03-08-2021, 09:43 PM
आज तो पकड़ कर अपना लण्ड पीछे से उनके चूतड़ों में डाल ही दूंगा…
यही सोचते हुए मैं अंदर घुसा… बाहर कोई नहीं था… इसका मतलब भाभी अंदर वाले कमरे में ही थी…
और मैंने चुपके से अंदर वाले कमरे में झाँका…
अह्हा…
भाभी ना दोनों कमरों में थी और ना बाथरूम में…
मैंने सब जगह देख लिया था… मैं बाहर वाले कमरे के साइड में देखा वहाँ उनकी रसोई है… हो सकता है वो वहाँ हों…
और मुझे भाभी जी दिख गई… सफ़ेद टाइट पजामी और शार्ट ब्लैक कुर्ती पहने वो रसोई में काम कर रही थीं..
कुर्ती उनके चूतड़ों के आधे भाग पर टिकी थी… भाभी के चूतड़ इतने विशाल और ऊपर को उठे हुए थे कि कुर्ती के बावजूद पूरे दिख रहे थे…
भाभी की सफ़ेद पजामी उनके जाँघों और चूतड़ पर पूरी तरह से कसी हुई थी…
कुल मिलाकर भाभी बम लग रही थी…
मैंने अपना बैग वहीं कमरे में रखा और पीछे से भाभी के पास पहुँच गया…
मैं अभी कुछ करने की सोच ही रहा था मैंने देखा कि नलिनी भाभी आटा गूंध रही थी, उन्होंने शायद मुझे नहीं देखा था और ना ही पहचाना था…
पर शायद उनको एहसास हो गया था कि कोई है… और वो उनके पति अरविन्द अंकल ही हो सकते हैं…
वो बिना पीछे घूमे बोली- अरे सुनो… जरा मेरी पीठ में खुजली हो रही है…जरा खुजा दो…
वो एक हाथ से बालों को सही करते हुए सीधे हाथ से आटा गूंधने में मग्न थीं…
मैंने भी कुछ और ना सोचते हुए उनके मस्त बदन को छूने का मौका जाया नहीं किया…
रात मधु के साथ मस्ती करने के बाद मेरा अब सारा डर पहले ही ख़त्म हो गया था…
भाभी को अगर बुरा लगा भी तो क्या होगा… ज्यादा से ज्यादा वो सलोनी से ही कहेंगी…
और मुझे पक्का यकीन था कि वो सब कुछ आराम से संभाल लेगी…
मैंने भाभी की टाइट कुर्ती को उठाकर अपना हाथ अंदर को सरका दिया…
वो सीधी हो खड़ी हो गई तो कुर्ती आराम से उनके पेट तक ऊपर हो गई मगर और ज्यादा ऊपर नहीं हुई, वो उनके वक्ष-उभारों पर अटक गई…
नलिनी भाभी की सफ़ेद, बाल रहित चिकनी पीठ आधी नंगी मेरे सामने थी…
मैं हाथ से सहलाने लगा…
नलिनी भाभी- अरे नाखून से खुजाओ न… पसीने से पूरी पीठ में खुजली हो रही है…
मन में सोचा कि बोल दूँ कि कुर्ती उतार दो… आराम से खुजा देता हूँ…
पर मेरी आवाज वो पहचान जाती… इसलिए चुप रहा…
मैंने हाथ कुर्ती के अंदर तक घुसा कर ऊपर उनकी गर्दन और कंधों तक ले गया…
अंदर कोई वस्त्र नहीं था…
वाह… नलिनी भाभी ने ब्रा भी नहीं पहनी थी… उनके मम्मे नंगे ही होंगे…
मन ने कहा कि अगर जरा से जोर लगाकर कुर्ती ऊपर को सरकाऊ तो आज फ़िर मम्मे नंगें दिख जायेंगे…
तभी मेरी नजर खुजाते हुए ही नीचे की ओर गई…
सफेद टाइट पजामी इलास्टिक वाली थी, पजामी उनके चूतड़ के ऊपरी भाग तक ही थी… उनके चूतड़ के दोनों भाग का ऊपरी गड्डा जहाँ से चूतड़ों की दरार शुरू होती है, पजामी से बाहर नंगा था और बहुत सेक्सी लग रहा था…
मैं जरा पीछे खिसका और पूरे चूतड़ों का अवलोकन किया…
टाइट पजामी में कहीं भी मुझे पैंटी लाइन या कच्छी का कोई निशान नहीं दिखा…
इसका मतलब नलिनी भाभी ने कच्छी भी नहीं पहनी थी…
बस मेरा लण्ड उनके चूतड़ के आकार को देखते ही खड़ा हो गया…
यही सोचते हुए मैं अंदर घुसा… बाहर कोई नहीं था… इसका मतलब भाभी अंदर वाले कमरे में ही थी…
और मैंने चुपके से अंदर वाले कमरे में झाँका…
अह्हा…
भाभी ना दोनों कमरों में थी और ना बाथरूम में…
मैंने सब जगह देख लिया था… मैं बाहर वाले कमरे के साइड में देखा वहाँ उनकी रसोई है… हो सकता है वो वहाँ हों…
और मुझे भाभी जी दिख गई… सफ़ेद टाइट पजामी और शार्ट ब्लैक कुर्ती पहने वो रसोई में काम कर रही थीं..
कुर्ती उनके चूतड़ों के आधे भाग पर टिकी थी… भाभी के चूतड़ इतने विशाल और ऊपर को उठे हुए थे कि कुर्ती के बावजूद पूरे दिख रहे थे…
भाभी की सफ़ेद पजामी उनके जाँघों और चूतड़ पर पूरी तरह से कसी हुई थी…
कुल मिलाकर भाभी बम लग रही थी…
मैंने अपना बैग वहीं कमरे में रखा और पीछे से भाभी के पास पहुँच गया…
मैं अभी कुछ करने की सोच ही रहा था मैंने देखा कि नलिनी भाभी आटा गूंध रही थी, उन्होंने शायद मुझे नहीं देखा था और ना ही पहचाना था…
पर शायद उनको एहसास हो गया था कि कोई है… और वो उनके पति अरविन्द अंकल ही हो सकते हैं…
वो बिना पीछे घूमे बोली- अरे सुनो… जरा मेरी पीठ में खुजली हो रही है…जरा खुजा दो…
वो एक हाथ से बालों को सही करते हुए सीधे हाथ से आटा गूंधने में मग्न थीं…
मैंने भी कुछ और ना सोचते हुए उनके मस्त बदन को छूने का मौका जाया नहीं किया…
रात मधु के साथ मस्ती करने के बाद मेरा अब सारा डर पहले ही ख़त्म हो गया था…
भाभी को अगर बुरा लगा भी तो क्या होगा… ज्यादा से ज्यादा वो सलोनी से ही कहेंगी…
और मुझे पक्का यकीन था कि वो सब कुछ आराम से संभाल लेगी…
मैंने भाभी की टाइट कुर्ती को उठाकर अपना हाथ अंदर को सरका दिया…
वो सीधी हो खड़ी हो गई तो कुर्ती आराम से उनके पेट तक ऊपर हो गई मगर और ज्यादा ऊपर नहीं हुई, वो उनके वक्ष-उभारों पर अटक गई…
नलिनी भाभी की सफ़ेद, बाल रहित चिकनी पीठ आधी नंगी मेरे सामने थी…
मैं हाथ से सहलाने लगा…
नलिनी भाभी- अरे नाखून से खुजाओ न… पसीने से पूरी पीठ में खुजली हो रही है…
मन में सोचा कि बोल दूँ कि कुर्ती उतार दो… आराम से खुजा देता हूँ…
पर मेरी आवाज वो पहचान जाती… इसलिए चुप रहा…
मैंने हाथ कुर्ती के अंदर तक घुसा कर ऊपर उनकी गर्दन और कंधों तक ले गया…
अंदर कोई वस्त्र नहीं था…
वाह… नलिनी भाभी ने ब्रा भी नहीं पहनी थी… उनके मम्मे नंगे ही होंगे…
मन ने कहा कि अगर जरा से जोर लगाकर कुर्ती ऊपर को सरकाऊ तो आज फ़िर मम्मे नंगें दिख जायेंगे…
तभी मेरी नजर खुजाते हुए ही नीचे की ओर गई…
सफेद टाइट पजामी इलास्टिक वाली थी, पजामी उनके चूतड़ के ऊपरी भाग तक ही थी… उनके चूतड़ के दोनों भाग का ऊपरी गड्डा जहाँ से चूतड़ों की दरार शुरू होती है, पजामी से बाहर नंगा था और बहुत सेक्सी लग रहा था…
मैं जरा पीछे खिसका और पूरे चूतड़ों का अवलोकन किया…
टाइट पजामी में कहीं भी मुझे पैंटी लाइन या कच्छी का कोई निशान नहीं दिखा…
इसका मतलब नलिनी भाभी ने कच्छी भी नहीं पहनी थी…
बस मेरा लण्ड उनके चूतड़ के आकार को देखते ही खड़ा हो गया…