31-07-2021, 09:54 PM
मेरा व भाभी का, दोनो का ही भी रस स्खलित हो गया था जिससे अब बाकी सब कुछ तो शान्त हो गया था मगर हम दोनों की सांसें अब भी उखड़ी हुई थीं।
अपनी अपनी उखङी साँसो को काबु मे करने के लिये कुछ देर तो मै और भाभी ऐसे ही लेटे रहे, फिर सामान्य होने पर भाभी तो अपने कपड़े ठीक करके बाहर चली गईं.. मगर मैं अब ऐसे ही लेटा रहा।
भाभी कुछ देर बाद ही अब चाय का कप लेकर फिर से मेरे पास ड्राईँगरुम आ गयी और मुझे देख कर अब वो जोरो से हँसने लगीं.. मैं अब भी नँगा ही पड़ा हुआ था इसलिये भाभी अब कुछ बोलती की तभी दरवाजे की घण्टी बज उठी..
शायद मम्मी-पापा आ गए थे इसलिये मैं अब उठ कर जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगा, तो भाभी चाय का कप मेरे पास रख कर दरवाजा खोलने चली गयीं।
इसके बाद मेरी और भाभी की कोई बात नहीं हुई क्योंकि मेरे मम्मी पापा आ गये थे इसलिए भाभी उनके कामो मे ही लगी रही, मगर इस दौरान मेरा जब भी भाभी से सामना होता.. भाभी मुझे देख कर मुस्कुराने लगतीं तो मैं भी भाभी की मुस्कुराहट का जवाब मुस्कुराहट से दे देता...
अपनी अपनी उखङी साँसो को काबु मे करने के लिये कुछ देर तो मै और भाभी ऐसे ही लेटे रहे, फिर सामान्य होने पर भाभी तो अपने कपड़े ठीक करके बाहर चली गईं.. मगर मैं अब ऐसे ही लेटा रहा।
भाभी कुछ देर बाद ही अब चाय का कप लेकर फिर से मेरे पास ड्राईँगरुम आ गयी और मुझे देख कर अब वो जोरो से हँसने लगीं.. मैं अब भी नँगा ही पड़ा हुआ था इसलिये भाभी अब कुछ बोलती की तभी दरवाजे की घण्टी बज उठी..
शायद मम्मी-पापा आ गए थे इसलिये मैं अब उठ कर जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगा, तो भाभी चाय का कप मेरे पास रख कर दरवाजा खोलने चली गयीं।
इसके बाद मेरी और भाभी की कोई बात नहीं हुई क्योंकि मेरे मम्मी पापा आ गये थे इसलिए भाभी उनके कामो मे ही लगी रही, मगर इस दौरान मेरा जब भी भाभी से सामना होता.. भाभी मुझे देख कर मुस्कुराने लगतीं तो मैं भी भाभी की मुस्कुराहट का जवाब मुस्कुराहट से दे देता...