16-04-2019, 10:44 AM
बस, मैं पैकेट से निकली रेशमी घाघरा चोली बिना ब्रा के पहनकर तैयार होने लगी, तभी उस पैकेट से एक छोटी सी पैकेट निकली जिसे खोलने पर एक जालीदार पैन्टी के समान सिर्फ डोरीयां और आगे एक जालीदार पट्टी सि थी। मैं सोच ही रही थी कि यह कैसे क्या कि पैकेट के उपर बनी एक औरत कि फोटो पर नजर परी जिसमें उस महिला ने वह पैन्टी पहने हुई थी जिसमें सिर्फ उसकी गोल चुतर साफ दिख रही थी और पिछे से एक डोरी उसकी गांड के दरारो से होती हुई उसके चुत के सिर्फ फांको को ढकती हुई एक रिंगके सहारे कमर के डोरियों से बंधी हुई थी। झटपट मैं वही तिनो कपड़े पहन कर तैयार हो गई। कपड़े पहन कर मैं आइने में जब अपने को देखि तो मैं खुद शर्मा गई। सामने आईने में मेरी दोनो चुंचियो के उपरी भाग चोली से बाहर दिख रही थी ,चोली से बाहर निकलने को बेताब ।मैं स्वंय झेंप कर ईधर ऊधर दने लगी ।और यह सोचकर दूसरे कपड़े ढूँढने हेतु बैग में देखने लगी कि तभी सीमा की आवाज़ आई, कहां बारी मीरा रानी और आवाज़ लगाती मेरे रूम में आ गई ।आए हाए जालीम मार देहलू रानी, आज त केतना के हथियार भोथरा कर देबे बुरचोदी।गे खचरी तोहार खच्चर बहनोईआ गई लन रहे काम से त वहीं ए से लाईले रहन। और दोसरा दिन त एहिंए आ गईनी ।बुझत रहीं जे साड़ी ब्लाउज होखी ।पकेटवा खोलनी त अच्छा लागल त पहिन लेनी। सीमा देख न कैसन लागेला, चुंचियों आधनंगीए बा ।ना रे मत उतार एहिए पहिन के चल, बरा एडभांस बाटे उषिया भ्उजी के धर बरी बड़ाई बतिआवत रहेलन, हमर घर में ऐसे लोग रहेलन त वैसन कापड़ पहिरलन। ईहा त सब पिछरू बारन। तहरा देखिए त बुझाई लोगन के कि फैसन का होखेला अब हमरे देख कहियो ऐसन मैक्सी पहिन के ईहाँ ना घुमनी जन् ।अब मेरी नजर उसके ड्रेस पर परि। गेहूँवन रंग के शरीर पर भूरे रंग की मै