31-07-2021, 09:28 PM
खैर जैसे तैसे उस रात मै सो गया और सुबह भी जल्दी ही उठकर कॉलेज चला गया। मेरी भाभी से अब बात तक करने की हिम्मत नहीं हो रही थी इसलिये मैने उस दिन सुबह नाश्ता भी नही किया। मै ऐसे ही स्कुल चला गया था, मगर जब मै कॉलेज से वापस घर आया तो देखा मेरा सामान ड्राईंग रूम से गायब था..?
मैंने बाहर जाकर देखा तो भाभी किचन में कुछ काम कर रही थीं। मेरी भाभी से तो पुछने कुछ की हिम्मत नही हुई मगर मैने जब भाभी के कमरे में जाकर देखा तो मेरा सारा सामान भाभी ने अपने कमरे में लगा रखा था।
मेरी बुक्स से लेकर कुर्सी-टेबल, यहाँ तक की मेरे कपङे भी भाभी ने अपनी अलमारी मे रखे हुवे थे, मगर जो मै चाहता था बस वो ही सामान वहाँ नही था और वो था मेरा बिस्तर..?
भाभी ने मेरा सारा सामान तो अपने कमरे मे रख लिया था मगर उन्होने मेरा बिस्तर अपने कमरे मे नही लगाया था, मुझे ये अच्छा भी लग रहा था और बुरा भी। मेरी भाभी से बात करने कि हिम्मत तो नहीं हो रही थी.. मगर फ़िर भी मैं ये पूछने के लिए भाभी के पास किचन में चला गया....
भाभी मुझे देखते ही अब एक बार तो मुस्कुराई फिर..
"तुमने सुबह नाश्ता क्यो नही किया..?" भाभी ने हल्का गुस्सा सा दिखते हुवे पुछा।
"व्.वो् मुझे भुख नही थी, पर मेरा सामान..!" मैने अब भाभी की बात का जवाब देने के साथ साथ ही पुछ लिया...
"हाँ.हाँ.. रख लिया है तुम्हारा सामान मैने अपने कमरे मे.., सुबह भी कुछ नही खाके गये, चलो अब खाना खा लो.." भाभी ने कहा।
"पर वो मेरा बिस्तर..? " मैने मायुस सा होते हुवे पुछा।
"इतना सामान कमरे में नहीं आएगा.. तुम मेरे साथ बिस्तर पर ही सो जाना और वैसे भी डबलबेड है.. हम दोनों आराम से सो सकते हैं.." भाभी ने अबकी बार मेरी तरफ देखकर हल्का सा मुस्कुराते हुवे कहा।
अब भाभी की ये बात सुनकर तो मानो जैसे एक पल के लिये मेरी धङकन ही थम गयी, मै इतना खुश हो गया जैसे कि मुझे कोई खजाना ही मिल गया हो, मगर मैंने वो जाहिर नहीं किया। मैने चुपचाप अब खाना खाया और रात होने का इंतजार करने लगा...
मैंने बाहर जाकर देखा तो भाभी किचन में कुछ काम कर रही थीं। मेरी भाभी से तो पुछने कुछ की हिम्मत नही हुई मगर मैने जब भाभी के कमरे में जाकर देखा तो मेरा सारा सामान भाभी ने अपने कमरे में लगा रखा था।
मेरी बुक्स से लेकर कुर्सी-टेबल, यहाँ तक की मेरे कपङे भी भाभी ने अपनी अलमारी मे रखे हुवे थे, मगर जो मै चाहता था बस वो ही सामान वहाँ नही था और वो था मेरा बिस्तर..?
भाभी ने मेरा सारा सामान तो अपने कमरे मे रख लिया था मगर उन्होने मेरा बिस्तर अपने कमरे मे नही लगाया था, मुझे ये अच्छा भी लग रहा था और बुरा भी। मेरी भाभी से बात करने कि हिम्मत तो नहीं हो रही थी.. मगर फ़िर भी मैं ये पूछने के लिए भाभी के पास किचन में चला गया....
भाभी मुझे देखते ही अब एक बार तो मुस्कुराई फिर..
"तुमने सुबह नाश्ता क्यो नही किया..?" भाभी ने हल्का गुस्सा सा दिखते हुवे पुछा।
"व्.वो् मुझे भुख नही थी, पर मेरा सामान..!" मैने अब भाभी की बात का जवाब देने के साथ साथ ही पुछ लिया...
"हाँ.हाँ.. रख लिया है तुम्हारा सामान मैने अपने कमरे मे.., सुबह भी कुछ नही खाके गये, चलो अब खाना खा लो.." भाभी ने कहा।
"पर वो मेरा बिस्तर..? " मैने मायुस सा होते हुवे पुछा।
"इतना सामान कमरे में नहीं आएगा.. तुम मेरे साथ बिस्तर पर ही सो जाना और वैसे भी डबलबेड है.. हम दोनों आराम से सो सकते हैं.." भाभी ने अबकी बार मेरी तरफ देखकर हल्का सा मुस्कुराते हुवे कहा।
अब भाभी की ये बात सुनकर तो मानो जैसे एक पल के लिये मेरी धङकन ही थम गयी, मै इतना खुश हो गया जैसे कि मुझे कोई खजाना ही मिल गया हो, मगर मैंने वो जाहिर नहीं किया। मैने चुपचाप अब खाना खाया और रात होने का इंतजार करने लगा...