01-08-2021, 04:53 AM
कसम से भाभी की इस अदा ने तो मुझे अब अन्दर तक ही हिला दिया और मेरे मुँह से जोरो की सिसकी निकल गयी, मगर भाभी अब इतने पर ही नही रुकी , वो अपने होठो से मेरे सुपाङे की चमङी को पुरा पीछे करती हुई जहाँ तक मेरे लण्ड को अपने मुँह मे ले सकती थी वहाँ तक अन्दर करके उसे जोरो से चुश भी लिया.....
अब तो मै भी चीखे बीना नही रह सका। मै... "इईईई.श्श्श्श्श्..अ्अा्आ...ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्..." की एक चीख के साथ जोरो से सिसक उठा और अपने आप ही मेरे हाथ भाभी के सिर पर जोरो से कस गये।
पर भाभी भी कम नही थी, वो मुझे इस खेल के सारे सुख देने मे पीछे नही रहना चाहती थी या फिर ये कहु की वो मुझे इस खेल के एक एककर सारे गुर सिखा रही थी तो ये कुछ गलत नही होगा, क्योंकि मेरे लण्ड को अपने मुँह मे भरकर वो उसे अब जोर जोर से चुशने लगी तो, उनकी गर्म गर्म व चपल जीभ ने भी मेरे सुपाङे पर अब हरकत करना शुरु कर दिया...
वो अपनी लचीली जीभ को कभी मेरे सुपाङे पर गोल गोल घुमाकर उसे सहला रही थी तो कभी उसे जीभ निकालकर उसे पुरा चाट ले रही थी। भाभी की नर्म जीभ का स्पर्श व मुँह की गर्मी अपने लण्ड पर पाकर मै अब सातवे आसमान मे उङ रहा था।
मेरे लण्ड से तो पानी निकल ही रहा था, भाभी के मुँह से भी लार निकल रही थी जो की मेरे लण्ड के सहारे बह कर मेरी गोलियो व जाँघो पर फैलती जा रही थी।
मेरे लण्ड से निकले प्रेमरश ने भाभी के मुँह की लार से मिलकर एक नये ही द्रव्य का निर्माण कर लिया था जो की बेहद ही चिकना था। अब इस द्रव्य से भीग कर मेरा पुरा लण्ड बेहद ही चिकना हो गया था जिससे वो अपने आप ही भाभी के मुँह मे फिसल रहा था।
भाभी भी मेरे लण्ड को अपने होठो के बीच दबाकर कभी उपर नीचे कर रही थी तो कभी उसे जोरो से चुश रही थी, कभी सुपाङे के उपर जीभ को गोल गोल घुमा देती तो कभी कभी वो पुरी जीभ निकाल कर मेरे लण्ड को चाटले रही थी।
वो मेरे लण्ड के साथ ऐसे खेल, खेल रही थी जैसे कोई छोटा बच्चा लोलीपोप के साथ करता है। वो उसे कभी चुशता है तो कभी जीभ से चाटता है। बिल्कुल वैसे ही भाभी भी मेरे लण्ड के साथ वैसा ही कर रही थी मगर कुछ भी हो भाभी के इस खेल से मुझे बहुत मझा आ रहा था, मेरे लिये ये एक अदभुत व अविश्वसनीय अहसास था।
मेरे हाथ भाभी के सिर को पकङे हुवे थे जो की अब भाभी के सिर को सहलाने लगे थे, मै अपने आप पर काबु नही कर पा रहा था इसलिये भाभी के मुहँ के साथ साथ अपने आप ही मेरी कमर उपर नीचे हरकत करने लगी...