24-07-2021, 12:36 PM
निर्मला तैयार होने के बाद कमरे के बाहर निकलते ही घर में बने मंदिर में से घंटी की आवाज आने लगी।
मंदिर से आ रही घंटी की आवाज सुनकर वह समझ गई की शुभम तैयार हो चुका है। निर्मला के बेटे का नाम शुभम था। जोकि बड़ा ही संस्कारी लड़का था।
घर में सब से पहले वही उठता था और नित्य कर्म करके नहा धोकर के सबसे पहले वह भगवान की पूजा किया करता था।
शुभम का व्यवहार दूसरे लड़कों की तरह बिल्कुल भी नहीं था वह बहुत ही सादगी में रहता था घर में किसी भी चीज की कमी नहीं थी।
अशोक ने मौज शौख के सारे सामान घर में बसा रखे थे लेकिन इन सब से शुभम का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था वह बस अपने काम से काम रखता था। पढ़ाई लिखाई व्यायाम और कसरत बस इसी में हमेशा रचा पचा रहता था।
सुबह 4 बजे ही उठ कर उसकी दिनचर्या शुरू हो जाती थी। कसरत और व्यायाम करना वह कभी नहीं भूलता था।
निर्मला कमरे का दरवाजा खोलकर बाहर की तरफ जाने लगी जैसे ही सीढ़ियों से उतर कर नीचे पहुंच ही रही थी कि सामने से पूजा घर से शुभम बाहर आ रहा था और वहां अपनी मां को देखकर सबसे पहले उन्हे नमस्ते किया।
प्रणाम मम्मी (अपनी मां के पैरों को छू कर के)
जीते रहो बेटे,तैयार हो गए
हां मम्मी मैं तैयार हो गया।
जाओ कुछ फ्रूट खाकर के दूध पी लो।
जी मम्मी (इतना कहकर वह रसोईघर में फ्रूट और दूध लेने चला गया)
मंदिर से आ रही घंटी की आवाज सुनकर वह समझ गई की शुभम तैयार हो चुका है। निर्मला के बेटे का नाम शुभम था। जोकि बड़ा ही संस्कारी लड़का था।
घर में सब से पहले वही उठता था और नित्य कर्म करके नहा धोकर के सबसे पहले वह भगवान की पूजा किया करता था।
शुभम का व्यवहार दूसरे लड़कों की तरह बिल्कुल भी नहीं था वह बहुत ही सादगी में रहता था घर में किसी भी चीज की कमी नहीं थी।
अशोक ने मौज शौख के सारे सामान घर में बसा रखे थे लेकिन इन सब से शुभम का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था वह बस अपने काम से काम रखता था। पढ़ाई लिखाई व्यायाम और कसरत बस इसी में हमेशा रचा पचा रहता था।
सुबह 4 बजे ही उठ कर उसकी दिनचर्या शुरू हो जाती थी। कसरत और व्यायाम करना वह कभी नहीं भूलता था।
निर्मला कमरे का दरवाजा खोलकर बाहर की तरफ जाने लगी जैसे ही सीढ़ियों से उतर कर नीचे पहुंच ही रही थी कि सामने से पूजा घर से शुभम बाहर आ रहा था और वहां अपनी मां को देखकर सबसे पहले उन्हे नमस्ते किया।
प्रणाम मम्मी (अपनी मां के पैरों को छू कर के)
जीते रहो बेटे,तैयार हो गए
हां मम्मी मैं तैयार हो गया।
जाओ कुछ फ्रूट खाकर के दूध पी लो।
जी मम्मी (इतना कहकर वह रसोईघर में फ्रूट और दूध लेने चला गया)