26-07-2021, 12:15 PM
अपडेट - 24
तभी राज ने एक दम से ज़ोर के ब्रेक लगा डी…तो भाभी की चुचियाँ उसकी पीठ मे बुरी तरह से दब गयी…
..”ओह्ह्ह” राज एक दम से सिसक उठा…और ये हल्की सी सिसकने की आवाज़ भाभी के कानो मे भी पड़ी….” और अगले ही पल जैसे ही उन्हे अहसास हुआ कि उनकी चुचियाँ राज की पीठ मे बुरी तरह धँसी हुई रगड़ खा रही है तो वो एक दम से शरमा गयी….और पीछे की ओर होने लगी….
पर जैसे ही वो पीछे की ओर हुई, तो राज ने फिर से ब्रेक लगा दी…इस बार ब्रेक और जोरदार थी….भाभी फिर से आगे की तरफ खिसक गयी….उसकी चुचियाँ फिर से राज की पीठ मे धँस गयी….रास्ता बहुत खराब था….इसलिए भाभी को पीछे होने का मौका नही मिला….”राज तुम ब्रेक इतना ज़ोर से क्यों लगाते हो आराम से चलाओ ना बाइक.” भाभी ने कसमसाते हुए कहा….
राज: मेडम जी अगर ब्रेक नही लगाउन्गा तो दोनो यही गिर कर धूल चाट रहे होंगे. देख नही रही कि रास्ता कितना खराब है…
भाभी की चुचियाँ को अपनी पीठ पर रगड़ ख़ाता हुआ महसूस करके राज गरम होने लगा था….शायद भाभी का भी यही हाल था….पर वो भी मेरी तरह मान मर्यादाओं मे बँधी हुई औरत थी…खैर थोड़ी देर बाद दोनो घर पहुँच गये… भाभी ने बाइक से उतर कर गेट खोला…क्योंकि एक्सट्रा की भाभी के पास रहती थी.. गेट खोलने के बाद राज ने बाइक अंदर की और बाइक से उतर गया….और बाइक स्टॅंड लगाया. और जैसे ही राज अपने रूम की तरफ जाने लगा तो,
भाभी की नज़र राज की पेंट मे बने हुए उभार पर पड़ी….जिसे देखते ही भाभी का केलज़ा मूह को आ गया….भाभी ने शायद आज पहली बार इतना बड़ा उभार किसी के पेंट मे बना हुआ देखा था…भाभी अपनी नज़र राज की पेंट मे बने हुए उभार पर से हटा नही पा रही थी…और जैसे ही राज की नज़र भाभी से टकराई और उससे पता चला कि भाभी की नज़र कहाँ पर है, तो वो हल्का सा मुस्कुरा पड़ा….
जब भाभी को पता चला कि, राज ने उसे अपने पेंट मे बने हुए उभार को देखते हुए देख लिया है तो वो एक दम से शरमा गयी…और पीछे वाले अपने रूम मे चली गयी…..और वहाँ जाते ही बेड पर लेट गयी….और ये सोच कर और शरमा गयी कि, उनके कॉलेज का स्टूडेंट उसकी चुचियो की वजे से हार्ड हो गया था…भाभी का चेहरा एक दम तमतमा उठा….
थोड़ी देर रेस्ट करने के बाद भाभी ने चेंज किया और दोपहर का खाना तैयार करने लगी…भाभी इस बात को एक सैन्योग समझ कर भूल जाना चाहती थी…इसलिए फिर उन्होने इस ओर ध्यान नही दिया…और खाना बनाने लगी….खाना बनाने के बाद भाभी ने भैया को खाना दिया..और फिर राज को खाना देने के लिए उसके रूम मे गयी….रूम का डोर खुला हुआ था…
भाभी को आदत नही थी डोर नॉक करने की….भाभी एक दम से अंदर चली गयी. और अगले ही पल उनके कदम वही जम गये….राज रूम मे अपने सिगल बेड पर लेटा हुआ था..और अपने एक हाथ से अपनी हाफ पेंट (शॉर्ट्स के ऊपेर से अपने बाबूराव को मसलते हुए कुछ सोच रहा था….उसके शॉर्ट मे उसके बाबूराव का उभार और सॉफ दिखाई दे रहा था….शायद उसने शॉर्ट के नीचे अंडरवेर नही डाला हुआ था…. ये सब देखते हुए भाभी के दिल की धड़कने एक दम से तेज हो गयी…उनसे हिला भी नही जा रहा था….
भाभी: (काँपती हुआ आवाज़ मे) र र राज खाना खा लो….
भाभी की आवाज़ सुन कर राज एक दम से हड़बड़ा गया….उसने जल्दी से अपने बाबूराव से अपने हाथ को हटाया और बेड पर उठ कर बैठ गया…भाभी ने अपने आप को नॉर्मल करते हुए, प्लेट को टेबल पर रखा और मूड कर जाते हुए बोली…..”खाना खा लो और कुछ चाहिए हो तो बता देना….”
ये कह कर भाभी मूड कर बाहर आ गयी….और फिर से अपने रूम मे जाकर बेड पर बैठ गयी…आख़िर ये मेरे साथ क्या हो रहा है…भाभी मन ही मन सोच रही थी…कही राज मेरे बारे मे सोच कर तो नही अपने बाबूराव को नही नही ऐसा नही हो सकता…वो मेरे बारे मे क्यों सोचेगा….वो तो अभी अभी उसके उम्र ही क्या है… नही नही पागल तू ये क्या सोच रही है….ऐसा नही हो सकता…राज ने आज तक तो मुझे कभी ग़लत नज़र से देखा तक भी नही है….
पर कुछ तो ज़रूर है उसके दिल मे पता नही क्या है….मुझे ऐसा नही सोचना चाहिए. उस बच्चे और भला मेरा क्या मेल….अगर उम्र और शरीर के बात करे तो भाभी सोच बिल्कुल सही थी…यहा भाभी 29 साल की अपनी जवानी के पूरे शवाब पर थी. वही अभी राज की तो मून्छे भी आना शुरू नही हुई थी…भाभी से उसकी एज का डिफरेन्स भी बहुत ज़्यादा था….दूसरी बात राज हाइट 5,4 इंच थी….वही भाभी के हाइट 5,10 इंच थी….और अगर वेट की बात करे तो वहाँ भी भाभी राज से 21 ही थी…कुल मिला कर राज भाभी के सामने बच्चा ही था….जहा भाभी का बदन भरा पूरा था…वही राज एक दम स्लिम था…
खैर कॉलेज से आना और उसके बाद खाना बना कर खाना और खिलाना भाभी काफ़ी थक जाती थी…इसलिए वो खाना खाने के बाद सो गयी….2 घंटे आँख लगने के बाद भाभी जब उठी तो 5:15 हो रहे थी….भाभी ने घड़ी मे टाइम देखा और फिर सोचने लगी कि, डॉली भी आने ही वाली होगी…क्योंकि सर, ने जो टीचर एक्सट्रा क्लासस के लिए रुकते थे…उनके लंच का अरेंज्मेंट कॉलेज मे ही करवा दिया था…इसलिए मैं खाना वही पर खा लेती थी…
भाभी ने सोचा कि डॉली भी आने ही वाली होगे…इसलिए वो चाइ बना लेती है… भाभी बेड से उठ कर भैया के रूम मे गयी…और भैया को उठा दिया…और फिर भैया के रूम से बाहर निकली तो उन्हे बहुत तेज पेशाब एक दम से लगा..वैसे तो भाभी के रूम मे अटेच बाथरूम था ही….पर भाभी आगे गेट वाले रूम के पास थी. और कॉमन बाथरूम गेट के एक साइड मे था….इसलिए भाभी उस बाथरूम की तरफ चली गयी….
अब इसके आगे अगले अपडेट में ...
तभी राज ने एक दम से ज़ोर के ब्रेक लगा डी…तो भाभी की चुचियाँ उसकी पीठ मे बुरी तरह से दब गयी…
..”ओह्ह्ह” राज एक दम से सिसक उठा…और ये हल्की सी सिसकने की आवाज़ भाभी के कानो मे भी पड़ी….” और अगले ही पल जैसे ही उन्हे अहसास हुआ कि उनकी चुचियाँ राज की पीठ मे बुरी तरह धँसी हुई रगड़ खा रही है तो वो एक दम से शरमा गयी….और पीछे की ओर होने लगी….
पर जैसे ही वो पीछे की ओर हुई, तो राज ने फिर से ब्रेक लगा दी…इस बार ब्रेक और जोरदार थी….भाभी फिर से आगे की तरफ खिसक गयी….उसकी चुचियाँ फिर से राज की पीठ मे धँस गयी….रास्ता बहुत खराब था….इसलिए भाभी को पीछे होने का मौका नही मिला….”राज तुम ब्रेक इतना ज़ोर से क्यों लगाते हो आराम से चलाओ ना बाइक.” भाभी ने कसमसाते हुए कहा….
राज: मेडम जी अगर ब्रेक नही लगाउन्गा तो दोनो यही गिर कर धूल चाट रहे होंगे. देख नही रही कि रास्ता कितना खराब है…
भाभी की चुचियाँ को अपनी पीठ पर रगड़ ख़ाता हुआ महसूस करके राज गरम होने लगा था….शायद भाभी का भी यही हाल था….पर वो भी मेरी तरह मान मर्यादाओं मे बँधी हुई औरत थी…खैर थोड़ी देर बाद दोनो घर पहुँच गये… भाभी ने बाइक से उतर कर गेट खोला…क्योंकि एक्सट्रा की भाभी के पास रहती थी.. गेट खोलने के बाद राज ने बाइक अंदर की और बाइक से उतर गया….और बाइक स्टॅंड लगाया. और जैसे ही राज अपने रूम की तरफ जाने लगा तो,
भाभी की नज़र राज की पेंट मे बने हुए उभार पर पड़ी….जिसे देखते ही भाभी का केलज़ा मूह को आ गया….भाभी ने शायद आज पहली बार इतना बड़ा उभार किसी के पेंट मे बना हुआ देखा था…भाभी अपनी नज़र राज की पेंट मे बने हुए उभार पर से हटा नही पा रही थी…और जैसे ही राज की नज़र भाभी से टकराई और उससे पता चला कि भाभी की नज़र कहाँ पर है, तो वो हल्का सा मुस्कुरा पड़ा….
जब भाभी को पता चला कि, राज ने उसे अपने पेंट मे बने हुए उभार को देखते हुए देख लिया है तो वो एक दम से शरमा गयी…और पीछे वाले अपने रूम मे चली गयी…..और वहाँ जाते ही बेड पर लेट गयी….और ये सोच कर और शरमा गयी कि, उनके कॉलेज का स्टूडेंट उसकी चुचियो की वजे से हार्ड हो गया था…भाभी का चेहरा एक दम तमतमा उठा….
थोड़ी देर रेस्ट करने के बाद भाभी ने चेंज किया और दोपहर का खाना तैयार करने लगी…भाभी इस बात को एक सैन्योग समझ कर भूल जाना चाहती थी…इसलिए फिर उन्होने इस ओर ध्यान नही दिया…और खाना बनाने लगी….खाना बनाने के बाद भाभी ने भैया को खाना दिया..और फिर राज को खाना देने के लिए उसके रूम मे गयी….रूम का डोर खुला हुआ था…
भाभी को आदत नही थी डोर नॉक करने की….भाभी एक दम से अंदर चली गयी. और अगले ही पल उनके कदम वही जम गये….राज रूम मे अपने सिगल बेड पर लेटा हुआ था..और अपने एक हाथ से अपनी हाफ पेंट (शॉर्ट्स के ऊपेर से अपने बाबूराव को मसलते हुए कुछ सोच रहा था….उसके शॉर्ट मे उसके बाबूराव का उभार और सॉफ दिखाई दे रहा था….शायद उसने शॉर्ट के नीचे अंडरवेर नही डाला हुआ था…. ये सब देखते हुए भाभी के दिल की धड़कने एक दम से तेज हो गयी…उनसे हिला भी नही जा रहा था….
भाभी: (काँपती हुआ आवाज़ मे) र र राज खाना खा लो….
भाभी की आवाज़ सुन कर राज एक दम से हड़बड़ा गया….उसने जल्दी से अपने बाबूराव से अपने हाथ को हटाया और बेड पर उठ कर बैठ गया…भाभी ने अपने आप को नॉर्मल करते हुए, प्लेट को टेबल पर रखा और मूड कर जाते हुए बोली…..”खाना खा लो और कुछ चाहिए हो तो बता देना….”
ये कह कर भाभी मूड कर बाहर आ गयी….और फिर से अपने रूम मे जाकर बेड पर बैठ गयी…आख़िर ये मेरे साथ क्या हो रहा है…भाभी मन ही मन सोच रही थी…कही राज मेरे बारे मे सोच कर तो नही अपने बाबूराव को नही नही ऐसा नही हो सकता…वो मेरे बारे मे क्यों सोचेगा….वो तो अभी अभी उसके उम्र ही क्या है… नही नही पागल तू ये क्या सोच रही है….ऐसा नही हो सकता…राज ने आज तक तो मुझे कभी ग़लत नज़र से देखा तक भी नही है….
पर कुछ तो ज़रूर है उसके दिल मे पता नही क्या है….मुझे ऐसा नही सोचना चाहिए. उस बच्चे और भला मेरा क्या मेल….अगर उम्र और शरीर के बात करे तो भाभी सोच बिल्कुल सही थी…यहा भाभी 29 साल की अपनी जवानी के पूरे शवाब पर थी. वही अभी राज की तो मून्छे भी आना शुरू नही हुई थी…भाभी से उसकी एज का डिफरेन्स भी बहुत ज़्यादा था….दूसरी बात राज हाइट 5,4 इंच थी….वही भाभी के हाइट 5,10 इंच थी….और अगर वेट की बात करे तो वहाँ भी भाभी राज से 21 ही थी…कुल मिला कर राज भाभी के सामने बच्चा ही था….जहा भाभी का बदन भरा पूरा था…वही राज एक दम स्लिम था…
खैर कॉलेज से आना और उसके बाद खाना बना कर खाना और खिलाना भाभी काफ़ी थक जाती थी…इसलिए वो खाना खाने के बाद सो गयी….2 घंटे आँख लगने के बाद भाभी जब उठी तो 5:15 हो रहे थी….भाभी ने घड़ी मे टाइम देखा और फिर सोचने लगी कि, डॉली भी आने ही वाली होगी…क्योंकि सर, ने जो टीचर एक्सट्रा क्लासस के लिए रुकते थे…उनके लंच का अरेंज्मेंट कॉलेज मे ही करवा दिया था…इसलिए मैं खाना वही पर खा लेती थी…
भाभी ने सोचा कि डॉली भी आने ही वाली होगे…इसलिए वो चाइ बना लेती है… भाभी बेड से उठ कर भैया के रूम मे गयी…और भैया को उठा दिया…और फिर भैया के रूम से बाहर निकली तो उन्हे बहुत तेज पेशाब एक दम से लगा..वैसे तो भाभी के रूम मे अटेच बाथरूम था ही….पर भाभी आगे गेट वाले रूम के पास थी. और कॉमन बाथरूम गेट के एक साइड मे था….इसलिए भाभी उस बाथरूम की तरफ चली गयी….
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