31-07-2021, 10:10 PM
अब तो मेरी भी समझ मे आ गया की भाभी के क्या ईरादे है और मेरे लण्ड के साथ वो क्या करना चाह रही है.....? अब ये बात मेरे दिमाग मे आते ही रोमाँच से मेरे रोँगटे खङे हो गये और दिल की धङकन एकदम से बढ सी गयी। पर भाभी ने बस एक बार ही अपने कोमल होठो से मेरे सुपाङे को चुमा था उसके बाद उन्होने अपना मुँह वहाँ से हटा लिया और मेरे लण्ड के नीचे की तरफ चुमने लगी।
मेरे लण्ड को चुमते हुवे भाभी का जो हाथ मेरे लण्ड को पकङे था वो अब धीरे धीरे मेरी गोलियो को सहलाने लगा। मुझसे ये सहन करना मुश्किल हो रहा था इसलिये मै भाभी के सिर को पकङकर जबरदस्ती उनके गालो व होठो पर पर अपने लण्ड को रगङने लगा..
मगर तभी भाभी जिस हाथ से मेरी गोलियो के साथ खेल रहा था उससे मेरे लण्ड के बेस को पकङ लिया और उसे सीधा खङा कर अपने मुँह को खोलकर मेरे लण्ड के अग्र भाग को अपने होठो के बीच दबा लिया......
भाभी के नर्म मुलायम होठो के बीच उनके मुँह की गर्मी अपने लण्ड पर महसूस होते ही मै अब...
"इईई.श्श्श्श्..अ्आ्आ्...ह्ह्ह्ह्ह्.....
इईईई.श्श्श्श्श्..अ्अा्आ्आ्...ह्ह्ह्ह्ह्ह्....." करके जोरो से सिसक उठा और अपने आप ही मेरे कुल्हे उपर हवा मे उठ गये...
मैने भाभी के सिर को भी अपने लण्ड पर जोरो से दबा भी लिया था ताकी अधिक से अधिक मेरा लण्ड भाभी के मुँह मे घुस जाये मगर मेरा लण्ड भाभी के दाँतो से ही टकराकर रह गया..!
भाभी एक हाथ से मेरे लण्ड को पकङे अभी भी मेरे सुपाङे पर अपने होठो को रखे थी। वो जानबुझकर मुझे तङपा रही थी, मगर मुझसे अब रहा नही जा रहा था इसलिये मै अपनी कमर को ही उपर नीचे हिलाकर अपने लण्ड को भाभी के हाथ व होठो के बीच घीसने लगा...
कुछ देर ऐसे ही मुझे तङपाने के बाद शायद भाभी को मेरी हालत पर तरश आ गया था इसलिये उन्होने दुसरे हाथ से पहले तो मेरी कमर को दबाकर मुझे रूकने का इशारा सा किया, फिर धीरे धीरे मेरे लण्ड के आगे के भाग को अपने होठो के बीच दबाकर उसे अपने नर्म नाजुक होठो के बीच घिसना शुरु कर दिया..
मेरे लण्ड से निकलने वाले पानी से भाभी के होठ चिकने हो गये थे इसलिए भाभी के होठ के बीच मेरा लण्ड भी आसानी से फिसल रहा था। उत्तेजना के मारे मेरे मुँह से सिसकियां निकलने लगी थी, मगर तभी....
भाभी के होठो मेरे लण्ड को पकङे पकङे ही उपर, मेरे लण्ड के अग्र भाग तक आये और मेरे सुपाङे की चमङी को अपनी पकङ मे फँसा लिया.. अब जैसे ही भाभी ने अपनी गर्दन को नीचे की तरफ दबाया... भाभी के नर्म नाजुक होठ मेरे सुपाङे की चमङी को खोलते हुवे नीचे तक लेकर चले गये और मेरा नँगा सुपाङा भाभी के गर्म गर्म मुँह मे समा गया..
मेरे लण्ड को चुमते हुवे भाभी का जो हाथ मेरे लण्ड को पकङे था वो अब धीरे धीरे मेरी गोलियो को सहलाने लगा। मुझसे ये सहन करना मुश्किल हो रहा था इसलिये मै भाभी के सिर को पकङकर जबरदस्ती उनके गालो व होठो पर पर अपने लण्ड को रगङने लगा..
मगर तभी भाभी जिस हाथ से मेरी गोलियो के साथ खेल रहा था उससे मेरे लण्ड के बेस को पकङ लिया और उसे सीधा खङा कर अपने मुँह को खोलकर मेरे लण्ड के अग्र भाग को अपने होठो के बीच दबा लिया......
भाभी के नर्म मुलायम होठो के बीच उनके मुँह की गर्मी अपने लण्ड पर महसूस होते ही मै अब...
"इईई.श्श्श्श्..अ्आ्आ्...ह्ह्ह्ह्ह्.....
इईईई.श्श्श्श्श्..अ्अा्आ्आ्...ह्ह्ह्ह्ह्ह्....." करके जोरो से सिसक उठा और अपने आप ही मेरे कुल्हे उपर हवा मे उठ गये...
मैने भाभी के सिर को भी अपने लण्ड पर जोरो से दबा भी लिया था ताकी अधिक से अधिक मेरा लण्ड भाभी के मुँह मे घुस जाये मगर मेरा लण्ड भाभी के दाँतो से ही टकराकर रह गया..!
भाभी एक हाथ से मेरे लण्ड को पकङे अभी भी मेरे सुपाङे पर अपने होठो को रखे थी। वो जानबुझकर मुझे तङपा रही थी, मगर मुझसे अब रहा नही जा रहा था इसलिये मै अपनी कमर को ही उपर नीचे हिलाकर अपने लण्ड को भाभी के हाथ व होठो के बीच घीसने लगा...
कुछ देर ऐसे ही मुझे तङपाने के बाद शायद भाभी को मेरी हालत पर तरश आ गया था इसलिये उन्होने दुसरे हाथ से पहले तो मेरी कमर को दबाकर मुझे रूकने का इशारा सा किया, फिर धीरे धीरे मेरे लण्ड के आगे के भाग को अपने होठो के बीच दबाकर उसे अपने नर्म नाजुक होठो के बीच घिसना शुरु कर दिया..
मेरे लण्ड से निकलने वाले पानी से भाभी के होठ चिकने हो गये थे इसलिए भाभी के होठ के बीच मेरा लण्ड भी आसानी से फिसल रहा था। उत्तेजना के मारे मेरे मुँह से सिसकियां निकलने लगी थी, मगर तभी....
भाभी के होठो मेरे लण्ड को पकङे पकङे ही उपर, मेरे लण्ड के अग्र भाग तक आये और मेरे सुपाङे की चमङी को अपनी पकङ मे फँसा लिया.. अब जैसे ही भाभी ने अपनी गर्दन को नीचे की तरफ दबाया... भाभी के नर्म नाजुक होठ मेरे सुपाङे की चमङी को खोलते हुवे नीचे तक लेकर चले गये और मेरा नँगा सुपाङा भाभी के गर्म गर्म मुँह मे समा गया..