03-08-2021, 12:25 PM
मैं बाथरूम में जाकर नहाने की तैयारी कर ही रहा था कि मुझे दरवाजे की घण्टी की आवाज सुनाई दी…
ट्रीन्न्न्न्न… ट्रीन्न्न्न्न…
मैं सोचने लगा कि अभी कौन आ गया… प्रणव तो रात को आने वाला था…
तभी मेरे दिमाग में आया… कि सलोनी तो सिर्फ तौलिया में ही थी… वो कैसे दरवाजा खोलेगी…
ट्रीन्न्न्न्न… ट्रीन्न्न्न्न…
एक बार फिर से घंटी बजी…
इसका मतलब सलोनी कपड़े पहन रही होगी… इसीलिए कोई बेचारा इन्तजार कर रहा होगा…
मगर अचानक मुझे दरवाजा खुलने की आवाज भी आ गई…
इतनी जल्दी तो सलोनी कपड़े नहीं पहन सकती… उसने शायद गाउन डालकर ही दरवाजा खोल दिया होगा…
मैं खुद को रोक नहीं पाया… फिर से रोशनदान पर चढ़कर देखने लगा कि आखिर क्या पहनकर उसने दरवाजा खोला…
और है कौन आने वाला…??
और मैं चौंक गया… सलोनी अभी भी तौलिये में ही थी… उसने वैसे ही दरवाजा खोला था…
और आने वाले अरविन्द अंकल थे… उनके हाथ में सलोनी के कपड़े थे जो भाभी पहनकर गई थी…
सलोनी- ओह आप अंकल… क्या हुआ??
अंकल- बेटा लो ये तेरे कपड़े…
सलोनी- अरे इतनी क्या जल्दी थी… आ जाते…
फिर थोड़ा शरमा कर मुस्कुराते हुए- क्यों, आपको भाभी अच्छी नहीं लगी इन कपड़ों में?
अंकल- अरे नहीं, सही ही थी… उसमें इतना दम कहाँ… ये कपड़े तो तेरे ऊपर ही गजब ढाते हैं…
सलोनी- अरे नहीं अंकल… भाभी भी गजब ढा रही थीं… अंकुर तो बस उनको ही देख रहे थे…
अंकल- क्या अंकुर आ गया? उसने बताया नहीं…
सलोनी- अरे भूल गई होंगी… पर अंकुर उनको देख मस्त हो गए थे…
अंकल- अच्छा तो उसने भी… उसको इन कपड़ों में देख लिया?
सलोनी- वैसे सच बताओ अंकल… आंटी मस्त लग रही थी या नहीं?
अंकल- हाँ बेटा, लग तो जानमारु रही थी… अब तू कल उसको बढ़िया… बढ़िया सेट दिलवा देना…
सलोनी- ठीक है अंकल… आप चिंता ना करो… मैं उनको पूरा सेक्सी बना दूंगी…
अंकल- अच्छा अब उसके कपड़े तो दे दे… कह रही है वही पहनेगी… अपनी कच्छी ब्रा भी यहीं छोड़कर चली गई…
सलोनी- हाय, तो क्या भाभी अभी नंगी ही बैठी हैं?
दोनों अंदर बैडरूम में ही आ गये…
अंकल- हाँ बेटा… जब मैं आया तब तो नंगी ही थी… जल्दी दे… कहीं और कोई आ गया तो? …हे हे हे…
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
सलोनी- क्या अंकल आप भी… ये रखे हैं भाभी के कपड़े…
अंकल कपड़ों को एक हाथ से पकड़… बेड पर सलोनी के बाकी कपड़े और कच्छी ब्रा देख रहे थे।
अंकल- बेटा तू अपनी भाभी को कुछ बढ़िया ऐसे छोटे छोटे… कच्छी-ब्रा भी दिला देना…
सलोनी थोड़ी शरमाते हुए- ओह क्या अंकल… आप भी ना… मेरे ना देखो, भाभी की कच्छी ब्रा लो और जाइये… वो वहाँ नंगी बैठी
इन्तजार कर रही होंगी…
हा हा हा…
तभी मेरे देखते-देखते अंकल ने तुरंत वो कर दिया जिसकी कल्पना भी नहीं की थी…
अंकल सलोनी के तौलिए को पकड़ कर- दिखा, तूने कौन से पहने हैं इस समय…
तौलिया शायद बहुत ढीला सा ही बंधा था… जो तुरंत खुल गया…
और मेरी आँखे खुली की खुली रह गईं…
बैडरूम की सफेद चमकती रोशनी में सलोनी पूरी नंगी… एक 60 साल के आदमी के सामने पूरी नंगी खड़ी थी…
और वो भी तब जब उसका पति यानि कि मैं… घर पर… बाथरूम में था…
सलोनी बुरी तरह हड़बड़ाते हुए- नहींईईईईईईई अंकल… क्या कर रहे हो… मैंने अभी कुछ नहीं पहना…
और उनके हाथ से एकदम तौलिया खींच… अपने को आगे से ढकने की कोशिश करने लगी।
अंकल- ओह सॉरी बेटा… हा हा हा… मुझे नहीं पता था… पर कमाल लग रही हो…
सलोनी- अच्छा अब जल्दी जाओ… अंकुर अंदर ही हैं…
उसने बाथरूम की ओर चुपके से इशारा किया… और ना जाने क्यों बहुत फुसफुसाते हुए बात कर रही थी।
वो मजे भी लेना चाहती थी… और अभी भी मुझसे डरती थी… और ये सब छुपाना भी चाहती थी…
अंकल भी जो थोड़ा खुल गए थे… उनको भी शायद याद आ गया था कि मैं अभी घर पर ही हूँ…
वो भी थोड़ा सा डरकर बाहर को निकल गए…
अंकल- अरे सॉरी बेटा…
सलोनी- अब क्या हुआ??
अंकल- अरे उसी के लिए… मैंने तुमको नंगा देख लिया… वो वाकयी मुझे नहीं पता था कि तुमने…
सलोनी- अरे छोड़ो भी ना अंकल… ऐसे कह रहे हो जैसे… पहली बार देखा हो…
सलोनी की बातें सुन साफ़ लग रहा था… कि वो बहुत बोल्ड लड़की है…
अंकल- हे हे हे… वो क्या बेटा… वो तो हे हे… अलग बात थी… मगर इस टाइम तो गजब… सही में बेटा… तू बहुत सेक्सी है…
अंकुर बहुत लकी है…
सलोनी फिर शरमाते हुए- …ओह अंकल थैंक्स… अब आप जाओ अंकुर आते होंगे…
सलोनी ने अभी भी तौलिया बाँधा नहीं था… केवल अपने हाथ से अगला हिस्सा ढक कर अपनी बगल से पकड़ा हुआ था…
अंकल फुसफुसाते हुए- बेटा एक बात कहूँ… बुरा मत मानना प्लीज़…
सलोनी- अब क्या है????
अंकल- बेटा एक बार और हल्का सा दिखा दे… दिल कि इच्छा पूरी हो जाएगी !!!
ट्रीन्न्न्न्न… ट्रीन्न्न्न्न…
मैं सोचने लगा कि अभी कौन आ गया… प्रणव तो रात को आने वाला था…
तभी मेरे दिमाग में आया… कि सलोनी तो सिर्फ तौलिया में ही थी… वो कैसे दरवाजा खोलेगी…
ट्रीन्न्न्न्न… ट्रीन्न्न्न्न…
एक बार फिर से घंटी बजी…
इसका मतलब सलोनी कपड़े पहन रही होगी… इसीलिए कोई बेचारा इन्तजार कर रहा होगा…
मगर अचानक मुझे दरवाजा खुलने की आवाज भी आ गई…
इतनी जल्दी तो सलोनी कपड़े नहीं पहन सकती… उसने शायद गाउन डालकर ही दरवाजा खोल दिया होगा…
मैं खुद को रोक नहीं पाया… फिर से रोशनदान पर चढ़कर देखने लगा कि आखिर क्या पहनकर उसने दरवाजा खोला…
और है कौन आने वाला…??
और मैं चौंक गया… सलोनी अभी भी तौलिये में ही थी… उसने वैसे ही दरवाजा खोला था…
और आने वाले अरविन्द अंकल थे… उनके हाथ में सलोनी के कपड़े थे जो भाभी पहनकर गई थी…
सलोनी- ओह आप अंकल… क्या हुआ??
अंकल- बेटा लो ये तेरे कपड़े…
सलोनी- अरे इतनी क्या जल्दी थी… आ जाते…
फिर थोड़ा शरमा कर मुस्कुराते हुए- क्यों, आपको भाभी अच्छी नहीं लगी इन कपड़ों में?
अंकल- अरे नहीं, सही ही थी… उसमें इतना दम कहाँ… ये कपड़े तो तेरे ऊपर ही गजब ढाते हैं…
सलोनी- अरे नहीं अंकल… भाभी भी गजब ढा रही थीं… अंकुर तो बस उनको ही देख रहे थे…
अंकल- क्या अंकुर आ गया? उसने बताया नहीं…
सलोनी- अरे भूल गई होंगी… पर अंकुर उनको देख मस्त हो गए थे…
अंकल- अच्छा तो उसने भी… उसको इन कपड़ों में देख लिया?
सलोनी- वैसे सच बताओ अंकल… आंटी मस्त लग रही थी या नहीं?
अंकल- हाँ बेटा, लग तो जानमारु रही थी… अब तू कल उसको बढ़िया… बढ़िया सेट दिलवा देना…
सलोनी- ठीक है अंकल… आप चिंता ना करो… मैं उनको पूरा सेक्सी बना दूंगी…
अंकल- अच्छा अब उसके कपड़े तो दे दे… कह रही है वही पहनेगी… अपनी कच्छी ब्रा भी यहीं छोड़कर चली गई…
सलोनी- हाय, तो क्या भाभी अभी नंगी ही बैठी हैं?
दोनों अंदर बैडरूम में ही आ गये…
अंकल- हाँ बेटा… जब मैं आया तब तो नंगी ही थी… जल्दी दे… कहीं और कोई आ गया तो? …हे हे हे…
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
सलोनी- क्या अंकल आप भी… ये रखे हैं भाभी के कपड़े…
अंकल कपड़ों को एक हाथ से पकड़… बेड पर सलोनी के बाकी कपड़े और कच्छी ब्रा देख रहे थे।
अंकल- बेटा तू अपनी भाभी को कुछ बढ़िया ऐसे छोटे छोटे… कच्छी-ब्रा भी दिला देना…
सलोनी थोड़ी शरमाते हुए- ओह क्या अंकल… आप भी ना… मेरे ना देखो, भाभी की कच्छी ब्रा लो और जाइये… वो वहाँ नंगी बैठी
इन्तजार कर रही होंगी…
हा हा हा…
तभी मेरे देखते-देखते अंकल ने तुरंत वो कर दिया जिसकी कल्पना भी नहीं की थी…
अंकल सलोनी के तौलिए को पकड़ कर- दिखा, तूने कौन से पहने हैं इस समय…
तौलिया शायद बहुत ढीला सा ही बंधा था… जो तुरंत खुल गया…
और मेरी आँखे खुली की खुली रह गईं…
बैडरूम की सफेद चमकती रोशनी में सलोनी पूरी नंगी… एक 60 साल के आदमी के सामने पूरी नंगी खड़ी थी…
और वो भी तब जब उसका पति यानि कि मैं… घर पर… बाथरूम में था…
सलोनी बुरी तरह हड़बड़ाते हुए- नहींईईईईईईई अंकल… क्या कर रहे हो… मैंने अभी कुछ नहीं पहना…
और उनके हाथ से एकदम तौलिया खींच… अपने को आगे से ढकने की कोशिश करने लगी।
अंकल- ओह सॉरी बेटा… हा हा हा… मुझे नहीं पता था… पर कमाल लग रही हो…
सलोनी- अच्छा अब जल्दी जाओ… अंकुर अंदर ही हैं…
उसने बाथरूम की ओर चुपके से इशारा किया… और ना जाने क्यों बहुत फुसफुसाते हुए बात कर रही थी।
वो मजे भी लेना चाहती थी… और अभी भी मुझसे डरती थी… और ये सब छुपाना भी चाहती थी…
अंकल भी जो थोड़ा खुल गए थे… उनको भी शायद याद आ गया था कि मैं अभी घर पर ही हूँ…
वो भी थोड़ा सा डरकर बाहर को निकल गए…
अंकल- अरे सॉरी बेटा…
सलोनी- अब क्या हुआ??
अंकल- अरे उसी के लिए… मैंने तुमको नंगा देख लिया… वो वाकयी मुझे नहीं पता था कि तुमने…
सलोनी- अरे छोड़ो भी ना अंकल… ऐसे कह रहे हो जैसे… पहली बार देखा हो…
सलोनी की बातें सुन साफ़ लग रहा था… कि वो बहुत बोल्ड लड़की है…
अंकल- हे हे हे… वो क्या बेटा… वो तो हे हे… अलग बात थी… मगर इस टाइम तो गजब… सही में बेटा… तू बहुत सेक्सी है…
अंकुर बहुत लकी है…
सलोनी फिर शरमाते हुए- …ओह अंकल थैंक्स… अब आप जाओ अंकुर आते होंगे…
सलोनी ने अभी भी तौलिया बाँधा नहीं था… केवल अपने हाथ से अगला हिस्सा ढक कर अपनी बगल से पकड़ा हुआ था…
अंकल फुसफुसाते हुए- बेटा एक बात कहूँ… बुरा मत मानना प्लीज़…
सलोनी- अब क्या है????
अंकल- बेटा एक बार और हल्का सा दिखा दे… दिल कि इच्छा पूरी हो जाएगी !!!