31-07-2021, 09:22 PM
भाभी के गोरे चिकने बदन को देख कर मुझे मजा तो बहुत आ रहा था मगर अब कर भी तो क्या सकता था..? मै वापस ड्राईँगरुम मे आकर अपनी पढाई करने लगा, मगर अब पढने मे दिल कहाँ लगना था मेरे जहन मे तो बस भाभी ही भाभी घुम रही थी।
मै भाभी के बारे मे ही सोच रहा था की, तभी मुझे भाभी को फिर से देखने एक तरीका सूझ गया। मै कुछ देर तो ऐसे ही बैठा रहा फिर भाभी के कमरे के पास जाकर फिर से उनका दरवाजा बजा दिया...
"अब क्या हुआ..?" भाभी ने दरवाजा खोल कर मुस्कुराते हुए पूछा।
"व्.व्. वो एक बार फिर से बता दो..!
मुझसे हो नही रहा.." भाभी की नाईटी मे से दिखाई देते उनके गोरे चिकने बदन को देखते हुवे कहा..
भाभी बस अब मुस्कुराकर रह गयी और मुझे अपने कमरे मे ले जाकर एक बार फिर से वो सवाल समझाने लगीं.. मगर मेरा ध्यान तो भाभी पर ही रहा.. और वैसे भी मैं पढ़ने भी कहाँ आया था.. मैं तो भाभी की पारदर्शी नाईटी से दिखाई देते उनके गोरे चिकने बदन को देखने आया था।
कुछ देर में ही भाभी ने वो सवाल अब फिर से हल करके दिखा दिया, जिससे मुझे अब फिर से उनके कमरे से आना पड़ा। पर मै भी कम नही था, कुछ देर रुकने के बाद ही मैंने एक नया सवाल लेकर फिर से भाभी के कमरे का दरवाजा बजा दिया...
इस बार भाभी दरवाजा खोलते ही हँसने लगी और.. "अब फिर से.."भाभी ने हँसते हुए पुछा।
"न्.न्.नही् ..ये दुसरा है..!" इस बार मै भी हकला गया था जिससे मेरी भाभी अब जोरो से हँशने लगी।
भाभी समझ तो रही थी की मैं बार-बार उनके पास क्यों आ रहा हूँ, मगर उन्होंने कुछ कहा नही बस हँशकर रह गयी...
मै भाभी के बारे मे ही सोच रहा था की, तभी मुझे भाभी को फिर से देखने एक तरीका सूझ गया। मै कुछ देर तो ऐसे ही बैठा रहा फिर भाभी के कमरे के पास जाकर फिर से उनका दरवाजा बजा दिया...
"अब क्या हुआ..?" भाभी ने दरवाजा खोल कर मुस्कुराते हुए पूछा।
"व्.व्. वो एक बार फिर से बता दो..!
मुझसे हो नही रहा.." भाभी की नाईटी मे से दिखाई देते उनके गोरे चिकने बदन को देखते हुवे कहा..
भाभी बस अब मुस्कुराकर रह गयी और मुझे अपने कमरे मे ले जाकर एक बार फिर से वो सवाल समझाने लगीं.. मगर मेरा ध्यान तो भाभी पर ही रहा.. और वैसे भी मैं पढ़ने भी कहाँ आया था.. मैं तो भाभी की पारदर्शी नाईटी से दिखाई देते उनके गोरे चिकने बदन को देखने आया था।
कुछ देर में ही भाभी ने वो सवाल अब फिर से हल करके दिखा दिया, जिससे मुझे अब फिर से उनके कमरे से आना पड़ा। पर मै भी कम नही था, कुछ देर रुकने के बाद ही मैंने एक नया सवाल लेकर फिर से भाभी के कमरे का दरवाजा बजा दिया...
इस बार भाभी दरवाजा खोलते ही हँसने लगी और.. "अब फिर से.."भाभी ने हँसते हुए पुछा।
"न्.न्.नही् ..ये दुसरा है..!" इस बार मै भी हकला गया था जिससे मेरी भाभी अब जोरो से हँशने लगी।
भाभी समझ तो रही थी की मैं बार-बार उनके पास क्यों आ रहा हूँ, मगर उन्होंने कुछ कहा नही बस हँशकर रह गयी...