02-08-2021, 08:52 PM
सलोनी- ओके बेबी… अब पीछे से तो हट… जब देखो… कहीं न कहीं घुसाता रहेगा… अब इसको बाज़ार में जरा संभाल कर रखना… ओके?
पारस- भाभी यही तो कंट्रोल में नहीं रहता, अब तो खुला रास्ता है… बस स्कर्ट उठाई और अंदर… हाहा…हाहा…
सलोनी- अच्छा जी… तो यह तेरा प्लान है… मारूंगी… हाँ… देख ऐसा कुछ बाज़ार में मत करना… कभी मुझे सबके सामने रुसवा कर दे?
पारस- अरे नहीं भाभी… आप तो मेरी सबसे प्यारी भाभी हो…
सलोनी- अच्छा चल अब जल्दी कर…
ओके…
मेरे पाठक दोस्तो, मैं खुश था… रिकॉर्डर सलोनी के साथ था मगर अगले 3 घंटे सही रिकॉर्ड नहीं हुए। यहीं आकर यह आधुनिक मशीनें भी फ़ेल हो जाती हैं।
इतनी मिक्स आवाजें थी कि कुछ सही से समझ नहीं आ रहा था।
मगर उसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि मुझे काफी कुछ पता चल गया।
घर से निकलने के बाद पारस के बाइक स्टार्ट करने की आवाज।
जब वो आता था तो मेरी बाइक वो ही यूज़ करता था…
पारस- आओ बेठो मेरी जान मेरी प्रेमिका की तरह
सलोनी- अच्छा जी, अपने भैया के सामने बोलना.. हे हे
पारस- ओह क्या भाभी ओल्ड फैशन, दोनों और पैर करके चिपक कर बैठो ना।
सलोनी- हाँ हाँ मुझे पता है पर पहले कालोनी से बाहर लेकर चल फिर वैसे भी बैठ जाऊँगी। और आज कैसे यार पैर खोलकर बैठूंगी तो स्कर्ट उड़ेगी, फिर तो सब क्या क्या देखेंगे।
पारस- क्या देखेंगे हो हो…
सलोनी- मारूंगी कमीने, तेरे कहने से ही मैंने कच्छी नहीं पहनी, और अब सबको दिखाना भी चाहता है।
पारस- वही तो मेरी जान देखना आज बाज़ार में आग लगने वाली है। और आप तो बस मजे लो।
सलोनी- हाँ हाँ मुझे पता है मजे कौन ले रहा है।
…
…
सलोनी- अच्छा अब रोक वैसे ही बैठती हूँ।
…
पारस- बिल्कुल चिपक जाओ जान,
सलोनी- और कितना चिपकू, चूत में तेरे जीन्स का कपड़ा तक चुभ रहा है।
पारस- अह… हा हा… हाहाहाहा…
…
…
पारस- उधर देखो भाभी, वो कैसे देख रहा है।
सलोनी- हट मैं नहीं देखती… देखने दे उसको, जो देख रहा है।
पारस- बहुत देर से पीछे चल रहा है।
सलोनी- मुझे पता है मेरे चूतड़ देखकर पहले इशारा भी कर रहा था।
पारस- अच्छा कौन सा?
सलोनी- फ़क यानि चुदाई का, और कौन सा, मैं कह ही रही थी तू मुझे रुसवा करवाएगा। इतनी तेज चला रहा है स्कर्ट पूरी ऊपर हो जा रही है… सोच, उसको कितने मजे आ रहे होंगे ! थोड़ी धीरे कर ना !
पारस- लो भाभी…
चटअआआ ताआआ अक्क्क्क
सलोनी- आआआ… आआअह्ह ह्हा… आआअ…
पारस- क्या हुआ भाभी…
सलोनी- हरामी, साला तू पकड़ न उसको, मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मार कर भाग गया। उनन्न पूरे लाल हो गए होंगे।
पारस- हाहाहाहा… ह्हह्हाहह… देखा इसलिए मैं तेज चला रहा था… हा हाहाहा…
सलोनी- अब तू हंसा तो पिटेगा।
पारस- लाओ दिखाओ… भाभी, मैं सहला देता हूँ।
सलोनी- रहने दे, तू बस अब चला…
…
…
सलोनी- चल अब यहीं रोक दे…
…
…
पारस- क्या हुआ…?
सलोनी- देख उसको कैसे घूर रहा है, इसने मुझे उतरते हुए देख लिया था। जब मेरा पैर ऊपर था तो कमीना चूत में ही घुसा था।
पारस- हा हा… क्या बात है भाभी… तुम्हारे मुँह से ऐसी बातें सुन कर मजा आ गया।
सलोनी- हाँ हाँ… बहुत सुन ली मैंने तेरी… अब सबसे पहले तो कच्छी खरीदकर वहीं पहनती हूँ। बहुत देख ली सबने अब बस।
पारस- नो भाभी, यह चीटिंग है आज तो आप ऐसे ही रहोगी, और डरती क्यों हो मैं हूँ ना!
सलोनी- हाँ हाँ… मुझे पता है तू कितना है आज मेरा चोदन करा कर रहेगा। अगर इनके किसी दोस्त ने देख लिया न तो सब हो जाएगा।
पारस- अरे, कुछ नहीं होगा भाभी… देखना… वो भी आपका दीवाना हो जायेगा…
सलोनी- हाँ हाँ… तू तो बहुत कुछ जानता है… चल अब…
सलोनी- पारस आ… उस दुकान में चल।
पारस- नहीं भाभी… ये वाली ज्यादा सही है… मैंने जो आपको गिफ्ट दी थीं वो यहीं से ली थीं।
सलोनी- अरे इसमें तो केवल लड़के ही लड़के हैं, क्या इन सबके सामने मैं ब्रा, चड्डी लूंगी।
पारस- क्या भाभी, इतनी बोल्ड तो हो आप ! और अब ये दकियानूसी बातें? अरे खुद ही तो ज़िंदगी का मजा लेने की बात करती हो। अब देखो इनके पास से लेने में आपको बेस्ट चीज़ मिलेगी, और बहुत सही रेट में, आपको मजा अलग आएगा, आज देख लेना आप !
सलोनी- ओह, अच्छा मेरे राजा, ठीक है चल फिर मगर मेरी स्कर्ट के साथ कुछ शरारत मत करना।
पारस- अरे स्कर्ट के साथ कौन कमबख्त कुछ करना चाहता है… वही सुसरी मेरे काम की चीज पर पर्दा डाले है… हा हा हा हा…
सलोनी- हे हे हे हे… ओह… यहाँ तो और भी लड़कियाँ हैं… मैं तो समझ रही थी कि यहाँ कौन आता होगा।
पारस- और वो देखो भाभी… कैसे चेक भी कर रही है।
सलोनी- हाँ हाँ… मगर जीन्स के ऊपर ना… मुझसे मत कहना चेक करने को हा हा…
पारस- वाओ भाभी… मजा आ जायेगा जब तुम चेक करोगी तो… तुम्हारी नंगी चूत और चूतड़ देख ये सब तो… हाय मैं मर गया…
सलोनी- छिः… चल अब…
एक लड़का सेलमैन- क्या दिखाऊँ मैडमजी?
सलोनी- कुछ मॉडर्न अंडरगार्मेन्ट्स…
…
सलोनी- हाँ वो वाला…
लड़का- मैडमजी, साइज़ क्या है आपका
पारस- भाभी यही तो कंट्रोल में नहीं रहता, अब तो खुला रास्ता है… बस स्कर्ट उठाई और अंदर… हाहा…हाहा…
सलोनी- अच्छा जी… तो यह तेरा प्लान है… मारूंगी… हाँ… देख ऐसा कुछ बाज़ार में मत करना… कभी मुझे सबके सामने रुसवा कर दे?
पारस- अरे नहीं भाभी… आप तो मेरी सबसे प्यारी भाभी हो…
सलोनी- अच्छा चल अब जल्दी कर…
ओके…
मेरे पाठक दोस्तो, मैं खुश था… रिकॉर्डर सलोनी के साथ था मगर अगले 3 घंटे सही रिकॉर्ड नहीं हुए। यहीं आकर यह आधुनिक मशीनें भी फ़ेल हो जाती हैं।
इतनी मिक्स आवाजें थी कि कुछ सही से समझ नहीं आ रहा था।
मगर उसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि मुझे काफी कुछ पता चल गया।
घर से निकलने के बाद पारस के बाइक स्टार्ट करने की आवाज।
जब वो आता था तो मेरी बाइक वो ही यूज़ करता था…
पारस- आओ बेठो मेरी जान मेरी प्रेमिका की तरह
सलोनी- अच्छा जी, अपने भैया के सामने बोलना.. हे हे
पारस- ओह क्या भाभी ओल्ड फैशन, दोनों और पैर करके चिपक कर बैठो ना।
सलोनी- हाँ हाँ मुझे पता है पर पहले कालोनी से बाहर लेकर चल फिर वैसे भी बैठ जाऊँगी। और आज कैसे यार पैर खोलकर बैठूंगी तो स्कर्ट उड़ेगी, फिर तो सब क्या क्या देखेंगे।
पारस- क्या देखेंगे हो हो…
सलोनी- मारूंगी कमीने, तेरे कहने से ही मैंने कच्छी नहीं पहनी, और अब सबको दिखाना भी चाहता है।
पारस- वही तो मेरी जान देखना आज बाज़ार में आग लगने वाली है। और आप तो बस मजे लो।
सलोनी- हाँ हाँ मुझे पता है मजे कौन ले रहा है।
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सलोनी- अच्छा अब रोक वैसे ही बैठती हूँ।
…
पारस- बिल्कुल चिपक जाओ जान,
सलोनी- और कितना चिपकू, चूत में तेरे जीन्स का कपड़ा तक चुभ रहा है।
पारस- अह… हा हा… हाहाहाहा…
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पारस- उधर देखो भाभी, वो कैसे देख रहा है।
सलोनी- हट मैं नहीं देखती… देखने दे उसको, जो देख रहा है।
पारस- बहुत देर से पीछे चल रहा है।
सलोनी- मुझे पता है मेरे चूतड़ देखकर पहले इशारा भी कर रहा था।
पारस- अच्छा कौन सा?
सलोनी- फ़क यानि चुदाई का, और कौन सा, मैं कह ही रही थी तू मुझे रुसवा करवाएगा। इतनी तेज चला रहा है स्कर्ट पूरी ऊपर हो जा रही है… सोच, उसको कितने मजे आ रहे होंगे ! थोड़ी धीरे कर ना !
पारस- लो भाभी…
चटअआआ ताआआ अक्क्क्क
सलोनी- आआआ… आआअह्ह ह्हा… आआअ…
पारस- क्या हुआ भाभी…
सलोनी- हरामी, साला तू पकड़ न उसको, मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मार कर भाग गया। उनन्न पूरे लाल हो गए होंगे।
पारस- हाहाहाहा… ह्हह्हाहह… देखा इसलिए मैं तेज चला रहा था… हा हाहाहा…
सलोनी- अब तू हंसा तो पिटेगा।
पारस- लाओ दिखाओ… भाभी, मैं सहला देता हूँ।
सलोनी- रहने दे, तू बस अब चला…
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सलोनी- चल अब यहीं रोक दे…
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पारस- क्या हुआ…?
सलोनी- देख उसको कैसे घूर रहा है, इसने मुझे उतरते हुए देख लिया था। जब मेरा पैर ऊपर था तो कमीना चूत में ही घुसा था।
पारस- हा हा… क्या बात है भाभी… तुम्हारे मुँह से ऐसी बातें सुन कर मजा आ गया।
सलोनी- हाँ हाँ… बहुत सुन ली मैंने तेरी… अब सबसे पहले तो कच्छी खरीदकर वहीं पहनती हूँ। बहुत देख ली सबने अब बस।
पारस- नो भाभी, यह चीटिंग है आज तो आप ऐसे ही रहोगी, और डरती क्यों हो मैं हूँ ना!
सलोनी- हाँ हाँ… मुझे पता है तू कितना है आज मेरा चोदन करा कर रहेगा। अगर इनके किसी दोस्त ने देख लिया न तो सब हो जाएगा।
पारस- अरे, कुछ नहीं होगा भाभी… देखना… वो भी आपका दीवाना हो जायेगा…
सलोनी- हाँ हाँ… तू तो बहुत कुछ जानता है… चल अब…
सलोनी- पारस आ… उस दुकान में चल।
पारस- नहीं भाभी… ये वाली ज्यादा सही है… मैंने जो आपको गिफ्ट दी थीं वो यहीं से ली थीं।
सलोनी- अरे इसमें तो केवल लड़के ही लड़के हैं, क्या इन सबके सामने मैं ब्रा, चड्डी लूंगी।
पारस- क्या भाभी, इतनी बोल्ड तो हो आप ! और अब ये दकियानूसी बातें? अरे खुद ही तो ज़िंदगी का मजा लेने की बात करती हो। अब देखो इनके पास से लेने में आपको बेस्ट चीज़ मिलेगी, और बहुत सही रेट में, आपको मजा अलग आएगा, आज देख लेना आप !
सलोनी- ओह, अच्छा मेरे राजा, ठीक है चल फिर मगर मेरी स्कर्ट के साथ कुछ शरारत मत करना।
पारस- अरे स्कर्ट के साथ कौन कमबख्त कुछ करना चाहता है… वही सुसरी मेरे काम की चीज पर पर्दा डाले है… हा हा हा हा…
सलोनी- हे हे हे हे… ओह… यहाँ तो और भी लड़कियाँ हैं… मैं तो समझ रही थी कि यहाँ कौन आता होगा।
पारस- और वो देखो भाभी… कैसे चेक भी कर रही है।
सलोनी- हाँ हाँ… मगर जीन्स के ऊपर ना… मुझसे मत कहना चेक करने को हा हा…
पारस- वाओ भाभी… मजा आ जायेगा जब तुम चेक करोगी तो… तुम्हारी नंगी चूत और चूतड़ देख ये सब तो… हाय मैं मर गया…
सलोनी- छिः… चल अब…
एक लड़का सेलमैन- क्या दिखाऊँ मैडमजी?
सलोनी- कुछ मॉडर्न अंडरगार्मेन्ट्स…
…
सलोनी- हाँ वो वाला…
लड़का- मैडमजी, साइज़ क्या है आपका