13-08-2021, 05:27 PM
चूत का बैगन मसाला
करीब छह महीने पहले मैंने एक नया कमरा किराये पर लिया। मेरी बीवी अभी पूना में होने के कारण मैं यहाँ अकेला ही रह रहा हूँ। नई कमरे के पड़ोस में ही एक परिवार रहता है, राजेश मेडिकल कंपनी में है, उसकी बीवी मीरा लगभग 35 साल की है पर क्या माल है, क्या बताऊँ !
उसके चूचे और चूतड़ देखकर किसी के भी मुँह में पानी आ जाये। एकदम विद्या बालन के माफिक ! उनका 15 साल का एक लड़का है, वो मुंबई में पढ़ाई करता है। पर जिस दिन से मैंने मीरा को देखा उस दिन से मेरा लंड उसे चोदने के लिए तड़प रहा था। मैं जब भी उसे देखता, मेरा लंड पैंट में ही तम्बू खड़ा कर देता। वो भी मेरी नजर को जान चुकी थी पर मैं हिम्मत नहीं कर पा रहा था।
तभी भगवन ने मेरी सुन ली।
मैं शाम को करीब 6 बजे रूम पर लौटा ही था, तभी सामने वाली खिड़की से मीरा ने मुझे आवाज दी। धीरे धीरे जान-पहचान बढ़ने से मैं उससे बात कर लेता था पर आज उसके अचानक आवाज देने से मैं चोंक गया।
मैंने देखा कि वो कुछ परेशान दिख रही थी, मैंने पूछा- क्या बात है?
उसने मुझे घर में आने को कहा। मैं जैसे ही घर में पहुँचा, तो वो सोफे पर लेटी हुई थी, मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उसने रोती सूरत बना कर कहा- देखो, यह बात तुम किसी से नहीं कहोगे…
मैंने कहा- बात क्या है? मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा…
फिर वो हिचकिचाते हुए कहने लगी- ..राजू… के पिताजी… यानि मेरे पति… राजेश मेरी इच्छा पूरी नहीं कर पाते इसलिए मैं और चीजों से काम चलाती हूँ, वो कल से गाँव गए हैं, मैं आज बाजार खरीददारी करने गयी थी.. मैंने सब्जी खरीदते समय अच्छे और लम्बे बैंगन ख़रीदे थे। घर आते ही मेरी नजर बैंगन पर पड़ी और मेरी अन्दर की आग सुलग गई। मैंने बैंगन पर वेसलिन लगाकर अपनी टाँगों के बीच में रगड़ना शुरू किया, मुझे बहुत मजा आ रहा था। उसी मदहोशी में मैंने बैंगन को अन्दर-बाहर करना शुरू किया। इसी बीच बैंगन पूरा अन्दर तक डाल दिया और उसके डंठल को पकड़कर खींचने लगी। तभी अचानक बैंगन पूरा अन्दर गया, मैं उसे बाहर खींचने लगी पर डंठल टूटकर हाथ में आ गया। पिछले तीन घण्टे से कोशिश करने के बावजूद भी मैं उसे बाहर नहीं निकाल पाई। मैं ठीक से चल भी नहीं सकती हूँ, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज मुझे इससे छुटकारा दिलाओ !
ऐसा कह कर वो रोने लगी !
पर ये सब सुनकर मेरा खड़ा हो गया था, मैंने कहा- एक बार मैं कोशिश करता हूँ..
वो बिना कुछ कहे मान गई, मैंने उसका गाउन ऊपर उठाया, छेड़खानी से उसकी चूत पूरी लाल हो चुकी थी, मुझे लगा अभी मुँह लगाकर चूस लूँ !
मैंने उसके दोनों पैर ऊपर उठा कर चूत का दरवाजा खोल दिया, बैंगन का मुँह साफ़ दिखाई दे रहा था पर 5 इंच लम्बा बैंगन चूत के अन्दर फंसा था, मैं उसे निकलने की नाकाम कोशिश कर रहा था। वेसलिन की वजह से बैंगन हाथ से छुट रहा था, कुछ समय बाद हार मान कर मैंने कहा- देखो, इसे निकालना सिर्फ डॉक्टर के बस की बात है।
वो कहने लगी- नहीं, डॉक्टर को मालूम हुआ तो मेरी बेइज्जती होगी…
मैंने कहा- तुम उसकी फ़िक्र मत करो, मेरा एक दोस्त डॉक्टर है, उसे बुला लेते हैं।
नानुकर के बाद वो मान गई। मैंने डॉक्टर हरीश को फोन लगाया और उसे पूरा किस्सा फोन पर ही सुना दिया।
करीब छह महीने पहले मैंने एक नया कमरा किराये पर लिया। मेरी बीवी अभी पूना में होने के कारण मैं यहाँ अकेला ही रह रहा हूँ। नई कमरे के पड़ोस में ही एक परिवार रहता है, राजेश मेडिकल कंपनी में है, उसकी बीवी मीरा लगभग 35 साल की है पर क्या माल है, क्या बताऊँ !
उसके चूचे और चूतड़ देखकर किसी के भी मुँह में पानी आ जाये। एकदम विद्या बालन के माफिक ! उनका 15 साल का एक लड़का है, वो मुंबई में पढ़ाई करता है। पर जिस दिन से मैंने मीरा को देखा उस दिन से मेरा लंड उसे चोदने के लिए तड़प रहा था। मैं जब भी उसे देखता, मेरा लंड पैंट में ही तम्बू खड़ा कर देता। वो भी मेरी नजर को जान चुकी थी पर मैं हिम्मत नहीं कर पा रहा था।
तभी भगवन ने मेरी सुन ली।
मैं शाम को करीब 6 बजे रूम पर लौटा ही था, तभी सामने वाली खिड़की से मीरा ने मुझे आवाज दी। धीरे धीरे जान-पहचान बढ़ने से मैं उससे बात कर लेता था पर आज उसके अचानक आवाज देने से मैं चोंक गया।
मैंने देखा कि वो कुछ परेशान दिख रही थी, मैंने पूछा- क्या बात है?
उसने मुझे घर में आने को कहा। मैं जैसे ही घर में पहुँचा, तो वो सोफे पर लेटी हुई थी, मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो उसने रोती सूरत बना कर कहा- देखो, यह बात तुम किसी से नहीं कहोगे…
मैंने कहा- बात क्या है? मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा…
फिर वो हिचकिचाते हुए कहने लगी- ..राजू… के पिताजी… यानि मेरे पति… राजेश मेरी इच्छा पूरी नहीं कर पाते इसलिए मैं और चीजों से काम चलाती हूँ, वो कल से गाँव गए हैं, मैं आज बाजार खरीददारी करने गयी थी.. मैंने सब्जी खरीदते समय अच्छे और लम्बे बैंगन ख़रीदे थे। घर आते ही मेरी नजर बैंगन पर पड़ी और मेरी अन्दर की आग सुलग गई। मैंने बैंगन पर वेसलिन लगाकर अपनी टाँगों के बीच में रगड़ना शुरू किया, मुझे बहुत मजा आ रहा था। उसी मदहोशी में मैंने बैंगन को अन्दर-बाहर करना शुरू किया। इसी बीच बैंगन पूरा अन्दर तक डाल दिया और उसके डंठल को पकड़कर खींचने लगी। तभी अचानक बैंगन पूरा अन्दर गया, मैं उसे बाहर खींचने लगी पर डंठल टूटकर हाथ में आ गया। पिछले तीन घण्टे से कोशिश करने के बावजूद भी मैं उसे बाहर नहीं निकाल पाई। मैं ठीक से चल भी नहीं सकती हूँ, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज मुझे इससे छुटकारा दिलाओ !
ऐसा कह कर वो रोने लगी !
पर ये सब सुनकर मेरा खड़ा हो गया था, मैंने कहा- एक बार मैं कोशिश करता हूँ..
वो बिना कुछ कहे मान गई, मैंने उसका गाउन ऊपर उठाया, छेड़खानी से उसकी चूत पूरी लाल हो चुकी थी, मुझे लगा अभी मुँह लगाकर चूस लूँ !
मैंने उसके दोनों पैर ऊपर उठा कर चूत का दरवाजा खोल दिया, बैंगन का मुँह साफ़ दिखाई दे रहा था पर 5 इंच लम्बा बैंगन चूत के अन्दर फंसा था, मैं उसे निकलने की नाकाम कोशिश कर रहा था। वेसलिन की वजह से बैंगन हाथ से छुट रहा था, कुछ समय बाद हार मान कर मैंने कहा- देखो, इसे निकालना सिर्फ डॉक्टर के बस की बात है।
वो कहने लगी- नहीं, डॉक्टर को मालूम हुआ तो मेरी बेइज्जती होगी…
मैंने कहा- तुम उसकी फ़िक्र मत करो, मेरा एक दोस्त डॉक्टर है, उसे बुला लेते हैं।
नानुकर के बाद वो मान गई। मैंने डॉक्टर हरीश को फोन लगाया और उसे पूरा किस्सा फोन पर ही सुना दिया।