31-07-2021, 09:53 PM
भाभी ने भी अब मेरा साथ देने के लिए अपने दोनो पैरो को मेरे पैरों मे फँसा लिया और नीचे से अपने कूल्हे उचका-उचका कर धक्के लगाने लगी...नीचे से तो मेरी व भाभी की कमर धक्कमपेल कर ही रही थी उपर से भी भाभी की जीभ कभी मेरे मुँह मे तो कभी मेरी जीभ भाभी के मुँह "चप..चप..और चुपल.चुपल..चप.चुपल" की आवाज के साथ अठखेलिया कर रही थी...
कसम इस खेल मे इतना अधिक मजा आता है मैने तो ये कभी सपने मे भी नही सोचा था, क्योंकि उपर से मेरी जीभ व होठ भाभी के मुँह को चोद रहे थे तो नीचे से मेरा लण्ड भी भाभी की उस नन्ही मखमली गुफा को चोद रहा था।
उत्तेजना व आनन्द से मेरा जोश अब दोगुना हो गया था. इसलिए अपने आप ही मेरी कमर की हरकत और अधिक तेज हो गयी। मैं अपनी पुरी ताकत व तेजी से धक्के लगाने लगा था जिससे भाभी भी अब जोर-जोर से.."आ्हें..." भरते हुए अपनी कमर को और भी जल्दी-जल्दी उचकाने लगीं...
हम दोनो के ही बीच अब इतनी जोरो की धक्कमपेल शुरु हो गयी थी, मानो हम दोनो मे कोई होङ मच गयी हो, जिससे कुछ ही देर मे मेरी व भाभी की सांसें फूल आई। भाभी के चेहरे पर तो पसीने की बूँदें भी उभर आई थीं मगर वो हार नही मान रही थी। पर मेरे लिए सहवास का यह पहला अवसर था.. इसलिए मैं अब अपने आप पर ज्यादा देर तक नियंत्रण नही रख सका..
इस जोरो की धक्कमपेल से मै इतना अधिक उत्तेजित हो गया कि कुछ ही देर में, चर्म पर पहुँच गया..भाभी को अपनी बाँहो मे भरकर मै उनसे कस के लिपट गया और अपने लण्ड से रह रह कर उनकी चुत को अपने वीर्य से भरना शुरु कर दिया..
मै भाभी की चुत को अपने वीर्य से भर ही रहा था की तभी भाभी की चुत मे भी अब जोरो का सकँचन सा होने लगा, अब इसी के साथ भाभी मेरे कूल्हों को अपनी दोनो जाँघों के बीच तो, मेरी पीठ को दोनों हाथों से भींचकर मुझसे कीसी जोक की तरह चिपट गयी और...
"ईईइशशश.. अहह..
ईईशश.. अआहहह.." करते हुए अन्दर ही अन्दर मेरे लण्ड को अपने गर्म गर्म चुतरश से नहलाना शुरु कर दिया..
अब रसखलन होने तक तो मै और भाभी ऐसे ही एक दुसरे मे समाये पङे रहे, फिर भाभी ने मुझे धकेलकर अपने उपर से नीचे गीरा दिया। मैं भी अब भाभी के बदन से नीचे उतर कर उनके बगल में लेट गया..
कसम इस खेल मे इतना अधिक मजा आता है मैने तो ये कभी सपने मे भी नही सोचा था, क्योंकि उपर से मेरी जीभ व होठ भाभी के मुँह को चोद रहे थे तो नीचे से मेरा लण्ड भी भाभी की उस नन्ही मखमली गुफा को चोद रहा था।
उत्तेजना व आनन्द से मेरा जोश अब दोगुना हो गया था. इसलिए अपने आप ही मेरी कमर की हरकत और अधिक तेज हो गयी। मैं अपनी पुरी ताकत व तेजी से धक्के लगाने लगा था जिससे भाभी भी अब जोर-जोर से.."आ्हें..." भरते हुए अपनी कमर को और भी जल्दी-जल्दी उचकाने लगीं...
हम दोनो के ही बीच अब इतनी जोरो की धक्कमपेल शुरु हो गयी थी, मानो हम दोनो मे कोई होङ मच गयी हो, जिससे कुछ ही देर मे मेरी व भाभी की सांसें फूल आई। भाभी के चेहरे पर तो पसीने की बूँदें भी उभर आई थीं मगर वो हार नही मान रही थी। पर मेरे लिए सहवास का यह पहला अवसर था.. इसलिए मैं अब अपने आप पर ज्यादा देर तक नियंत्रण नही रख सका..
इस जोरो की धक्कमपेल से मै इतना अधिक उत्तेजित हो गया कि कुछ ही देर में, चर्म पर पहुँच गया..भाभी को अपनी बाँहो मे भरकर मै उनसे कस के लिपट गया और अपने लण्ड से रह रह कर उनकी चुत को अपने वीर्य से भरना शुरु कर दिया..
मै भाभी की चुत को अपने वीर्य से भर ही रहा था की तभी भाभी की चुत मे भी अब जोरो का सकँचन सा होने लगा, अब इसी के साथ भाभी मेरे कूल्हों को अपनी दोनो जाँघों के बीच तो, मेरी पीठ को दोनों हाथों से भींचकर मुझसे कीसी जोक की तरह चिपट गयी और...
"ईईइशशश.. अहह..
ईईशश.. अआहहह.." करते हुए अन्दर ही अन्दर मेरे लण्ड को अपने गर्म गर्म चुतरश से नहलाना शुरु कर दिया..
अब रसखलन होने तक तो मै और भाभी ऐसे ही एक दुसरे मे समाये पङे रहे, फिर भाभी ने मुझे धकेलकर अपने उपर से नीचे गीरा दिया। मैं भी अब भाभी के बदन से नीचे उतर कर उनके बगल में लेट गया..