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मेरी बहन और जीजू की अदला-बदली की फैंटेसी : चेप्टर 1
#10
Part 3


आपने पिछले भाग में देखा की दिदी और जिजाजी के फैनेटसी के चलते हुए सबसे पहले में आलिया की कमसिन शिलपैक चुत चोदकर अपनी आग बुझाता हु जिसमें आलिया को असहनीय ददॅ झेलना पडता है. 

अबतक मेरी शमॅ दूर हो चुकी थी और में अपनी दिदी के सामने नग्न अवस्था में था और मैं अपनी बहन के मदमस्त जिस्म को वासना से देख रहा था. मेरी तिरछी नझर दिदी की कातिलाना बुब्स पर जा रही थी. 


अब आगे:

जिजाजी : डालिॅग हमारी फैनेटसी की शुरुआत हो चुकी है. 
दिदी :  हम. 

जिजाजी : साले साहब मेरी बहन के साथ तो मजे कर लिए अब अपनी बहन को खूश कर दो. 

हम दोनों भाई-बहन एक-दूसरे की ओर कामूक नझर से देखते हैं. 

दिदी : राज तुम खुश तो हो ने. 
जिजाजी : खुश भला क्यों नहीं होगा. 
में : हम. 

तभी दोनों ग्लास रखकर मेरे सामने एक-दूसरे को चुमने लगते हैं और में उनको देखने लगता हु. दिदी और जिजाजी को देखकर में उत्तेजित होने लगता हु. 

वो दोनों एक-दूसरे के होठों को चुम रहे थे तभी जिजाजी मुझे हाथ के इशारे से बूलाते है. 

में भी सही मौका पाकर बेड से निचे आकर उन दोनों के पास चला जाता हूँ और वो दोनों रुक जाते हैं और दिदी मेरी ओर देखकर सेक्सी स्माइल करती हैं. 

जिजाजी : बेबी अपने भाई को अपने रसिले होठ का टेस्ट करवाओ. 

मैंने दीदी की नशिली आंखें को देखे जा रहा था. तभी दिदी मेरी नजदीक आती है और फिर में हिम्मत करके दिदी के रसिले गुलाबी होठों पर किस करता हु और दिदी भी मेरा साथ देने लगती है. 

मुझे दिदी के होठों को चुमते हुए अजीब भी लग रहा था क्योंकि में अपनी बहन के होठों को चुम रहा था जिस वजह से हम दोनों के बदन भी छू रहे थे और मेरी उत्तेजना बढ जाती है. 

पिछे से जिजाजी दिदी के गदॅन को चुमने लगते हैं. में दिदी के गूलाबी होठों को चुम रहा था तो जिजाजी दिदी की मदमस्त गदॅन को चुम रहे थे तभी बाथरुम का दरवाज़ा ओपन होता है और हम रुक जाते हैं. 

आलिया लंगडाते हुए दिदी का टावल लपेट कर बाहर आ जाती है. 

चिंंत्रा : अविनाश तुमारी पाटॅनर भी बाहर आ गई. 
आलिया : नो वेय अभी मुझे आराम करना है. 
अविनाश : कोई बात नहीं बहन आज तुम आराम कर लो चल में तुम्हे अपने कमरे में छोडकर आता हु. 

जिजाजी आलिया के पास जाते हैं और उनका हाथ पकड़कर आलिया को सहारा देते हैं और फिर आलिया को अपने कमरे में छोडने के लिए चले जाते हैं. 

हम दोनों भाई-बहन एक दूसरे की ओर देखकर हल्का सा स्माइल करते हैं और दोनों बिना देर किए किस करने लगते हैं. 

हम दोनों उत्तेजित हो उठे थे इसी चक्कर में दिदी मुझे किस करते हुए बेड पर पटक देती है और बिना देर किए वो मेरे ऊपर आकर मुझे किस करने लगती है. 

में बेड पर लेटा हुआ था दिदी मेरे ऊपर आकर बेठी थी और हम दोनों एक-दूसरे को चुम रहे थे और मेरे हाथ दिदी कमर पर चले जाते हैं. दिदी फिंगर के मामले में एकदम परफेक्ट थी जिसको देखकर किसी का भी लंड खडा हो जाए. 


दीदी के चुम्बन से मेरा लंड एंटीना की तरह खड़ा होने लगा था और मैं बडे मजे से दीदी के गूलाबी होठों को चुम रहा था. तभी दिदी जोश में आकर अपनी टी-शर्ट निकाल देती है जिससे उनकी प्रिन्टेड ब्रा और 34B साइज के कातिलाना बुब्स मुझे मदहोश कर देते हैं. 

मैं दीदी के होंठों को चूमते हुए अपने दोनों हाथों से उनकी गांड को सहलाने लगा. दिदी भी बडे मजे से मेरा साथ देने लगती है और जिजाजी आलिया को छोड़कर आ जाते हैं. 

जिजाजी देखते हैं कि दिदी मेरे ऊपर आ चुकी थी और हम दोनों भाई-बहन मस्त होकर एक दुसरे के होठों को चुम रहे थे. इसलिए वो हमे डिस्टर्ब नहीं करते हैं और खुरशी पर जाकर बैठ जाते हैं. 

मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरी बहन इस समय मेरे ऊपर बैठी है और आज वो मुझसे चुत चुदवाएगी. मेरी ही बहन मुझसे चुदने को बैताब थी. वो भी चाहती है कि उसका भाई उसकी चुदाई करके उसकी फेनेटसी पुरी कर दे और में भी अब अपनी दिदी को चोदने के लिए गर्म हो चुका था. 

दिदी के कातिलाना बुब्स मुझे बहुत ज्यादा विचलित कर रहे थे तो में उनकी पिठ को सहलाते हुए दिदी की ब्रा  की हूक खोल देता हूं दिदी समझ जाती है. 

तभी दिदी खूरशी की ओर देखती है उस ही टाइम हम दोनों की नझर खुरशी पर बेठे जिजाजी पर पडती है और जिजाजी दिदी की ओर देखकर आंख मारते हैं यानी जिजाजी का सिग्नल मिल जाता है. 

फिर दिदी स्माइल करते हुए कामुक नझरो के साथ खूद ही अपनी ब्रा निकाल देती है. दिदी के नग्न बुब्स देखकर मेरा तो लंड एकदम से खड़ा हो जाता है बदन में कंरट  दोड पडता है. 

जिंदगी में पहली बार दिदी के कातिलाना मदमस्त परफेक्ट बुब्स देखते ही मेरा जोश बढ जाता है. में बिना देर किए जोश में आकर दिदी को बेड पर लेटा देता हूं और खुद ही उनके ऊपर आकर दिदी के गूलाबी होठों को चुमने लगता हु और दिदी भी मेरा साथ देने लगती है. 

में दिदी के होठों को चुमते हुए उनके गदॅन को चुमते हुए एक बुब्स पर हाथ रखके धीमे से सहलाने लगता हु जिससे दिदी मदहोश होने लगती है. में भी दिदी की तरह सातवें आसमान पर पहुंच गया था जहाँ हम दोनों रोमांस के पल में मजे ले रहे थे. 

अब मेरी उत्तेजना धीमे-धीमे बहुत ज्यादा बढ चुकी थी तो में दिदी के बदन को चुमने लगता हु और वो मदहोशी में इस पल का मजा लेती है. दिदी अपने भाई को खुदको सोप चुकी थी. 

जिजाजी मन ही मोन सोचते हैं कि "साले साहब तुम बहुत लक्की हो जो मेरी बहन को चोदने के बाद अपनी ही बहन को चोदने का मौका मिला है कास अभी में भी अपनी बहन के ऊपर होता तो मुझे भी मजा आ जाता खैर कल अपनी बहन के साथ मजा करूँगा अभी तो अपनी बिवी को उसके भाई के साथ मजे करते हुए देखता हूं". 

में दिदी के सैक्सी बदन को देखकर खुद पर से काबु खोने लगा था. में अपनी दिदी को बदन को चुमकर पागल कर रहा था दिदी मदहोशी में छटपटा रही थी.  में दिदी की ओर देखता हूं दिदी मुझे कामूक नझर से देखती है तो बिना देर किए मैंने दीदी की शॉर्ट और पैंटी भी निकाल दी.

मुझे लगा था कि जिजाजी ने दिदी को चोदकर दिदी की चुत का भोसडा बना दीया होगा लेकिन दिदी की चुत मेरी सोच से काफी अच्छी थी आलिया की चुत की तरह टाइट तो नहीं थी लेकिन एकदम परफैक्ट थीं. 

अब दिदी पुरी नंगी हो चुकी थी जिसमें वो बहुत ही सैक्सी लग रही थी एकदम परफेक्ट फिंगर वाली दिदी थी. में दिदी की ओर देखता हूं दिदी अपने पैर फेला देती है और में उनकी मदमस्त चुत को चाटने लगता हु जिससे वो अंगड़ाई लेने लगती है मदहोशी सी आवाज़ करने लगती है. 

दिदी : उह ह आह उह ओह...

हमे देखकर जिजाजी भी अपने लंड को ऊपर से ही सहला रहे थे. मैं अपनी दीदी की चुत चाटने में मशगूल था और जीजा जी इस शानदार नज़ारे को कामूक नजरों से देख रहे थे. 

दिदी : भाई रुक जाओ अब बर्दाश्त नहीं हो रहा. 


मैंने भी देर करना उचित नहीं समझा और बिना देर किए दिदी के पैर फैलाकर उनकी ऊपर आ जाता हु. 


लेकिन उसी पल दीदी ने मुझे रोक दिया- भाई पहले कंडोम तो लगा लो, अपनी दीदी को ही प्रेग्नेंट करोगे क्या?
मैं- सोरी. 

में जिजाजी की ओर देखता हूं और वो मेरी ओर दैखकर आंख मारते हैं और फिर मैं खड़े होकर ड्रावर खोला तो देखा कि उसमें कंडोम के कई सारे पैकेट रखे थे. हर तरह के फ्लेवर्स के कंडोम थे और कुछ दूसरी टेबलेट भी रखी थीं. उनमें से में एक स्ट्राबेरी फ्लेवर्स का कंडोम लेकर लंड पर चढ़ाया और वापस दीदी के ऊपर चढ़ गया.

दिदी : धीमे डालना. 

दिदी ने आलिया की चुदाई अच्छी तरह से देखी थी उसको अंदाजा आ गया था. दिदी के कामुक बातों से एक बात तो तय है कि जिजाजी का लंड मेरे लंड से छोटा होगा. 

मैंने अपने लंड को अपनी बहन की चुत पर सैट किया और एक धक्का लगा दिया मगर मेरा लंड फिसल गया. मैंने फिर से चुत की दरार में लंड को सैट किया और इस बार अच्छे से दबाव बनाकर धक्का लगाया और हल्का सा चुत में घूस गया. 

दीदी के मुँह से आवाज निकल गई- उम्म्ह… अहह. 

दिदी की चुत में लंड जाते ही मेरी उत्तेजना ओर ज्यादा बढ जाती है में थोड़ा जोर लगाता हु और आधा लंड फच करते हुए दिदी की चुत में घूस जाता है और दिदी चिख उठती है. 


दीदी- आहह राज … यू आर सो हार्ड … आह मर गई … आ उह.

दीदी की मादक आवाज सुनकर मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.

तो दीदी बोली- राज, यू आर सो फास्ट … जरा धीरे करो मेरे भाई … आहह ओह राज … प्लीज राज स्लो करो … मुझे दर्द हो रहा है.

तभी जिजाजी अपना लंड सहलाते हुए : रुकना नहीं राज ओर जोर से चोद अपनी बहन को आज अपनी दिदी की चुत में पूरा लंड घूसा दे. 

दिदी : नहीं. स्लो डाउन. 

में दिदी की चुदाई में मस्त हो गया था कि जिजाजी की ओर नहीं देख पाया लेकिन उनकी बात मुझे ओर ज्यादा जोश देती है. 

दिदी : उह आह भाई...ओह ह उह यहह आह.. यू हटॅ मी... स्लो डाऊन. 


दीदी की आवाजें सुनकर मुझे अहसास हो गया था कि मेरा लंड जीजा जी के लंड से बड़ा है.दिदी की बात सूनने के बदले वो मुझे ओर ज्यादा उत्तेजित कर रही थी. में अपनी स्पीड बढाते हुए एक लंबा सा जोर का झटका मारता हु और फच करते हुए आधा से ज्यादा लंड चुत में घूस जाता है दिदी की चिंख निकल जाती है और दिदी ददॅ से छटपटाने लगती है 


मेरे लंड से मेरी दीदी को दर्द हो रहा था. फिर भी वो मेरे हर धक्के को झेल रही थीं क्योंकि वो मुझसे आज पूरी तरह से चुदना चाहती थीं.

दिदी को ददॅ हो रहा था लेकिन वो दर्द को बर्दाश्त कर रही थी वो भी अपने भाई के लिए. 

दीदी- आहह राज …यू आर सो फास्ट.. … आहह ओह फक फक...

इस समय कमरे में कामुक आवाजें और फच फच फच की आवाजें गूंज रही थीं. में बिना रुके दिदी को चोद रहा था उनका बदन हिल रहा था उनके चेहरे का रंग उड चुका था दिदी अपने भाई के दिए ददॅ को झेल रही थी. 

दिदी : जल्दी भाई.. ओह आह...अब बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है बर्दाश्त नहीं हो रहा... 


मेने देखा की दिदी थोड़ी ढिली पड गई है वो सिर्फ मेरा साथ दे रही है मतलब वो जड चुकी थी और इधर मेरी स्पीड अब टोप गियर में चली जाती है. में अपनी ही बहन को जोरो से चोद रहा था और दिदी ददॅ बर्दाश्त कर रही थी. 

कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया और हांफते हुए दीदी के ऊपर ही गिर गया. दीदी भी सीत्कार रही थी उनकी सांसे तेज हो गई थी बदन में पसीना हो चुका था.

उसके बाद मैं लंड से वीर्य भरा कंडोम निकाल कर डस्टबिन में फेंक कर दीदी के पास लेट गया. दिदी कराहते हुए अपनी चुत में उंगली करती है और एक नझर मेरी ओर देखती है. दिदी का चेहरे का रंग उडा हुआ था. 

तभी जिजाजी तूंरत बाथरुम में चले जाते हैं और में थोडी राहत पाता हु. हम दोनों भाई-बहन थक चुके थे और में तो बहुत ज्यादा थक चुका था. 

मैं- आई लव यू दीदी.
दीदी- आई लव यू टू हनी.


तभी जिजाजी खुदको ठीक करते हुए बाहर आते हैं और स्माइल करते हैं और दिदी के पास आकर दिदी के गाल पर लपैट जाते हैं. 

जिजाजी : जिंदगी पहली बार अपनी बिवी को उसके भाई से चुदतेे हुए देखकर खुद ही लंड को हिलाकर माल निकाला. 

हम कुछ नहीं बोलते हैं और बस चुपचाप लेटे थे. 

जिजाजी : राज केसा लग रहा है. 
में : अच्छा. 
दिदी : डालिॅग लाइट बंद करो दो बहुत रात हो चुकी है. 
में : में अपने कमरे में चला जाता हूँ. 

फिर में अपने कपड़े लेकर अपने कमरे में जाकर थकावट की वजह से सो जाता हु. 


अबतक की कहानी आपको केसी लगी कमेंट करके जरूर बताना और आप अपनी कोई भी चुदाई की दास्तान मेईल के जरिए मुझे बता सकते हैं और वो बाते पुरी तरह से हमारे बिच सिक्रेट रहेंगी. 

rr532045 @1 
कहानी जारी है 

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RE: मेरी बहन और जीजू की अदला-बदली की फैंटेसी : चेप्टर 1 - by Kahani Master - 29-07-2021, 03:32 PM



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