08-08-2021, 03:19 PM
अपनी बहन को,
और मैं और कम्मो इनकी बहनों की फोटो दिखा दिखा के इन्हे चिढ़ा रही थीं ,
पर खूंटा तना था , ...
और कम्मो ने शर्त लगा दी , गुड्डी को साफ़ साफ़ बोला था,
खूंटे को हाथ भी नहीं लगाना है , हाँ उसके अलावा कुछ भी
क्या क्या न करवाया कम्मो ने उससे , ... दस मिनट का बीस मिनट हो गया,
कम्मो ने एकदम सही पहचाना था मेरी ननद को स्वभाव से छिनार, नम्बरी चुदवासी, बस एक बार रास्ता खुलने की देर है , खुद नाड़ा खोलेगी,..
और अब रास्ता खुला ही नहीं अच्छी तरह खुल गया था,
गुड्डी बिना सिखाये पढ़ाये, कभी इनके मेल टिट्स पर तो कभी नाभि पर, अपने लंबे नाख़ून, जीभ , छोटे छोटे जोबन, हद तो तब हो गयी जब जीभ निकाल के उनके बॉल्स लिक करने लगी,
और कोई ये न बोले की ये तो मना किया था तो खिलखिलाती हंसती छोरी बोली,
" अरे भौजी, गन्ना मना किया था रसगुल्ला थोड़े ही" ...
बॉल्स पहले तो लिक करती रही, फिर स्क्रैच और एक बाल मुंह में लेकर जोर जोर से चूसने लगी, ...
इनकी हालत खराब हो रही थी ,पर खराब हो तो हो, ... आखिर मेरी ननद भी तो तड़प रही थी इत्ते दिन से,...
कम्मो ने कुछ मेरी ननद के कान में सिखाया पढ़ाया,
उसके बाद तो क्या जबरदस्त रीमिंग, ... मुंह में चुभला चुभला के उसने पहले तो ढेर सारा थूक इकठ्ठा किया , फिर दोनों हाथों के जोर से उनके गुदा छिद्र को पूरी ताकत से फैलाया और मुंह का सारा का सारा थूक उस छेद पर, ... थोड़ी देर तक हाथ छोड़ कर सिर्फ जीभ की टिप पिछवाड़े की दरार में चलाती रही, फिर एक बार वही , छेद को फैलाके, ढेर सारा थूक अंदर , और अबकी जीभ की टिप भी , कभी गोल गोल कभी अंदर बाहर,
खूंटा एकदम तना, अब इनसे नहीं रहा गया और वहीँ पलट कर अपनी बहन को, ...
कहाँ नहीं चोदा और कैसे नहीं चोदा,
पूरे कमरे में , सोफे पर लिटा कर, निहुरा कर, खड़े खड़े दीवाल से चिपका के, खिड़कियां खोल दी थीं ननद की चीख पुकार कुछ मोहल्ले में भी तो गूंजे,
तो खिड़की के सहारे भी,
सबसे ज्यादा कस के चीखी चिल्लाई जब उसको दीवाल के सहारे खड़ी कर के,
बहुत ताकत थी इनमे, और गुड्डी भी कम छिनार नहीं थी एक टांग उसने उठा के इनकी कमर में फंसा रखी थी, दर्द के मारे सुबक रही थी , पर धक्के का जवाब धक्के से,
चंदा और बदरियाँ इन लोगों की सारी बदमाशियां देख रहे थे और मैं कैमरे में कभी गुड्डी रानी के मोबाइल में तो कभी अपने, ... एक एक पल इस रात का,...
और मैं और कम्मो इनकी बहनों की फोटो दिखा दिखा के इन्हे चिढ़ा रही थीं ,
पर खूंटा तना था , ...
और कम्मो ने शर्त लगा दी , गुड्डी को साफ़ साफ़ बोला था,
खूंटे को हाथ भी नहीं लगाना है , हाँ उसके अलावा कुछ भी
क्या क्या न करवाया कम्मो ने उससे , ... दस मिनट का बीस मिनट हो गया,
कम्मो ने एकदम सही पहचाना था मेरी ननद को स्वभाव से छिनार, नम्बरी चुदवासी, बस एक बार रास्ता खुलने की देर है , खुद नाड़ा खोलेगी,..
और अब रास्ता खुला ही नहीं अच्छी तरह खुल गया था,
गुड्डी बिना सिखाये पढ़ाये, कभी इनके मेल टिट्स पर तो कभी नाभि पर, अपने लंबे नाख़ून, जीभ , छोटे छोटे जोबन, हद तो तब हो गयी जब जीभ निकाल के उनके बॉल्स लिक करने लगी,
और कोई ये न बोले की ये तो मना किया था तो खिलखिलाती हंसती छोरी बोली,
" अरे भौजी, गन्ना मना किया था रसगुल्ला थोड़े ही" ...
बॉल्स पहले तो लिक करती रही, फिर स्क्रैच और एक बाल मुंह में लेकर जोर जोर से चूसने लगी, ...
इनकी हालत खराब हो रही थी ,पर खराब हो तो हो, ... आखिर मेरी ननद भी तो तड़प रही थी इत्ते दिन से,...
कम्मो ने कुछ मेरी ननद के कान में सिखाया पढ़ाया,
उसके बाद तो क्या जबरदस्त रीमिंग, ... मुंह में चुभला चुभला के उसने पहले तो ढेर सारा थूक इकठ्ठा किया , फिर दोनों हाथों के जोर से उनके गुदा छिद्र को पूरी ताकत से फैलाया और मुंह का सारा का सारा थूक उस छेद पर, ... थोड़ी देर तक हाथ छोड़ कर सिर्फ जीभ की टिप पिछवाड़े की दरार में चलाती रही, फिर एक बार वही , छेद को फैलाके, ढेर सारा थूक अंदर , और अबकी जीभ की टिप भी , कभी गोल गोल कभी अंदर बाहर,
खूंटा एकदम तना, अब इनसे नहीं रहा गया और वहीँ पलट कर अपनी बहन को, ...
कहाँ नहीं चोदा और कैसे नहीं चोदा,
पूरे कमरे में , सोफे पर लिटा कर, निहुरा कर, खड़े खड़े दीवाल से चिपका के, खिड़कियां खोल दी थीं ननद की चीख पुकार कुछ मोहल्ले में भी तो गूंजे,
तो खिड़की के सहारे भी,
सबसे ज्यादा कस के चीखी चिल्लाई जब उसको दीवाल के सहारे खड़ी कर के,
बहुत ताकत थी इनमे, और गुड्डी भी कम छिनार नहीं थी एक टांग उसने उठा के इनकी कमर में फंसा रखी थी, दर्द के मारे सुबक रही थी , पर धक्के का जवाब धक्के से,
चंदा और बदरियाँ इन लोगों की सारी बदमाशियां देख रहे थे और मैं कैमरे में कभी गुड्डी रानी के मोबाइल में तो कभी अपने, ... एक एक पल इस रात का,...