01-08-2021, 05:01 AM
भाभी चर्म पर पहुँच गयी थी मगर मै अब भी प्यासा ही था इसलिये मै धक्के लगाता रहा... चुतरश से भीगकर मेरा लण्ड अब और भी आसानी से चुत के अन्दर बाहर हो रहा था मगर भाभी अब कुछ देर तो ऐसे ही मुझसे लिपटी रही फिर वो मुझे रोकने लगी..
भाभी को शायद दिक्कत हो रही थी, मगर मै रूका नही, मै ऐसे ही धक्के लगाता रहा, क्योकी मै भी अब अपनी मँजिल के करीब ही था। भाभी को भी शायद ये अहसास हो गया था की इस हालत मे मेरा रुकना मुमकिन नही होगा इसलिये उन्होने अपने बदन को ढीला छोङ दिया और मुझे जल्दी से अपने मुकाम पर पहुँचाने के लिये मेरी कमर को सहलाने लगी........
मैने भी अब पाँच सात धक्के तो अपनी पुरी ताकत व तेजी से लगाये, फिर भाभी के बदन से लिपटता चला गया और हल्के हल्के धक्को के साथ उनकी चुत को अपने वीर्य से भरना शुरु कर दिया...
भाभी ने भी मुझे अब जोरो से अपनी बाँहो मे भीँच लिया और जब तक मैने अपना सारा ज्वार भाभी की चुत मे उगल नही दिया वो मुझे ऐसे अपनी बाँहो मे भीँचे रही...
अपना सारा काम ज्वार भाभी की चुत मे उगलने के बाद मै भाभी पर से उतरना चाहता था मगर भाभी मुझे ऐसे ही अपनी बाँहो मे कसे रही। शायद अब मुझे रशखलित करवाते करवाते भाभी फिर से उत्तेजित हो गयी थी..?
ऐसे ही अब मेरे व भाभी के बीच इस खेल का दौर लगभग पुरी रात चलता रहा और रात भर भाभी ने मुझे जगाये रखा... मेरे व भाभी के बीच उस रात चार बार सम्बन्ध बने, जिसमे से एक एक बार तो हम दोनो मुखमैथन से रशखलित हुवे थे बाकी तीन बार चुदाई करके सन्तुष्ट हुवे..
भाभी को शायद दिक्कत हो रही थी, मगर मै रूका नही, मै ऐसे ही धक्के लगाता रहा, क्योकी मै भी अब अपनी मँजिल के करीब ही था। भाभी को भी शायद ये अहसास हो गया था की इस हालत मे मेरा रुकना मुमकिन नही होगा इसलिये उन्होने अपने बदन को ढीला छोङ दिया और मुझे जल्दी से अपने मुकाम पर पहुँचाने के लिये मेरी कमर को सहलाने लगी........
मैने भी अब पाँच सात धक्के तो अपनी पुरी ताकत व तेजी से लगाये, फिर भाभी के बदन से लिपटता चला गया और हल्के हल्के धक्को के साथ उनकी चुत को अपने वीर्य से भरना शुरु कर दिया...
भाभी ने भी मुझे अब जोरो से अपनी बाँहो मे भीँच लिया और जब तक मैने अपना सारा ज्वार भाभी की चुत मे उगल नही दिया वो मुझे ऐसे अपनी बाँहो मे भीँचे रही...
अपना सारा काम ज्वार भाभी की चुत मे उगलने के बाद मै भाभी पर से उतरना चाहता था मगर भाभी मुझे ऐसे ही अपनी बाँहो मे कसे रही। शायद अब मुझे रशखलित करवाते करवाते भाभी फिर से उत्तेजित हो गयी थी..?
ऐसे ही अब मेरे व भाभी के बीच इस खेल का दौर लगभग पुरी रात चलता रहा और रात भर भाभी ने मुझे जगाये रखा... मेरे व भाभी के बीच उस रात चार बार सम्बन्ध बने, जिसमे से एक एक बार तो हम दोनो मुखमैथन से रशखलित हुवे थे बाकी तीन बार चुदाई करके सन्तुष्ट हुवे..