17-04-2019, 10:34 PM
उसके पास भी कलर आया था...और वो भी पान का...पर जाहिर सी बात थी , दोनो के नंबर्स अलग थे...और ये बात तो तब साबित होती जब दोनो का शो होता..
गणेश ने पत्ते उठाए और देखते ही पेक कर दिया..बिल्लू का भी यही हाल था...उसके पास भी सिर्फ़ इक्का आया था और दो छोटे पत्ते...सामने से दो चाल आ चुकी थी, इसलिए उसने भी पेक कर दिया..
अब बचे थे सिर्फ़ राणा और काजल...
राणा सोचने लगा की काश कल की ही तरह वो लोग आज भी अकेले में होते तो इतने नाटक ना करने पड़ रहे होते अभी तक..सीधा अपने वाले खेल में आ चुके होते दोनो..जिसमे जीतने के बाद काजल खुश होकर खुद ही अपने कपड़े उतार कर उसके साथ मज़े ले रही थी..
मज़े लेने के मूड में तो वो आज भी थी..और वो तो हमेशा से ही तैयार रहता था..पर बिल्लू और गणेश के सामने वो कैसे करे, यही पंगा था..और उपर से सारिका भी साथ मे थी ...ऐसे मे आज की रात कुछ भी कल जैसा होना मुश्किल सा लग रहा था उसे..
पर वो नही जानता था की काजल के दिमाग़ में क्या चल रहा है..पैसे जीतना आज काजल की मंशा नही थी..आज की रात तो वो कल की रात से भी ज़्यादा मज़े लेना चाहती थी..और वो भी सब के साथ..क्योंकि कल की ताज़ा चुदी चूत में एक बार फिर से खुजली होनी शुरू हो चुकी थी...और वो ये सोच रही थी की जब केशव के अकेले लंड ने उसे इतने मज़े दिए हैं तो इन तीनो के लंड मिलकर उसे कितना मज़ा देंगे..
इसलिए उसने अपनी योजना को अंजाम तक ले जाने के लिए अपने जलवे बिखेरने शुरू कर दिए..
और उसने हज़ार के 2 नोट लेकर एक बार फिर से अपनी टॉप के अंदर डाला और अच्छी तरह से घुमा कर उन्हे नीचे फेंक दिया..
सारिका एक बार फिर से बेहोश होती-2 बची...
गणेश और बिल्लू भी समझ चुके थे की वो काजल का कोई टोटका है..क्योंकि ऐसे खेल के खिलाड़ी सब जानते हैं..और ये जानकार की काजल का टोटका इतना सेक्सी है , उनकी तो साँसे उपर की उपर और नीचे की नीचे रह गयी..
काजल बड़े ही कामुक तरीके से राणा को देखते हुए वो सब कर रही थी...इसलिए बिल्लू और गणेश को ये समझते भी देर नही लगी की कल उपर वाले कमरे में क्या-2 हुआ होगा...जब उनके सामने बैठकर ही काजल इतनी बेशर्मी दिखा रही है तो उपर उसने क्या नही किया होगा..
सारिका एक बार फिर से फुसफुसाई : "काजल, तू पागल हो गयी है क्या...ये क्या बेशर्मी है...कर क्या रही है तू...''
उसकी बात पास बैठे बिल्लू ने सुन ली, और बोला : "ये शायद इसका टोटका है...और ऐसे टोटके करने से बाजी जीती जाती है...क्यो राणा भाई, सही कहा ना मैने...''
और ये सुनकर तीनो बड़े ही भद्दे तरीके से ठहाका लगाकर हँसने लगे...
राणा : "हाँ बिल्लू, तूने बिल्कुल सही पकड़ा...और मैने कल उपर देखा था, काजल के ऐसे टोटकों की वजह से ही मैं पूरा नंगा हो गया था कल..''
सबने उसकी तरफ घूर कर देखा
राणा : "मेरा मतलब , मेरे सारे पैसे लूट लिए थे इसने...सच मे बड़े कमाल के टोटके होते हैं इसके...''
वो एक बार फिर से उसके मोटे-2 मुम्मों को घूरता हुआ बोला ..
सारिका की तो कुछ समझ मे नही आ रहा था...वो सोच रही थी की जब इस बात का केशव को पता चलेगा तो वो कैसे रिएक्ट करेगा...उसकी बहन उसके दोस्तों के सामने कितनी बेशर्मी से पेश आ रही है..
और सारिका को ये बात पता नही थी की ऐसे टोटके अपनाने के लिए उसे केशव ने ही उकसाया था..
राणा की बारी आई...और वो तो था ही एक नंबर का हरामी..उसने भी 2 हज़ार रुपय उठाए और उन्हे अपने लंड से रगड़ने लगा...इतना रगड़ा की पेंट के नीचे से उसका उभार खड़ा होकर सॉफ दिखाई देने लगा...उसकी लंबाई का अंदाज़ा सॉफ लगाया जा सकता था..
बिल्लू और गणेश भी उसकी बेशर्मी पर एक दूसरे को आँख मारकर मज़े लेने लगे...
और काजल अगली चाल के लिए फिर से अपने मुम्मों पर नोट रगड़ने लगी..
पर इन सबके बीच सारिका की हालत खराब थी...उसे वैसे ही केशव की बड़ी याद आ रही थी..और अपने सामने राणा को इतनी बेशर्मी से अपने लंड को रगड़ते देखकर और फिर उसके लंड की लंबाई को देखकर उसके अंदर धुंवा सा उठने लगा था..चूत की भट्टी में कोयले सुलगने लग गये थे..वहाँ से आँच निकलनी शुरू हो गयी...और उसकी जांघों के बीच चिपचिपाहट महसूस होने लगी उसे..
अपने मुम्मों से रगड़ने के बाद काजल ने एक और डेयरिंग दिखाई और उन्ही पैसों को अपनी चूत वाले हिस्से से भी रगड़कर एक ही झटके में नीचे फेंक दिया...
उसका डबल अटैक था ये...मुम्मे और चूत की रगड़ाई एक साथ...
गणेश ने पत्ते उठाए और देखते ही पेक कर दिया..बिल्लू का भी यही हाल था...उसके पास भी सिर्फ़ इक्का आया था और दो छोटे पत्ते...सामने से दो चाल आ चुकी थी, इसलिए उसने भी पेक कर दिया..
अब बचे थे सिर्फ़ राणा और काजल...
राणा सोचने लगा की काश कल की ही तरह वो लोग आज भी अकेले में होते तो इतने नाटक ना करने पड़ रहे होते अभी तक..सीधा अपने वाले खेल में आ चुके होते दोनो..जिसमे जीतने के बाद काजल खुश होकर खुद ही अपने कपड़े उतार कर उसके साथ मज़े ले रही थी..
मज़े लेने के मूड में तो वो आज भी थी..और वो तो हमेशा से ही तैयार रहता था..पर बिल्लू और गणेश के सामने वो कैसे करे, यही पंगा था..और उपर से सारिका भी साथ मे थी ...ऐसे मे आज की रात कुछ भी कल जैसा होना मुश्किल सा लग रहा था उसे..
पर वो नही जानता था की काजल के दिमाग़ में क्या चल रहा है..पैसे जीतना आज काजल की मंशा नही थी..आज की रात तो वो कल की रात से भी ज़्यादा मज़े लेना चाहती थी..और वो भी सब के साथ..क्योंकि कल की ताज़ा चुदी चूत में एक बार फिर से खुजली होनी शुरू हो चुकी थी...और वो ये सोच रही थी की जब केशव के अकेले लंड ने उसे इतने मज़े दिए हैं तो इन तीनो के लंड मिलकर उसे कितना मज़ा देंगे..
इसलिए उसने अपनी योजना को अंजाम तक ले जाने के लिए अपने जलवे बिखेरने शुरू कर दिए..
और उसने हज़ार के 2 नोट लेकर एक बार फिर से अपनी टॉप के अंदर डाला और अच्छी तरह से घुमा कर उन्हे नीचे फेंक दिया..
सारिका एक बार फिर से बेहोश होती-2 बची...
गणेश और बिल्लू भी समझ चुके थे की वो काजल का कोई टोटका है..क्योंकि ऐसे खेल के खिलाड़ी सब जानते हैं..और ये जानकार की काजल का टोटका इतना सेक्सी है , उनकी तो साँसे उपर की उपर और नीचे की नीचे रह गयी..
काजल बड़े ही कामुक तरीके से राणा को देखते हुए वो सब कर रही थी...इसलिए बिल्लू और गणेश को ये समझते भी देर नही लगी की कल उपर वाले कमरे में क्या-2 हुआ होगा...जब उनके सामने बैठकर ही काजल इतनी बेशर्मी दिखा रही है तो उपर उसने क्या नही किया होगा..
सारिका एक बार फिर से फुसफुसाई : "काजल, तू पागल हो गयी है क्या...ये क्या बेशर्मी है...कर क्या रही है तू...''
उसकी बात पास बैठे बिल्लू ने सुन ली, और बोला : "ये शायद इसका टोटका है...और ऐसे टोटके करने से बाजी जीती जाती है...क्यो राणा भाई, सही कहा ना मैने...''
और ये सुनकर तीनो बड़े ही भद्दे तरीके से ठहाका लगाकर हँसने लगे...
राणा : "हाँ बिल्लू, तूने बिल्कुल सही पकड़ा...और मैने कल उपर देखा था, काजल के ऐसे टोटकों की वजह से ही मैं पूरा नंगा हो गया था कल..''
सबने उसकी तरफ घूर कर देखा
राणा : "मेरा मतलब , मेरे सारे पैसे लूट लिए थे इसने...सच मे बड़े कमाल के टोटके होते हैं इसके...''
वो एक बार फिर से उसके मोटे-2 मुम्मों को घूरता हुआ बोला ..
सारिका की तो कुछ समझ मे नही आ रहा था...वो सोच रही थी की जब इस बात का केशव को पता चलेगा तो वो कैसे रिएक्ट करेगा...उसकी बहन उसके दोस्तों के सामने कितनी बेशर्मी से पेश आ रही है..
और सारिका को ये बात पता नही थी की ऐसे टोटके अपनाने के लिए उसे केशव ने ही उकसाया था..
राणा की बारी आई...और वो तो था ही एक नंबर का हरामी..उसने भी 2 हज़ार रुपय उठाए और उन्हे अपने लंड से रगड़ने लगा...इतना रगड़ा की पेंट के नीचे से उसका उभार खड़ा होकर सॉफ दिखाई देने लगा...उसकी लंबाई का अंदाज़ा सॉफ लगाया जा सकता था..
बिल्लू और गणेश भी उसकी बेशर्मी पर एक दूसरे को आँख मारकर मज़े लेने लगे...
और काजल अगली चाल के लिए फिर से अपने मुम्मों पर नोट रगड़ने लगी..
पर इन सबके बीच सारिका की हालत खराब थी...उसे वैसे ही केशव की बड़ी याद आ रही थी..और अपने सामने राणा को इतनी बेशर्मी से अपने लंड को रगड़ते देखकर और फिर उसके लंड की लंबाई को देखकर उसके अंदर धुंवा सा उठने लगा था..चूत की भट्टी में कोयले सुलगने लग गये थे..वहाँ से आँच निकलनी शुरू हो गयी...और उसकी जांघों के बीच चिपचिपाहट महसूस होने लगी उसे..
अपने मुम्मों से रगड़ने के बाद काजल ने एक और डेयरिंग दिखाई और उन्ही पैसों को अपनी चूत वाले हिस्से से भी रगड़कर एक ही झटके में नीचे फेंक दिया...
उसका डबल अटैक था ये...मुम्मे और चूत की रगड़ाई एक साथ...