08-08-2021, 03:13 PM
ननद
उसके भैया
पर एक आसन में चोदने इनका मन थोड़े ही भरने वाला था उस कच्ची कली को और पलट कर उसे नीचे किया और लगे कस के उसके दोनों छोटे छोटे चूतड़ पकड़ के धक्के मारने
और कम्मो भी साथ में कभी देवर का मजा लेती तो कभी ननद का,
कभी देवर का पिछवाड़ा सहलाते हुए एक ऊँगली दो पोर तक ठेल देती , बोलती ससुराल में तो गाँड़ मारी ही जायेगी, और सबसे पहले तेरी सास मारेंगी, अभी से प्रैक्टिस करवा ले
और ननद की क्लिट जोर से रगड़ देतीं ,
इन सब का नतीजा हुआ की गुड्डी रानी जोर जोर से झड़ने लगीं और अबकी उन्होंने बाहर निकाला तो कम्मो ने देवर का खूंटा हथिया लिया और
चूँची चोदन का कार्य उन्होंने शुरू कर दिया , देवर लेटे हुए और भौजी ने अपनी बड़ी बड़ी मस्त ३८ डी डी साइज की चूँचियों में पकड़ के
और क्या मस्त चोद रही थी, देवर को हिलने की भी इजाजत नहीं थी खुद अपनी दोनों बड़े बड़े जोबन के बीच,
जब उनके खूंटे पर भौजी की चूँचियाँ रगड़ती तो वो गिनगीना जाते , ब्लाउज के अंदर से झांकती ललचाती ब्लाउज फाड़ती चूँचियों को देख कर ही इनका टनटना जाता था और जब भौजी उन्ही चूँचियों के बीच उनका लंड , और खुले सुपाड़े पर चूम भी लेती , जीभ से सुरसुरी कर देतीं,
गुड्डी बगल में बैठी ललचायी निगाह से देख रही थी, जैसे एक सहेली लॉलीपॉप चूसे और दूसरी ललचाये , उसके मुंह में पानी आये एकदम वैसे ,
और कम्मो भौजी ने अपने देवर को अपनी ननद के हवाले कर दिया , और वो अपनी छोटी छोटी टेनिस बॉल्स साइज बूब्स के बीच अपने भैया का मोटा लंड टिट फ़क भले ही वो पहली बार टिट फ़क कर रही थी पर कम्मो भौजी को देख देख कर, ...
लेकिन कुछ देर में ही उसके भैया की हालत ख़राब हो गयी , उनसे नहीं रहा गया ,
और वहीँ पलंग पर गुड्डी को निहुरा के,
क्या कातिक में कुतिया चुदती होगी जिस तरह से मेरी ननदिया चुद रही थी ,
हर धक्का तूफानी,
वो कुतिया बनी निहुरी पीछे से उसके भैया चढ़े,... हचक हचक कर हर धक्का बच्चेदानी पर
वो कभी चीखती कभी सिसकती, पर ये पोज तो उसके भैया फेवरिट था , चूँची का भी मजा, और चूत का भी
और दस पंद्रह मिनट की धुंआधार चुदाई के बाद जब वो झड़ी तो साथ साथ उसके भैया भी और सब बच्चेदानी में
अगर मैंने उसे पिल न दी होती तो शर्तिया गाभिन हो जाती,
तीसरे राउंड के बाद इंटरवल हो गया, मैं नीचे उतर आयी बखीर लाने के लिए ,... कुछ देर के बाद कम्मो भी मेरे पीछे पीछे
उसके भैया
पर एक आसन में चोदने इनका मन थोड़े ही भरने वाला था उस कच्ची कली को और पलट कर उसे नीचे किया और लगे कस के उसके दोनों छोटे छोटे चूतड़ पकड़ के धक्के मारने
और कम्मो भी साथ में कभी देवर का मजा लेती तो कभी ननद का,
कभी देवर का पिछवाड़ा सहलाते हुए एक ऊँगली दो पोर तक ठेल देती , बोलती ससुराल में तो गाँड़ मारी ही जायेगी, और सबसे पहले तेरी सास मारेंगी, अभी से प्रैक्टिस करवा ले
और ननद की क्लिट जोर से रगड़ देतीं ,
इन सब का नतीजा हुआ की गुड्डी रानी जोर जोर से झड़ने लगीं और अबकी उन्होंने बाहर निकाला तो कम्मो ने देवर का खूंटा हथिया लिया और
चूँची चोदन का कार्य उन्होंने शुरू कर दिया , देवर लेटे हुए और भौजी ने अपनी बड़ी बड़ी मस्त ३८ डी डी साइज की चूँचियों में पकड़ के
और क्या मस्त चोद रही थी, देवर को हिलने की भी इजाजत नहीं थी खुद अपनी दोनों बड़े बड़े जोबन के बीच,
जब उनके खूंटे पर भौजी की चूँचियाँ रगड़ती तो वो गिनगीना जाते , ब्लाउज के अंदर से झांकती ललचाती ब्लाउज फाड़ती चूँचियों को देख कर ही इनका टनटना जाता था और जब भौजी उन्ही चूँचियों के बीच उनका लंड , और खुले सुपाड़े पर चूम भी लेती , जीभ से सुरसुरी कर देतीं,
गुड्डी बगल में बैठी ललचायी निगाह से देख रही थी, जैसे एक सहेली लॉलीपॉप चूसे और दूसरी ललचाये , उसके मुंह में पानी आये एकदम वैसे ,
और कम्मो भौजी ने अपने देवर को अपनी ननद के हवाले कर दिया , और वो अपनी छोटी छोटी टेनिस बॉल्स साइज बूब्स के बीच अपने भैया का मोटा लंड टिट फ़क भले ही वो पहली बार टिट फ़क कर रही थी पर कम्मो भौजी को देख देख कर, ...
लेकिन कुछ देर में ही उसके भैया की हालत ख़राब हो गयी , उनसे नहीं रहा गया ,
और वहीँ पलंग पर गुड्डी को निहुरा के,
क्या कातिक में कुतिया चुदती होगी जिस तरह से मेरी ननदिया चुद रही थी ,
हर धक्का तूफानी,
वो कुतिया बनी निहुरी पीछे से उसके भैया चढ़े,... हचक हचक कर हर धक्का बच्चेदानी पर
वो कभी चीखती कभी सिसकती, पर ये पोज तो उसके भैया फेवरिट था , चूँची का भी मजा, और चूत का भी
और दस पंद्रह मिनट की धुंआधार चुदाई के बाद जब वो झड़ी तो साथ साथ उसके भैया भी और सब बच्चेदानी में
अगर मैंने उसे पिल न दी होती तो शर्तिया गाभिन हो जाती,
तीसरे राउंड के बाद इंटरवल हो गया, मैं नीचे उतर आयी बखीर लाने के लिए ,... कुछ देर के बाद कम्मो भी मेरे पीछे पीछे