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Thriller भुत-प्रेत / तंत्र-मंत्र-यन्त्र / रहस्य - रोमांच
#40
Wink 
सातवां टोना...
(satvaan tona)

ट्रेन अभी ठीक से रुकी भी नहीं थी कि मुझे बाहर से किसी ने आवाज लगाई ।

" साहब ये किताब ले लो साहब ,सिर्फ 10 रुपए की ही तो है साहब ।"

मैंने एक बार किताब बेचने वाले की तरफ देखा कोई 36 या फिर 37 साल का अधेड़ युवा, जिसकी दाढ़ी भी अब धीरे धीरे सफेद सी होने लगी थी।

मैंने विनम्र हो कर कहा...

"दोस्त मुझे इस तरह की किताब पढ़ने में कोई रुचि नहीं है,तुम मुझ पर अपना समय व्यर्थ ना करो !"

" साब सातवां टोना है इसमें, एक बार पढ़के तो देखिए मैं शर्त लगा के कह सकता हूं कि आप मुझ से 8 वें टोने के बारे में पूछने जरूर आओगे ।"

मैंने एक ठंडी सांस ली और कहा ।


"देखो दोस्त वैसे मुझे जरूरत नहीं है , लेकिन तुम्हारी कोशिश के आगे दस रुपए का कोई मूल्य नहीं है ,में इस किताब का मुखपृष्ठ पढूंगा , और में थोड़ा सा भी प्रभावित हुआ तो तुमसे में ये किताब ले लूंगा ।"


मेरी बात सुन कर उसके चेहरे पर सूरज कि तरह चमक आ गई , उसने सहर्ष अपनी मुंडी हिला दी ।

मैंने अब पहला पन्ना पढ़ना शुरू कर दिया।

"आप सभी ने अक्सर टोने टोटके का जिक्र सुना होगा।

टोटका कभी भी दुख या बाधा का प्रतीक नहीं रहा है,टोटका हमेशा लाभ अर्जित करने या परिवार को सुरक्षित रखने की आस्था का प्रतिरूप है, या कुछ इस तरह से कहे की ये एक कवच का भी काम करता है,खेर हम टोटके रूपी बहस को ज्यादा महत्व ना ही दे तो ये ज्यादा अच्छा है।

अभी मेंने इतना ही पढ़ा था कि ट्रेन का कान फाड़ू हॉर्न बज उठा,मैने उस लड़के की तरफ देखा जो हॉर्न की आवाज सुनकर घबरा सा गया था,शायद उसे लगा होगा कि अब मैं ये किताब उस से नहीं लूंगा लेकिन किसी का दिल तोड़ना मेरे उसूलों के खिलाफ है, इसलिए फुर्ती दिखाते हुए मैंने जेब से 20 का नोट निकाला और उसे दे दिया उस लड़के ने मुझे बचे हुए पैसे वापस देने चाहे लेकिन मैंने लेने से मना कर दिया..,ट्रेन अब चल पड़ी थी और भीड़ की रेलमपेल में वो व्यक्ति मेरी आंखो से ओझल हो गया।

गंतव्य तक पहुंचने में मुझे अभी और तीन घंटे लगने वाले थे इसलिए एक लम्बी सांस लेकर मैने वो किताब पढ़नी शुरू करी ।


"" दुश्मन से अगर पीछा छुड़ाना हो तो उबले हुए चावल की पांच पिंडी , मुर्गे के ताज़ा खून मैं डूबा कर दुश्मन के घर में फेंक दो ,दुश्मन का सर्वनाश हो जाएगा।""

ये पढ़ते ही अचानक मेरे मुंह से निकल गया

"" कटवा लिया खुद का चुतिआ और करो भलाई ।""

खुद को कोसते हुए मैने वो किताब अपनी बगल में लुढ़का दी और बाहर के नज़ारे देखने लगा।

पिछले 8 घंटे से में सफर कर रहा था, और बोरियत मुझ पे इतनी हावी हो चुकी थी कि सामने बैठे हुए बुजुर्ग का मर्डर कैसे किया जाए में उसका प्लान बनाने से भी नहीं चुका ,में अपना माथा झटक के खड़ा हुआ और ट्रेन में बने शौचालय कि तरफ बढ़ गया ,और वहां से निवृत हो कर फिर से में अपनी सीट पे जा बैठा ,और फिर से वह किताब उठा के पढ़ने लगा ।


"" रूठी मेहबूबा या रूठे मेहबूब को मानने के लिए तिल्ली के तेल में मछली फ्राई करके खिलाओ वो हमेशा के लिए आपकी/आपका हो जाएगा..""


मेंने अब अपना सिर पीट लिया...

क्या बकवास किताब थी ये एक बार तो मन किया की इसको खिड़की से बाहर फेंक दूं लेकिन अभी काफी लंबा सफर था इसलिए मैंने अपने सीने पे पत्थर रखते हुए उसे फिर से पढ़ना शुरू किया...
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RE: भुत-प्रेत / तंत्र-मंत्र-यन्त्र / रहस्य - रोमांच - by usaiha2 - 24-07-2021, 03:29 PM



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