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चन्द्रकान्ता - देवकीनन्दन खत्री रचित उपन्यास
अभी घंटे भर पहले वह महल और ही हालत में था और अब सभी के चेहरे पर हँसी दिखाई देने लगी। होते-होते यह बात हजारों घरों में फैल गई कि महाराज कुमारी चंद्रकांता को लाने के लिए जा रहे हैं।

यह भी निश्चय हो गया कि आज थोड़ी-सी रात रहते महाराज जयसिंह नौगढ़ की तरफ कूच करेंगे।
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RE: चन्द्रकान्ता - देवकीनन्दन खत्री रचित उपन्यास - by usaiha2 - 30-07-2021, 12:57 PM



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