16-04-2019, 07:53 AM
(This post was last modified: 14-09-2019, 09:37 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
सास नीचे
चिढ़ाया मैंने था , दामाद ने बदला अपनी सास से लिया ,...
और अब सास नीचे , पीठ के बल ,
... दामाद ऊपर ,...
लेकिन मजाल है जो इंच भर भी इनका लौंड़ा अपनी सास की गाँड़ से बाहर सरका हो ,...
सास के घुटने उन्होंनेमोड़ दिए थे , दोनों हाथ सास की बड़ी बड़ी चूँचियों पर और धक्के पर धक्का
मंम्मी मेरी भी अब बात बंद कर सिर्फ चूतड़ उठा उठा के दामाद से गांड मरवाने का मजा ले रही थीं ,
... मम्मी का सर मेरी जांघों के बीच ,
मम्मी की एक चूँची मेरी हथेली में और दूसरी मेरे साजन के ,...
" अच्छा ये बोल ,... तुझे मेरी समधन की गांड मारने में ज्यादा मजा आया इसकी बुआ सास की ,... "
मम्मी ने मेरी ओर इशारा कर के पूछा ,.. और साथ ही मम्मी का एक हाथ अब मेरे उभार पर सहलाते दबाते ,
जवाब में उन्होंने हचक के चार पांच धक्के मारे और बोला ,
" मम्मी मैंने ४०- ४५ लौंडो की गांड तो मारी ही होंगी और २०-२२ लड़कियों , औरतों की लेकिन सच बताऊँ ,.. अगर आप बुरा न मानो तो ,... "
और ये चुप हो गए ,...
" बोल न यार ,... "
मम्मी ने दुलरा कर कहा।
" जिसकी गांड अभी मार रहा हूँ , न , ... सच में गांड मारने में उतना मजा आज तक कभी नहीं आया , सच में कभी नहीं ,... "
रुक कर हिचकिचाते वो बोले।
मम्मी खुसी से निहाल और मम्मी से ज्यादा मैं , मेरा सीना ५६ इंच का हो गया। मैं बोलते बोलते रह गयी आखिर मम्मी किसकी हैं।
और मेरी जांघों में जो मम्मी का सर था ,
मुड़ कर सीधे मेरी बुलबुल पर और कस कर मम्मी ने उसे चूम लिया।
लेकिन तब तक झुक कर उन्होंने मम्मी के कान में कुछ कहा , कान पार कर मैने सुन भी लिया ,
वो बोल रहे थे एकदम फुसफुसा के
" असल में सिवाय एक के ,... उसे तो देख के ही एकदम टनटना जाता है , हरदम मन करता है , बस निहुरा कर ठांस दूँ ,... उस के लिए तो मैं कुछ भी ,... "
और मेरे कान खड़े हो गए , ... कौन है वो , ...
उन्होंने बहुत हलके से मम्मी के कान में बोला , धीमे से मैंने सुना
लेकिन मम्मी के जवाब ने मामला साफ़ कर दिया , मम्मी का एक हाथ मेरे उभार पर था ही , खूब कस के मम्मी ने उसे दबा दिया और इनसे बोलीं ,
" आखिर बेटी किस की ,...है "
और अब जब उन्होंने मेरी आँखों में आखें डाली तो मैं शर्मा गयी ,..
पर इनकी सास शरमाने वाली नहीं थी ,.. उन्होंने साफ़ साफ़ पूछ लिया
" ये बोल , बेटी की बेटियां ,... "
( मम्मी के कान में उन्होंने बोला था सिवाय ,.. आपकी बेटी के )
एक पल के लिए तो वो थोड़ा हिचके लेकिन मम्मी तो गले में ऊँगली डाल के सच निकलवा लेती थीं , और उन्होंने बोल दिया ,
" मम्मी आपकी दोनों बेटियां , मेरी सालियाँ भी ,... "
" तो तेरा मन मंझली और छुटकी का पिछवाड़ा देखकर भी मचलता है , है न। "
उनकी सास ने साफ़ साफ़ पूछा ,
पर अब मैं बीच में कूद गयी , मंझली तो ठीक है लेकिन छुटकी वो भी ,... पिछवाड़ा ,...
" मम्मी , छुटकी तो अभी छोटी है ,.. अभी तो वो ,... "
मैंने अपना ऑब्जेक्शन लगाया।
चिढ़ाया मैंने था , दामाद ने बदला अपनी सास से लिया ,...
और अब सास नीचे , पीठ के बल ,
... दामाद ऊपर ,...
लेकिन मजाल है जो इंच भर भी इनका लौंड़ा अपनी सास की गाँड़ से बाहर सरका हो ,...
सास के घुटने उन्होंनेमोड़ दिए थे , दोनों हाथ सास की बड़ी बड़ी चूँचियों पर और धक्के पर धक्का
मंम्मी मेरी भी अब बात बंद कर सिर्फ चूतड़ उठा उठा के दामाद से गांड मरवाने का मजा ले रही थीं ,
... मम्मी का सर मेरी जांघों के बीच ,
मम्मी की एक चूँची मेरी हथेली में और दूसरी मेरे साजन के ,...
" अच्छा ये बोल ,... तुझे मेरी समधन की गांड मारने में ज्यादा मजा आया इसकी बुआ सास की ,... "
मम्मी ने मेरी ओर इशारा कर के पूछा ,.. और साथ ही मम्मी का एक हाथ अब मेरे उभार पर सहलाते दबाते ,
जवाब में उन्होंने हचक के चार पांच धक्के मारे और बोला ,
" मम्मी मैंने ४०- ४५ लौंडो की गांड तो मारी ही होंगी और २०-२२ लड़कियों , औरतों की लेकिन सच बताऊँ ,.. अगर आप बुरा न मानो तो ,... "
और ये चुप हो गए ,...
" बोल न यार ,... "
मम्मी ने दुलरा कर कहा।
" जिसकी गांड अभी मार रहा हूँ , न , ... सच में गांड मारने में उतना मजा आज तक कभी नहीं आया , सच में कभी नहीं ,... "
रुक कर हिचकिचाते वो बोले।
मम्मी खुसी से निहाल और मम्मी से ज्यादा मैं , मेरा सीना ५६ इंच का हो गया। मैं बोलते बोलते रह गयी आखिर मम्मी किसकी हैं।
और मेरी जांघों में जो मम्मी का सर था ,
मुड़ कर सीधे मेरी बुलबुल पर और कस कर मम्मी ने उसे चूम लिया।
लेकिन तब तक झुक कर उन्होंने मम्मी के कान में कुछ कहा , कान पार कर मैने सुन भी लिया ,
वो बोल रहे थे एकदम फुसफुसा के
" असल में सिवाय एक के ,... उसे तो देख के ही एकदम टनटना जाता है , हरदम मन करता है , बस निहुरा कर ठांस दूँ ,... उस के लिए तो मैं कुछ भी ,... "
और मेरे कान खड़े हो गए , ... कौन है वो , ...
उन्होंने बहुत हलके से मम्मी के कान में बोला , धीमे से मैंने सुना
लेकिन मम्मी के जवाब ने मामला साफ़ कर दिया , मम्मी का एक हाथ मेरे उभार पर था ही , खूब कस के मम्मी ने उसे दबा दिया और इनसे बोलीं ,
" आखिर बेटी किस की ,...है "
और अब जब उन्होंने मेरी आँखों में आखें डाली तो मैं शर्मा गयी ,..
पर इनकी सास शरमाने वाली नहीं थी ,.. उन्होंने साफ़ साफ़ पूछ लिया
" ये बोल , बेटी की बेटियां ,... "
( मम्मी के कान में उन्होंने बोला था सिवाय ,.. आपकी बेटी के )
एक पल के लिए तो वो थोड़ा हिचके लेकिन मम्मी तो गले में ऊँगली डाल के सच निकलवा लेती थीं , और उन्होंने बोल दिया ,
" मम्मी आपकी दोनों बेटियां , मेरी सालियाँ भी ,... "
" तो तेरा मन मंझली और छुटकी का पिछवाड़ा देखकर भी मचलता है , है न। "
उनकी सास ने साफ़ साफ़ पूछा ,
पर अब मैं बीच में कूद गयी , मंझली तो ठीक है लेकिन छुटकी वो भी ,... पिछवाड़ा ,...
" मम्मी , छुटकी तो अभी छोटी है ,.. अभी तो वो ,... "
मैंने अपना ऑब्जेक्शन लगाया।