भाभी ने कहा तो तुम्हे लेने आ गया…
मैं: तो मत आते….मेरे ऊपेर अहसान करने की कोई ज़रूरत नही है…..मैं चली जाउन्गी….
राज: कैसे पैदल….देखो यहाँ से तुम्हे कुछ नही मिलने वाला….बैठो और घर चलो….मुझे घर जाकर तुम्हारी भाभी को जवाब देना पड़ेगा..
मैं: मैने कहा ना मैं खुद चली जाउन्गी….
राज: (हँसते हुए) वैसे तुम गुस्से मे बहुत हसीन लगती हो…..जब नॉर्मल होती हो तो, तुम बिकुल खारूस लगती हो….अच्छा लगता है….ऐसे ही गुस्से में रहा करो.. तुम्हारे फेस पर ये गुस्सा ही सूट करता है..
मैने राज को खा जाने वाली नज़रो से घूर कर देखा…..”उफ्फ तेरी ये अदा….सनम हमें किसी दिन ले डूबे गी….चलो बैठो….रास्ते मैं खा नही जाउन्गा….” तभी भाभी के कॉल आई….”हेलो डॉली राज पहुँचा कि नही….”
मैं: हाँ वो भाभी…
भाभी: अच्छा चल शुकर है….तू उसके साथ आजा डॉली….महॉल बहुत खराब हो रखा है…टीवी पर भी न्यूज़ आ रही है….
मैं: क्या….पर आज तो आरके आने वाले थे…..अब क्या होगा…?
भाभी: अर्रे वो तो अभी घर पहुँच भी गये है….तू राज के साथ आ जा….
मैं: क्या आरके घर पहुँच गये है….
भाभी: हां पहुँच गये है…तू भी आजा…..
भाभी ने फोन कट क्या….और मजबूरन मुझे राज के पीछे उसकी बाइक पर बैठना पड़ा…राज ने बाइक बढ़ाई…..”वैसे एक बात है मॅम अभी भी आपके दूसरो के मामले मे टाँग अड़ाने की आदत नही गयी……”
मैं जानती थी कि, राज अपने और भाभी के बीच मे चल रहे अफेर की बात कर रहा है…. “दूसरो के मामले मे.. वो मेरी भाभी है….और तुम उससे दूर रहा करो….देखो राज तुम अपनी लाइफ मे क्या कर रहे हो, और क्या करोगे…मुझे उससे कोई लेना देना नही है…..पर प्लीज़ मेरे फॅमिली से दूर रहो…..”
राज: अब इसमे मेरे क्या ग़लती है….आपकी भाभी ही मेरा पीछ नही छोड़ती… जब तक दिन मे एक बार मेरा ले नही लेती, उसको नींद नही आती ना….
मैं: (मुझे हैरान हो रही थी कि, राज मेरे सामने ही भाभी के लिए ऐसा बोल रहा था….पर मैं ना चाहते हुए भी उसका मूह नही तोड़ पा रही थी…) अपनी बकवास बंद करो….और बाइक थोड़ा तेज चलाओ…मुझे तुम्हारी ये फालतू के बक-2 नही सुननी….
राज: आइ थिंक सम थिंग ईज़ रॉंग विथ यू….कुछ तो है जिसकी वजह से तुम बिना किसी बात के किसी भी किस्से को तूल देने लगती हो…अब तो अपना माइंड चेंज कर लो…तुम्हारी शादी भी हो गयी है…आइ होप तुम्हारी सेक्षुयल लाइफ अच्छी चल रही होगी….
मैं: तुम्हे मेरे और मेरी सेक्षुयल लाइफ से क्या लेना देना…..तुम अपने काम से काम रखो….और कम से कम मेरी लाइफ से दूर रहो….
राज: ओके ओके अब और इस पर बात नही…..
थोड़ी ही देर मे हम घर पहुँच गये….
रात को जब मैं खाना खा कर आरके के साथ रूम मे आए, तो मेरे दिल मे ढेरो अरमान थी….आरके आज 15 दिन बाद वापिस आए थे…..पर मैं दुवधा मे थी की, उन्हे कैसे कहूँ कि, मैं आज क्या चाहती हूँ….खैर जब हमने सेक्स करना शुरू किया तो आरके आम तोर पर जैसे करते है…वैसे मेरे ऊपेर आ गये…और अपने बाबूराव को जिसमे कभी मेने पूरा तनाव आते हुए नही देखा था….मेरी चुनमुनियाँ के ऊपेर रख कर अंदर करने लगे….
मैं: आरके आज किसी और तरह से करो ना…..?
आरके: (मेरी बात सुन कर चोन्कते हुए) और तरह से कैसे….? चलो तुम बताओ कैसे करना है…..
मैं: (मैं झिझक रही थी कि कहूँ तो कैसे…..) आप को नही पता….
आरके: पता है….पर उसमे टाइम बहुत कम लगता है मुझे….फिर बेकार मे थोड़ी देर मे ढीले होकर लेट जाएँगे….
मैने इससे आगे कुछ नही बोला….और वो मेरी चुनमुनियाँ मे बाबूराव घुसा कर ऊपेर झुक कर घस्से मारने लगे….और फिर 4-5 मिनिट मे ही झड कर ढीले हो गये…..मैं तड़प कर रह गयी….उस रात मुझे नींद नही आई…कभी राज और दीपा की चुदाई का सेसेन याद आ जाता तो, कभी भाभी की चुदाई का…तो कभी ललिता की जंगल मे राज के बाबूराव के चुप्पे लगाते हुए के दृश्य मेरे आँखो के सामने घूम जाते…
भाभी सही कह रही थी….कि औरत की मर्द के बिना जिंदगी अधूरी है…अगली सुबह मुझे आरके ने 9 बजे उठाया…नाश्ता कर लिया….फिर हम भैया के साथ उनके रूम मे बैठ कर बातें करने लगे…..मैं किसी काम से ऊपेर आई तो देखा राज ऊपेर छत पर बैठा हुआ था….उसके हाथ मे कॉलेज की बुक थी….मेने उसे एक बार देखा और फिर रूम मे चली गयी…जब मैं बाहर आई तो देखा वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था…उसकी मुस्कुराहट देख कर मुझसे रहा नही गया….
मैं: क्या बदतमीज़ जैसे दाँत निकाल रहे हो बिना वजह….
राज: (अपनी बुक बंद करते हुए) मुझे पता लग गया है, कि आप हर समय अपसेट क्यों रहती है….
मैं: मेरे पास तुम्हारी फालतू की बकवास सुनने का टाइम नही है…
राज: अच्छा सच सुनने से तो सभी डरते है….और अगर तुम डर रही हो तो नयी बात नही है…
मैं: अच्छा क्या जानते हो तुम मेरे बारे मे…
राज: (कुछ देर सोचने के बाद) यही कि तुम अपने पति आरके से खुश नही हो….
मुझे राज की बात सुन कर झटका सा लगा…”तुम्हे किस पागल ने कहा…ओह्ह सॉरी, असल मे तुम जैसे घटिया लोगो की सोच भी नीच होती है…तुम जो मरज़ी सोचो…तुम कभी अपनी घटिया सोच से ऊपेर उठ कर नही सोच सकते…” मेने उसकी तरफ गुस्से देखते हुए कहा
…”सच सुन कर सब को गुस्सा आता है…और सच यही है कि, तुम आरके के साथ सेक्षुयल लाइफ एंजाय नही कर पा रही हो…..”
मैं: तुम्हे ऐसा लगता है, तो लगे….मैं आरके के साथ खुश हूँ…और हाँ आरके मुझे हर तरह से खुश रखते है….
राज: (हंसते हुए) हहा हाँ वो तो कल रात मेने देख लिया था….
आरके ने मेरे रूम की तरफ के रोशनदान की तरफ इशारा करते हुए कहा….रूम के दो रोशन दान थे…..एक रूम के डोर के ऊपेर और दूसरा किचिन की छत से थोड़ा ऊपेर. क्योंकि किचिन की छत रूम की छत से 4 फुट नीचे थी…और वहाँ पर पुराना समान रखा हुआ था…उसके 4 फुट ऊपेर बरामदे की छत थी…..
जैसे ही राज ने ये बात कही तो मेरे पैरो तले से ज़मीन खिसक गयी…”क्या क्या कहा तुमने…..”
राज: जो भी कहा सच कहा…कल मैने देख लिया है….कि तुम्हारी सेक्षुयल लाइफ कैसी है….हहा हा….इसलिए तुम हमेशा गुस्से से भरी रहती हो…..
मैं: तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, मेरे रूम मे इस तरह चोरी छुपे झाँकने की…..
राज: बस हो गयी…अब तुम क्या करोगी….मुझे मरोगी…मेरी शिकायत करोगी… इसके इलावा तुम कर ही क्या सकती हो……खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे…..
मैं: ग़लत फेहमी है तुम्हारी….मैं अपनी सेक्षुयल लाइफ से खुस हूँ तो हूँ…इस सच को कोई झुटला नही सकता…
राज: अच्छा….चलो खुद को तसल्ली देने के लिए ठीक है….आज रात देख लेंगे कि, आरके और तुम्हारी सेक्षुयल लाइफ कैसी है….
मैं: खबरदार अगर फिर से मेरे रूम मे झाँकने की कॉसिश की…
राज: क्यों क्या हुआ डर गयी….सारी अकड़ निकल गयी ना…हहा चलो जाओ…और सपने देखो…..अगर तुम्हे आरके सेक्षुयली खुश रखता है, तो दिखाओ ना….डर क्यों रही हो…?
मैं: मैं अब तुम्हारी और बकवास नही सुन सकती…..
ये कह कर मैं नीचे आ गयी…पर राज की बातें मुझे अंदर तक झींझोड़ चुकी थी…शाम को जब मैं और आरके ऊपेर रूम मे थे….तब मेने आरके से बात शुरू की….
मैं: आरके मुझे आपसे एक बात करनी है…..?
आरके: हां बोलो डॉली क्या बात है…?
मैं: आरके मुझे लगता है आप सही से सेक्स नही कर पाते…..
आरके: क्यों क्या हुआ तुम्हे ऐसा क्यों लगा…
मैं: आप बुरा तो नही मनोगे…..?
आरके: नही डॉली तुम मेरी पत्नी हो….तुम्हे तो मुझे पहले ही बता देना चाहिए था….बताओ क्या बात है…..
मैं: (झिझकते हुए) वो आप जल्दी डिसचार्ज हो जाते है…..
आरके (मेरी बात सुन कर सोच मे पड़ गया….) क्या सच मे….?
मैं: हां….
आरके: देखो डॉली मुझे आक्च्युयली पता नही है कि, सेक्स मे कितना टाइम लगाना चाहिए.. पर तुमने आज मुझे ये बात बताई है…पहले क्यों नही बताया….
मैं: वो मैं सोच रही थी कि, कही आपको बुरा ना लगे…
आरके: ओके डियर….आज मैं इस बात का ख़याल रखूँगा…वैसे मेरे पास एक आइडिया है टाइम बढ़ाने का….
मैं: क्या…?
आरके: आज कॉंडम यूज़ करके देखते है….कॉंडम की वजह से उस पर सेन्सिटिविटी कम हो जाती है…..पर एक बात कहूँ डॉली….
मैं: जी कहिए….
आरके: (मुझे बाहों मे लेते हुए) यार तुम हो ही इतनी हॉट कि मेरी जगह अगर तुम्हारी शादी किसी और से भी हुई होती….तो वो भी तुम्हारी आग के आगे नही टिक पाता..
मैने शरमा कर आरके की चेस्ट मे अपने फेस को छुपा लिया….भले ही मेने राज को अपने रूम मे झाँकने से मना किया था….पर मैं जानती थी कि, वो अपनी हरकतों से बाज़ आने वाला नही है….और मैं खुद चाहती थी कि, आरके आज मुझे इतना चोदे कि उस कुत्ते का मूह बंद हो जाए..
आज मेने अपनी चुनमुनियाँ के बालो को अच्छे सॉफ किया था…और फिर बॉडी लोशन लगा कर चुनमुनियाँ के आस पास की स्किन को और स्मूद और शाइन कर लिया था…..रात हुई, और हम खाना खा कर अपने रूम मे आ गये….आरके ने आते ही अपने कपड़े उतार दिए, और अपने बाबूराव पर कॉंडम चढ़ा कर बेड पर आ गये…थोड़ी देर के फॉरपले के बाद उन्होने अपने बाबूराव को मेरी चुनमुनियाँ मे घुसा दिया….और धीरे-2 अपने बाबूराव को इन आउट करने लगे….
मेरा पूरा ध्यान रोशनदान पर था…..पर मुझे वहाँ राज नज़र नही आ रहा था…करीब 3-4 मिनिट बाद मुझे रोशन दान के बीच मे से राज का चेहरा नज़र आया…हम दोनो के ऊपेर चद्दर थी…जो आरके के कंधो तक ओढी हुई थी….मेने जान बुझ के राज की तरफ देखते हुए उस चद्दर को आरके की कमर तक सरका दिया… क्योंकि मेरे बूब्स मेरी नाइटी के अंदर थे….इसलिए राज मेरे मम्मो या प्राइवेट पार्ट्स को नही देख सकता…बस उसे आरके की कमर हिलती हुई नज़र आ रही होगी….
मेने जब बुझ कर सिसकते हुए आरके से कहा….”ओह्ह्ह्ह आरके बहुत मज़ा आ रहा है…यस फक मी डियर…और ज़ोर से करो ना….” मेने आरके को उकसाने के लिए, दो चार बार अपनी गान्ड को ऊपेर की तरफ पुश किया, और आरके जोश मे भी आ गये….पर अफ़सोस मेरी फूटी किस्मत वो अपना जोश एक मिनिट तक ही कायम रख पाए….और झड कर मेरे ऊपेर गिर गये….पर राज को दिखाने के लिए मैं सिसकती रही…जैसे आज मैं सेक्स से बहुत सॅटिस्फाइड हूँ….मेने देखा कि राज के चेहरे पर दिल को रोन्द देने वाली स्माइल थी.
अब मैं उससे कैसे नज़रें मिला पाउन्गी…वो तो सोच रहा होगा…कि उसने जो कहा था… वो सही है….फिर मन मे सोचा अगर उसने कहा तो बोल दूँगी…हम उसके आने से पहले 15 मिनिट से सेक्स कर रहे थे…या फिर मैं उसके सामने इस बारे मे बात ही नही करूँगी…..वो अभी भी अंदर झाँक रहा था..मेने हाथ बढ़ा कर बेड लॅंप ऑफ कर दिया…रूम मे अंधेरा छा गया….
आरके मेरे ऊपेर से लूड़क कर बगल मे लेट गये….कुछ ही देर मे उनके ख़र्राटों की आवाज़ आने लगी…..मैं लेट हुए सोच रही थी कि, आरके मे आख़िर कॉन सी कमी है, जो राज मे नही है..क्यों आरके उसकी तरह सेक्स नही कर पाते….तभी डोर पर नॉक हुई, मैं एक दम से घबरा गयी….और बेड लॅंप ऑन किया….”क क कॉन है…..?” मेने बेड पर बैठे -2 ही पूछा…..तो बाहर से भाभी की आवाज़ आए…” मैं हूँ डॉली…..”
आगे अगले अपडेट में ....
मैं बस स्टॉप पर पहुँची और बस का वेट करने लगी….काफ़ी देर तक वेट करने के बाद पता चला कि, आज बस वालों ने स्ट्राइक कर दी है…मैं परेशान हो गयी थी….सब बच्चे किसी ना किसी तरह अपने घर की तरफ निकल चुके थे…अगर मैं पैदल चल कर जाती तो दो घंटे लग जाते…और ऊपेर से टाइम भी बहुत लगता….तभी भाभी की कॉल आई…
भाभी: हेलो डॉली कहाँ रह गयी तुम….अभी तक आए नही…..?
मैं: वो भाभी बस वालो ने स्ट्राइक कर दी है..कोई कन्विन्स नही मिल रही…
भाभी: अच्छा रूको मैं कुछ देखती हूँ….
और भाभी ने कॉल कट कर दी….मैं वही खड़ी होकर वेट करने लगी….करीब 15 मिनिट बाद राज अपनी बाइक लेकर आया…उससे देखते ही मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया….उसने मेरे सामने बाइक रोकते हुए कहा….”चलो बैठो….” मैने दूसरी तरफ फेस कर लिया…”नही मैं चली जाउन्गी….मुझे तुम्हारी हेल्प की कोई ज़रूरत नही है..” वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था…
राज: नखरे ना करो और बैठो….मुझे कोई नया शॉंक नही चढ़ा तुम्हारी हेल्प करने का….वो तो तुम्हारी भाभी ने कहा तो तुम्हे लेने आ गया…
मैं: तो मत आते….मेरे ऊपेर अहसान करने की कोई ज़रूरत नही है…..मैं चली जाउन्गी….
राज: कैसे पैदल….देखो यहाँ से तुम्हे कुछ नही मिलने वाला….बैठो और घर चलो….मुझे घर जाकर तुम्हारी भाभी को जवाब देना पड़ेगा..
मैं: मैने कहा ना मैं खुद चली जाउन्गी….
राज: (हँसते हुए) वैसे तुम गुस्से मे बहुत हसीन लगती हो…..जब नॉर्मल होती हो तो, तुम बिकुल खारूस लगती हो….अच्छा लगता है….ऐसे ही गुस्से में रहा करो.. तुम्हारे फेस पर ये गुस्सा ही सूट करता है..
मैने राज को खा जाने वाली नज़रो से घूर कर देखा…..”उफ्फ तेरी ये अदा….सनम हमें किसी दिन ले डूबे गी….चलो बैठो….रास्ते मैं खा नही जाउन्गा….” तभी भाभी के कॉल आई….”हेलो डॉली राज पहुँचा कि नही….”
मैं: हाँ वो भाभी…
भाभी: अच्छा चल शुकर है….तू उसके साथ आजा डॉली….महॉल बहुत खराब हो रखा है…टीवी पर भी न्यूज़ आ रही है….
मैं: क्या….पर आज तो आरके आने वाले थे…..अब क्या होगा…?
भाभी: अर्रे वो तो अभी घर पहुँच भी गये है….तू राज के साथ आ जा….
मैं: क्या आरके घर पहुँच गये है….
भाभी: हां पहुँच गये है…तू भी आजा…..
भाभी ने फोन कट क्या….और मजबूरन मुझे राज के पीछे उसकी बाइक पर बैठना पड़ा…राज ने बाइक बढ़ाई…..”वैसे एक बात है मॅम अभी भी आपके दूसरो के मामले मे टाँग अड़ाने की आदत नही गयी……”
मैं जानती थी कि, राज अपने और भाभी के बीच मे चल रहे अफेर की बात कर रहा है…. “दूसरो के मामले मे.. वो मेरी भाभी है….और तुम उससे दूर रहा करो….देखो राज तुम अपनी लाइफ मे क्या कर रहे हो, और क्या करोगे…मुझे उससे कोई लेना देना नही है…..पर प्लीज़ मेरे फॅमिली से दूर रहो…..”
राज: अब इसमे मेरे क्या ग़लती है….आपकी भाभी ही मेरा पीछ नही छोड़ती… जब तक दिन मे एक बार मेरा ले नही लेती, उसको नींद नही आती ना….
मैं: (मुझे हैरान हो रही थी कि, राज मेरे सामने ही भाभी के लिए ऐसा बोल रहा था….पर मैं ना चाहते हुए भी उसका मूह नही तोड़ पा रही थी…) अपनी बकवास बंद करो….और बाइक थोड़ा तेज चलाओ…मुझे तुम्हारी ये फालतू के बक-2 नही सुननी….
राज: आइ थिंक सम थिंग ईज़ रॉंग विथ यू….कुछ तो है जिसकी वजह से तुम बिना किसी बात के किसी भी किस्से को तूल देने लगती हो…अब तो अपना माइंड चेंज कर लो…तुम्हारी शादी भी हो गयी है…आइ होप तुम्हारी सेक्षुयल लाइफ अच्छी चल रही होगी….
मैं: तुम्हे मेरे और मेरी सेक्षुयल लाइफ से क्या लेना देना…..तुम अपने काम से काम रखो….और कम से कम मेरी लाइफ से दूर रहो….
राज: ओके ओके अब और इस पर बात नही…..
थोड़ी ही देर मे हम घर पहुँच गये….
रात को जब मैं खाना खा कर आरके के साथ रूम मे आए, तो मेरे दिल मे ढेरो अरमान थी….आरके आज 15 दिन बाद वापिस आए थे…..पर मैं दुवधा मे थी की, उन्हे कैसे कहूँ कि, मैं आज क्या चाहती हूँ….खैर जब हमने सेक्स करना शुरू किया तो आरके आम तोर पर जैसे करते है…वैसे मेरे ऊपेर आ गये…और अपने बाबूराव को जिसमे कभी मेने पूरा तनाव आते हुए नही देखा था….मेरी चुनमुनियाँ के ऊपेर रख कर अंदर करने लगे….
मैं: आरके आज किसी और तरह से करो ना…..?
आरके: (मेरी बात सुन कर चोन्कते हुए) और तरह से कैसे….? चलो तुम बताओ कैसे करना है…..
मैं: (मैं झिझक रही थी कि कहूँ तो कैसे…..) आप को नही पता….
आरके: पता है….पर उसमे टाइम बहुत कम लगता है मुझे….फिर बेकार मे थोड़ी देर मे ढीले होकर लेट जाएँगे….
मैने इससे आगे कुछ नही बोला….और वो मेरी चुनमुनियाँ मे बाबूराव घुसा कर ऊपेर झुक कर घस्से मारने लगे….और फिर 4-5 मिनिट मे ही झड कर ढीले हो गये…..मैं तड़प कर रह गयी….उस रात मुझे नींद नही आई…कभी राज और दीपा की चुदाई का सेसेन याद आ जाता तो, कभी भाभी की चुदाई का…तो कभी ललिता की जंगल मे राज के बाबूराव के चुप्पे लगाते हुए के दृश्य मेरे आँखो के सामने घूम जाते…
भाभी सही कह रही थी….कि औरत की मर्द के बिना जिंदगी अधूरी है…अगली सुबह मुझे आरके ने 9 बजे उठाया…नाश्ता कर लिया….फिर हम भैया के साथ उनके रूम मे बैठ कर बातें करने लगे…..मैं किसी काम से ऊपेर आई तो देखा राज ऊपेर छत पर बैठा हुआ था….उसके हाथ मे कॉलेज की बुक थी….मेने उसे एक बार देखा और फिर रूम मे चली गयी…जब मैं बाहर आई तो देखा वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था…उसकी मुस्कुराहट देख कर मुझसे रहा नही गया….
मैं: क्या बदतमीज़ जैसे दाँत निकाल रहे हो बिना वजह….
राज: (अपनी बुक बंद करते हुए) मुझे पता लग गया है, कि आप हर समय अपसेट क्यों रहती है….
मैं: मेरे पास तुम्हारी फालतू की बकवास सुनने का टाइम नही है…
राज: अच्छा सच सुनने से तो सभी डरते है….और अगर तुम डर रही हो तो नयी बात नही है…
मैं: अच्छा क्या जानते हो तुम मेरे बारे मे…
राज: (कुछ देर सोचने के बाद) यही कि तुम अपने पति आरके से खुश नही हो….
मुझे राज की बात सुन कर झटका सा लगा…”तुम्हे किस पागल ने कहा…ओह्ह सॉरी, असल मे तुम जैसे घटिया लोगो की सोच भी नीच होती है…तुम जो मरज़ी सोचो…तुम कभी अपनी घटिया सोच से ऊपेर उठ कर नही सोच सकते…” मेने उसकी तरफ गुस्से देखते हुए कहा
…”सच सुन कर सब को गुस्सा आता है…और सच यही है कि, तुम आरके के साथ सेक्षुयल लाइफ एंजाय नही कर पा रही हो…..”
मैं: तुम्हे ऐसा लगता है, तो लगे….मैं आरके के साथ खुश हूँ…और हाँ आरके मुझे हर तरह से खुश रखते है….
राज: (हंसते हुए) हहा हाँ वो तो कल रात मेने देख लिया था….
आरके ने मेरे रूम की तरफ के रोशनदान की तरफ इशारा करते हुए कहा….रूम के दो रोशन दान थे…..एक रूम के डोर के ऊपेर और दूसरा किचिन की छत से थोड़ा ऊपेर. क्योंकि किचिन की छत रूम की छत से 4 फुट नीचे थी…और वहाँ पर पुराना समान रखा हुआ था…उसके 4 फुट ऊपेर बरामदे की छत थी…..
जैसे ही राज ने ये बात कही तो मेरे पैरो तले से ज़मीन खिसक गयी…”क्या क्या कहा तुमने…..”
राज: जो भी कहा सच कहा…कल मैने देख लिया है….कि तुम्हारी सेक्षुयल लाइफ कैसी है….हहा हा….इसलिए तुम हमेशा गुस्से से भरी रहती हो…..
मैं: तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, मेरे रूम मे इस तरह चोरी छुपे झाँकने की…..
राज: बस हो गयी…अब तुम क्या करोगी….मुझे मरोगी…मेरी शिकायत करोगी… इसके इलावा तुम कर ही क्या सकती हो……खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे…..
मैं: ग़लत फेहमी है तुम्हारी….मैं अपनी सेक्षुयल लाइफ से खुस हूँ तो हूँ…इस सच को कोई झुटला नही सकता…
राज: अच्छा….चलो खुद को तसल्ली देने के लिए ठीक है….आज रात देख लेंगे कि, आरके और तुम्हारी सेक्षुयल लाइफ कैसी है….
मैं: खबरदार अगर फिर से मेरे रूम मे झाँकने की कॉसिश की…
राज: क्यों क्या हुआ डर गयी….सारी अकड़ निकल गयी ना…हहा चलो जाओ…और सपने देखो…..अगर तुम्हे आरके सेक्षुयली खुश रखता है, तो दिखाओ ना….डर क्यों रही हो…?
मैं: मैं अब तुम्हारी और बकवास नही सुन सकती…..
ये कह कर मैं नीचे आ गयी…पर राज की बातें मुझे अंदर तक झींझोड़ चुकी थी…शाम को जब मैं और आरके ऊपेर रूम मे थे….तब मेने आरके से बात शुरू की….
मैं: आरके मुझे आपसे एक बात करनी है…..?
आरके: हां बोलो डॉली क्या बात है…?
मैं: आरके मुझे लगता है आप सही से सेक्स नही कर पाते…..
आरके: क्यों क्या हुआ तुम्हे ऐसा क्यों लगा…
मैं: आप बुरा तो नही मनोगे…..?
आरके: नही डॉली तुम मेरी पत्नी हो….तुम्हे तो मुझे पहले ही बता देना चाहिए था….बताओ क्या बात है…..
मैं: (झिझकते हुए) वो आप जल्दी डिसचार्ज हो जाते है…..
आरके (मेरी बात सुन कर सोच मे पड़ गया….) क्या सच मे….?
मैं: हां….
आरके: देखो डॉली मुझे आक्च्युयली पता नही है कि, सेक्स मे कितना टाइम लगाना चाहिए.. पर तुमने आज मुझे ये बात बताई है…पहले क्यों नही बताया….
मैं: वो मैं सोच रही थी कि, कही आपको बुरा ना लगे…
आरके: ओके डियर….आज मैं इस बात का ख़याल रखूँगा…वैसे मेरे पास एक आइडिया है टाइम बढ़ाने का….
मैं: क्या…?
आरके: आज कॉंडम यूज़ करके देखते है….कॉंडम की वजह से उस पर सेन्सिटिविटी कम हो जाती है…..पर एक बात कहूँ डॉली….
मैं: जी कहिए….
आरके: (मुझे बाहों मे लेते हुए) यार तुम हो ही इतनी हॉट कि मेरी जगह अगर तुम्हारी शादी किसी और से भी हुई होती….तो वो भी तुम्हारी आग के आगे नही टिक पाता..
मैने शरमा कर आरके की चेस्ट मे अपने फेस को छुपा लिया….भले ही मेने राज को अपने रूम मे झाँकने से मना किया था….पर मैं जानती थी कि, वो अपनी हरकतों से बाज़ आने वाला नही है….और मैं खुद चाहती थी कि, आरके आज मुझे इतना चोदे कि उस कुत्ते का मूह बंद हो जाए..
आज मेने अपनी चुनमुनियाँ के बालो को अच्छे सॉफ किया था…और फिर बॉडी लोशन लगा कर चुनमुनियाँ के आस पास की स्किन को और स्मूद और शाइन कर लिया था…..रात हुई, और हम खाना खा कर अपने रूम मे आ गये….आरके ने आते ही अपने कपड़े उतार दिए, और अपने बाबूराव पर कॉंडम चढ़ा कर बेड पर आ गये…थोड़ी देर के फॉरपले के बाद उन्होने अपने बाबूराव को मेरी चुनमुनियाँ मे घुसा दिया….और धीरे-2 अपने बाबूराव को इन आउट करने लगे….
मेरा पूरा ध्यान रोशनदान पर था…..पर मुझे वहाँ राज नज़र नही आ रहा था…करीब 3-4 मिनिट बाद मुझे रोशन दान के बीच मे से राज का चेहरा नज़र आया…हम दोनो के ऊपेर चद्दर थी…जो आरके के कंधो तक ओढी हुई थी….मेने जान बुझ के राज की तरफ देखते हुए उस चद्दर को आरके की कमर तक सरका दिया… क्योंकि मेरे बूब्स मेरी नाइटी के अंदर थे….इसलिए राज मेरे मम्मो या प्राइवेट पार्ट्स को नही देख सकता…बस उसे आरके की कमर हिलती हुई नज़र आ रही होगी….
मेने जब बुझ कर सिसकते हुए आरके से कहा….”ओह्ह्ह्ह आरके बहुत मज़ा आ रहा है…यस फक मी डियर…और ज़ोर से करो ना….” मेने आरके को उकसाने के लिए, दो चार बार अपनी गान्ड को ऊपेर की तरफ पुश किया, और आरके जोश मे भी आ गये….पर अफ़सोस मेरी फूटी किस्मत वो अपना जोश एक मिनिट तक ही कायम रख पाए….और झड कर मेरे ऊपेर गिर गये….पर राज को दिखाने के लिए मैं सिसकती रही…जैसे आज मैं सेक्स से बहुत सॅटिस्फाइड हूँ….मेने देखा कि राज के चेहरे पर दिल को रोन्द देने वाली स्माइल थी.
अब मैं उससे कैसे नज़रें मिला पाउन्गी…वो तो सोच रहा होगा…कि उसने जो कहा था… वो सही है….फिर मन मे सोचा अगर उसने कहा तो बोल दूँगी…हम उसके आने से पहले 15 मिनिट से सेक्स कर रहे थे…या फिर मैं उसके सामने इस बारे मे बात ही नही करूँगी…..वो अभी भी अंदर झाँक रहा था..मेने हाथ बढ़ा कर बेड लॅंप ऑफ कर दिया…रूम मे अंधेरा छा गया….
आरके मेरे ऊपेर से लूड़क कर बगल मे लेट गये….कुछ ही देर मे उनके ख़र्राटों की आवाज़ आने लगी…..मैं लेट हुए सोच रही थी कि, आरके मे आख़िर कॉन सी कमी है, जो राज मे नही है..क्यों आरके उसकी तरह सेक्स नही कर पाते….तभी डोर पर नॉक हुई, मैं एक दम से घबरा गयी….और बेड लॅंप ऑन किया….”क क कॉन है…..?” मेने बेड पर बैठे -2 ही पूछा…..तो बाहर से भाभी की आवाज़ आए…” मैं हूँ डॉली…..”
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