24-07-2021, 11:18 PM
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शुभम भी नाश्ता करके कॉलेज जाने के लिए बिल्कुल तैयार बैठा था शुभम एक दम गोरा चिट्टा गठीला बदन वाला लड़का था कसरत और व्यायाम करने की रोज की आदत की वजह से वह एकदम सुगठित बदन का मालिक बन चुका था उम्र कम होने के बावजूद भी वह अपनी उम्र से 2 साल बड़ा ही लगता था।
लड़कियां शुभम के सुगठित बदन को देखकर मन ही मन सिसकारी भरा करती थी।
लड़कियां हमेशा कोई ना कोई बहाना ढूंढती रहती थी शुभम के नजदीक जाने की लेकिन शुभम था की उन लोगों को जरा भी घास नहीं डालता था। वह बिना वजह के कुछ बोलता ही नहीं था।
निर्मला को शुभम का यह शांत स्वभाव बहुत अच्छा लग रहा था वह उससे हमेशा प्यार से ही बातें करती थी।
निर्मला ने आज तक शुभम को किसी भी बात के लिए ना डांटी ना फटकारी और शुभम भी कभी कोई ऐसी गलती करता ही नहीं था कि निर्मला को इस तरह के कदम उठाने पड़े।
शुभम शुरू शुरू में 10 साल तक गांव में अपने दादा दादी के पास ही रहता था जहां पर उन्होंने उसे सिश्त में रहना सिखाया,,,,, संस्कार का बीज बचपन से ही शुभम के अंदर बोना शुरु कर दिए थे।
जिसका असर आज शुभम के व्यवहार में नजर आता था। शुभम के दादा दादी के निधन के बाद अशोक और निर्मला ने वापस उसे अपने पास लाकर पढ़ाने लगे।