31-07-2021, 09:43 PM
मैं अब काफी देर तक चुपचाप ऐसे ही पड़ा रहा.. मगर मुझे चैन कहाँ आ रहा था। जल्दबाजी मे मै बस अपने हाथ को ही भाभी की चुँचियो पर से हटा पाया था, मेरी जाँघे अभी भी भाभी की जाँघो पर ही चढी हुई थी जो की भाभी की नँगी जाँघो की गर्मी चुस रही थी..
मुझसे रहा नही जा रहा था इसलिये कुछ देर बाद ही मैने अब फिर से अपनी जाँघ से भाभी की जाँघ को सहलाना शुरु कर दिया..भाभी अब शाँत भाव से सोई रही, उनके बदन मे कोई हलचल नही हो रही थी इसलिये एक बार फिर से हिम्मत करके मैने अपना हाथ भी फिर से भाभी की चुँचियो पर हाथ रख दिया..
मगर इस बार मैंने जैसे ही भाभी की चुँचियो पर हाथ रखा, मेरे रोंगटे से खड़े हो गए.. क्योंकि भाभी की नाईटी के उपर के बटन खुले हुए थे तो, उनकी दोनो चुँचियाँ भी ब्रा की कैद से आजाद थी। उनकी ब्रा चुँचियो से ऊपर हो रखी थी इसलिये मेरा हाथ सीधा ही उनकी नर्म मुलायम नँगी चुँचियो पर रखा गया था।
रेशम सी नर्म मुलायम और गर्म गर्म नँगी चुँचियो को छुते ही मेरे लण्ड ने तो अब मेरी पैन्ट मे ही झटके से खाने शुरु कर दिये.. भाभी की जाँघो के जैसे ही उनकी चुँचियो की स्किन भी एकदम पतली व रेशम के जैसे बिल्कुल मुलायम थी।
भाभी की चुँचियो के रेशमी स्पर्श ने मुझे पागल सा कर दिया था। मुझे अब डर तो लग रहा था, की कही भाभी की नीँद फिर से ना खुल जाये, मगर फिर भी मैं दोनो चुँचियो पर धीरे धीरे अपना हाथ फ़िराकर देखने लगा..
भाभी की नँगी चुँचियो का स्पर्श रेशम की तरह एकदम मुलायम और आनन्द भरा था। मैं ऐसे ही चुँचियो को सहला रहा था की तभी भाभी ने एकदम से करवट बदलकर अपना मुँह मेरी तरफ कर लिया और अपनी एक नँगी जाँघ मेरी कमर तक चढाकर मुझसे जोरो चिपक गयी।
डर के मारे मै तो जैसे अब एकदम ही जङ हो गया था मगर तभी भाभी ने..
"उ्.उ्.ऊ्.ह्ह्ह्..नरेश्श्श्..." कराहते हुवे एक बार तो भैया का नाम लिया फिर मेरे उपर उनका जो हाथ रखा हुवा था उसे मेरी पीठ पीछे ले जाकर मुझे खीँचकर अपने बदन के साथ जोरो से चिपका लिया..
मुझसे रहा नही जा रहा था इसलिये कुछ देर बाद ही मैने अब फिर से अपनी जाँघ से भाभी की जाँघ को सहलाना शुरु कर दिया..भाभी अब शाँत भाव से सोई रही, उनके बदन मे कोई हलचल नही हो रही थी इसलिये एक बार फिर से हिम्मत करके मैने अपना हाथ भी फिर से भाभी की चुँचियो पर हाथ रख दिया..
मगर इस बार मैंने जैसे ही भाभी की चुँचियो पर हाथ रखा, मेरे रोंगटे से खड़े हो गए.. क्योंकि भाभी की नाईटी के उपर के बटन खुले हुए थे तो, उनकी दोनो चुँचियाँ भी ब्रा की कैद से आजाद थी। उनकी ब्रा चुँचियो से ऊपर हो रखी थी इसलिये मेरा हाथ सीधा ही उनकी नर्म मुलायम नँगी चुँचियो पर रखा गया था।
रेशम सी नर्म मुलायम और गर्म गर्म नँगी चुँचियो को छुते ही मेरे लण्ड ने तो अब मेरी पैन्ट मे ही झटके से खाने शुरु कर दिये.. भाभी की जाँघो के जैसे ही उनकी चुँचियो की स्किन भी एकदम पतली व रेशम के जैसे बिल्कुल मुलायम थी।
भाभी की चुँचियो के रेशमी स्पर्श ने मुझे पागल सा कर दिया था। मुझे अब डर तो लग रहा था, की कही भाभी की नीँद फिर से ना खुल जाये, मगर फिर भी मैं दोनो चुँचियो पर धीरे धीरे अपना हाथ फ़िराकर देखने लगा..
भाभी की नँगी चुँचियो का स्पर्श रेशम की तरह एकदम मुलायम और आनन्द भरा था। मैं ऐसे ही चुँचियो को सहला रहा था की तभी भाभी ने एकदम से करवट बदलकर अपना मुँह मेरी तरफ कर लिया और अपनी एक नँगी जाँघ मेरी कमर तक चढाकर मुझसे जोरो चिपक गयी।
डर के मारे मै तो जैसे अब एकदम ही जङ हो गया था मगर तभी भाभी ने..
"उ्.उ्.ऊ्.ह्ह्ह्..नरेश्श्श्..." कराहते हुवे एक बार तो भैया का नाम लिया फिर मेरे उपर उनका जो हाथ रखा हुवा था उसे मेरी पीठ पीछे ले जाकर मुझे खीँचकर अपने बदन के साथ जोरो से चिपका लिया..