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Misc. Erotica All HoT Hindi choti (Hindi Font)
#8
भाबी की चुदाई: ज़िप में फंसा लंड :-------



भाबी की चुदाई कहनी में पढ़ें कि मैं अपनी ससुराल गया हुआ था. वहां मेरा लंड पैंट की ज़िप में मेरा लंड फंस गया. घर में मेरे साले की पत्नी यानि भाबी थी. उसने मेरी मदद की.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम निखिल चौहान है। मैं दिल्ली में रह रहा हूं और मैं गुड़गांव में एक ऑटोमोबाइल कंपनी में एक मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में काम करता हूं. मेरी उम्र 28 वर्ष है रंग साफ सुथरा व हाइट 6 फुट 1 इंच है. मेरा बदन जिम जाने के कारण काफी आकर्षक है।

यह एक बिल्कुल सच्ची घटना है जिसे मैं नहीं चाहते हुए भी लिखने को मजबूर हूँ.
मैं अपने आपको रोक नहीं पाया और मैं भी अपने उन तमाम यादगार पलों में से एक अनमोल और जीवन की पहली आपबीती आपके सामने लाने को विवश हो गया हूँ।

बात तब की है जब मेरी उम्र 27 वर्ष थी उस समय मेरी शादी को 2 वर्ष हो चुके थे। मेरी ससुराल मेरठ में है. मेरी कंपनी में जनवरी के महीने में 3 दिन की छुट्टी थी तो मैं अपनी बीवी को लेकर छुट्टियां बिताने के लिए अपनी ससुराल चला गया।

मेरी ससुराल वाली फैमिली में मेरे सास-ससुर, बूढ़ी दादी और मेरा इकलौता साला अपनी बीवी के साथ रहता हैं। साले की शादी मेरी शादी से 4 साल पहले हो चुकी थी। उनकी एक छोटी बेटी भी थी 2 साल की।
मेरे साले की उम्र 36 वर्ष है और उसका मेरठ में खुद का एक ट्रांसपोर्ट है। वह दिन भर ट्रांसपोर्ट में ऑफिस में काम करता है और कभी कभी उसको कुछ दिनों के लिए बाहर भी जाना पड़ता है।
वह अक्सर बहुत ज्यादा बिजी रहता है इसके साथ-साथ उसको शराब पीने की बहुत बुरी लत है। वह सुबह उठकर भी शराब पीता है। और रात को भी शराब पीकर ही घर वापस लौटता है।

उसकी इस बुरी आदत से घर में सब लोग परेशान हैं. शराब की वजह से उसका शरीर बहुत कमजोर हो गया है, उसको लीवर की प्रॉब्लम भी है। उसको एक बार पीलिया भी हो चुका है। लेकिन वह शराब पीने से कभी बाज नहीं आता है।

घर में सीमा भाबी भी इसकी वजह से बहुत परेशान रहती थी। अक्सर उन दोनों में बहुत ज्यादा लड़ाई हो जाती है। कभी-कभी मैं यह सोचता था कि भाबी अपने तन की जरूरतें कैसे पूरा करती होगी क्योंकि भैया के शरीर का इतना बुरा हाल था. उनको देखकर लगता था कि अब वे बूढ़े हो गए हैं.

भाबी जी हर वक्त परेशान रहती थी इसकी वजह शायद यह थी कि उनको कभी शारीरिक सुख की संतुष्टि मिली ही नहीं। सीमा भाबी अभी एकदम जवान है। उनकी उम्र 32 साल है। भाबी दिखने में बहुत ज्यादा सुंदर है। उनकी हाइट करीब 5 फुट 7 इंच है। उनका रंग साफ सुथरा गोरा चिट्टा है और उनकी फिगर 38-26-38 है।

भैया के मुकाबले भाबी बहुत ज्यादा सुंदर हैं। भाबी जब कभी भी पटियाला सलवार और टाइट कुर्ता पहनती है तो एकदम गजब माल लगती हैं। भाबी की मेरी बीवी के साथ बहुत अच्छी ट्यूनिंग है, हम दोनों में खूब पटती है. जब भी मेरी ऑफिस की छुट्टी होती है तो भाबी हमेशा फोन करके हमें अपने पास बुला लेती हैं।

उस दिन भी सुबह ही मैं अपनी बीवी को लेकर अपनी गाड़ी से मेरठ के लिए निकल गया। जैसे ही हम घर पहुंचे तो वहां पर एक खुशी का माहौल छा गया।

हम सब लोग बैठ गए और बातें करने लगे। फिर भाबी हमारे लिए गर्मागर्म चाय और पकौड़ी बनाकर लाई। फिर हमने दोपहर का खाना खाया और आराम करने लगे।

मेरे ससुर का मकान काफी अच्छा बना हुआ है। उसमें तीन कमरे नीचे के फ्लोर में है और दो कमरे ऊपर के फ्लोर में है।

मैं बचपन से काफी शर्मीले स्वभाव का हूं इसलिए ससुराल में भी किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करता। और मैं ऊपर मेहमान वाले कमरे में जाकर लेट गया।

मैं अक्सर भाबी की सुंदरता के बारे में सोचता रहता था लेकिन मैंने उनको कभी गलत निगाह से नहीं देखा। भाबी भी मुझसे बहुत ज्यादा खुली हुई नहीं थी और वह मुझसे हल्का-फुल्का मजाक कर लेती थी।

शाम के 4:00 बजे थे। उस दिन मेरा साला अपने मामा के यहां जाने वाला था। क्योंकि उसके मामा के लड़के का 2 दिन पहले बाइक से एक्सीडेंट हो गया था। उसको काफी गंभीर चोट आई थी। उसको देखने के लिए मेरे सास-ससुर और साथ में मेरी बीवी भी जाने को तैयार हो गई।

अब घर में केवल मैं, सीमा भाबी, बूढ़ी दादी और भाबी की 2 साल की छोटी बेटी ही बचे। मामा का गांव वहां से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर था। तो वह लोग एक रात वहां पर रुक कर अगले दिन शाम तक वापस आने वाले थे।

कुछ देर बाद वे लोग मामा के गांव के लिए रवाना हो गए। उनके जाने के बाद मैं और भाबी, दादी के साथ टीवी देखने लगे और बातचीत करने लगे।

कुछ देर बाद भाबी उठकर किचन में चली गई और अपना रसोई का काम निपटाने लगी। मैं भी कुछ देर तक टीवी देखता रहा उसके बाद में ऊपर अपने कमरे में चला गया।

मुझे उस वक्त बहुत तेज पेशाब आ रहा था तो मैं पेशाब करने के लिए ऊपर कमरे में अटैच टॉयलेट में पेशाब करने चला गया। मैंने बाथरूम का दरवाज बंद नहीं किया था.

जब मैं पेशाब कर रहा था तो उसी वक्त मुझे सीमा भाबी के पैरों की पायल की आवाज सुनाई दी। शायद सीमा भाबी किसी काम से ऊपर कमरे में आ रही थी।

मैंने जल्दी-जल्दी में पेशाब किया और इस डर की वजह से कि कहीं भाबी कमरे में ना आ जाए क्योंकि बाथरूम का गेट खुला हुआ था तो मैंने जल्दी ही अचानक से जींस की चैन को ऊपर खींच दिया।
इस गलती की वजह से मेरे लंड के निचले हिस्से की खाल चैन में बुरी तरह से फंस गई। क्योंकि जल्दी जल्दी के चक्कर में मैं लंड पैंट के अंदर करना भूल गया था। मैंने चैन को नीचे करना चाहा लेकिन वह खाल में बुरी तरह से अंदर धंसी हुई थी। मुझे बहुत दर्द हो रहा था और थोड़ा खून भी निकल रहा था. मेरे हाथ की उंगली में व जींस पर थोड़ा सा खून लग गया था।।
और उधर भाबी कमरे के अंदर घुस गई थी।

उन्होंने कमरे में अंदर घुसकर मुझे आवाज लगाई। मैं तुरंत बाथरूम के दरवाजे के पीछे हो गया। मैंने भाबी से कहा- कुछ देर रुको, मैं अभी आता हूं।
तो भाबी ने सोचा शायद मैं बाथरूम यूज कर रहा हूं. इसलिए भाबी वहीं बैठ गई और मेरे आने का इंतजार करने लगी।

और इधर में लंड को ज़िप से छुड़ाने की कोशिश करने लगा. लेकिन लंड की खाल चैन से नहीं निकल पा रही थी।

दोस्तो, मेरे लंड की लंबाई और मोटाई गॉड गिफ्ट है, मेरे लंड की लंबाई 8 इंच है और मोटाई साढे़ 5 इंच है। मेरी बीवी हमेशा मेरे लंड की चुदाई की कायल रहती है। मेरी बीवी मेरे मोटे और लंबे लंड से बहुत प्यार करती है वह मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसती भी है और उसकी तेल से मालिश भी करती है। कभी कभी रात को सोते समय हाथ में पकड़ कर भी सोती है और कभी कभी अपने दोनों चूतड़ों के बीच की दरार में घुसा कर सोती है।

मुझे भी अक्सर ऐसे ही सोने में मजा आता है और मैं रात को ज्यादातर अंडरवियर निकाल कर ही सोता हूं। मेरी बीवी ने मुझे कई बार बताया है कि सीमा भाबी हम दोनों की सेक्स लाइफ कैसी चल रही है के बारे में अक्सर पूछती रहती है। और मेरी बीवी हमेशा यही जवाब देती है कि हम दोनों की सेक्स लाइफ बहुत मस्त चल रही है।

खैर, अब आगे … 5 मिनट और लगातार कोशिश करने के बाद भी मेरे लंड से पैंट की चैन अलग नहीं हुई तो फिर से भाबी की आवाज आई- निखिल, क्या हुआ? बहुत टाइम लग रहा है. दरअसल मुझे तुमसे किचन के लिए बाजार से कुछ सामान मंगवाना था अभी और कितना टाइम लगेगा?
मैं बोला- भाबी बस अभी निकल ही रहा हूं।

और इधर मेरी बुरी हालत हो रही थी. मैं नीचे झुक कर देखता तो कुछ दिखाई भी नहीं दे रहा था कि लंड के नीचे खाल किस जगह और कैसे फंसी हुई है.

आखिरकार मैंने यह तय किया कि भाबी को अब सब कुछ बता देता हूं। अब सीमा भाबी ही मुझे इस प्रॉब्लम से बाहर निकाल सकती हैं। लेकिन मुझे उनके सामने जाने में और उनसे कहने में शर्म महसूस हो रही थी.

फिर मैंने हिम्मत करके उनसे आखिरकार बोल ही दिया- भाबी मैं अंदर बाथरूम में एक प्रॉब्लम में फंसा हुआ हूं.
भाबी बोली- क्या हुआ? क्या प्रॉब्लम है?

मैंने बाथरूम के अंदर से ही बताया- भाबी जब आप ऊपर आ रही थी तो मैं बाथरूम का दरवाजा खोल कर पेशाब कर रहा था. जब मुझे आपके आने की आवाज सुनाई दी तो मैं जल्दी में अपनी चैन बंद करने लगा. और मेरा यह हथियार चैन में बुरी तरह से फंस गया, अब निकल भी नहीं रहा है और थोड़ा सा खून भी निकल रहा है।

यह सुनकर भाबी पहले तो थोड़ा सा हंसी और फिर बोली- मैं तुम्हारी कुछ मदद करूं क्या?
मैं बोला- भाबी अब आप ही इस प्रॉब्लम से बाहर निकाल सकती हो!
तो उन्होंने कहा- ठीक है, कोई बात नहीं. अब शर्माओ मत और तुम अंदर कमरे में आ जाओ।

मैं एक हाथ से अपनी पैंट को पकड़कर और एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर कमरे में जैसे ही दाखिल हुआ तो भाबी की नजर तुरंत मेरे लंड पर गई वह देखकर एकदम से चौंक गई और बोली- हाय राम … कितना खून निकल रहा है!
मेरी हाथ भी खून से सना हुआ था और मेरी पैंट पर भी खून के धब्बे लगे हुए थे.

मैं उनके पास जाकर खड़ा हो गया. भाबी मेरे लंड के पास आकर नीचे बैठ गई। मैंने अपने दोनों हाथों से अपनी पैंट को पकड़ लिया जिससे पैंट लंड पर नीचे की तरफ जोर ना डाले.

तभी भाबी ने धीरे से मेरा लंड अपने एक हाथ में पकड़ लिया और दूसरे हाथ से देखने लगी कि खाल कहां फंसी हुई है. भाबी मेरे लंड को बहुत गौर से देख रही थी, वह मेरे लंड का मुआयना कुछ इस प्रकार कर रही थी कि जैसे उसने पहली बार जिंदगी में इतना बड़ा लंड देखा हो. उनकी आंखों में एक अजब सी चमक दिखाई दे रही थी. उनकी सांसें पहले से कुछ ज्यादा तेज हो गई थी.

मेरे लंड पर उनके कोमल हाथों का अहसास मेरे दर्द को एक सुकून में तब्दील कर रहा था.

तभी भाबी ने चैन को पकड़कर खाल से अलग करना चाहा तो मुझे एकदम से बहुत तेज दर्द हुआ और मैं बोला- भाबी धीरे करो प्लीज, दर्द हो रहा है.
तो वह मुस्कुरा कर बोली- क्या तुम्हारे जैसे मर्द को भी कभी दर्द होता है?
मैं बोला- भाबी यह बहुत नाजुक जगह है … और काफी देर से मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
तो भाबी बोली- ओके बाबा … डरो मत, मैं आराम से ही करती हूं.।

तो कुछ देर तक भाबी ने कोशिश करी लेकिन लंड की खाल चैन से नहीं छूटी.

तब भाबी बोली- तुम एक काम करो, तुम यहां बेड पर बैठ जाओ और मुझे तुम्हारे लंड पर सरसों का तेल लगाना पड़ेगा. चिकनाई लगने से यह चैन छूट जाएगी.

मैं बेड पर बैठ गया और भाबी तुरंत तेल लेने के लिए नीचे किचन में चली गई और तुरंत ही भाबी एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर झट से ऊपर आ गई.

सीमा भाबी ने मुझे बेड पर सीधा लेटा दिया फिर उन्होंने अपने एक हाथ पर सरसों का तेल ले लिया और दूसरे हाथ से मेरे लंड के चारों तरफ तेल की मालिश करने लगी. कुछ तेल की बूंदें उन्होंने जहां पर खाल फंसी हुई थी, वहां पर डाल दी.

मेरा पूरा लंड तेल में भीग गया था.

तो फिर उन्होंने थोड़ी कोशिश करी और आखिरकार पैंट की चैन मेरे लंड से अलग हो ही गई. मुझे एक राहत की सांस मिली लेकिन मेरे लंड के निचले हिस्से की खाल से अभी भी खून निकल रहा था।
भाबी बोली- तुम्हारी त्वचा से अभी भी खून निकल रहा है. मैं यहां पर अच्छे से तेल लगा देती हूं.

फिर भाबी मेरे लंड पर ऊपर नीचे हर जगह तेल की मालिश करने लगी. उनके हाथों में गजब का मखमली अहसास था जो मुझे पागल बनाए जा रहा था. अब मेरा लंड फुल कर बेलन का आकार ले चुका था, मेरा लंड एकदम कड़क हो चुका था भाबी एकटक मेरे लंड को देखे जा रही थी. 1 सेकंड के लिए भी उनकी नजरें मेरे लंड से नहीं हट रही थी.

भाबी की सांसें और तेज हो रही थी. बीच बीच में वह मेरे लंड को दबा भी रही थी अपने हाथों की मुट्ठी में भर कर वह मेरे लंड को भींच देती थी। लेकिन लंड से अभी भी थोड़ा थोड़ा खून निकल रहा था.
तो भाबी बोली- निखिल, मैं इसके निचले हिस्से पर अभी पट्टी बांध देती हूं जिससे खून रुक जाएगा. रात को सोते समय तुम पट्टी खोल देना.
मैंने कहा- ठीक है भाबी!

तभी भाबी अपने रूम से थोड़ी सी रुई और एक पट्टी लेकर आ गई। उन्होंने मेरे लंड के चारों तरफ रूई लगाकर ऊपर से पट्टी बांधी और बोली- घबराने की कोई बात नहीं, तुम कुछ देर यहीं आराम करो. मैं तब तक खाना बना लेती हूं. कुछ देर बाद तुम खाना खाने नीचे आ जाना. और आज अंडरवियर मत पहनना केवल लोवर ही पहन लेना।

यह कहकर वह नीचे चली गई.

मैं कुछ देर ऐसे ही मदहोशी की हालत में लेटा रहा और भाबी के कोमल हाथों के स्पर्श के बारे में सोचता रहा. मेरा लंड अभी भी खड़ा हुआ था. फिर मैंने बिना अंडरवियर के ही लोअर पहन लिया और नीचे जाकर खाना खाया और कुछ देर बाद फिर ऊपर आकर अपने कमरे में लेट गया।

भाबी भी नीचे सारा काम निपटा कर दादी को खाना खिला कर और अपनी छोटी गुड़िया को और अपने आप खाना-वाना खाकर मेरे लिए एक गर्म दूध का गिलास उस में हल्दी डालकर लेकर आई. वे मुझसे बोली- निखिल, यह गर्म दूध पी लो, इसमें हल्दी भी डली हुई है.

और फिर बोली- निखिल, आज मैं भी यही बेड पर सो जाऊंगी क्योंकि तुम्हारी हालत भी ठीक नहीं है. हो सकता है रात को तुम्हें कुछ प्रॉब्लम हो जाए. और वैसे भी मैं अपने कमरे में अकेली ही सोऊंगी। मुझे अकेले नींद भी नहीं आती है, अजीब सा लगता है.
मैं बोला- ठीक है भाबी, जैसी तुम्हारी मर्जी!

उसके बाद वह फिर नीचे चली गई और मैं दूध पीकर लेट गया.

रात को 10:00 बजे सीमा भाबी नीचे का सारा काम निपटा कर छोटी गुड़िया को लेकर ऊपर मेरे कमरे में आ गई. गुड़िया सो रही थी, उन्होंने गुड़िया को दीवार के किनारे वाली साइड की ओर लेटा दिया और बीच में अपने आप आ गई।

उस समय रात को भाबी काले रंग की मुलायम और चमकदार नाइटी पहन कर आई। उस नाइटी को देख कर लग रहा था कि शायद भाबी नाइटी के अंदर ब्रा और पैंटी नहीं पहन रखी थी।
भाबी के दोनों बूब्स और निप्पल नाइटी में दूर से ही साफ नजर आ रहे थे; उनके 38 साइज के गोल गोल हिप्स भी अलग ही दिखाई दे रहे थे.

भाबी कमाल की सेक्सी औरत लग रही थी। उनको देखकर मन कर रहा था की बस उन्हें देखता ही रहूं।

थोड़ी देर मैं और भाबी इधर उधर की बातें करते रहे. फिर भाबी बोली- अब तुम्हारे लंड महाराज कैसे हैं, जरा दिखाओ?
भाबी के मुंह से लंड शब्द सुनते ही मेरे लंड में एक अजीब सी सिरहन दौड़ गई और लंड तुरंत खड़ा होकर एकदम सख्त हो गया।

मैंने लोवर नीचे किया और लंड भाबी को दिखा दिया. भाबी ने धीरे से पट्टी खोल दी और बोली- अब रात में लोवर उतार दो और इसको ऐसे ही खुला छोड़ दो. ऐसे खुला रखने से जख्म जल्दी भरेगा.
मैंने भी तुरंत ही लोवर निकाल दिया।

भाबी ने एक रजाई मुझे दे दी और दूसरी रजाई में खुद और अपनी बिटिया के साथ लेट गई।

सोने से पहले भाबी ने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया था और नाइट बल्ब जला दिया था जिससे कमरे में अंधेरा था और बहुत हल्का सा आस पास दिखाई दे रहा था.

सोते समय सीमा भाबी बोली- निखिल अगर रात में कोई प्रॉब्लम हो या किसी चीज की जरूरत पड़े तो मुझे उठा देना.
और गुड नाईट कह कर सो गई।

थोड़ी देर बाद मुझे भी नींद आ गई और मैं भी भाबी के मखमली जिस्म के बारे में सोचते हुए और उनकी ओर करवट लेकर सो गया।

>भाबी ने एक रजाई मुझे दे दी और दूसरी रजाई में खुद और अपनी बिटिया के साथ लेट गई।

सोने से पहले भाबी ने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया था और नाइट बल्ब जला दिया था जिससे कमरे में अंधेरा था और बहुत हल्का सा आस पास दिखाई दे रहा था.

सोते समय सीमा भाबी बोली- निखिल अगर रात में कोई प्रॉब्लम हो या किसी चीज की जरूरत पड़े तो मुझे उठा देना.
और गुड नाईट कह कर सो गई।

थोड़ी देर बाद मुझे भी नींद आ गई और मैं भी भाबी के मखमली जिस्म के बारे में सोचते हुए और उनकी ओर करवट लेकर सो गया।< अब आगे की भाबी सेक्स स्टोरी: रात को करीब 2 घंटे बाद मुझे अपनी नंगी जांघों पर कुछ गर्म गर्म सा महसूस हुआ. असल में जब मैं नींद से जगा तो मैंने पाया कि भाबी अपनी रजाई से निकल कर मेरी रजाई में आ गई है. उन्होंने मेरी तरफ अपनी पीठ घुमा रखी थी और उनके दोनों बड़े बड़े चूतड़ मेरी जांघों और मेरे लंड से पूरी तरह से सटे हुए थे. मैंने महसूस किया कि भाबी ने अपनी नाईटी ऊपर उठा रखी थी जिससे उनके चूतड़ एकदम नंगे थे और मेरा लंड तो पहले से ही एकदम नंगा था.

उनकी गांड का मुलायम स्पर्श मिलते ही मेरा लंड फन फना कर लोहे की रोड की तरह सख्त हो कर बुरी तरह से अकड़ चुका था. कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था मुझे कि यह क्या हो रहा है. मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि मैं सीमा भाबी के साथ कभी इस हालात में भी लेटूँगा। मैं यह नहीं सोच पा रहा था कि अब क्या करूं ... या क्या ना करूं. मुझे लगा कि शायद सीमा भाबी गलती से मेरी रजाई में आ गई हो इसलिए मैं थोड़ी देर ऐसे ही चुपचाप लेटा रहा. लेकिन मेरा लंड वह बेताब था वह मेरे बस में नहीं था और सीमा भाबी के कोमल और मुलायम स्पर्श को पाकर मेरा लंड उनकी चूत में घुसने को बेताब था.

उसी टाइम अचानक सीमा भाबी ने अपनी कमर थोड़ी सी हिलाई और मेरा लंड उनकी गांड की दरार में घुसने लगा. फिर थोड़ी देर बाद सीमा भाबी ने अपनी गांड थोड़े पीछे को सरका दी जिससे मेरा लंड और आगे तक उनकी गांड की दरार में सरक गया. मुझे महसूस हुआ कि शायद सीमा भाबी जग रही है और वह जानबूझकर मेरा लंड अपनी चूत में लेना चाहती है. मैंने धीरे से अपना एक हाथ उनके एक कूल्हे पर रख दिया. भाबी थोड़ी देर के लिए रुक गई, उन्हें लगा कि मैं नींद में हूं. तभी मैंने महसूस किया कि भाबी ने मेरा हाथ उठा कर अपने एक स्तन पर रख दिया.

उनके बूब्स एकदम नंगे थे क्योंकि उन्होंने अपनी नाइटी के सामने वाले बटन खोल रखे थे. उनके बूब्स का स्पर्श पाकर मानो मेरे लंड में आग लग गई. तभी मैंने महसूस किया कि भाबी ने चूची पर रखे हुए मेरे हाथ को दबाया और अपनी टांग उठा कर मेरे लंड को दरार में घुसने के लिए जगह बना दी। इस आज़ादी के मिलने से मेरा लंड फनफनाने लगा और भाबी की जाँघों के अंदर की ओर सरकने लगा। तभी मैंने एक और चीज़ महसूस की कि मेरा नंगा लण्ड भाबी की नंगी जांघों के बीच की जगह में घुस रहा था और मैं अपने लंड को रोकने पर भी नहीं रोक पा रहा था।

मैंने, जो हो रहा था, उसे रोकने की कोशिश छोड़ दी और इंतज़ार करने लगा कि आगे क्या होता है। लेकिन मुझे यकीन हो गया था कि आज भाबी सेक्स स्टोरी बन कर रहेगी. कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड भाबी की टांगों के बीच में चूत की फांकों के मुँह के पास पहुँच कर रुक गया था। तभी भाबी की टांग हिली और मैंने पाया कि मेरा लंड झट से भाबी की चूत के होटों से चिपक गया था।

मेरे पसीने छुटने लगे थे। उस स्थिति में मैं क्या करूँ, मुझे समझ नहीं आ रहा था इसलिए मैं इंतज़ार करने लगा। कहते हैं कि इंतज़ार का फल मीठा होता है और मुझे जल्द ही महसूस होने लगा कि भाबी भी गर्म हो चुकी थी क्योंकि उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था, जिसकी वजह से मेरा लंड भी गीला होने लगा था। तभी भाबी ने एक और हरकत की और अपने हाथ से मेरे लंड का सुपारा अपनी चूत के मुँह के आगे करके थोड़ा नीचे सरक गई।

बस फिर क्या था, मेरा गर्म लंड भाबी की चूत के अंदर जाने को लपक पड़ा और देखते ही देखते मेरा लंड भाबी की चूत में दो इन्च तक अंदर घुस गया था। तभी भाबी का हाथ मेरे कूल्हे पर पड़ा और उन्होंने मुझे आगे सरकने के लिए दबा कर इशारा किया। फिर क्या था, मुझे तो खुली इजाजत मिल गई थी और मेरा सारा डर भाग गया था। मैं आहिस्ते से हिला और आगे की ओर सरका, जिससे मेरा लंड भी भाबी की चूत में और आगे घुसने लगा था।

कुछ ही देर में मेरे कुछ धक्कों की वजह से मेरा लंड पूरा का पूरा भाबी की चूत के अंदर घुस गया था। भाबी शायद इतना लंबा और मोटा लंड लेने के लिए बैचन थी इसलिए उसके मुख से जोर से हाएईईई ... निकल गई। मैंने भाबी से आखिरकार बोल ही दिया- कैसा लग रहा है भाबी जान?
भाबी बोली- हाय मेरे राजा ... मेरी चुदाई चालू रखो और तेज धक्के मारो मेरी चूत में।

फिर क्या था, भाबी के मुख से ये शब्द सुनते ही मैं पूरे जोश से चुदाई में पिल गया और तेज तेज धक्के मारने लगा। चूत गीली होने के कारण फच फच की आवाज आ रही थी भाबी की चूत भी गर्म होने लगी थी और उसकी पकड़ लंड पर मज़बूत होती जा रही थी जिससे मेरे लंड को रगड़ भी ज्यादा लग रही थी। भाबी की उम्म्ह ... अहह ... हय ... ओह ... और उंहह्ह ... उंहह ह्ह्ह ... की आवाजें भी तेज होने लगी थी लेकिन मैंने इसकी परवाह किये बिना उनकी चुदाई चालू रखी।

एक समय आया जब भाबी कि चूत एकदम चिकनी हो गई और मुझे लंड अंदर बाहर करने में बहुत मजा आने लगा। तभी भाबी एकदम अकड़ गई और उन्होंने अपनी दोनों टांगें सिकोड़ ली तथा जोर से चिल्ला भी पड़ी- आईईई ... ईईईईए ... मैं समझ गया कि भाबी का पानी छूट गया था।

मैंने उनकी चुदाई थोड़ी और तेज कर दी और तब भाबी ने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया तथा अपने शरीर को मेरे धक्कों के साथ साथ हिलाने लगी। वह जोर जोर से आह्ह ... अह्ह ... उंहह्ह ह्ह्ह ... उम्हह्ह... की आवाजें भी निकालने लगी। अब चुदाई का आनन्द चार गुना हो गया था और मैं इस इंतज़ार में था कि कब मेरा छूटता है।

अगले 5 मिनट तक मैं भाबी को उसी तरह चोदता रहा मुझे अक्सर झड़ने में 30 मिनट लगते हैं.

तभी भाबी बोली- अब तुम नीचे आ जाओ और मैं तुम्हारे लंड पर बैठकर अब तुम्हारी चुदाई करूंगी.
मैंने लंड बाहर निकाला और सीधा लेट गया. भाबी उठकर मेरे लंड पर बैठ गई और अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत में डालने लगी. उसके बाद भाबी ने अपनी गांड उठा उठा कर जोर जोर से धक्के मारना चालू कर दिया. वह अपनी गांड बहुत जोर जोर से ऊपर नीचे हिला रही थी. पूरा कमरा फच फच की आवाज से गूंज रहा था.

भाबी धीरे से मेरे कान के पास आकर बोली- मुझे चुदाई करवाए हुए एक अरसा हो गया था. तुम्हारे भैया का तो अब सब कुछ खत्म है. वह तो अब दारू पीने के अलावा और कुछ काम कर ही नहीं सकते. वह तो मुझे ठीक से चोद भी नहीं पाते! मैं हमेशा से ही तुम्हारे बारे में सोचती रहती थी कि पता नहीं कब तुम्हारे लंड से अपनी चूत की प्यास बुझा पाऊंगी. और फिर जब आज मैंने देखा कि तुम्हारा लंड तो मेरे पति के लंड से कहीं ज्यादा लंबा और मोटा और ताकतवर है. तो मैं अपने होश खो बैठी. निखिल प्लीज मुझसे एक वादा करो कि तुम हमेशा मुझे बीच बीच में टाइम निकालकर ऐसे ही चोदने आते रहोगे. अगर मुझे तुम्हारा लंड नहीं मिला तो मैं मर जाऊंगी.
अब मैं तुम्हारे लंड के बिना नहीं रह सकती. तुमने आज मेरे सारे सपने पूरे कर दिए हैं.

इसी बीच वो कहने लगी- अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ! मैं उनके ऊपर आकर उनकी चूत मारने लगा और मैं भी बोला- भाबी, मुझे भी तुम शुरू से ही बहुत ज्यादा पसंद थी. लेकिन मैं कभी तुमसे कुछ बोल नहीं पाता था. मुझे भी तुम्हारी चूत मार कर आज बहुत ज्यादा मजा आया है. एक परम आनंद की अनुभूति हुई है. मैं भी तुम्हें हमेशा चोदता रहूंगा.

उन्होंने अपना एक स्तन पकड़कर उसका चूचुक मेरे मुंह में डाल दिया. फिर कुछ देर चूची चुस्वाने के बाद उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी. उनकी चूत में मेरे लंड की स्पीड और तेज हो गई. इतना मजा आ रहा था कि बयां करना मुश्किल है.
भाबी बोली- निखिल, तुम्हारे मोटे और लंबे लंड की कीमत एक औरत ही जानती है.

जब मुझे लगा कि मेरा भी वीर्य छूटने वाला था,
तब मैंने भाबी से पूछा--- भाबी क्या मैं अपना वीर्य चूत के अंदर छोड़ूँ या बाहर निकालूँ?

भाबी ने जवाब दिया- यार, अंदर ही छोड़ दो डरो मत कुछ नही होगा ।
बस फिर क्या था, मैंने भी भाबी की चुदाई फुल स्पीड से करनी शुरू कर दी और जैसे ही भाबी अकड़ कर आईईई ... ईईईईए ... आईईईए ... करती हुई छूटी, मैंने भी भाबी की प्यारी सी चूत के अंदर अपनी पिचकारी चला दी।
वह पिचकारी इतनी चली और चलती ही गई कि मैं खुद हैरान हो गया था कि मेरे अंदर इंतना रस कहाँ से आ गया था जो मैं आज तक भी समझ न पाया। हम दोनों के छूटने का समय ने बहुत ही मेल खाया था और उस समय मैंने अपने जीवन का सबसे बड़ा आनन्द महसूस किया था। मैं इस आनन्द की अनुभूति भाबी के मुख पर भी देख रहा था.

मैंने भाबी को चूमते हुए धीरे से कहा- आपने मुझे आज वो प्यार दिया है जो मुझे पहले कभी नहीं मिला.
भाबी बोली- निखिल, यह प्यार में तुम्हें हमेशा ऐसे ही देती रहूंगी. बस तुम हमेशा मुझे ऐसे ही चोदते रहो.


उसके बाद हमने एक घंटा रेस्ट किया और मैंने फिर भाबी की चूत मारी. फिर हम लोग सो गए. सुबह 5:00 बजे भाबी की आंख खुली. भाबी नहाने के लिए बाथरूम में घुसी तो उनके पीछे पीछे मैं भी बाथरूम में चला गया. मैंने भाबी के बूब्स चूसने शुरू कर दिया. भाबी मेरा लंड हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी. मेरा लंड खड़ा होकर चूत में घुसने को बेकरार था. फिर भाबी ने नीचे बैठकर मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और उसको जोर जोर से चूसने लगी. फिर मैंने भाबी को दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और पीछे से उनकी चूत नीचे बैठकर चाटने लगा. मुझे बड़ा मजा आ रहा था. भाबी के मुंह से उम्म्ह ... अहह ... हय ... ओह ... की सिसकारियां निकल रही थी.

उसके बाद मैंने भाबी की चूत में खड़े खड़े ही पीछे से लंड पेल दिया. मैं खूब जोर जोर से भाबी की चूत में धक्के लगा रहा था. भाबी भी मेरे कूल्हे पकड़ कर अपनी गांड आगे पीछे कर रही थी मानो मुझसे कह रही थी कि बस उसे ऐसे ही चोदते जाओ. और फिर दोबारा मैंने भाबी की चूत में वीर्य गिरा दिया. फिर भाबी और मैं नहा कर नीचे चले गए. शाम को घर के सब लोग भी वापस आने वाले थे इसलिए उनके आने से पहले हमने एक बार और ऊपर कमरे में आकर चुदाई कर ली। भाबी अब बहुत खुश नजर आ रही थी. मैं भी भाबी की चुदाई करके मन ही मन बहुत खुश था. मुझे अब जब भी टाइम मिलता है, मैं भाबी की चुदाई करने पहुंच जाता हूं.

End
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All HoT Hindi choti (Hindi Font) - by Pagol premi - 13-08-2021, 11:44 AM
RE: All HoT Hindi choti (Hindi Font) - by Pagol premi - 13-08-2021, 03:51 PM



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