28-07-2021, 07:38 AM
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सीमा - बहुत कड़वा है।
दिलीप- अभी देखो तुम्हे थोड़ा देर में मजा आने लगेगा।
फिर दिलीप सीमा की गर्दन पर शराब की बोतल उड़ेल देता है जिस से शराब सीमा की गर्दन होते हुए बूब्स पर पर गिरता है। दिलीप अपना मुह सीमा की गर्दन के पास ले जाकर उसकी गर्दन को अपने जीभ से चाटना सुरु करता है। और चूसने लगता है। सीमा को गुदगुदी होने लगती है। कुछ देर पहले तक ही सीमा को कुछ नही हो रहा था शराब का एक पेग लेते ही उसके अंदर गुदगुदी सुरु हो चुका था। सीमा के सामने ही प्रकाश भी था जिसे वो देखे जा रही थी। सीमा की नजर परकाश के और ही थी जो उसे हिम्मत दे रहा था। दिलीप उसके गर्दन को चूम रहा था चूस रहा था अब उसे लग रहा था जैसे प्रकाश उसके साथ ये सब कर रहा है और उसके अंदर सिरहन पैदा होने लगता है। उसके शरीर के बाल खड़ा होने लगता है। वैसे उसके शरीर पर एक भी बाल नही थे क्योंकि आज प्रकाश ने जब सीमा को पार्लर में घुसाया था तो उसके सारे शरीर के बाल को वैक्सिंग कर दिया गया था। जिसके कारण सीमा का शरीर काफी चिकना लग रहा था। जैसे ही दिलीप ने सीमा के शरीर पर शराब उढेला था वैसे ही शराब से सीमा का गर्दन भींगते हुए शराब सीमा की बूब्स तक आकर उसकी कपड़े को गिला कर देता है। जिसे अभी दिलीप चूस रहा था। गर्दन से चूसते चूसते दिलीप अपना मुह को छाती की और लेकर जाता है। जैसे जैसे सीमा की बूब्स की और बढ़ रहा था सीमा अंदर ही अंदर गरम होते जा रही थी। उसका शरीर अभी भी डर से कांप जरूर रहा था। तभी दिलीप खड़ा हो जाता है और फिर सीमा को भी खड़ा होने के लिए कहता है। सीमा डरते डरते खड़ी हो जाती है। फिर दिलीप सीमा को चारों तरफ से घूम घूम कर देखने लगता है।
दिलीप- आह क्या मस्त बदन है सीमा तुम्हारा देख कर ही मेरा लंड पानी छोड़ने को तड़पने लगता है।
दिलीप सीमा को चारों तरफ से घूरने के बाद उसके होठो के पास अपना होंठ लेकर जाता है। सीमा तेज सांसे ले रही थी।
दिलीप को सीमा की गर्म गर्म तेज सांसों का एहसास होता है। सीमा थोड़ा डर से कांप रही थी। दिलीप अपना जीप बाहर निकलता है और फिर सीमा की लाल होंठों के ऊपर जीप से उसके होटों को सहलाने लगता है। सीमा के होंठ थोड़ा थोड़ा काँप रहे थे। जैसे ही दिलीप अपना जी सीमा के होंठ पर सताता है सीमा के अंदर एक कंपनी शुरू हो जाता है। इस तरह दिलीप सीमा के होटों को अपने जीभ से चाटना शुरू करता है। सीमा का मुँह बंद था। सीमा के होठों पर लगा लिपस्टिक अब दिलीप के द्वारा चाटने पर निकलना शुरू होता है।दिलीप सीमा केसर को अपने दोनों हाथ से पकड़ता है और फिर सीमा के होटलों पर जीप से रगड़ना तेज करता है। सीमा को ये अच्छा तो नहीं लगता लेकिन फिर भी वो कोई रिजेक्ट नहीं करती।
दिलीप, मुँह खोलो मेरी जान। और मेरे साथ किसका मज़ा लो।
सीमा जो अपना मुँह पूरी तरह से बंद करके रखी हुई थी हल्का सा डरते जाते मुँह खोल देती है। मुँह खोलते हैं दिलीप अपना जी सीमा के मुक्त अंदर डालने की कोशीश करता है। और फिर जीप से उसके दांतों मसूड़ों को रखने लगता है। और फिर अपना पूरा मुँह सीमा के मुख पर सट्टा देता है। सीमा को थोड़ा न कंप्यूटर को लग रहा था लेकिन अब पहले जैसा नहीं था सीमा अब अंदर से थोड़ा गर्म थी। दिलीप उसके मुँह पूरी तरह से किस करने लगता है। सीमा के पास अब उसका किस का जवाब देने के अलावा कोई चारा नहीं था। सीमा नहीं चाहती थी दिलीप को कुछ अच्छा न लगे क्योंकि अगर दिलीप नाराज हो गया तो फिर उसके लिए दुबारा मुसीबत खड़ा कर सकता है। इसलिए सीमा भी दिलीप का साथ देने लगती है। लेकिन दिलीप का गंदा काला मुँह के साथ किस करें तो कैसे? इसका उसने एक उपाय निकाला सीमा प्रकाश की ओर देखती है और किस करने लगती है सीमा अपने मन में ये सोचने लगती है की वो प्रकाश के साथ किस कर रही है। फिर सीमा भी इसमें इन्वॉल्व हो जाती है।। लेकिन जैसे वो दिलीप की ओर देखती उसे दिलीप का गंदा चेहरा देखकर गिना जाता। जिसके चलते वो किस करते वक्त लार अपने अंदर ले नहीं पा रही थी दोनों किस जरूर कर रहे थे पर लार वाही मुँह पर था। और कुछ नीचे टपक रहा था। जबकि सीमा प्रकाश के साथ जब किस करती थी सारा का सारा लाभ खुद की जाती थी। दिलीप जब देखता है सीमा किस कर रही है तब वो ।।।अपना हाथ उसके सर से हटाता है। और फिर हाथ को सीमा की गोल गोल मस्त गार्ड के ऊपर लेकर जाता है। सीमा हाथों स्पर्श गार्ड पर पाकर थोड़ा मस्त हो जाती है। दिलीप किस करते हुए सीमा की गाड़ी पर हाथ रखकर उसे दबा रहा था जिससे सीमा के अंदर गर्मी बढ़ने लगती है। इधर दिलीप इस नोटिस करता है की सीमा किस करते वक्त लार यानी थूक बाहर कर रही है जो दिलीप को अच्छा नहीं लगता। दिलीप सीमा को पीठ पर पकड़ते हुए झुका देता है और सोफे पर लिटा देता है। किस नहीं रुकता किस जारी रखा हुआ था। और फिर मुँह को पूरी तरह से टेक कर देता है जिससे सीमा अब लार बाहर न निकाल सीमा को अब अन्कम्फरटेबल लगने लगता है लेकिन उसके पास कोई चारा भी नहीं था। वो अपना सिर्फ थोड़ा हिला कर कोशीश करती है आजाद होने की लेकिन दिलीप ने उसका सर दोनों हाथों से पकड़ करके रखा हुआ था और उसके मुँह को लॉक कर अपने मुँह से भी थोक निकालकर उसके मुँह पर दे रहा था। सीमा को यह बहुत ही गन्दा लगने लगता है। लेकिन अब उसके पास कोई चारा भी नहीं था। सीमा समझ जाती है दिलीप क्या चाहता है और फिर ना चाहते हुए भी सीमा को वह सारा थूक पीना पड़ता है। सीमा मुँह का सारा का सारा थूक पी जाती है। दिलीप अपने मुँह से थोक निकालकर सीमा के मुँह में देता जिसे सीमा पी रही थी। या करते हुए दिलीप को बहुत मज़ा आ रहा था। फिर जब मुह का थूक खत्म हो गया। तब दिलीप सीमा के मुह को थोड़ा सा आजाद करता है।
दिलीप- कैसा लगा सीमा?
सीमा- ठीक था।
हालांकि सीमा को बहुत गंदा लगा था लेकिन वो सच बोलकर दिलीप को ग़ुस्सा नही दिलाना चाहती थी।
तब दिलीप ने पास पड़े शराब का बोतल उठाया और अपने मुह में भर लिया। सीमा को लगा शायद दिलीप उसे पियेगा। मगर यर क्या वो शराब मुह में लेकर सीमा की और अपना मुह बढ़ाता है। सीमा को दिख रहा था दिलीप के मुह में शराब है जिसे उसने अभी भी मुह में रखा हुआ है।
सीमा- नही नही प्लीज ये मुझ से नही होगा।
लेकिन दिलीप कहाँ मानने वाला था उसने सीमा का सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर जोर देते हुए उसके मुह के अंदर अपना मुह डालने की कोसिस करने लगता है। सीमा का सर दिलीप इतने जोरो से पकड़ रखा था कि सीमा अपना सर को इधर इधर हिला भी नही सकती थी। बस इसी तरह दिलीप अपना होठों के सहारे सीमा का मुह खोलने की कोसिस करने लगता है। दिलीप का होठ काफी कड़क था जिसके वजह से सीमा को अपने मुह खोलना पड़ता है। और दिलीप अपना मुह का शराब थोड़ा थोड़ा करके उसके मुह में देने लगता है। सीमा के मुह में कड़वा शराब आ चुका था। दिलीप काफी शक्ति से सीमा का मुह को अपने मुह से लॉक किया हुआ था। जिसके वजह से सीमा के पास और कोई चारा नही था। सीमा के आखो से आंसू की एक धार बहती है जो उसके कानों के तरफ बहने लगता है। सीमा के मुह में प्रेशर देने की वजह से सीमा को वो शराब पीना पड़ता है। दिलीप सीमा के मुह में थोड़ा थोड़ा शराब छोड़ता जैसे जैसे सीमा शराब खत्म करते जाती है वैसे वैसे दिलीप उसके मुह में शराब छोरत है। जब दिलीप को लगता है सीमा के मुह का शराब खत्म हो चुका है। दिलीप सीमा के मुह को आजाद कर देता है। लेकिन फिर दिलीप बोतल उठता है और फिर शराब अपने मुह में लेता है।
सीमा- प्लीज सर् बहुत कड़वा है और नही।
लेकिन दिलीप नही मानता ओर फिर सीमा के मुह में डालता है। इस बार सीमा समझ चुकी थी विरोध करके कोई फायदा नही है। थोड़ा थोड़ा दिलीप उसके मुह में अपने मुह से शराब डालते जाता है और फिर सीमा को मजबूरन वो शराब पीना पड़ता है उसे पता था दिलीप बहुत जिद्दी किस्म का इंसान है। अगर नही पी तो फिर वो जबरजस्ती उसे पिला ही देगा। दिलीप उसके मुह में शराब डालने के बाद जब वो आस्वस्त होता है की सीमा ने सारा शराब खत्म कर दिया है तब उसके मुह को आजाद करता है।
दिलीप- कैसा लगा शराब का स्वाद।
सीमा - बहुत कड़वा था।
दिलीप हँसने लगता है।
दिलीप- अभी थोड़ी देर रुको फिर देखना इस कड़वे शराब का जादू।
देखना कैसे माजा आने लगेगा तुमको। क्यो प्रकाश।
प्रकाश कमरे के एक कोने में बैठा हुआ सब कुछ देख रहा तब।
प्रकाश- हाँ सर् बिल्कुल सच कहा आपने।आंटी अभी माजा आने लगेगा तुम्हे।
सीमा सोफे पर पड़ी हुई थी। और ओके वाला रिएक्शन देती है सर हिलाते हुए।
सीमा को अन्दर ही अंदर बहुत घिन आ रही थी। एक तो दिलीप का मुँह सीमा को बहुत गंदा लगता था। ऊपर से दिलीप ने उसी गंदे मुँह में शराब भरकर सीमा कूप पीला दिया। लेकिन अब धीरे धीरे शराब का असर शुरू हो रहा था। सीमा को अपना शरीर हल्का हल्का लग रहा था। दिलीप सीमा के नूड लेग्स पर शराब डालता है। सीमा की लेग्स काफी गोरी और खूबसूरत थी। ऊपर से आज ही पार्लर से वैक्सिंग कराया गया था जिसके वजह से उसके टांग मक्खन जैसा चिकनी लग रही थी। शराब डालने के बाद दिलीप सीमा की टांगों को चाटने चूसने लगता है। चूसते चूसते दिलीप ऊपर की और आने लगता है। जैसे ही दिलीप घुटनो के ऊपर आता है सीमा के अंदर सेंसेशन शरू हो जाता है। दिलीप सीमा के जांघो तक पहुचता है। और वहां चूसने लगता है। सीमा की बूब्स की निप्पल कड़क होना शरू हो जाता है।
दिलीप सीमा के जंगों पर किस करता है और चूसता है जिससे सीमा गर्म होने लगती है। सीमा के हाव् भाव से दिलीप को लगने लगता है बहुत गर्म हो रही है। दिलीप सीमा के जागो पर है किस करना जारी रखता है। गोरी मक्खन जैसे जांग जिसपर सीमा के एक भी बाल नहीं थे। किस करते हुए दिलीप को भी बहुत मज़ा आ रहा था।। फिर धीरे धीरे दिलीप थोड़ा और ऊपर आता है और सीमा का ड्रेस और सीमा का ड्रेस को ऊपर की ओर सरका देता है। नीचे से दिलीप को सीमा की पेंटी नजर आ रही थी जिसे देखकर दिलीप काफी एक्साइटेड फील करता है। फिर वह सीमा के जागो जो सीमा की चुत करीब था उसे चूसनें और चाटने लगता है।सीमा का चेहरा लाल हो रहा था।।सीमा के जंगों को चूसते चूसते दिलीप अपना एक हाथ सीमा की बूब्स की तरफ बढ़ता है और उसके बूब्स के ऊपर अपना बड़ा सा हाथ रखकर जितना बूब्स का इलाका को कवर कर सकता था कवर करते हुए सीमा की बूब्स को जोर से दबा देता है। सीमा आह ह ह ह ह ह ह ह ह की आवाज मुह से निकलती है। ये सुन कर दिलीप बहुत खुश हो जाता है। और फिर नीचे जांघो के बीच मे अपना मुह घुसते हुए उसके जांघ को चूसने लगता है और सीमा की बूब्स को जोर जोर से दबाने लगता है।