27-07-2021, 11:48 AM
अपडेट -25
भाभी अभी -2 नींद से उठी थी…इसलिए वो बहुत धीरे-2 चल रही थी…भैया के रूम को क्रॉस करके जैसे ही वो बाथरूम के सामने पहुँची तो उनकी नींद से भरी अध खुली आँखे ऐसे फॅट गयी…जैसे उन्होने ने अपने सामने किसी भूत को देख लिया हो…बाथरूम के अंदर लाइट ऑन थी…इसलिए अंदर एक दम सॉफ देखा जा सकता था. भाभी बाथरूम से कुछ ही दूर खड़ी थी….और बाथरूम का डोर थोड़ा सा खुला हुआ था…और उस खुले हुए डोर के अंदर जो नज़र आ रहा था…
. देख कर भाभी साँस लेना भी भूल गयी थी…अंदर राज कमोड के पास खड़ा था..उसने ऊपेर कुछ नही पहना हुआ था…और उसका शॉर्ट उसके घुटनो तक नीचे उतरा हुआ था…भाभी की नज़र . जाँघो के बीच मे झटके खा रहे बाबूराव पर अटकी हुई थी…भाभी के हाथ . सुन्न पड़ चुके थे…जो भाभी को दिखाई दे रहा था. उस पर भाभी को यकीन नही हो रहा था….
राज का बाबूराव एक दम विकराल रूप धारण किए हुए था….गोरे बाबूराव का दहकते हुए लाल सुपाडे पर से तो जैसे भाभी की नज़रें चिपक ही गयी हों….एक दम तन्नाया हुआ बाबूराव 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटाई लिए हुए, उसके बाबूराव की नसें फूली हुई सामने खड़ी भाभी को सॉफ दिखाई दे रही थी……….
तभी राज ने वो किया जिसकी उम्मीद भाभी को बिल्कुल भी नही थी….राज ने अपने बाबूराव को मुट्ठी मे भरते हुए तेज़ी से पकड़ कर हिलाना शुरू कर दया…भाभी ये सब हैरानी से देख रही थी…उसे यकीन नही हो रहा था…कि जिस राज को वो पिछले एक महीने से अपने घर मे देख रही है…वो ये सब भी करता होगा….राज का चेहरा लाल हो चुका था…उसका हाथ अपने बाबूराव पर बहुत तेज़ी से चल रहा था….उसके बाबूराव के नसें अब और फूल चुकी थी….भाभी की हालत ऐसी हो गयी थी कि, काटो तो खून नही…
ये देखते हुए भाभी के हाथ पैर कांप रहे थे…राज अपने बाबूराव को हिलाते हुए कुछ बुदबुदा रहा था….पर भाभी सही से सुन नही पा रही थी….कि राज किसके बारे मे सोच कर बुदबुदा रहा है…भाभी पता नही कब से वहाँ खड़ी ये सब देख रही थी. और अगले ही पल राज के बाबूराव से वीर्य की बोछार होने लगी…एक बाद एक एक ढेर सारा वीर्य राज के बाबूराव से निकलता हुआ नीचे फर्श पर गिरने लगा….ये देखते हुए भाभी की आँखो मे अजीब सी चमक आ गयी….इतना कम लोड भाभी ने शायद पहली बार देखा था…..
जैसे -2 राज के बाबूराव से कामरस झटके ख़ाता हुआ बाहर आ रहा था…वैसे वैसे भाभी की चुनमुनियाँ भी धुनकने लगी थी…जैसे ही भाभी को अहसास हुआ कि, अब राज बाहर आने वाला है…भाभी धीरे-2 पीछे हट गयी….और फिर अपने रूम मे आकर अंदर बाथरूम मे घुस गयी….भाभी ने अपनी मॅक्सी उठाई…और अपनी पेंटी को नीचे सरका कर नीचे बैठ गयी….पेशाब तो पहले से बहुत तेज था….मूत की मोटी धार भाभी की फांको को फैलाती हुई तेज आवाज़ के साथ नीचे गिरने लगी….
भाभी की साँसे अभी भी उखड़ी हुई थी….पेशाब करने के बाद भाभी ने जैसे ही नीचे सर झुका कर अपनी चुनमुनियाँ की तरफ देखा तो उनके चुनमुनियाँ के अंदर से निकले काम रस की एक लार सी नीचे फर्श के तरफ लटक रही थी….भाभी ने अपनी उंगली अपनी चुनमुनियाँ के छेद मे डाल कर देखा तो भाभी की चुनमुनियाँ ना सिर्फ़ मूत से गीली थी…बल्कि उनकी चुनमुनियाँ से निकले हुए उनके कामरस से भी सारॉबार थी…..
भाभी खुद पर बहुत हैरान हो रही थी…आज कई दिनो बाद शायद उनकी चुनमुनियाँ ने उनके जवानी का रस बाहर निकाला था….भाभी ने उसे पानी से अच्छे सॉफ किया..और फिर हाथ पैर धो कर किचिन मे आ गयी और चाइ बनाने लगी….
चाइ बनाते हुए भाभी के जेहन मे बार-2 राज के बाबूराव के छवि बन कर उभर आती… भाभी को यकीन नही हो रहा था….जिस विकराल बाबूराव को उसने कुछ देर पहले देखा था. वो राज का ही है….भाभी सोच रही थी कि, राज का बाबूराव इतना मोटा और लंबा है लेकिन राज को देख कर कोई भी नही कह सकता था कि, इसका बाबूराव इतना बड़ा होगा…और उसके बाबूराव से कितना पानी निकाला…भाभी ने ये सोचते हुए अपने होंटो को आपस मे रगड़ा. इतना पानी तो चेतन दस बार झड़ने पर भी निकाल नही पाते थे…जब हमारी नये-2 शादी हुई थी….
मैं भी कॉलेज से घर पहुँच चुकी थी…मैने डोर बेल बजाई तो भाभी ने किचिन से निकल कर बाहर आकर गेट खोला…जैसे ही मैं अंदर आए तो भाभी ने मुझसे कहा कि, डॉली हाथ मूह धो कर चेंज कर ले….मैने चाइ बनाने के लिए रखी हुई है नीचे आकर मेरे साथ ही पीना.
खैर मैं ऊपेर अपने रूम मे गयी…..और कपड़े चेंज किए…वैसे मैं घर आकर नाइटी पहन लेती थी….पर जब से राज आया था….तब से मेने घर आकर सलवार कमीज़ ही पहनना शुरू कर दिया…और भाभी ने भी अपनी शॉर्ट्स नाइटी छोड़ कर फुल लेंथ मॅक्सी पहनना शुरू कर दिया….मैं फ्रेश होकर नीचे आई, और भाभी के साथ चाइ पी. भाभी राज को उसके रूम मे ही चाइ दे दी थी….
मैं इस बात से अंजान थी कि, आज घर मे भाभी के साथ क्या हुआ है….अगर उस समय भाभी ने मुझे ये सब बता दिया होता तो जो आगे होने वाला था…वो ना होता. और ना ही मैं आप सब को यहाँ पर सुना रही होती….खैर वो दिन भी गुजर गया… कॉलेज मे अगले दिन से इंटर्नल एग्ज़ॅम शुरू होने थे….इस लिए कॉलेज मे छोटी क्लासस के सुबह 8 से 11 बजे तक एग्ज़ॅम होते थे…और बड़ी क्लासस के 11:30 से 2:30 बजे तक. इस दौरान राज के मम्मी पापा भी उससे मिलने के लिए फिर से इंडिया आ गये…और राज अब अपने मम्मी पापा के साथ रहने के लिए जय सर के घर चला गया था….
इस दौरान मेने कॉलेज मे ही भाभी को राज के साथ बात करते हुए देखा भी.. पर ना ही कभी भाभी से पूछा कि वो क्या बात कर रही है और ना ही कभी जानने की. करती भी क्यों….क्योंकि अब राज हमारे घर रहता था…और भाभी उसे अच्छे से जानती थी…घर मैं खाना देते समय या अगर भाभी को बाहर से कुछ मंगवाना होता तो वो राज को ही कह देती थी….इसलिए भाभी का राज से बात करना मुझे नॉर्मल लगता था….
पर भाभी के अंदर छुपे हुए जज़्बातों से अंज़ान थी….हालाकी उस समय तक भाभी ने राज के बारे मे कुछ ग़लत नही सोचा था….पर राज के बाबूराव को देख कर भाभी इतना तो समझ चुकी थी….राज के बाबूराव से किसी भी औरत की प्यास बुझ सकती है… पर भाभी शायद अभी भी ये सोच कर मन को तसल्ली दे रही थी कि, ये काम ग़लत है और वो हरगिज़ ये काम नही करेंगी…
टाइम अपनी दौड़ जारी रखे हुए था…इंटर्नल एग्ज़ॅम ख़तम हो चुके थे…और 5 ओक्टूबर को रिज़ल्ट भी मेरे सामने था….राज के रिज़ल्ट मे काफ़ी सुधार था….उसके 55 % मार्क्स आए थे….भले ज़्यादा नही थे….पर पहले से बहुत बेहतर थी…नही तो वो मुस्किल से पास होता था…रिज़ल्ट देख कर जय सर भी खुश थे….उन्होने मुझे राज के मम्मी पापा से मिलवाया…और राज के रिज़ल्ट और स्टडी मे जो इंप्रूव्मेंट थी. उसका सारा श्रेय मुझे दिया….
अगले ही दिन राज के मम्मी पापा फिर से अब्रॉड वापिस लौट गये….मुझे भी कुछ राहत महसूस हुई कि, कम से कम राज के रिज़ल्ट पहले से बेहतर आया है..वो भी खास टॉर पर जब वो तीन महीने कॉलेज भी ना आ पाया हो….दूसरी तरफ जय सर अभी भी अपनी जायदाद के मस्लो मे उलझे हुए थे…अगले दिन राज फिर से हमारे घर रहने के लिए आ रहा था….उस दिन भी एक्सट्रा क्लासस थी…मेने कॉलेज ख़तम होने के बाद भाभी के घर जाने से पहले उन्हे बता दिया था कि…
राज कल से फिर वापिस आ रहा है….और वो राज के रूम को सॉफ कर दें…क्योंकि एग्ज़ॅम के चलते मैं और भाभी दोनो बिज़ी थी…इसलिए राज के जाने के बाद से वो रूम लॉक्ड था…और जैसे ही मेने ये बात भाभी को बताई तो भाभी के चेहरे पर एक दम से ग्लो सा आ गया…होंटो पर एक मुस्कान सी फेल गयी….पर मेने ज़्यादा ध्यान नही दिया….और फिर अपने कॅबिन के तरफ चली आई…
उसी शाम जब 5 बजे कॉलेज ऑफ हुआ था….मुझे जय सर राज के साथ बाहर ही मिल गये…”डॉली राज भी तुमहरे साथ ही जाएगा…वो मुझे आज रात को ट्रेन पकड़नी है तो मैं कल कॉलेज भी नही आ पाउन्गा….पीछे से हॅंडेल कर लेना…”
मैं: जी सर….
सर: मेने राज का सारा समान रखवा दिया है कार मे…और राज तुम सुनो मुझे किसी तरह की शिकायत नही मिलनी चाहिए….
राज: जी अंकल…..
सर: ओके बाइ डॉली….अगर कोई प्राब्लम हो तो मुझे कॉल कर लेना….
मैं: जी ओके सर….
सर के जाने के बाद हम दोनो कार मे बैठ गये…राज ड्राइवर के साथ वाली सीट पर आगे की तरफ बैठ गया…”ड्राइवर पहले गाड़ी घर की तरफ लो….” राज ड्राइवर से कहा…
मैं: क्यों क्या हुआ अब क्या करना है वहाँ पर….?
राज: मुझे अपनी बाइक लेनी है वहाँ से….
राज ने बड़े ही रूखे स्वर मे कहा तो मैं एक दम चुप हो गयी…ड्राइवर ने कार जय सर के घर की तरफ मोड़ दी…राज घर के बाहर उतर गया…”तुम जाओ मैं बाइक से आ जाउन्गा…” राज ने ड्राइवर को कहा….और ड्राइवर ने गाड़ी घुमा ली…मैं थोड़ी देर मे ही घर पहुँच गयी….भाभी ने गेट खोला….मैं अंदर आई, और भाभी से पूछा…”भाभी वो रूम तो सॉफ कर दिया है ना आपने….”
इसके आगे की कहानी अगले अपडेट में ...
भाभी अभी -2 नींद से उठी थी…इसलिए वो बहुत धीरे-2 चल रही थी…भैया के रूम को क्रॉस करके जैसे ही वो बाथरूम के सामने पहुँची तो उनकी नींद से भरी अध खुली आँखे ऐसे फॅट गयी…जैसे उन्होने ने अपने सामने किसी भूत को देख लिया हो…बाथरूम के अंदर लाइट ऑन थी…इसलिए अंदर एक दम सॉफ देखा जा सकता था. भाभी बाथरूम से कुछ ही दूर खड़ी थी….और बाथरूम का डोर थोड़ा सा खुला हुआ था…और उस खुले हुए डोर के अंदर जो नज़र आ रहा था…
. देख कर भाभी साँस लेना भी भूल गयी थी…अंदर राज कमोड के पास खड़ा था..उसने ऊपेर कुछ नही पहना हुआ था…और उसका शॉर्ट उसके घुटनो तक नीचे उतरा हुआ था…भाभी की नज़र . जाँघो के बीच मे झटके खा रहे बाबूराव पर अटकी हुई थी…भाभी के हाथ . सुन्न पड़ चुके थे…जो भाभी को दिखाई दे रहा था. उस पर भाभी को यकीन नही हो रहा था….
राज का बाबूराव एक दम विकराल रूप धारण किए हुए था….गोरे बाबूराव का दहकते हुए लाल सुपाडे पर से तो जैसे भाभी की नज़रें चिपक ही गयी हों….एक दम तन्नाया हुआ बाबूराव 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटाई लिए हुए, उसके बाबूराव की नसें फूली हुई सामने खड़ी भाभी को सॉफ दिखाई दे रही थी……….
तभी राज ने वो किया जिसकी उम्मीद भाभी को बिल्कुल भी नही थी….राज ने अपने बाबूराव को मुट्ठी मे भरते हुए तेज़ी से पकड़ कर हिलाना शुरू कर दया…भाभी ये सब हैरानी से देख रही थी…उसे यकीन नही हो रहा था…कि जिस राज को वो पिछले एक महीने से अपने घर मे देख रही है…वो ये सब भी करता होगा….राज का चेहरा लाल हो चुका था…उसका हाथ अपने बाबूराव पर बहुत तेज़ी से चल रहा था….उसके बाबूराव के नसें अब और फूल चुकी थी….भाभी की हालत ऐसी हो गयी थी कि, काटो तो खून नही…
ये देखते हुए भाभी के हाथ पैर कांप रहे थे…राज अपने बाबूराव को हिलाते हुए कुछ बुदबुदा रहा था….पर भाभी सही से सुन नही पा रही थी….कि राज किसके बारे मे सोच कर बुदबुदा रहा है…भाभी पता नही कब से वहाँ खड़ी ये सब देख रही थी. और अगले ही पल राज के बाबूराव से वीर्य की बोछार होने लगी…एक बाद एक एक ढेर सारा वीर्य राज के बाबूराव से निकलता हुआ नीचे फर्श पर गिरने लगा….ये देखते हुए भाभी की आँखो मे अजीब सी चमक आ गयी….इतना कम लोड भाभी ने शायद पहली बार देखा था…..
जैसे -2 राज के बाबूराव से कामरस झटके ख़ाता हुआ बाहर आ रहा था…वैसे वैसे भाभी की चुनमुनियाँ भी धुनकने लगी थी…जैसे ही भाभी को अहसास हुआ कि, अब राज बाहर आने वाला है…भाभी धीरे-2 पीछे हट गयी….और फिर अपने रूम मे आकर अंदर बाथरूम मे घुस गयी….भाभी ने अपनी मॅक्सी उठाई…और अपनी पेंटी को नीचे सरका कर नीचे बैठ गयी….पेशाब तो पहले से बहुत तेज था….मूत की मोटी धार भाभी की फांको को फैलाती हुई तेज आवाज़ के साथ नीचे गिरने लगी….
भाभी की साँसे अभी भी उखड़ी हुई थी….पेशाब करने के बाद भाभी ने जैसे ही नीचे सर झुका कर अपनी चुनमुनियाँ की तरफ देखा तो उनके चुनमुनियाँ के अंदर से निकले काम रस की एक लार सी नीचे फर्श के तरफ लटक रही थी….भाभी ने अपनी उंगली अपनी चुनमुनियाँ के छेद मे डाल कर देखा तो भाभी की चुनमुनियाँ ना सिर्फ़ मूत से गीली थी…बल्कि उनकी चुनमुनियाँ से निकले हुए उनके कामरस से भी सारॉबार थी…..
भाभी खुद पर बहुत हैरान हो रही थी…आज कई दिनो बाद शायद उनकी चुनमुनियाँ ने उनके जवानी का रस बाहर निकाला था….भाभी ने उसे पानी से अच्छे सॉफ किया..और फिर हाथ पैर धो कर किचिन मे आ गयी और चाइ बनाने लगी….
चाइ बनाते हुए भाभी के जेहन मे बार-2 राज के बाबूराव के छवि बन कर उभर आती… भाभी को यकीन नही हो रहा था….जिस विकराल बाबूराव को उसने कुछ देर पहले देखा था. वो राज का ही है….भाभी सोच रही थी कि, राज का बाबूराव इतना मोटा और लंबा है लेकिन राज को देख कर कोई भी नही कह सकता था कि, इसका बाबूराव इतना बड़ा होगा…और उसके बाबूराव से कितना पानी निकाला…भाभी ने ये सोचते हुए अपने होंटो को आपस मे रगड़ा. इतना पानी तो चेतन दस बार झड़ने पर भी निकाल नही पाते थे…जब हमारी नये-2 शादी हुई थी….
मैं भी कॉलेज से घर पहुँच चुकी थी…मैने डोर बेल बजाई तो भाभी ने किचिन से निकल कर बाहर आकर गेट खोला…जैसे ही मैं अंदर आए तो भाभी ने मुझसे कहा कि, डॉली हाथ मूह धो कर चेंज कर ले….मैने चाइ बनाने के लिए रखी हुई है नीचे आकर मेरे साथ ही पीना.
खैर मैं ऊपेर अपने रूम मे गयी…..और कपड़े चेंज किए…वैसे मैं घर आकर नाइटी पहन लेती थी….पर जब से राज आया था….तब से मेने घर आकर सलवार कमीज़ ही पहनना शुरू कर दिया…और भाभी ने भी अपनी शॉर्ट्स नाइटी छोड़ कर फुल लेंथ मॅक्सी पहनना शुरू कर दिया….मैं फ्रेश होकर नीचे आई, और भाभी के साथ चाइ पी. भाभी राज को उसके रूम मे ही चाइ दे दी थी….
मैं इस बात से अंजान थी कि, आज घर मे भाभी के साथ क्या हुआ है….अगर उस समय भाभी ने मुझे ये सब बता दिया होता तो जो आगे होने वाला था…वो ना होता. और ना ही मैं आप सब को यहाँ पर सुना रही होती….खैर वो दिन भी गुजर गया… कॉलेज मे अगले दिन से इंटर्नल एग्ज़ॅम शुरू होने थे….इस लिए कॉलेज मे छोटी क्लासस के सुबह 8 से 11 बजे तक एग्ज़ॅम होते थे…और बड़ी क्लासस के 11:30 से 2:30 बजे तक. इस दौरान राज के मम्मी पापा भी उससे मिलने के लिए फिर से इंडिया आ गये…और राज अब अपने मम्मी पापा के साथ रहने के लिए जय सर के घर चला गया था….
इस दौरान मेने कॉलेज मे ही भाभी को राज के साथ बात करते हुए देखा भी.. पर ना ही कभी भाभी से पूछा कि वो क्या बात कर रही है और ना ही कभी जानने की. करती भी क्यों….क्योंकि अब राज हमारे घर रहता था…और भाभी उसे अच्छे से जानती थी…घर मैं खाना देते समय या अगर भाभी को बाहर से कुछ मंगवाना होता तो वो राज को ही कह देती थी….इसलिए भाभी का राज से बात करना मुझे नॉर्मल लगता था….
पर भाभी के अंदर छुपे हुए जज़्बातों से अंज़ान थी….हालाकी उस समय तक भाभी ने राज के बारे मे कुछ ग़लत नही सोचा था….पर राज के बाबूराव को देख कर भाभी इतना तो समझ चुकी थी….राज के बाबूराव से किसी भी औरत की प्यास बुझ सकती है… पर भाभी शायद अभी भी ये सोच कर मन को तसल्ली दे रही थी कि, ये काम ग़लत है और वो हरगिज़ ये काम नही करेंगी…
टाइम अपनी दौड़ जारी रखे हुए था…इंटर्नल एग्ज़ॅम ख़तम हो चुके थे…और 5 ओक्टूबर को रिज़ल्ट भी मेरे सामने था….राज के रिज़ल्ट मे काफ़ी सुधार था….उसके 55 % मार्क्स आए थे….भले ज़्यादा नही थे….पर पहले से बहुत बेहतर थी…नही तो वो मुस्किल से पास होता था…रिज़ल्ट देख कर जय सर भी खुश थे….उन्होने मुझे राज के मम्मी पापा से मिलवाया…और राज के रिज़ल्ट और स्टडी मे जो इंप्रूव्मेंट थी. उसका सारा श्रेय मुझे दिया….
अगले ही दिन राज के मम्मी पापा फिर से अब्रॉड वापिस लौट गये….मुझे भी कुछ राहत महसूस हुई कि, कम से कम राज के रिज़ल्ट पहले से बेहतर आया है..वो भी खास टॉर पर जब वो तीन महीने कॉलेज भी ना आ पाया हो….दूसरी तरफ जय सर अभी भी अपनी जायदाद के मस्लो मे उलझे हुए थे…अगले दिन राज फिर से हमारे घर रहने के लिए आ रहा था….उस दिन भी एक्सट्रा क्लासस थी…मेने कॉलेज ख़तम होने के बाद भाभी के घर जाने से पहले उन्हे बता दिया था कि…
राज कल से फिर वापिस आ रहा है….और वो राज के रूम को सॉफ कर दें…क्योंकि एग्ज़ॅम के चलते मैं और भाभी दोनो बिज़ी थी…इसलिए राज के जाने के बाद से वो रूम लॉक्ड था…और जैसे ही मेने ये बात भाभी को बताई तो भाभी के चेहरे पर एक दम से ग्लो सा आ गया…होंटो पर एक मुस्कान सी फेल गयी….पर मेने ज़्यादा ध्यान नही दिया….और फिर अपने कॅबिन के तरफ चली आई…
उसी शाम जब 5 बजे कॉलेज ऑफ हुआ था….मुझे जय सर राज के साथ बाहर ही मिल गये…”डॉली राज भी तुमहरे साथ ही जाएगा…वो मुझे आज रात को ट्रेन पकड़नी है तो मैं कल कॉलेज भी नही आ पाउन्गा….पीछे से हॅंडेल कर लेना…”
मैं: जी सर….
सर: मेने राज का सारा समान रखवा दिया है कार मे…और राज तुम सुनो मुझे किसी तरह की शिकायत नही मिलनी चाहिए….
राज: जी अंकल…..
सर: ओके बाइ डॉली….अगर कोई प्राब्लम हो तो मुझे कॉल कर लेना….
मैं: जी ओके सर….
सर के जाने के बाद हम दोनो कार मे बैठ गये…राज ड्राइवर के साथ वाली सीट पर आगे की तरफ बैठ गया…”ड्राइवर पहले गाड़ी घर की तरफ लो….” राज ड्राइवर से कहा…
मैं: क्यों क्या हुआ अब क्या करना है वहाँ पर….?
राज: मुझे अपनी बाइक लेनी है वहाँ से….
राज ने बड़े ही रूखे स्वर मे कहा तो मैं एक दम चुप हो गयी…ड्राइवर ने कार जय सर के घर की तरफ मोड़ दी…राज घर के बाहर उतर गया…”तुम जाओ मैं बाइक से आ जाउन्गा…” राज ने ड्राइवर को कहा….और ड्राइवर ने गाड़ी घुमा ली…मैं थोड़ी देर मे ही घर पहुँच गयी….भाभी ने गेट खोला….मैं अंदर आई, और भाभी से पूछा…”भाभी वो रूम तो सॉफ कर दिया है ना आपने….”
इसके आगे की कहानी अगले अपडेट में ...