31-07-2021, 09:52 PM
भाभी ने अब भी आँखें बँद कर रखी थीं मगर अपना पुरा लण्ड भाभी की चुत मे उतारकर मैंने धीरे-धीरे अपनी कमर को आगे-पीछे हिलाकर धक्के लगाने शुरु कर दिये.. जिससे भाभी के मुँह से भी हल्की हल्की सिसकारियाँ सी निकलना शुरु हो गयी..
नीचे कमर से धक्के लगाते हुवे मै भाभी के गालो को भी चुमने की कोशिश कर रहा था, मगर वो कोशिश बस सकुचाते सकुचाते ही हो रही थी। मै अभी भी भाभी से थोङा डर सा रहा था इसलिये उनके गालो पर बस हल्के पप्पी ही ले रहा था..
मगर तभी भाभी ने अपनी गर्दन को घुमा सीधा मेरे होठो से अपने होठो को जोङ दिया... वो मेरा पहला चुम्बन था इसलिये मुझे तो कुछ पता भी नही था की चुम्बन कैसे किया जाता है मगर भाभी ने मेरे दिल की बात जान ली थी इसलिये उन्होने खुद ही दोनो हाथो से मेरे सिर को पकङ अब मेरे उपर के एक होठो को अपने मुँह ने भरकर चुशना शुरु कर दिया..
अब तो मै भी कहा पीछे रहने वाला था, जैसे भाभी मेरे होठो को चुश रही थी वैसे ही मै भी उनके नीचे के एक होंठ को अपने मुँह में भरकर उसे जोर जोर चूसने लगा...
रुई के फोहे से सोफ्ट सोफ्ट और चाशनी से भी मीठे होठ होठ थे भाभी के। कसम से उनको चुश कर ऐसा लग रहा था कही बतासे के जैसे भाभी के नर्म नर्म होठ मेरे मुँह मे ही ना घुल जाये..? मै उनको बङे ही प्यार से और आराम आराम से चुश ही रहा था की तभी भाभी ने मेरी जीभ को अपने मुँह में खींच लिया और उसे चाट चाटकर चूसने लगीं..
मुझे ये कुछ अजीब तो लगा, मगर कुछ देर बाद ही भाभी ने मेरी जीभ को तो छोड़ दिया और उसकी जगह अपनी जीभ को मेरे मुँह में घुसा दिया.. अपनी जीभ को मेरे मुँह मे घुसा भाभी ने मेरे मुँह के अन्दर के भाग को भी चाट चाट कर चुशने लगी..
उनकी गर्म गर्म लचीली जीभ चारो तरफ घुम घुमकर मेरे मुँह के अन्दर के भाग को ऐसे चाट रही थी जैसे कीसी बर्तन मे खाना खत्म हो जाने के बाद जानवर उसे चाट चाट कर साफ करता है।
जैसा की मैने पहले भी बताया है मेरा वो पहला अवसर था। मुझे तो पता भी नही था की भाभी ये सब क्या और क्यो कर रही है मगर फिर भी जैसे भाभी ने किया था वैसे ही मैंने भी अब भाभी की जीभ को अपने होठो के बीच दबा लिया और उसे चाट चाटकर चूसने लगा..
कसम से भाभी की गर्म गर्म और रस से भरी जीभ के रस को चुशकर तो मुझे अब इतना अधिक मजा आने लगा की, उस आनन्द को ब्यान करने के लिए मेरे पास शब्द ही नहीं हैं। मै पहले तो धीरे धीरे ही धक्के लगा रहा था मगर अब भाभी के होठो व जीभ के मधुर मधुर रश को पीते पीते मैने थोङा तेजी से कमर को हिलाना शुरु कर दिया...
नीचे कमर से धक्के लगाते हुवे मै भाभी के गालो को भी चुमने की कोशिश कर रहा था, मगर वो कोशिश बस सकुचाते सकुचाते ही हो रही थी। मै अभी भी भाभी से थोङा डर सा रहा था इसलिये उनके गालो पर बस हल्के पप्पी ही ले रहा था..
मगर तभी भाभी ने अपनी गर्दन को घुमा सीधा मेरे होठो से अपने होठो को जोङ दिया... वो मेरा पहला चुम्बन था इसलिये मुझे तो कुछ पता भी नही था की चुम्बन कैसे किया जाता है मगर भाभी ने मेरे दिल की बात जान ली थी इसलिये उन्होने खुद ही दोनो हाथो से मेरे सिर को पकङ अब मेरे उपर के एक होठो को अपने मुँह ने भरकर चुशना शुरु कर दिया..
अब तो मै भी कहा पीछे रहने वाला था, जैसे भाभी मेरे होठो को चुश रही थी वैसे ही मै भी उनके नीचे के एक होंठ को अपने मुँह में भरकर उसे जोर जोर चूसने लगा...
रुई के फोहे से सोफ्ट सोफ्ट और चाशनी से भी मीठे होठ होठ थे भाभी के। कसम से उनको चुश कर ऐसा लग रहा था कही बतासे के जैसे भाभी के नर्म नर्म होठ मेरे मुँह मे ही ना घुल जाये..? मै उनको बङे ही प्यार से और आराम आराम से चुश ही रहा था की तभी भाभी ने मेरी जीभ को अपने मुँह में खींच लिया और उसे चाट चाटकर चूसने लगीं..
मुझे ये कुछ अजीब तो लगा, मगर कुछ देर बाद ही भाभी ने मेरी जीभ को तो छोड़ दिया और उसकी जगह अपनी जीभ को मेरे मुँह में घुसा दिया.. अपनी जीभ को मेरे मुँह मे घुसा भाभी ने मेरे मुँह के अन्दर के भाग को भी चाट चाट कर चुशने लगी..
उनकी गर्म गर्म लचीली जीभ चारो तरफ घुम घुमकर मेरे मुँह के अन्दर के भाग को ऐसे चाट रही थी जैसे कीसी बर्तन मे खाना खत्म हो जाने के बाद जानवर उसे चाट चाट कर साफ करता है।
जैसा की मैने पहले भी बताया है मेरा वो पहला अवसर था। मुझे तो पता भी नही था की भाभी ये सब क्या और क्यो कर रही है मगर फिर भी जैसे भाभी ने किया था वैसे ही मैंने भी अब भाभी की जीभ को अपने होठो के बीच दबा लिया और उसे चाट चाटकर चूसने लगा..
कसम से भाभी की गर्म गर्म और रस से भरी जीभ के रस को चुशकर तो मुझे अब इतना अधिक मजा आने लगा की, उस आनन्द को ब्यान करने के लिए मेरे पास शब्द ही नहीं हैं। मै पहले तो धीरे धीरे ही धक्के लगा रहा था मगर अब भाभी के होठो व जीभ के मधुर मधुर रश को पीते पीते मैने थोङा तेजी से कमर को हिलाना शुरु कर दिया...