31-07-2021, 09:19 PM
वो दुल्हन के लिबास में स्वर्ग की किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थीं.. बिल्कुल दूध जैसा सफेद रंग, गोल चेहरा, सुर्ख गुलाबी पतले पतले होंठ, बड़ी-बड़ी काली आँखें.. पतली और लम्बी सुराहीदार गर्दन.. काले घने लम्बे बाल.. बङी-बङी सख्त चुँचियाँ.. पतली बलखाती कमर.. गहरी नाभि.. पुष्ट और भरे हुए बड़े-बड़े कुल्हे...
हालांकि उस समय मुझे सेक्स के बारे में कुछ भी नहीं पता था.. मगर फ़िर भी भाभी मुझे बहुत ही अच्छी लगीं थी। सैक्स की नजर से नही, सैक्स का तो उस समय मुझे सैक्स "एस" भी नही पता था। बस उनकी सुन्दरता की वजह से वो दिल को भा गयी थी। वैसे भी उस समय मैं बहुत डरपोक व शर्मीला सा लड़का हुवा करता था।
भाभी ने आते ही सारे घर की जिम्मेदारी सम्भाल ली थी। वो सारा दिन घर के कामों में व्यस्त रहती और जब कभी समय मिलता तो मेरी भी पढ़ने में मदत कर देती थी। भाभी ने बी.एससी. कि हुई थी इसलिए पढ़ाई में कोई दिक्कत आने पर मै भाभी से ही पूछ लेता था और उसके बदले कभी कभी मै भी भाभी का घर के कामों में हाथ बंटा देता।
शुरु शुरु मे तो मै अपने शरमीलेपन के कारण भाभी से कम ही बात करता था मगर फिर समय के साथ-साथ मैं और भाभी एक-दूसरे से खुलते चले गये, भाभी ने जहाँ मुझसे हँशी मझाक करना शुरु कर दिया तो मै भी उनके साथ शरारते करने लगा.. मगर मैंने भाभी के बारे में कभी गलत नहीं सोचा था।
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मेरे दिन अब ऐसे ही गुजर रहे थे की एक बार कॉलेज से आते समय मेरे कुछ दोस्त थे जो की सैक्स के बारे मे काफी कुछ जानते थे। उनमे से एक दो तो यहाँ तक कहते थे की वो सैक्स भी कर चुके है।
उन्होने कभी सैक्स किया या नही किया ये तो मुझे नही पता मगर हाँ पहली बार औरत कि अश्लील और नंगी तस्वीरे मुझे उन्होने ही दिखाई थी, यहाँ तक की वो तो मुझे हस्तमैथुन भी करने को भी बोलते थे मगर मै ही उनकी बातो पर कम ध्यान देता था।
उस दिन वो सारे ऐसे ही हँशी मजाक मे सेक्स के बारे में बातें कर रहे थे कि तभी...
"इसको देखो ऐसे ही घुम रहा है जबकी इसके तो घर मे ही जबरदस्त माल है..!"मेरे एक दोस्त ने मजाक करते हुवे कहा।
"क्या मतलब..?" मैंने पुछा तो वो कहने लगा की.. "तेरी भाभी है ना.. तेरे भैया तो आर्मी मे है, वो तेरी भाभी के पास तो रहते नही, और तेरे भैया के जाने के बाद तेरी भाभी का भी दिल तो सेक्स के लिए करता होगा..?" इस पर मेरे सारे दोस्त जोरो से हँसने लगे।
उस समय तो मैंने उनकी बातों को मजाक में उड़ा दिया.. मगर एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरा भी भाभी के प्रति नजरिया ही बदल गया...
हालांकि उस समय मुझे सेक्स के बारे में कुछ भी नहीं पता था.. मगर फ़िर भी भाभी मुझे बहुत ही अच्छी लगीं थी। सैक्स की नजर से नही, सैक्स का तो उस समय मुझे सैक्स "एस" भी नही पता था। बस उनकी सुन्दरता की वजह से वो दिल को भा गयी थी। वैसे भी उस समय मैं बहुत डरपोक व शर्मीला सा लड़का हुवा करता था।
भाभी ने आते ही सारे घर की जिम्मेदारी सम्भाल ली थी। वो सारा दिन घर के कामों में व्यस्त रहती और जब कभी समय मिलता तो मेरी भी पढ़ने में मदत कर देती थी। भाभी ने बी.एससी. कि हुई थी इसलिए पढ़ाई में कोई दिक्कत आने पर मै भाभी से ही पूछ लेता था और उसके बदले कभी कभी मै भी भाभी का घर के कामों में हाथ बंटा देता।
शुरु शुरु मे तो मै अपने शरमीलेपन के कारण भाभी से कम ही बात करता था मगर फिर समय के साथ-साथ मैं और भाभी एक-दूसरे से खुलते चले गये, भाभी ने जहाँ मुझसे हँशी मझाक करना शुरु कर दिया तो मै भी उनके साथ शरारते करने लगा.. मगर मैंने भाभी के बारे में कभी गलत नहीं सोचा था।
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मेरे दिन अब ऐसे ही गुजर रहे थे की एक बार कॉलेज से आते समय मेरे कुछ दोस्त थे जो की सैक्स के बारे मे काफी कुछ जानते थे। उनमे से एक दो तो यहाँ तक कहते थे की वो सैक्स भी कर चुके है।
उन्होने कभी सैक्स किया या नही किया ये तो मुझे नही पता मगर हाँ पहली बार औरत कि अश्लील और नंगी तस्वीरे मुझे उन्होने ही दिखाई थी, यहाँ तक की वो तो मुझे हस्तमैथुन भी करने को भी बोलते थे मगर मै ही उनकी बातो पर कम ध्यान देता था।
उस दिन वो सारे ऐसे ही हँशी मजाक मे सेक्स के बारे में बातें कर रहे थे कि तभी...
"इसको देखो ऐसे ही घुम रहा है जबकी इसके तो घर मे ही जबरदस्त माल है..!"मेरे एक दोस्त ने मजाक करते हुवे कहा।
"क्या मतलब..?" मैंने पुछा तो वो कहने लगा की.. "तेरी भाभी है ना.. तेरे भैया तो आर्मी मे है, वो तेरी भाभी के पास तो रहते नही, और तेरे भैया के जाने के बाद तेरी भाभी का भी दिल तो सेक्स के लिए करता होगा..?" इस पर मेरे सारे दोस्त जोरो से हँसने लगे।
उस समय तो मैंने उनकी बातों को मजाक में उड़ा दिया.. मगर एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरा भी भाभी के प्रति नजरिया ही बदल गया...