08-08-2021, 01:08 AM
अपडेट - 28
…” खाना बना लिया है आप ने….” राज ने लेटे -2 भाभी की ओर देखते हुए कहा….
भाभी: हां बन गया है…..(भाभी ने रूखे स्वर मे कहा)
राज: क्या हुआ नाराज़ हो आप मुझसे…
भाभी: क्यों मैं क्यों तुमसे नाराज़ होने लगी….
राज: तो फिर आप ऐसे रूखी-2 बात क्यों कर रही हैं….
भाभी: (राज के पास आकर चटाई पर बैठते हुए) कहाँ थे इतनी देर…
राज: बताया तो था कि अंकल के घर जा रहा हूँ…फिर रास्ते मे दोस्त मिल गया और उसके साथ उसके घर चला गया था….
भाभी: तुम्हे ज़रा भी फिकर है किसी चीज़ की….कब से तुम्हारा इंतजार कर रही थी…
राज: मेरा इंतजार वो क्यों…?
भाभी: देखो राज सर ने बड़ा भरोसा करके तुम्हे हमारे पास रहने के लिए भेजा है….इसलिए तुम्हारी चिंता हो रही थी और कुछ नही…
राज: पक्का ना और कुछ नही…..
भाभी: और क्या…? कम से कम बता तो देते कि लेट आउन्गा….
राज: भूल गया था….
भाभी: भूल गये थे…जाओ मुझसे बात ना करो…
राज: आप तो ऐसे नाराज़ हो रही है….जैसे कोई लड़की अपने बॉय फ्रेंड से होती है.. और इतने सवाल तो कोई पत्नी भी अपने पति से नही करती…
भाभी: (नाराज़गी का ढोंग करते हुए) बकवास बंद करो अपनी….कम से कम फोन तो कर ही सकते थे….आज के बाद ऐसा दोबारा नही होना चाहिए…जहाँ भी जाना हो मुझे बता कर जाना पड़ेगा….
राज: अच्छा मॅम एक बात बताओ…क्या आप मेरी गर्ल फ्रेंड है….
भाभी: नही क्यों….
राज: पत्नी हो मेरी….
भाभी: नही….
राज: हमारा कोई अफेयर है…?
भाभी: नही पर तुम ये सब क्यों पूछ रहे हो….मैं नीचे जा रही हूँ…मुझे नही करनी तुमसे कोई भी बात….
राज: वो इसलिए ऐसा हक़ यही तीनो जमाती है अपने आशिक़ पर….और आप भी मुझ पर ऐसे ही हक़ जता रही हो….
भाभी: अब ना राज तुम पिटोगे मेरे हाथों से….(भाभी ने दूसरी तरफ फेस करके शरमा कर मुस्कुराते हुए कहा….)
राज: ठीक है फिर आगे से मुझे किसी काम के लिए टोकना मत…और अगर टोकना है तो मुझे कोई वजह देनी होगी कि तुम मुझ पर किस लिए ऐसे हक़ जता रही हो….
भाभी खड़ी हुई और सीडीयों की तरफ जाने लगी…..”कुछ तो बोलती जाओ मेडम जी…”
भाभी ने पलट कर राज की तरफ देखा और फिर नीचे सर झुका कर मुस्कुराते हुए बोली. “रात को वजह भी बता दूँगी….” ये सुनते ही राज के बाबूराव ने उसके शॉर्ट मे ज़ोर से झटका खाया….
रात के 10 बजे सब खाना खा कर फ्री हो चुके थे…राज खाना खा कर फिर से ऊपेर छत पर आ चुका था….और चटाई पर लेटा हुआ था…नीचे भाभी अपने प्लान के आख़िरी पढ़ाव पर थी….भाभी ने भैया के लिए दूध एक ग्लास मे डाला उसमे ढेर सारा मीठा सरबत डाल दिया..और फिर एक टॅबलेट पीस कर उसमे मिला दी….और भैया को दूध देने के लिए उनके रूम मे चली गयी….भाभी ने भैया को दूध दिया..और उनके पास बैठते हुए उनसे बातें करने लगी….
जब तक भैया ने दूध का ग्लास खाली नही कर दिया…भाभी वहाँ से नही हिली…फिर भाभी ने ग्लास लिया और किचिन मे आ गयी….तभी राज भी नीचे आया…भाभी किचिन के विंडो से उसे देख रही थी…राज पहले अपने रूम मे गया और फिर अपना टवल लेकर बाथरूम मे चला गया…और शवर लेकर फ्रेश शॉर्ट्स और टीशर्ट डाल कर ऊपेर चला गया….
भाभी ने बर्तन सॉफ किए….और फिर शवर लेकर शॉर्ट नाइटी पहन ली…भाभी ने सभी डोर क्लोज़ किए….और मेरे रूम की चाबी लेकर ऊपेर आ गयी….भाभी ने आज ब्लॅक कलर की शॉर्ट नाइटी पहनी हुई थी…..जिसमे से उसके नेट के कपड़े से उसके 34 फ साइज़ के मम्मे ऊपेर से सॉफ दिखाई दे रहे थे….हालाँकि ऊपेर अंधेरा था….कोई लाइट ऑन नही थी….पर फिर भी भाभी का गोरा जिस्म चाँद की रोशनी मे चमक रहा था… राज की आँखे भाभी के इस रूप को देख कर खुली की खुली रह गयी….
भाभी ने ऊपेर आकर मेरे रूम का डोर खोला और अंदर की लाइट ऑन की, और फिर अंदर कीस रख कर बाहर आकर राज के पास चटाई पर बैठ गयी…”क्या बात है…आज ऊपेर सोने का इरादा है…? “ भाभी ने राज की ओर देखते हुए कहा….
.”हां सोच तो यही रहा हूँ….कि आज यही सो जाउ…..आप भी बाहर सोने वाले है….”
भाभी: नही मैं तो डॉली के रूम से कुछ समान लेने आई थी…..मैं तो नीचे जाकर ही सोउंगी…
राज: आज यही सो जाओ ना,……
भाभी: क्यों….?
राज: वैसे ही मैं कह रहा हूँ ना…..
भाभी: अच्छा मेरे ऊपेर हक़ जता रहे हो….और अपनी बार जब पूछा तो कि कहाँ गये थे….तब बड़ी-2 बातें बना रहे थे…….
राज: अच्छा तो मेरे इतना कहना का भी हक़ नही है….?
भाभी: नही…..
राज: तो फिर थोड़ा सा हक़ हमें भी दे दो आंटी जी….
भाभी: हक़ तो खुद बनाना पड़ता है……
राज: अच्छा अब मुझे अपना हक़ खुद साबित करना होगा इसका मतलब…..?
भाभी: हिम्मत है तो साबित करके दिखा दो…..
भाभी ने शरारती मुस्कान के साथ राज की तरफ देखा और फिर उठ कर मेरे रूम की तरफ जाने लगी….रूम के डोर पर पहुँच कर उसने एक बार फिर राज की तरफ देखा और फिर रूम के अंदर चली गयी…..राज के लिए भाभी की ये बात सीधे-2 एक चॅलेंज थी…राज जान चुका था कि, भाभी उसके साथ शब्दों का खेल खेल रही है. अब राज ने इस खेल को उसके अंज़ाम तक पहुँचाने का फैंसला कर लिया था….वो उठा और सीधा मेरे रूम की तरफ जाने लगा….रूम की तरफ बढ़ते कदमो की आहट सुन कर भाभी अलमारी खोल कर उसमे से कुछ ढूँढने का नाटक करने लगी…..
जैसे ही राज रूम मे दाखिल हुआ…..भाभी ने एक बार अपना फेस घुमा कर उसकी तरफ देखा और फिर से मुस्कुराते हुए आगे फेस करके अलमारी की ओर देखने लगी….राज भाभी के ठीक पीछे आकर खड़ा हो गया….”कुछ काम था….” भाभी ने अलमारी मे पड़े हुए कपड़ों को ठीक करते हुए कहा…..
”नही कुछ नही क्या ढूँढ रही हो आप..? “ राज ने थोड़ा सा आगे की ओर सरकते हुए कहा…..
भाभी: तुम बताओं ना तुम यहाँ क्या लेने आए हो….?
राज ने एक दम से भाभी की कमर मे से अपनी बाहों को गुज़ारते हुए उसे पीछे से बाहों मे भर लिया….और अगले ही पल भाभी के मोटे-2 मम्मों को अपने हाथों मे कस कर पकड़ते हुए ज़ोर से दबा दिया…..”आह राज क्या कर रहे हो….” भाभी एक दम से मचल उठी….
.”मैं अपना हक़ जताने आया हूँ….” राज ने भाभी की चुचियाँ को उसकी नाइटी के ऊपेर से मसलते हुए कहा……
.”सीईईई उम्ह्ह्ह छोड़ो इस तरह ये ये क्या कर रहे हो…..?”
राज: (भाभी की चुचियाँ को मसलते हुए) मुझे तो इसी तरह अपना हक़ जताना आता है…तुम्हे कोई ऐतराज है….
भाभी चाहती तो राज को सिर्फ़ एक ही धक्के मे 4 फुट दूर फेंक सकती थी… क्योंकि भाभी की हाइट और बदन राज से कही ज़यादा था…..पर भाभी तो उस समय खुद ही राज के सामने अपने हथियार डालने को तैयार खड़ी थी…..”हाए राज ऐसे हक़ जताओगे तुम मुझ पर….” भाभी ने अपनी गान्ड को पीछे की और धकेलते हुए कहा. जैसे ही राज को अपने बाबूराव पर भाभी की गान्ड नाइटी के ऊपेर से दबाती महसूस हुई, ये देख कर राज का दिल ख़ुसी से उछल पड़ा….
भाभी की तरफ से ग्रीन सिग्नल पाते ही राज एक दम से पागल हो गया….अगले ही पल राज ने नीचे बैठते हुए, भाभी की नाइटी को पकड़ कर ऊपर उठाया और फिर पेंटी को खिसका कर जाँघो तक ला दिया….राज ने भाभी की गान्ड को पकड़ कर दोनो तरफ फेलाते हुए, मसलना शुरू कर दिया”
शियीयियीयियी हाई राज ये क्या कर रहे हो….आह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” भाभी ने खुद ही अपनी जाँघो को खोल कर फेला लिया….जिससे उसकी चुनमुनियाँ की फांके अब राज को सॉफ नज़र आ रही थी……
राज: ओह्ह्ह आंटी आपकी फुद्दि कितनी फूली हुई है…..जब इसमे मेरा बाबूराव जाएगा, तो कमाल का मज़ा देगी……
भाभी: अह्ह्ह्ह राज तू डालेगा इसमे अपने बाबूराव को उम्ह्ह्ह्ह सीईईईई……
राज: हां आंटी आप डालने देंगे ना मुझे…..
ये कहते हुए राज ने थोड़ा सा और नीचे झुकते हुए भाभी की चुनमुनियाँ की फांको पर अपना मूह लगा दिया….और अपनी जीभ को चुनमुनियाँ की फांको के बीच से लेजाते हुए भाभी की चुनमुनियाँ के छेद को रगड़ने लगा….आज पहली बार भाभी की चुनमुनियाँ को कोई चाट रहा था…जैसे ही भाभी को अपनी चुनमुनियाँ के छेद पर राज की गरम और खुरदरी जीभ का अहसास हुआ, भाभी का पूरा बदन एक दम से ऐंठ गया……
उसकी आँखे मस्ती मे बंद होती चली गयी….भाभी को खड़े रहना भी दुश्वार हो गया था….उसने अपनी कोहानियों को अलमारी मे बने रॅक पर रखते हुए अपना सारा वजन उन पर डाल दिया….भाभी की जाँघो की मांसपेशियाँ एक दम से तन गयी थी. फिर उनमे तेज कंपन होने लगा…जब भाभी से बर्दाश्त ना हुआ, तो वो सिसकते हुए चिल्ला उठी….”ओह्ह्ह अहह राज अहह उंह ये यी क्याअ आह उन्घ्ह्ह्ह ना राज ओह्ह्ह मैं पागल हो जाउन्गी अह्ह्ह्ह हाईए राज मेरी फुद्दि…..”
पर राज तो जैसे भाभी की चुनमुनियाँ को ही खा जाना चाहता था…..जब भाभी की टाँगे जवाब देने लगी तो, भाभी काँपते हुए नीचे बैठ गयी…..वो मस्ती और वासना के रंग मे एक दम बहाल हो चुकी थी….उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी…आँखे अभी भी बंद थी….भाभी अलमारी के पास दीवार पर के साथ पीठ टिका कर अपनी सांसो को काबू मे लाने की कॉसिश करते हुए बोली….”ओह राज तू तो मेरी फुद्दि को ही खा गया था…हाई……ऐसे कोई ऐसी जगह मूह मारता है क्या…..”
राज ने भाभी को कंधो से पकड़ कर खड़ा किया….और बेड पर बैठते हुए धीरे-2 लेटा दिया….”क्यों कभी पॉर्न वीडियोस नही देखी क्या….?”
जैसे ही भाभी ने राज की ये बात सुनी तो भाभी को उस पॉर्न डीवीडी की याद आ गयी, जो उन्होने भैया के रूम से उठा कर देखी थी….तभी भाभी के सामने वो दृश्य आ गया…जब उसमे एक अधेड़ उम्र की औरत को एक जवान लड़के का बाबूराव चूस्ते हुए दिखाया गया था….
भाभी ने आँखे खोल कर राज की तरफ देखा तो, वो उनकी तरफ देखा कर मुस्कुराते हुए अपनी पेंट उतार रहा था….अब उसके जिस्म पर सिर्फ़ एक अंडरवेर ही था…जिसमे बने हुए उभार को देखते ही भाभी की चुनमुनियाँ मे धुनकि बजने लगी थी….भाभी शरमाते हुए उठ कर बेड के किनारे बैठ गयी….और राज के अंडरवेर के इलास्टिक मे दोनो तरफ से अपनी उंगलियों को फन्साते हुए राज की आँखो में देखा….और फिर धीरे-2 राज के अंडर वेअर को नीचे सरकाने लगी…..
जैसे ही राज का अंडरवेर उसकी जाँघो तक नीचे हुआ, राज का 8 इंच का बाबूराव उछल कर भाभी की आँखो के सामने आ गया…भाभी ने अंडरवेर छोड़ कर उसके बाबूराव को लपक के अपने दोनो हाथों मे पकड़ लिया…और ऊपेर से नीचे तक उसके बाबूराव को सहलाते हुए , उसकी लंबाई और मोटाई का जायज़ा लेने लगी….फिर जैसे ही भाभी ने उसके बाबूराव से चमड़ी को पीछे सरकाया तो, राज के बाबूराव का गुलाबी सुपाडा देखते ही भाभी की आँखो मे चमक आ गयी…..
भाभी का दिल तो कर रहा था कि, वो उसी पल उसे मूह में लेकर उसके चुप्पे लगाने शुरू कर दे….उसके लाल गुलाबी सुपाडे को चाट-2 कर और लाल कर दे….उसने सुपाडे अपने होंटो को रगड़ा….पर भाभी ऐसा करने से थोड़ा शरमा रही थी….भाभी अपनी नज़रें राज के बाबूराव से हटा नही पा रही थी…राज ने भाभी के सर को पकड़ कर अपने बाबूराव पर उनके होंटो को झुकाना शुरू कर दिया…भाभी ने नज़रें उठा कर राज की ओर देखते हुए ना मे सर हिलाया….
.”प्लीज़ चूसो ना मॅम…..देखो कितनी बुरी हालत हो रही है इसकी…मैं तड़प रहा हूँ….प्लीज़ इसे आपने होंटो का अमृत पीला कर थोड़ा शांत तो कर दो….प्लीज़……
भाभी ने ऐसे दिखाया…..जैसे वो ये सब राज का मन रखने के लिए कर रही है… उसने मूह बिचकाते हुए अपने होंटो को खोला और धीरे-2 उसके बाबूराव के मोटे गुलाबी सुपाडे को अपने होंटो मे भरती चली गयी….राज भी भाभी के रसीले तपते हुए होंटो को अपने बाबूराव के सुपाडे पर महसूस करके एक दम से सिसक उठा…”ओह्ह्ह मॅम आप तो आज मेरी जान निकाल कर ही रहेंगी……आहह कितना मज़ा आ रहा है…ओह्ह एसस्स फक आप कमाल हो मॅम…..यू आर दा बेस्ट….”
आगे अगले अपडेट में जारी ...
…” खाना बना लिया है आप ने….” राज ने लेटे -2 भाभी की ओर देखते हुए कहा….
भाभी: हां बन गया है…..(भाभी ने रूखे स्वर मे कहा)
राज: क्या हुआ नाराज़ हो आप मुझसे…
भाभी: क्यों मैं क्यों तुमसे नाराज़ होने लगी….
राज: तो फिर आप ऐसे रूखी-2 बात क्यों कर रही हैं….
भाभी: (राज के पास आकर चटाई पर बैठते हुए) कहाँ थे इतनी देर…
राज: बताया तो था कि अंकल के घर जा रहा हूँ…फिर रास्ते मे दोस्त मिल गया और उसके साथ उसके घर चला गया था….
भाभी: तुम्हे ज़रा भी फिकर है किसी चीज़ की….कब से तुम्हारा इंतजार कर रही थी…
राज: मेरा इंतजार वो क्यों…?
भाभी: देखो राज सर ने बड़ा भरोसा करके तुम्हे हमारे पास रहने के लिए भेजा है….इसलिए तुम्हारी चिंता हो रही थी और कुछ नही…
राज: पक्का ना और कुछ नही…..
भाभी: और क्या…? कम से कम बता तो देते कि लेट आउन्गा….
राज: भूल गया था….
भाभी: भूल गये थे…जाओ मुझसे बात ना करो…
राज: आप तो ऐसे नाराज़ हो रही है….जैसे कोई लड़की अपने बॉय फ्रेंड से होती है.. और इतने सवाल तो कोई पत्नी भी अपने पति से नही करती…
भाभी: (नाराज़गी का ढोंग करते हुए) बकवास बंद करो अपनी….कम से कम फोन तो कर ही सकते थे….आज के बाद ऐसा दोबारा नही होना चाहिए…जहाँ भी जाना हो मुझे बता कर जाना पड़ेगा….
राज: अच्छा मॅम एक बात बताओ…क्या आप मेरी गर्ल फ्रेंड है….
भाभी: नही क्यों….
राज: पत्नी हो मेरी….
भाभी: नही….
राज: हमारा कोई अफेयर है…?
भाभी: नही पर तुम ये सब क्यों पूछ रहे हो….मैं नीचे जा रही हूँ…मुझे नही करनी तुमसे कोई भी बात….
राज: वो इसलिए ऐसा हक़ यही तीनो जमाती है अपने आशिक़ पर….और आप भी मुझ पर ऐसे ही हक़ जता रही हो….
भाभी: अब ना राज तुम पिटोगे मेरे हाथों से….(भाभी ने दूसरी तरफ फेस करके शरमा कर मुस्कुराते हुए कहा….)
राज: ठीक है फिर आगे से मुझे किसी काम के लिए टोकना मत…और अगर टोकना है तो मुझे कोई वजह देनी होगी कि तुम मुझ पर किस लिए ऐसे हक़ जता रही हो….
भाभी खड़ी हुई और सीडीयों की तरफ जाने लगी…..”कुछ तो बोलती जाओ मेडम जी…”
भाभी ने पलट कर राज की तरफ देखा और फिर नीचे सर झुका कर मुस्कुराते हुए बोली. “रात को वजह भी बता दूँगी….” ये सुनते ही राज के बाबूराव ने उसके शॉर्ट मे ज़ोर से झटका खाया….
रात के 10 बजे सब खाना खा कर फ्री हो चुके थे…राज खाना खा कर फिर से ऊपेर छत पर आ चुका था….और चटाई पर लेटा हुआ था…नीचे भाभी अपने प्लान के आख़िरी पढ़ाव पर थी….भाभी ने भैया के लिए दूध एक ग्लास मे डाला उसमे ढेर सारा मीठा सरबत डाल दिया..और फिर एक टॅबलेट पीस कर उसमे मिला दी….और भैया को दूध देने के लिए उनके रूम मे चली गयी….भाभी ने भैया को दूध दिया..और उनके पास बैठते हुए उनसे बातें करने लगी….
जब तक भैया ने दूध का ग्लास खाली नही कर दिया…भाभी वहाँ से नही हिली…फिर भाभी ने ग्लास लिया और किचिन मे आ गयी….तभी राज भी नीचे आया…भाभी किचिन के विंडो से उसे देख रही थी…राज पहले अपने रूम मे गया और फिर अपना टवल लेकर बाथरूम मे चला गया…और शवर लेकर फ्रेश शॉर्ट्स और टीशर्ट डाल कर ऊपेर चला गया….
भाभी ने बर्तन सॉफ किए….और फिर शवर लेकर शॉर्ट नाइटी पहन ली…भाभी ने सभी डोर क्लोज़ किए….और मेरे रूम की चाबी लेकर ऊपेर आ गयी….भाभी ने आज ब्लॅक कलर की शॉर्ट नाइटी पहनी हुई थी…..जिसमे से उसके नेट के कपड़े से उसके 34 फ साइज़ के मम्मे ऊपेर से सॉफ दिखाई दे रहे थे….हालाँकि ऊपेर अंधेरा था….कोई लाइट ऑन नही थी….पर फिर भी भाभी का गोरा जिस्म चाँद की रोशनी मे चमक रहा था… राज की आँखे भाभी के इस रूप को देख कर खुली की खुली रह गयी….
भाभी ने ऊपेर आकर मेरे रूम का डोर खोला और अंदर की लाइट ऑन की, और फिर अंदर कीस रख कर बाहर आकर राज के पास चटाई पर बैठ गयी…”क्या बात है…आज ऊपेर सोने का इरादा है…? “ भाभी ने राज की ओर देखते हुए कहा….
.”हां सोच तो यही रहा हूँ….कि आज यही सो जाउ…..आप भी बाहर सोने वाले है….”
भाभी: नही मैं तो डॉली के रूम से कुछ समान लेने आई थी…..मैं तो नीचे जाकर ही सोउंगी…
राज: आज यही सो जाओ ना,……
भाभी: क्यों….?
राज: वैसे ही मैं कह रहा हूँ ना…..
भाभी: अच्छा मेरे ऊपेर हक़ जता रहे हो….और अपनी बार जब पूछा तो कि कहाँ गये थे….तब बड़ी-2 बातें बना रहे थे…….
राज: अच्छा तो मेरे इतना कहना का भी हक़ नही है….?
भाभी: नही…..
राज: तो फिर थोड़ा सा हक़ हमें भी दे दो आंटी जी….
भाभी: हक़ तो खुद बनाना पड़ता है……
राज: अच्छा अब मुझे अपना हक़ खुद साबित करना होगा इसका मतलब…..?
भाभी: हिम्मत है तो साबित करके दिखा दो…..
भाभी ने शरारती मुस्कान के साथ राज की तरफ देखा और फिर उठ कर मेरे रूम की तरफ जाने लगी….रूम के डोर पर पहुँच कर उसने एक बार फिर राज की तरफ देखा और फिर रूम के अंदर चली गयी…..राज के लिए भाभी की ये बात सीधे-2 एक चॅलेंज थी…राज जान चुका था कि, भाभी उसके साथ शब्दों का खेल खेल रही है. अब राज ने इस खेल को उसके अंज़ाम तक पहुँचाने का फैंसला कर लिया था….वो उठा और सीधा मेरे रूम की तरफ जाने लगा….रूम की तरफ बढ़ते कदमो की आहट सुन कर भाभी अलमारी खोल कर उसमे से कुछ ढूँढने का नाटक करने लगी…..
जैसे ही राज रूम मे दाखिल हुआ…..भाभी ने एक बार अपना फेस घुमा कर उसकी तरफ देखा और फिर से मुस्कुराते हुए आगे फेस करके अलमारी की ओर देखने लगी….राज भाभी के ठीक पीछे आकर खड़ा हो गया….”कुछ काम था….” भाभी ने अलमारी मे पड़े हुए कपड़ों को ठीक करते हुए कहा…..
”नही कुछ नही क्या ढूँढ रही हो आप..? “ राज ने थोड़ा सा आगे की ओर सरकते हुए कहा…..
भाभी: तुम बताओं ना तुम यहाँ क्या लेने आए हो….?
राज ने एक दम से भाभी की कमर मे से अपनी बाहों को गुज़ारते हुए उसे पीछे से बाहों मे भर लिया….और अगले ही पल भाभी के मोटे-2 मम्मों को अपने हाथों मे कस कर पकड़ते हुए ज़ोर से दबा दिया…..”आह राज क्या कर रहे हो….” भाभी एक दम से मचल उठी….
.”मैं अपना हक़ जताने आया हूँ….” राज ने भाभी की चुचियाँ को उसकी नाइटी के ऊपेर से मसलते हुए कहा……
.”सीईईई उम्ह्ह्ह छोड़ो इस तरह ये ये क्या कर रहे हो…..?”
राज: (भाभी की चुचियाँ को मसलते हुए) मुझे तो इसी तरह अपना हक़ जताना आता है…तुम्हे कोई ऐतराज है….
भाभी चाहती तो राज को सिर्फ़ एक ही धक्के मे 4 फुट दूर फेंक सकती थी… क्योंकि भाभी की हाइट और बदन राज से कही ज़यादा था…..पर भाभी तो उस समय खुद ही राज के सामने अपने हथियार डालने को तैयार खड़ी थी…..”हाए राज ऐसे हक़ जताओगे तुम मुझ पर….” भाभी ने अपनी गान्ड को पीछे की और धकेलते हुए कहा. जैसे ही राज को अपने बाबूराव पर भाभी की गान्ड नाइटी के ऊपेर से दबाती महसूस हुई, ये देख कर राज का दिल ख़ुसी से उछल पड़ा….
भाभी की तरफ से ग्रीन सिग्नल पाते ही राज एक दम से पागल हो गया….अगले ही पल राज ने नीचे बैठते हुए, भाभी की नाइटी को पकड़ कर ऊपर उठाया और फिर पेंटी को खिसका कर जाँघो तक ला दिया….राज ने भाभी की गान्ड को पकड़ कर दोनो तरफ फेलाते हुए, मसलना शुरू कर दिया”
शियीयियीयियी हाई राज ये क्या कर रहे हो….आह उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” भाभी ने खुद ही अपनी जाँघो को खोल कर फेला लिया….जिससे उसकी चुनमुनियाँ की फांके अब राज को सॉफ नज़र आ रही थी……
राज: ओह्ह्ह आंटी आपकी फुद्दि कितनी फूली हुई है…..जब इसमे मेरा बाबूराव जाएगा, तो कमाल का मज़ा देगी……
भाभी: अह्ह्ह्ह राज तू डालेगा इसमे अपने बाबूराव को उम्ह्ह्ह्ह सीईईईई……
राज: हां आंटी आप डालने देंगे ना मुझे…..
ये कहते हुए राज ने थोड़ा सा और नीचे झुकते हुए भाभी की चुनमुनियाँ की फांको पर अपना मूह लगा दिया….और अपनी जीभ को चुनमुनियाँ की फांको के बीच से लेजाते हुए भाभी की चुनमुनियाँ के छेद को रगड़ने लगा….आज पहली बार भाभी की चुनमुनियाँ को कोई चाट रहा था…जैसे ही भाभी को अपनी चुनमुनियाँ के छेद पर राज की गरम और खुरदरी जीभ का अहसास हुआ, भाभी का पूरा बदन एक दम से ऐंठ गया……
उसकी आँखे मस्ती मे बंद होती चली गयी….भाभी को खड़े रहना भी दुश्वार हो गया था….उसने अपनी कोहानियों को अलमारी मे बने रॅक पर रखते हुए अपना सारा वजन उन पर डाल दिया….भाभी की जाँघो की मांसपेशियाँ एक दम से तन गयी थी. फिर उनमे तेज कंपन होने लगा…जब भाभी से बर्दाश्त ना हुआ, तो वो सिसकते हुए चिल्ला उठी….”ओह्ह्ह अहह राज अहह उंह ये यी क्याअ आह उन्घ्ह्ह्ह ना राज ओह्ह्ह मैं पागल हो जाउन्गी अह्ह्ह्ह हाईए राज मेरी फुद्दि…..”
पर राज तो जैसे भाभी की चुनमुनियाँ को ही खा जाना चाहता था…..जब भाभी की टाँगे जवाब देने लगी तो, भाभी काँपते हुए नीचे बैठ गयी…..वो मस्ती और वासना के रंग मे एक दम बहाल हो चुकी थी….उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी…आँखे अभी भी बंद थी….भाभी अलमारी के पास दीवार पर के साथ पीठ टिका कर अपनी सांसो को काबू मे लाने की कॉसिश करते हुए बोली….”ओह राज तू तो मेरी फुद्दि को ही खा गया था…हाई……ऐसे कोई ऐसी जगह मूह मारता है क्या…..”
राज ने भाभी को कंधो से पकड़ कर खड़ा किया….और बेड पर बैठते हुए धीरे-2 लेटा दिया….”क्यों कभी पॉर्न वीडियोस नही देखी क्या….?”
जैसे ही भाभी ने राज की ये बात सुनी तो भाभी को उस पॉर्न डीवीडी की याद आ गयी, जो उन्होने भैया के रूम से उठा कर देखी थी….तभी भाभी के सामने वो दृश्य आ गया…जब उसमे एक अधेड़ उम्र की औरत को एक जवान लड़के का बाबूराव चूस्ते हुए दिखाया गया था….
भाभी ने आँखे खोल कर राज की तरफ देखा तो, वो उनकी तरफ देखा कर मुस्कुराते हुए अपनी पेंट उतार रहा था….अब उसके जिस्म पर सिर्फ़ एक अंडरवेर ही था…जिसमे बने हुए उभार को देखते ही भाभी की चुनमुनियाँ मे धुनकि बजने लगी थी….भाभी शरमाते हुए उठ कर बेड के किनारे बैठ गयी….और राज के अंडरवेर के इलास्टिक मे दोनो तरफ से अपनी उंगलियों को फन्साते हुए राज की आँखो में देखा….और फिर धीरे-2 राज के अंडर वेअर को नीचे सरकाने लगी…..
जैसे ही राज का अंडरवेर उसकी जाँघो तक नीचे हुआ, राज का 8 इंच का बाबूराव उछल कर भाभी की आँखो के सामने आ गया…भाभी ने अंडरवेर छोड़ कर उसके बाबूराव को लपक के अपने दोनो हाथों मे पकड़ लिया…और ऊपेर से नीचे तक उसके बाबूराव को सहलाते हुए , उसकी लंबाई और मोटाई का जायज़ा लेने लगी….फिर जैसे ही भाभी ने उसके बाबूराव से चमड़ी को पीछे सरकाया तो, राज के बाबूराव का गुलाबी सुपाडा देखते ही भाभी की आँखो मे चमक आ गयी…..
भाभी का दिल तो कर रहा था कि, वो उसी पल उसे मूह में लेकर उसके चुप्पे लगाने शुरू कर दे….उसके लाल गुलाबी सुपाडे को चाट-2 कर और लाल कर दे….उसने सुपाडे अपने होंटो को रगड़ा….पर भाभी ऐसा करने से थोड़ा शरमा रही थी….भाभी अपनी नज़रें राज के बाबूराव से हटा नही पा रही थी…राज ने भाभी के सर को पकड़ कर अपने बाबूराव पर उनके होंटो को झुकाना शुरू कर दिया…भाभी ने नज़रें उठा कर राज की ओर देखते हुए ना मे सर हिलाया….
.”प्लीज़ चूसो ना मॅम…..देखो कितनी बुरी हालत हो रही है इसकी…मैं तड़प रहा हूँ….प्लीज़ इसे आपने होंटो का अमृत पीला कर थोड़ा शांत तो कर दो….प्लीज़……
भाभी ने ऐसे दिखाया…..जैसे वो ये सब राज का मन रखने के लिए कर रही है… उसने मूह बिचकाते हुए अपने होंटो को खोला और धीरे-2 उसके बाबूराव के मोटे गुलाबी सुपाडे को अपने होंटो मे भरती चली गयी….राज भी भाभी के रसीले तपते हुए होंटो को अपने बाबूराव के सुपाडे पर महसूस करके एक दम से सिसक उठा…”ओह्ह्ह मॅम आप तो आज मेरी जान निकाल कर ही रहेंगी……आहह कितना मज़ा आ रहा है…ओह्ह एसस्स फक आप कमाल हो मॅम…..यू आर दा बेस्ट….”
आगे अगले अपडेट में जारी ...