31-07-2021, 09:44 PM
जैसा की आपने पढा उस रात मेरा भाभी के उपर लेटते ही रशखलित हो गया जिससे मेरे कपड़ों के साथ साथ भाभी की पैन्टी तक भीगती चली गयी... मगर मेरा अभी ठीक से रसखलन पुरा भी नही हुवा था की तभी अलार्म घड़ी बज उठी... जिससे मै और भाभी हङबङा से गये...
भाभी ने जहाँ तुरन्त मुझे अपने उपर से धकेलकर नीचे गीरा दिया तो, वही मै भी अब चुपचाप सोने का नाटक करने लगा। अब उसके आगे....
मुझे अपने उपर से नीचे धकेलकर भाभी ने पहले तो उठकर जल्दी से उस अलार्म घङी को बन्द किया फिर बिस्तर से उठकर खङी हो गयी। वैसे तो मै अब सोने का नाटकर कर रहा था मगर मैंने थोड़ी सी आँखें खोलकर देखा तो भाभी कपड़े बदल रही थीं।
कमरे की लाईट बन्द थी.. मगर एक कम पावर का बल्ब जल रहा था.. जिसकी रोशनी में बिल्कुल साफ से तो नहीं.. मगर फिर भी मै भाभी को कपड़े बदलते देख पा रहा था।
भाभी ने अपनी नाईटी को उतारकर पहले तो शलवार सुट पहना फिर उस नाईटी को अलबारी ने रखकर चुपचाप कमरे से बाहर चली गयी.. मगर मैं अभी भी ऐसे ही लेटा रहा...
भाभी के जाने के बाद मैने उठकर अब बाहर देखा तो अभी भी अन्धेरा था। भाभी शायद बाथरुम चली गयी थी इसलिये भाभी तो मुझे कही दिखाई नही दी मगर मेरे मम्मी पापा के कमरे की लाईट जल रही थी।
शायद वो जाने की तैयारी कर रहे थे इसलिये एक बार बाहर देखने के बाद मै वापस कमरे मे आ गया। अन्दर आकर मैने घङी मे समय देखा तो सवा चार बज रहे थे इसलिये मै अब वापस बिस्तर पर जाकर लेट गया।
रात भर मैने जो भाभी के साथ किया उसके बारे मे सोच सोचकर मुझे अब डर लग रहा था कि कहीं भाभी मेरी शिकायत मम्मी पापा से ना कर दें, मगर मै रात भर से सोया नही था इसलिये अब यही सोचते-सोचते पता नहीं कब मुझे नींद आ गयी...
भाभी ने जहाँ तुरन्त मुझे अपने उपर से धकेलकर नीचे गीरा दिया तो, वही मै भी अब चुपचाप सोने का नाटक करने लगा। अब उसके आगे....
मुझे अपने उपर से नीचे धकेलकर भाभी ने पहले तो उठकर जल्दी से उस अलार्म घङी को बन्द किया फिर बिस्तर से उठकर खङी हो गयी। वैसे तो मै अब सोने का नाटकर कर रहा था मगर मैंने थोड़ी सी आँखें खोलकर देखा तो भाभी कपड़े बदल रही थीं।
कमरे की लाईट बन्द थी.. मगर एक कम पावर का बल्ब जल रहा था.. जिसकी रोशनी में बिल्कुल साफ से तो नहीं.. मगर फिर भी मै भाभी को कपड़े बदलते देख पा रहा था।
भाभी ने अपनी नाईटी को उतारकर पहले तो शलवार सुट पहना फिर उस नाईटी को अलबारी ने रखकर चुपचाप कमरे से बाहर चली गयी.. मगर मैं अभी भी ऐसे ही लेटा रहा...
भाभी के जाने के बाद मैने उठकर अब बाहर देखा तो अभी भी अन्धेरा था। भाभी शायद बाथरुम चली गयी थी इसलिये भाभी तो मुझे कही दिखाई नही दी मगर मेरे मम्मी पापा के कमरे की लाईट जल रही थी।
शायद वो जाने की तैयारी कर रहे थे इसलिये एक बार बाहर देखने के बाद मै वापस कमरे मे आ गया। अन्दर आकर मैने घङी मे समय देखा तो सवा चार बज रहे थे इसलिये मै अब वापस बिस्तर पर जाकर लेट गया।
रात भर मैने जो भाभी के साथ किया उसके बारे मे सोच सोचकर मुझे अब डर लग रहा था कि कहीं भाभी मेरी शिकायत मम्मी पापा से ना कर दें, मगर मै रात भर से सोया नही था इसलिये अब यही सोचते-सोचते पता नहीं कब मुझे नींद आ गयी...