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मेरी सलोनी बीवी....1
#47
मैंने मोबाइल निकाल समय देखा… करीब आधा घंटा मुझे घर से निकले हो गया था… मधु भी वहाँ थी तो अरविन्द अंकल सलोनी से ज्यादा मजा तो नहीं ले पाये होंगे… और मैंने तो यहाँ पूरा काम ही कर दिया था…

पर कहीं ना कहीं दिल सलोनी के बारे में जानने को कर रहा था…

तभी नलिनी भाभी ने मेरे लण्ड को भी कपड़े से साफ़ किया… फिर उसको चूमकर मेरी पैंट में कर दिया…

मैंने उनको चूमा और वहाँ से निकल आया…

मैंने अपने फ्लैट की ओर देखा… दरवाजा बंद था… मतलब अंकल अभी भी अंदर ही थे…

मैं अभी प्लान कर ही रहा था कि मुझे सीढ़ियों से मधु आती नजर आई…

मैं चोंक गया… मधु यहाँ है… तो क्या बंद फ्लैट के अंदर अंकल और सलोनी अकेले हैं… ओह क्या वो दोनों भी चुदाई कर रहे हैं…???

मधु मुझे आश्चर्य से देख रही थी…

मैंने उसको आँखों में देखते हुए ही पूछा- कहाँ गई थी तू??

मधु जैसे उसने कुछ सुना ही नहीं- अरे भैया आप यहाँ… इस समय?

मैं- मैंने तुझसे कुछ पूछा…

मधु अपने हाथ में सिगरेट की डब्बी दिखाते हुए- अंकल ने मंगाई थी…

मैं- क्या कर रहे हैं वो दोनों अंदर????

मधु ने कंधे उचकाए- मुझे क्या पता??

मैं- कितनी देर हो गई तुझे निकले हुए…

मधु- अभी तो गई थी… हाँ दुकान पर कुछ भीड़ थी…

मुझे पता था कि बाहर कॉलोनी तक जाने इतनी सीढ़ियां… इस सबमें करीब 15 मिनट तो लगते ही हैं… इसका मतलब पिछले 15-20 मिनट से दोनों अंदर हैं और दरवाजा भी लॉक कर लिया…

साला अरविन्द मेरी बीवी से पूरा मजा ले रहा होगा… अब देखा कैसे जाये…

तभी मुझे रसोई वाली खिड़की नजर आई और मैं चुपचाप मधु को वहाँ ले गया…

मेरी किस्मत कि खिड़की खुली थी… हाँ उसके दरवाजे भिड़ा कर बंद कर दिया था…

मैंने हल्की से आहत लेते हुए दरवाजे को खोल दिया… रसोई में कोई नहीं था…

मैंने उसके जंगले की चिटकनी खोल उसको भी खोला और देखा… अब अंदर जाया जा सकता था…

पर खिड़की काफी ऊँची थी, ऊपर चढ़ने के लिए कोई ऊँची कुर्सी या स्टूल चाहिए था…

मैंने मधु की ओर देखा, उसने अपना कल वाला फ्रॉक पहन लिया था शायद बाहर आने के लिए… या अंकल के कारण…

मैंने मुँह पर ऊँगली रख उसको चुप रहने के लिए इशारा किया और उसको अंदर जाने के लिए बोला…

वो एकदम तैयार हो गई…

मैंने उसको उचकाया… और जैसे ही उसके चूतड़ों पर हाथ लगाया… एकदम से ठंडा सा लगा…

मधु ने अभी भी कच्छी नहीं पहनी थी, उसके चूतड़ नंगे थे…

मैंने मधु को गोद में उठाकर खिड़की पर टिकाया और अपना हाथ सहारे के लिए ही उसके चूतड़ों पर रखा… उसका छोटा फ्रॉक हट गया था और मेरा हाथ उसके नंगे चूतड़ों पर था…

एक बार फिर मेरे हाथों ने मधु के मांसल, छोटे छोटे चूतड़ों का स्पर्श किया और रोमांच से भर गए
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RE: मेरी सलोनी बीवी....1 - by Wilson - 03-08-2021, 09:51 PM



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