Thread Rating:
  • 7 Vote(s) - 3 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam
चित्रांगदा अवंतिका को स्नानागार में स्नान कराने के लिए ले गई, सारी दासीयों को बाहर जाने कि आज्ञा दी ताकि किसी को कुछ पता ना चले, और स्वयं राजकुमारी को स्नान करवाने लगी.


अवंतिका अत्यंत डरी, सहमी और घबराई हुई थी. ऊपर से रात कि अनवरत चुदाई कि वजह से उसकी चूत बुरी तरह से फट कर करीबन एक मुट्ठी भर खुल कर फ़ैल गई थी. खून से भींग कर चूत कि झांटे आपस में उलझ गई थीं. राजकुमारी का रक्तस्राव थमने का नाम ही ना ले रहा था. चलना तो दूर, बेचारी ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी.

[Image: IMG-20200801-020741.jpg]

" आपकी करधनी कहाँ गई राजकुमारी ??? ". नंगी अवंतिका के पानी में उतरते ही उसकी सूनी पड़ी कमर पर चित्रांगदा कि नज़र पड़ी तो वो पूछ बैठी.

" रात उन्होंने तोड़ दी !!! ". लाज से मरी जा रही अवंतिका ने मुँह नीचे झुका लिया.

" हाय... यही लाज रात को राजकुमार के सामने आई होती तो शायद वो आपको छोड़ देते ! ". चित्रांगदा ने अपने हाथ के अंगूठे को अवंतिका कि ठुड्डी से टिकाकर उसका शर्माता हुआ लाल चेहरा ऊपर उठाते हुये कहा, और हँस पड़ी.

" धत्त भाभी... ".

" और देखो तो... इतनी निर्दयता से कोई किसी स्त्री को भोगता है क्या ??? ". चित्रांगदा ने अवंतिका कि कमर के नीचे नज़र दौड़ाते हुये कहा तो अवंतिका ने लज्जावश अपनी टांगों को एक दूसरे से चिपका कर अपनी फटी हुई चूत को उनके मध्य दबा लिया. चित्रांगदा आगे बोली. " ये पुरुष भी ना !!! संसर्ग कि ऐसी भी क्या अधीरता कि इतनी सुंदर योनि को क्षतविक्षत ही कर डाले ??? ".

अवंतिका समझ गई कि उसकी भाभी उसे सहज़ करने के लिए ये सब बोल रही है, सो उसने उनकी बात अनसुनी करते हुए पूछा.

" भाभी... अब क्या होगा ??? ".

" राजद्रोह... ". चित्रांगदा ने कहा.

" राजद्रोह ??? लेकिन हमने तो ऐसा कुछ भी नहीं किया ? ".

" मुझे पता है राजकुमारी... परन्तु आप तो अपने बड़े भैया देववर्मन को जानती ही हैं, वो पूरा प्रयास करेंगे कि आप दोनों पर राजद्रोह का आरोप लगाया जाये. और आपको तो पता ही है कि राजद्रोह का दंड क्या है ! ".

" मृत्युदंड !!! ". अवंतिका ने धीरे से कहा, मानो खुद को ही बता रही हो.

चित्रांगदा ने जब देखा कि अवंतिका अत्यंत विचलित हो रही है तो उसने जानबूझकर फिर से बात बदलने के उद्धेश्य से पूछा.

" वैसे कितने दिनों से चल रहा था ये सब ? ".

" बस कल रात्रि ही हमारा प्रथम समागम हुआ भाभी... ".

" एक ही रात्रि में योनि कि ऐसी अवस्था ??? यकीन करना कठिन हो रहा है ननद जी !!! "

" सच कहती हूँ भाभी ... ".

" अच्छा ??? फिर तो ज़रूर आप ही ने अपने मनमोहक रूप से देवर जी को हद से ज़्यादा उत्तेजित कर दिया होगा... ".

" नहीं भाभी... मैंने तो उन्हें बहुत रोका पर उन्होंने मेरी एक ना सुनी ! ". अवंतिका ने कहा, फिर अपने झूठ पर खुद ही हँस पड़ी.

" मैं नहीं मानती आपकी बात... राजकुमारी ! देवर जी इतने निर्दयी तो नहीं... ". चित्रांगदा ने कहा, फिर पानी में ही अपना घाघरा उठाकर अवंतिका को अपनी नंगी चूत दिखाते हुए बोली. " खुद देख लीजिये राजकुमारी... मैं तो दो दो पुरुषो का लिंग एक साथ संभालती हूँ... मेरा योनिद्वार तो अभी तक कुंवारी लड़कीयों कि योनि से भी ज़्यादा संकुचित है !!! ".

अपनी भाभी कि बात सुनकर अवंतिका सब कुछ भूलकर खिलखिला कर हँस पड़ी, तो चित्रांगदा भी हँसने लगी.

चित्रांगदा ने अवंतिका कि लहूलुहान चूत को अच्छे से साफ किया, उसकी जाँघों और नितंब पर से रक्त को पोछा, गरम पानी से भींगे कपड़े से चूत को सेंक लगाई, और फिर स्नान के उपरांत चूत पर एक लेप लगाते हुए बोली.

" इस औषधि से आपकी घायल योनि को थोड़ा आराम मिलेगा, रक्तस्राव रुक जायेगा और पीड़ा कि टीस भी कम हो जाएगी. और उन सब बातों कि चिंता ना कीजिये राजकुमारी... सबकुछ ठीक ही होगा. ईश्वर है ना... ".

..............................................................
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: मनमोहक गंदी कहानियाँ... RoccoSam - by usaiha2 - 24-07-2021, 06:35 PM



Users browsing this thread: 5 Guest(s)