28-07-2021, 10:31 AM
शीला के जाने के बाद भी मेरी खुमारी खत्म नहीं हुई, उसके बारे में ही सोंचता रहा,उसके तीखे नाक नक्श,बड़ी बड़ी आंखें,काले लंबे घने बाल,मोहक मुस्कान, उसकी जवानी,मस्त अदायें मुझे पागल किये दे रही थी।उसकी चूत का स्वाद अभी तक मुझे महसूस हो रहा था।
और मैं फिर से उसकी जवानी का स्वाद लेने को उतावला हो उठा,लेकिन मुझे याद आया कि कल से तो आॅफिस में ऑडिट चालू हो रहा है और उसके लिए बाहर से तीन चार मेम्बर आने वाले हैं...
मैं मुट्ठी भींच कर दूसरे हाथ की हथेली पर मार कर कसमसाया और बड़बड़ाया
...." इन भोसड़ी वालों को भी कल ही आना था,अब ये चार पांच दिन तक तो पीछा छोड़ने वाले नहीं।"
मैं तो जिधर देख रहा था उधर ही मुझे शीला की चूत दिखाईं दे रही थी।
कुछ देर इसी प्रकार कसमसाता रहा कि अचानक काल बेल बज उठी, मैनें आइ पीस में से झांक कर देखा तो पार्सल वाला था, मैंने नजदीक के एक रेस्तराँ में डिनर का ऑर्डर बुक किया हुआ था।मैंने दरवाजा खोल कर पार्सल ले लिया, फिर नहा धोकर डिनर किया और कल की प्लानिंग करने लगा।
फिर चार-पांच दिन बीत गये,
इन आॅडिट वालों ने मुझे सारा टाइम एंगेज करके रक्खा था व रोज शाम के साढे सात- आठ बजे ऑफिस से छूट पाता था।
......आज आॅडिट का आखिरी दिन था और मैं बड़ा उत्साहित।
शुक्रवार शाम को आॅडिट खत्म हुआ और शनिवार को बिफोर टाइम ऑफिस पहुँच गया ...
देखा तो शीला आॅफिस आ चुकी थी और मुझे देखते ही उसकी भी बांछे खिल गई ।
अब मैंने उसे फटाफट मैसेज दिया वो ऑडिट वाले मरदूद चले गए हैं अब आज शाम का प्रोग्राम पक्का है।शीला ने हामी में सिर हिलाया और हँसने लगी।
पहले की तरह ही सैट टाइमिंग यानि तीन बजे ही घर पहुँच गया,नहा धोकर फ्रैश हो गया,फिर वोदका और दो तीन छोटी छोटी कोल्ड ड्रिंक की बोतलें निकाली,अब मेरा क्रियेटिव माईंड तेजी से चल रहा था। एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल में से थोड़ी सी कोल्ड ड्रिंक एक कप में खाली कर दी फिर थोड़ी ही खाली हुई कोल्ड ड्रिंक की बोतल में एक पैग वोदका मिक्स कर दी।फिर पहले जैसी ही कैप लगा कर सील कर दी।
इसी प्रकार दो कोल्ड ड्रिंक की बोतल वोदका मिक्स करके तैयार कर ली।फिर ज्यों की त्यों फ्रिज में रख दी।
अब अपने लिए एक पैग बनाया,फिर धीरे-धीरे घूंट भरने लगा।
और फिर....वो घड़ी आ गयी....पौने छह बजे शीला पहुँच गयी।मैंने उसे दरवाजा बंद करते ही बांहों में जकड़ लिया और उसी प्रकार भींचे हुए कुछ पल खड़ा रहा,शीला ने भी समर्पित होकर आंखें बंद कर ली फिर मैं उसे सीधे बैडरूम में ले आया।
"आॅफिस से सीधे आ रही है रानी,ले पहले कुछ पानी वानी पी ले" फिर मैंने उसे एक पानी की बोतल पकड़ा दी,जो उसने एक ही सांस में खत्म करदी,फिर मैंने एक और बोतल दी, और काफी ना नुकुर करने के बाद उसने आधी बोतल और खाली कर दी,अब मैंने उसे एक वही वोदका वाली कोल्ड ड्रिंक की बोतल पकड़ा दी, वो मना करती जा रही थी और मै उसकी थकावट का वास्ता देते हुए पिलायें जा रहा था।
जैसे ही उसने एक घूँट भरा एकदम मुंह बिगाडा-
"बड़ा अजीब सा स्वाद है।"
"अरे नहीं रानी तू अभी अभी पसीने में थक कर आ रही है इसलिये मुंह का जायका खराब हो गया होगा..."मैंने बनावटी अंदाज़ में बोला।
और वह सोचती विचारती हुई धीरे-धीरे कोल्ड ड्रिंक खत्म कर गई।
फिर मैंने उसे एक और कोल्ड ड्रिंक की बोतल पकड़ा दी,लेकिन अब वो मना करती जा रही थी
"अजीब सा स्वाद है,आपने इस में कुछ मिला तो नहीं दिया ना"
"अरे नहीं पगली,मै भला क्यों मिलाउंगा,मैंने अभी तेरे सामने ही तो खोली है,अच्छा ले मैं भी इसमें से पी लेता हूँ" कह कर मैंने भी उसमें से एक सीप मार लिया,फिर मुंह बिगाड़ कर बनावटी अंदाज़ में बोला अरे हां ऐसा लग रहा है कि थोड़ी पुरानी सी हो गई है इसलिये इसका टेस्ट चेंज हो गया है,लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता।"
अब उसे थोड़ी तसल्ली हुई और फिर उसने जल्दी से गट-गट करके कोल्ड ड्रिंक खत्म कर दी।
अब मैंने देरी ना करते हुए शीला और मेरे सारे कपड़े उतार दिये।
आज तो शीला को बिल्कुल पोर्न फिल्मों की तरह चोदना था और अपनी सारी हसरतें पूरी करना थी।
अब हम दोनों एक दूसरे के सामने पूरी तरह से नंगे खड़े थे,और फिर मैंने शीला को बैड पर ले जा कर झटके से अपने उपर इस प्रकार खींच लिया कि मै नीचे था और शीला मेरे उपर छा चुकी थी।उसकी काली घनी ज़ुल्फ़ों पे मेरे चेहरे को ढक लिया था, उसके होंठ मेरे होठों को टच करने लगे,मेरे बदन में भी चींटियाँ रेंगने लगी।मैंने उसे कस कर दबा लिया और उसके होठों को अपने होठों की गिरफ्त में ले कर चूमने लगा ,वो भी उत्तेजित हो कर साथ दे रही थी।हम दोनों पागलों की तरह जोर जोर से एक दूसरे के होठों को चूम रहे थे, काट रहे थे।एक हफ्ते के बाद मिले थे लेकिन ऐसा लग रहा था मानो मुद्दतों के बाद मिले हो।मैंने अपने होठों से थोड़ा सा थूक बाहर किया व उंगली के इशारे से उससे भी वैसा ही करने को कहा, उसने मुस्कुराते हुए होठों से थूक बाहर किया और मैंने उसे बड़े प्यार से चूस लिया।अब मैंने उसकी कड़क चूचीयों को चूसना शुरू कर दिया,तभी वह मुस्कुरा कर बोल उठी,
"देखो सारा मत पी लेना,घर जा कर मुझे बाबू को भी पिलाना है।"
मैं चौंका "बाबू कौन"
"मेरा बेटा " वह बोली।
ओह मुझे याद आया कि शीला का एक साल का बेटा भी है।
अब कुछ क्षण हमारा चुम्बन वाला उपक्रम थम गया व बातें चलने लगी।
"लेकिन वो तो एक साल का हो गया,अभी तक तू उसे अपना दूध पिलाती हैं ?"
हाँ,अब हम रोज डिब्बे वाला पाउडर नहीं पिला सकते।
मुझे शीला की कड़वी सच्चाई व बड़ी मजबूरी का एहसास हुआ,
एक ही झटके में मेरे मन में कई विचार कौंध उठे....नहीं...नहीं...मेरे होते हुए मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।मुझे शीला के लिए कुछ करना ही होगा।
मेरे मुंह से बरबस ही निकल पड़ा....
".नहीं...नहीं..शीला .मेरे होते हुए मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।तेरी और तेरे परिवार की जिम्मेदारी में मैं भी तेरा हाथ बंटाउंगा,अब से तुझे अभावों में जीने नहीं दूंगा।सारी खुशियाँ दूँगा...मै शीला के प्रेम सम्मोहन में बोलता चला जा रहा था और शीला भी बड़े प्यार से मुझे निहारती ही जा रही थी...और अब वोदका असर दिखाने लगी थी,उसकी आँखें अब गुलाबी होती जा रही थी उनमें अब धीरे-धीरे नशा छा रहा था और वो मदमस्त मदमाती हुई बला की खूबसूरत लग रही थी।
एक दम मेरी तंद्रा भंग हुई जब शीला ने बड़े प्यार से अपना सर मेरी छाती पर रख दिया और मुझे प्यार से भींच लिया।मैंने भी तुरंत उसकी ठोड़ी उपर करके उसके होठों को चूम लिया,और फिर हम दोनों फिर से चुम्बन के ब्रम्हांड में गोते लगाने लगे।कुछ पल के बाद मैंने उसे कहा....
"रानी !अब अपनी चूत महारानी के दर्शन तो करवा दे...अब 69 के पोज़ में पलट कर आ जा..और तू भी मेरे लंड महाराज की पूजा वूजा करले।
शीला समझ गयी और तुरंत 69 के पोज़ में इस प्रकार आ गयी कि उसके होठ मेरे लंड को टच करने लगे व उसकी चूत का मुंह मेरे मुंह पर था।मैं उसकी चूत पर जिभ रगड़ने लगा और वो मेरे लंड को मुंह में ले कर उपर नीचे करने लगी।
अब मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया फिर जीभ उसकी चूत मे घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा
"उ...ई...माँsssssअ..ह..अ...ह
शीला को भी बड़ा मजा आने लगा।वो भी मेरे लंड को मुंह में जोर से भींच कर अंदर बाहर करने लगी...
अब मैं भी आनंद के गोते लगाने लगा ।अब मैंने उसकी गांड चाटने लगा फिर गांड में जीभ घुसाने लगा और अंदर बाहर करने लगा,तभी उसकी गांड पर चिपका हुआ कुछ पदार्थ सा मेरे मुंह में आ गया और मैं आंखें मूंद कर बड़े आनंद से उसे भी निगल गया और फिर से चूत मे जीभ अंदर-बाहर करने लगा।शीला गनगनाने लगी थी। "आ..ह...ऊ...ह...आ..ह....ह....ह"
अब मैंने एक उंगली उसकी चूत मे घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा और धीरे-धीरे उसकी गति बढाने लगा ।शीला कसमसा उठी।
कुछ समय बाद दूसरी उंगली भी घुसा दी।अब दो उंगली उसकी चूत में थी और मैं जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा..हा..य बड़ा म...जा... आ ...र...हा है मी..ठा ...मी....ठा ...दर्द ...हो... रहा है ....और... क....रो ,क..र...ते... र...हो।
और शीला झड़ने लगी।उसकी चूत से पानी निकलने लगा और मैं भी मदमस्त हो कर उसे चाटने लगा।
और अब शीला पूरी तरह से झड़ चुकी थी और वह निढाल सी हो कर मेरे उपर ही ढीली सी पड़ गई।
शेष अगली किस्त में ... क्रमशः
और मैं फिर से उसकी जवानी का स्वाद लेने को उतावला हो उठा,लेकिन मुझे याद आया कि कल से तो आॅफिस में ऑडिट चालू हो रहा है और उसके लिए बाहर से तीन चार मेम्बर आने वाले हैं...
मैं मुट्ठी भींच कर दूसरे हाथ की हथेली पर मार कर कसमसाया और बड़बड़ाया
...." इन भोसड़ी वालों को भी कल ही आना था,अब ये चार पांच दिन तक तो पीछा छोड़ने वाले नहीं।"
मैं तो जिधर देख रहा था उधर ही मुझे शीला की चूत दिखाईं दे रही थी।
कुछ देर इसी प्रकार कसमसाता रहा कि अचानक काल बेल बज उठी, मैनें आइ पीस में से झांक कर देखा तो पार्सल वाला था, मैंने नजदीक के एक रेस्तराँ में डिनर का ऑर्डर बुक किया हुआ था।मैंने दरवाजा खोल कर पार्सल ले लिया, फिर नहा धोकर डिनर किया और कल की प्लानिंग करने लगा।
फिर चार-पांच दिन बीत गये,
इन आॅडिट वालों ने मुझे सारा टाइम एंगेज करके रक्खा था व रोज शाम के साढे सात- आठ बजे ऑफिस से छूट पाता था।
......आज आॅडिट का आखिरी दिन था और मैं बड़ा उत्साहित।
शुक्रवार शाम को आॅडिट खत्म हुआ और शनिवार को बिफोर टाइम ऑफिस पहुँच गया ...
देखा तो शीला आॅफिस आ चुकी थी और मुझे देखते ही उसकी भी बांछे खिल गई ।
अब मैंने उसे फटाफट मैसेज दिया वो ऑडिट वाले मरदूद चले गए हैं अब आज शाम का प्रोग्राम पक्का है।शीला ने हामी में सिर हिलाया और हँसने लगी।
पहले की तरह ही सैट टाइमिंग यानि तीन बजे ही घर पहुँच गया,नहा धोकर फ्रैश हो गया,फिर वोदका और दो तीन छोटी छोटी कोल्ड ड्रिंक की बोतलें निकाली,अब मेरा क्रियेटिव माईंड तेजी से चल रहा था। एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल में से थोड़ी सी कोल्ड ड्रिंक एक कप में खाली कर दी फिर थोड़ी ही खाली हुई कोल्ड ड्रिंक की बोतल में एक पैग वोदका मिक्स कर दी।फिर पहले जैसी ही कैप लगा कर सील कर दी।
इसी प्रकार दो कोल्ड ड्रिंक की बोतल वोदका मिक्स करके तैयार कर ली।फिर ज्यों की त्यों फ्रिज में रख दी।
अब अपने लिए एक पैग बनाया,फिर धीरे-धीरे घूंट भरने लगा।
और फिर....वो घड़ी आ गयी....पौने छह बजे शीला पहुँच गयी।मैंने उसे दरवाजा बंद करते ही बांहों में जकड़ लिया और उसी प्रकार भींचे हुए कुछ पल खड़ा रहा,शीला ने भी समर्पित होकर आंखें बंद कर ली फिर मैं उसे सीधे बैडरूम में ले आया।
"आॅफिस से सीधे आ रही है रानी,ले पहले कुछ पानी वानी पी ले" फिर मैंने उसे एक पानी की बोतल पकड़ा दी,जो उसने एक ही सांस में खत्म करदी,फिर मैंने एक और बोतल दी, और काफी ना नुकुर करने के बाद उसने आधी बोतल और खाली कर दी,अब मैंने उसे एक वही वोदका वाली कोल्ड ड्रिंक की बोतल पकड़ा दी, वो मना करती जा रही थी और मै उसकी थकावट का वास्ता देते हुए पिलायें जा रहा था।
जैसे ही उसने एक घूँट भरा एकदम मुंह बिगाडा-
"बड़ा अजीब सा स्वाद है।"
"अरे नहीं रानी तू अभी अभी पसीने में थक कर आ रही है इसलिये मुंह का जायका खराब हो गया होगा..."मैंने बनावटी अंदाज़ में बोला।
और वह सोचती विचारती हुई धीरे-धीरे कोल्ड ड्रिंक खत्म कर गई।
फिर मैंने उसे एक और कोल्ड ड्रिंक की बोतल पकड़ा दी,लेकिन अब वो मना करती जा रही थी
"अजीब सा स्वाद है,आपने इस में कुछ मिला तो नहीं दिया ना"
"अरे नहीं पगली,मै भला क्यों मिलाउंगा,मैंने अभी तेरे सामने ही तो खोली है,अच्छा ले मैं भी इसमें से पी लेता हूँ" कह कर मैंने भी उसमें से एक सीप मार लिया,फिर मुंह बिगाड़ कर बनावटी अंदाज़ में बोला अरे हां ऐसा लग रहा है कि थोड़ी पुरानी सी हो गई है इसलिये इसका टेस्ट चेंज हो गया है,लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता।"
अब उसे थोड़ी तसल्ली हुई और फिर उसने जल्दी से गट-गट करके कोल्ड ड्रिंक खत्म कर दी।
अब मैंने देरी ना करते हुए शीला और मेरे सारे कपड़े उतार दिये।
आज तो शीला को बिल्कुल पोर्न फिल्मों की तरह चोदना था और अपनी सारी हसरतें पूरी करना थी।
अब हम दोनों एक दूसरे के सामने पूरी तरह से नंगे खड़े थे,और फिर मैंने शीला को बैड पर ले जा कर झटके से अपने उपर इस प्रकार खींच लिया कि मै नीचे था और शीला मेरे उपर छा चुकी थी।उसकी काली घनी ज़ुल्फ़ों पे मेरे चेहरे को ढक लिया था, उसके होंठ मेरे होठों को टच करने लगे,मेरे बदन में भी चींटियाँ रेंगने लगी।मैंने उसे कस कर दबा लिया और उसके होठों को अपने होठों की गिरफ्त में ले कर चूमने लगा ,वो भी उत्तेजित हो कर साथ दे रही थी।हम दोनों पागलों की तरह जोर जोर से एक दूसरे के होठों को चूम रहे थे, काट रहे थे।एक हफ्ते के बाद मिले थे लेकिन ऐसा लग रहा था मानो मुद्दतों के बाद मिले हो।मैंने अपने होठों से थोड़ा सा थूक बाहर किया व उंगली के इशारे से उससे भी वैसा ही करने को कहा, उसने मुस्कुराते हुए होठों से थूक बाहर किया और मैंने उसे बड़े प्यार से चूस लिया।अब मैंने उसकी कड़क चूचीयों को चूसना शुरू कर दिया,तभी वह मुस्कुरा कर बोल उठी,
"देखो सारा मत पी लेना,घर जा कर मुझे बाबू को भी पिलाना है।"
मैं चौंका "बाबू कौन"
"मेरा बेटा " वह बोली।
ओह मुझे याद आया कि शीला का एक साल का बेटा भी है।
अब कुछ क्षण हमारा चुम्बन वाला उपक्रम थम गया व बातें चलने लगी।
"लेकिन वो तो एक साल का हो गया,अभी तक तू उसे अपना दूध पिलाती हैं ?"
हाँ,अब हम रोज डिब्बे वाला पाउडर नहीं पिला सकते।
मुझे शीला की कड़वी सच्चाई व बड़ी मजबूरी का एहसास हुआ,
एक ही झटके में मेरे मन में कई विचार कौंध उठे....नहीं...नहीं...मेरे होते हुए मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।मुझे शीला के लिए कुछ करना ही होगा।
मेरे मुंह से बरबस ही निकल पड़ा....
".नहीं...नहीं..शीला .मेरे होते हुए मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।तेरी और तेरे परिवार की जिम्मेदारी में मैं भी तेरा हाथ बंटाउंगा,अब से तुझे अभावों में जीने नहीं दूंगा।सारी खुशियाँ दूँगा...मै शीला के प्रेम सम्मोहन में बोलता चला जा रहा था और शीला भी बड़े प्यार से मुझे निहारती ही जा रही थी...और अब वोदका असर दिखाने लगी थी,उसकी आँखें अब गुलाबी होती जा रही थी उनमें अब धीरे-धीरे नशा छा रहा था और वो मदमस्त मदमाती हुई बला की खूबसूरत लग रही थी।
एक दम मेरी तंद्रा भंग हुई जब शीला ने बड़े प्यार से अपना सर मेरी छाती पर रख दिया और मुझे प्यार से भींच लिया।मैंने भी तुरंत उसकी ठोड़ी उपर करके उसके होठों को चूम लिया,और फिर हम दोनों फिर से चुम्बन के ब्रम्हांड में गोते लगाने लगे।कुछ पल के बाद मैंने उसे कहा....
"रानी !अब अपनी चूत महारानी के दर्शन तो करवा दे...अब 69 के पोज़ में पलट कर आ जा..और तू भी मेरे लंड महाराज की पूजा वूजा करले।
शीला समझ गयी और तुरंत 69 के पोज़ में इस प्रकार आ गयी कि उसके होठ मेरे लंड को टच करने लगे व उसकी चूत का मुंह मेरे मुंह पर था।मैं उसकी चूत पर जिभ रगड़ने लगा और वो मेरे लंड को मुंह में ले कर उपर नीचे करने लगी।
अब मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया फिर जीभ उसकी चूत मे घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा
"उ...ई...माँsssssअ..ह..अ...ह
शीला को भी बड़ा मजा आने लगा।वो भी मेरे लंड को मुंह में जोर से भींच कर अंदर बाहर करने लगी...
अब मैं भी आनंद के गोते लगाने लगा ।अब मैंने उसकी गांड चाटने लगा फिर गांड में जीभ घुसाने लगा और अंदर बाहर करने लगा,तभी उसकी गांड पर चिपका हुआ कुछ पदार्थ सा मेरे मुंह में आ गया और मैं आंखें मूंद कर बड़े आनंद से उसे भी निगल गया और फिर से चूत मे जीभ अंदर-बाहर करने लगा।शीला गनगनाने लगी थी। "आ..ह...ऊ...ह...आ..ह....ह....ह"
अब मैंने एक उंगली उसकी चूत मे घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा और धीरे-धीरे उसकी गति बढाने लगा ।शीला कसमसा उठी।
कुछ समय बाद दूसरी उंगली भी घुसा दी।अब दो उंगली उसकी चूत में थी और मैं जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा..हा..य बड़ा म...जा... आ ...र...हा है मी..ठा ...मी....ठा ...दर्द ...हो... रहा है ....और... क....रो ,क..र...ते... र...हो।
और शीला झड़ने लगी।उसकी चूत से पानी निकलने लगा और मैं भी मदमस्त हो कर उसे चाटने लगा।
और अब शीला पूरी तरह से झड़ चुकी थी और वह निढाल सी हो कर मेरे उपर ही ढीली सी पड़ गई।
शेष अगली किस्त में ... क्रमशः