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Thriller कामुक अर्धांगनी
शालिनी भाभी ने दोनों मर्दों को दरवाज़े तक छोड़ कुंडी लगा कर वापस बैठ कर पटियाला जाम गटक बोली चल मेरी देवरानी जल्दी से कपड़े पहन लें , मर्दो को नंगी रंडिया पसंद नहीं आती , मर्द खुद कपड़े उतारकर चोदना पसंद करते है , बोल भाभी उठ कर मुझे बोली चलो देवर जी ज़रा अपनी भाभी के साथ , मैं भाभी के साथ गुसलखाने मे गया वो कुंडी लगा बोली क्यों याद है ना हिल स्टेशन वाली बात , देख लिया न अपनी बीबी को अब त्यारी कर लो वहाँ जो मज़ा है वो यहाँ कहाँ कहती भाभी ने मुझे घुटनों पर बिठा कर अपने एक टांग को मेरे कंधे पर रख बोली अब पीना है पी ले नहीं तो बहने दे और भाभी मेरे मुँह मे मूतने लगी इसस करती भाभी दीवार को पकड़ एक धार मारती मुझे गर्म नमकीन मूत पिलाती बोली देवर जी काश तू मेरा मरद होता मैं भरी जवानी खुल कर इतना चुदवाती , सही माईने मे मधु ने पति पाया है ओर एक मेरा पति है अब जा कर उठा है कहती भाभी ने चूत मेरे चेहरे पर रगड़ते मूतति रही और मेरा बदन उनके मूत के गर्म पानी से भीगता महकने लगा और थोड़ा बहुत भाभी के चूत से निकला पानी गटक कर मैंने भाभी को एहसास दिल दिया कि वो मेरे स्पर्पन को स्थायी मान ले और भाभी के मूतने के पश्चात मैंने उनकी योनि को कुत्ते की तरह चाट चाट कर साफ कर दिया और वो मुझे ऊपर उठा कर अपने बदन से रगड़ते बोली देवर जी सहवास का असली मज़ा तब है जब एक दूजे की बदबू भी खुसबू लगे और जो गंदी से गंदी हो वो उतेजना जगाने वाली लगे कह कर उन्होंने मुझे चूमा और मेरे मूत से भीगे जिस्म को अपने जिस्म पर रगड़ते झरने को चला कर बोली आज रात भर तू ही मुझे नहलाना , हर मर्द के खुश होने के बाद तुझे मूत पिलाऊंगी और तेरे साथ ही गर्म हो कर मर्दो की प्यास बुझाऊंगी मेरे गांडू देवर और अगले दस मिनट भाभी ने मनमर्जी से अपने उतावलेपन मे मुझे शामिल कर पागल करती नहाने के बाद कुंडी खोलने से पहले मेरी गांड मे उँगली डाल कर घुमाती बोली सोच लो देवर जी पहाड़ो पर जो साथ गई तुझे एक रात मे इतने लौड़े दिला दूँगी की सुबह तू खुद बोलेगा भाभी यहीं बस जाते है कहती वो उँगली निकाल कर सूँघती मुँह मे ले चूसने लगी और बोली तेरी गांड तोह बड़ी स्वादिष्ट है देवर जी ।
 
 
शर्मा जी का मुँह अब भी मधु के योनि को चाटे जा रहा था जो देख भाभी बोली क्या री और लौड़े नहीं लेगी क्या,  मधु हँसते बोली क्या भाभी ऐसा न कहो बस भाईसाहब को मलाई खिला रही थी , भाभी हँसते बोली चल जा के नाहा ले जल्दी से फिर मनेजर से मिल आते है क्या एक दो लौड़े से मज़ा आएगा चल एक ही बार सबको बुला लेते है दो चार घंटे लगातार ले के देखते है ।
 
 
मधु उठ कर भाभी के पास जा कर बोली क्या दीदी आपने तो मुझे गर्म कर दिया बस यूं गई यू आई कहती वो नहाने चली गई और भाभी ने साड़ी पहनकर ब्रा और पैंटी मुझे दे कर बोली क्या फ़ायदा इस कच्ची और ब्रा का ये तोह नामर्दों के लिए सही रहेगा और शर्मा जी एक पेग मारते बोले बस कर शालिनी कितना जलील करती है तुम हम दोनों को , भाभी हँसते बोली जलील कहाँ कर रही बस बता रही हूँ कहती वो अपने बालों को सवारने लगी और मधु नहा कर वापस आते खुद के गीले जिस्म को पोछती मेरे हाथ मे भाभी का अंगवस्त्र देख बोली क्यों दीदी अंदर से खुला रहना है क्या,  भाभी बोली हॉ तू भी मत पहन , मधु भी बिना ब्रा पैंटी के साड़ी पहन कर बालों को सवार लिपस्टिक लगा कर भाभी के साथ बाहर जाती बोली आती हूँ जी आप लोग मज़े करो ।
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RE: कामुक अर्धांगनी - by Bhavana_sonii - 24-11-2020, 11:46 PM
RE: कामुक अर्धांगनी - by kaushik02493 - 06-08-2021, 06:44 PM



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