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Adultery मैंने नौकरानी की टट्टी खाई
#18
अगले दिन सुबह से ही मैं बड़ा उत्साहित था,आज मुझे शीला की जवानी का वो रस मिलने वाला था जो कि मैं सिर्फ ख्यालों में ही लेता था और असल में मैंने कभी लिया ही नहीं था।मैंने अपने छुट्टी के दिन के छोटे मोटे सारे काम सुबह के सेशन में ही निपटा लिए।लंच से लेकर दारू पीने के बीच का टाइमिंग गैप सेट कर लिया। सुबह लंच और नाश्ता एक साथ यानि ब्रंच ग्यारह बजे ही कर लिया,उसके ठीक तीन घंटे के गैप के बाद यानि दो बजे वोदका की बोतल निकाली और फिर एक लार्ज पैग बना कर हल्के हल्के घूंट भरने लगा।
तीन बजने वाले थे,मै दो पैग पी चुका था व तीसरा बना ही रहा था कि अचानक काल बेल बज उठी....
मै उछल पड़ा...व जल्दी से दरवाजे पर पहुंच कर आई पीस में से झांक कर देखा तो शीला ही थी।मैंने तुरंत दरवाजा खोल दिया और शीला के अंदर आते ही मैंने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया।वोदका का सुरूर मेरे सिर चढ कर बोल रहा था,मैंने झट से शीला को अपनी बांहों में जकड़ लिया ।
....."आ...ह"!उसके मुंह से निकला।
और नीची निगाह करके मुस्कुराने लगी।
"शीला"...मैंने पुकारा।
उसने नीची निगाह किये ही हाँ में सिर हिलाया।
"एक ही दिन में मैं तेरे कितने करीब आ गया हूँ।अब तो तुझसे दूर रहने की सोंच भी नहीं सकता।रात भर तेरी याद में करवटें बदलता रहा।"
वो मुस्कुराती रही।
अब उसे अपनी बांहों में लेकर बैडरूम में ले आया,फिर फ्रिज में से पानी की एक बोतल निकाली और उसे दे दी।
उसने बोतल हाथ में ली व आधी खाली कर दी,तब मैने उसे और पानी पीने को कहा ....
"इतनी दूर में आयी हैं ,प्यास लगी होगी।"उसे क्या पता था कि मेरे दिमाग में क्या फितूर चल रहा है।
उसने मुस्कुराते हुए पूरी बोतल खाली कर दी।
अब मैंने उसे एक और पानी की बोतल दी,वो मना करने लगी...
"बस अब नहीं।"
"अरे पानी पीने से इतने दूर की थकान सब दूर हो जायेगी।"
और उसके ना-ना कहते हुए भी आधी बोतल पानी और पीला दिया।
अब उसे एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल दे दी।
"बस अब नहीं।"वह बोली
वह मना करती रही व मैं उसे बड़े प्यार से अपने हाथों से कोल्ड ड्रिंक पिलाता रहा।कोल्ड ड्रिंक खत्म करके उसे बैड पर बिठाया फिर उसकी ठोड़ी उपर करके उसके होठों को चूम लिया।उसने मुझे कस कर पकड़ लिया।मैनें उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया, शीला भी साथ दे रही थी।मैंने उसे जीभ देने को कहा तो उसने तुरंत जीभ दे दी मैंने उसे मुंह में ले कर चूसना शुरू कर दिया फिर मैंने भी अपनी जीभ उसके मुंह में दे दी....शीला अब गरम होने लगी,उसने मुझे भींच लिया।इसी प्रकार हम एक दूसरे को जीभ का आदान-प्रदान करते रहे ,उसकी लार से भीगे होठों से मानों अद्भुत प्यार टपक रहा था,और मैं उसे चूसे जा रहा था।अब मैंने इशारों में उसे थूक बाहर करने को कहा उसने तुरंत थूक होठों से थोडा बाहर किया और मैंने उसे भी बड़े प्यार से मुंह लगा कर चूस लिया।
प्रेम की गंगा बह रही थी।
हम दोनों पूरी तरह से गरम हो चुके थे ।
अब मैने शीला की साड़ी उतार दी और अपना स्लीपिंग गाउन भी उतार दिया।और शीला के उपर छा गया,उसके होठों को चूमते हुए उसकी चूचीयों को मसलने लगा।
शीला भी मस्ती में आ गयी थी।
"ओsssssह"
आsssssह"
अब मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया और सीधा लेट गया।
मेरा आठ ईन्च का लौड़ा ठुमके लगा लगा कर ऊँचा नीचा हो रहा था...अब मैनें शीला से कहा...
"शीला मेरे लंड की अपने मुंह पूजा नहीं करेगी क्या।जैसा हमने कल पिक्चर में देखा था।"
उसने मुस्कुराते हुए ना में सिर हिलाया ।
"अरे पगली ये तो सब करते है, ये कोई जहर थोड़े ही है।
मेरे इतना कहते ही वो हंस पड़ी और फिर धीरे-धीरे लंड मुंह में लेने लगी।मै शीला का सिर पकड़ कर लंड के उपर नीचे करने लगा साथ ही अपना लंड भी शीला के मुंह में ठेलने लगा।अब मेरा लंड शीला के मुंह में तेजी से अंदर-बाहर हो रहा था और शीला के मुंह से गों..गों...गों की आवाज़ें निकल रही थी।
अब मेरे लंड को भी मस्ती चढने लगी थी।वो पूरा कुतुबमीनार की तरह तन कर खड़ा हो गया।
अब मैने शीला को सीधे लेटा दिया और जैसे ही उसका ब्लाउज उतारा वैसे ही उसकी चमकती हुई काली कड़क चूचीयाँ झटके से अनावृत्त हो उठी।और मैं उन्हें अपनी छाती से मसलने लगा।
"आ...ह"...उ...ई..ई"
शीला भी कसमसाने लगी।
अब मैं उसकी चूचीयों को चूस चूस कर उनका दूध पीने लगा।
मुझे आज कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था,आज शीला की झिझक मिट चुकी थी और वह खुल कर साथ दे रही थी।
"आ...ह"...उ...ई..ई"
"कैसा लग रहा है रानी"
"उ...ई...माँ.....म..जा...आ...र...हा...है।"
मै और जोर जोर से चूचीयों को चूसने लगा।
अब मैंने उसका पेटीकोट भी उतार दिया और शीला की चमचमाती हुई काली चिकनी चूत अनावृत्त हो उठी।
उसकी चूत की काली फांकों को देखते ही मैं पगला सा गया,और झुक कर चूत की फांकों में जीभ फिराने लगा।
उसकी चूत में से मूत व पसीने की मिलीजुली महक आ रही थी और मैं मदमस्त हो गया,बार-बार उसे किसी कुत्ते की तरह सूंघने लगा।
थोड़ी देर इसी तरह जीभ फिराने के बाद मैंने उसे चाटना शुरू कर दिया और उसकी टीट को मुंह में ले कर चूसने लगा।
वक्त की कोई कमी नहीं थी।और मुझे भी अपनी मंजिल तक पहुँचने की कोई जल्दी नहीं थी।
शीला गनगनाने लगी...
"आ...ह...आsssहह...ऊssssह"...क...रो...औ...र...क...रो...मु...झे....म...जा...आ...र..हा..है...आ..ईsssssऊsssssम ..र...ग...ई
अब मैंने एक उंगली धीरे-धीरे उसकी चूत मे घुसा दी...
"आsssssईssss" वह कसमसा उठी।
और मै धीरे-धीरे उंगली अंदर बाहर करने लगा...
आssssssहहहsssस्स्स्सीsssss...
म...र....ग....ई...
और शीला वासना के समन्दर में गोते लगाने लगी।
"रानी कैसा लग रहा है"मैंने पूछा
"ब..हु..त...अ...च्छा"...वह बोली।
"अ..ब....डा...ल....दो"...वह बिन्दास बोल उठी,शायद कल की चुदाई के बाद उसकी झिझक खत्म हो चुकी थी।
मैं भी जोश में भर गया और तुरंत सीधा हो कर उसकी चूत पे अपना मोटा लंड रगड़ने लगा।शीला की चूत गीली हो चुकी थी...शीला ने मस्ती में आ कर मेरी जांघो को कस कर पकड़ लिया और अपनी ओर खींचने लगी...
"हा..य...अ...ब...डा...ल...भी...दो,औ...र...ना...त..ड़..फा..ओ..."
यह सुनते ही मैंने लंड के सुपाड़े पे थूक लगाया और चूत की फांकों के बीच में रखकर हल्के से धक्का दे दिया।
"ओssss.ह....आssssह"
लंड का आधे से कुछ कम भाग एक ही बार में अंदर चला गया।
उ....फ्फ...ऊsssssह...माँ ...
फिर मैंने लंड को सुपाड़े तक बाहर खिंच कर फिर से एक जोर का स्ट्रोक मारा....
ऊssssssईssssssमाँ...म...र..ग...ईssssss.आsssssह"
अब मेरा लंड पूरा घुस चुका था।फिर मैने शीला के मुंह पर अपना मुंह रख दिया और लंड की जोरदार थाप लगाने लगा....
चूंकि चूत पूरी गीली हो चुकी थी इसलिए लंड अब आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था,और चूत लंड के मिलन की आवाज़े आ रही थी
...फच्च...फच्च...फच्च...फच्च....
शीला बड़बड़ाए जा रही थी... "ऊssssssईssssssमाँ...म...र..ग...ईssssss.आsssssह...मे..रे..रा...जा....चो...द...डा...ल...अ..प..नी...रा...नी...को...हाsssssय..मैं ...म..र..ग...ई ....ऊssssssssह...फा....ड़....डा...ल..."
"हाँ मेरी रानी"...मैंने कहा और जोर जोर से थाप पे थाप लगाने लगा।
शीला की आंखों में अब वासना के लाल डोरे दिखाई देने लगे...
"ऊssssssईssssssमाँ...म...र..ग...ईssssss.आsssssह...
..चो...द...डा...ल....हाsssssय..मैं ...म..र..ग...ई ....ऊssssssssह...फा....ड़....डा...ल..."
और उसने मेरे सिर के बाल पकड़कर भींच डाले....
"ऊssssssईssssss. ह...रा...मी...चो...द...डा...ल.....ऊssssssssह...फा....ड़....डा...ल..."मै....मर...गयी ....फा...ड़...के...भो..स..ड़ा...ब...ना...डा..ल...
आ..ज.. जी.. भ..र.. के.. म..जा.. दे.. दे... मैं.. ते...री... रा...नी.. *तू.. मे..रा.. गु...ला...म* चो..द.. औ..र.. चो..द.. मैं.. बो..लू.. त..ब.. त..क.. चो..द.. ब..ड़ा.. म..जा.. आ.. र..हा.. है।
"हाँ... मेरी... रानी...!.. मैं ..तो ..तेरा.. गुलाम.. हूँ.. तू.. जब.. तक.. बोलेगी.. मैं.. तब.. तक.. चोदूंगा.. मेरी.. रानी...।"मैंने थाप लगाते लगाते कहा ।
"लेकिन.. तुझे.. भी.. मुझको.. ईनाम.. देना.. होगा..,अपनी.. चूत.. का.. पानी.. पिलाना.. होगा.. जिसकी.. कल.. बात.. हुई.... थी ।"मैनें फिर से
थाप लगाते लगाते कहा ।
"बोल मेरी रानी मुझे ये इनाम देगी ना।"
"दूं..गी.. स..ब दूं..गी.. जो.. तू.. क..हे..गा.. वो.. दूं..गी।"वह जाने कौन से नशे में कहती चली गयी।
अब मेरे तो जोश का पार ही नहीं रहा,मैंने तो खुशी के मारे बिजली की तेजी से झटके लगाने शुरू किये,उसकी चूत अब वाकई में भोसडा बन चुकी थी।चुदाई की जोरदार आवाज़े पूरे कमरे में गूँज रही थी...
फट्ट फट्ट... फट्ट फट्ट... फट्ट फट्ट...
धक्क धक्क..धक्क धक्क.. धक्क धक्क...
फच्च फच्च... फच्च फच्च... फच्च फच्च...
तभी शीला ने मेरे बाल कस के पकड़ लिए ...
"आ..ह.. रा..जा.. ते..री.. रा..नी.. झ..ड़.. र..ही.. हैं.. ।"
फच्च फच्च... फच्च फच्च... फच्च फच्च...
"हा..य..ऊ..ह..ओ..ह.. मैं... झ..ड.. ग..यी..."
और शीला झड़ गई।
लेकिन मैंने अपने आप को झडने नहीं दिया और पूरा कंट्रोल में रखा,आखिर मुझे तो अभी और भी खेल खेलना था।
मैं और शीला कुछ देर तक उसी पोज़ में पड़े रहे।
फिर मैंने अपना लंड शीला की चूत में से निकाला और कपड़े से साफ किया फिर उठ कर फ्रिज में से एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल ले आया और शीला को पकड़ा दी।
"नहीं अब नहीं ।"वो मना करने लगी।
"अरे पी ले रानी सारी थकान दूर हो जायेगी।"
"नहीं मुझे बाथरूम जाना है।"
"हाँ तो चली जाना,ये पी तो ले।"
मेरे जबरदस्ती करने पर शीला ने कोल्ड ड्रिंक तो पी ली पर फिर उठ कर जाने लगी।मैंने फिर उसे बैड पर खिंच लिया।
"कहाँ जा रही है रानी ।"
"मुझे बाथरूम जाना है।"
अच्छा ठीक है पहले एक और खेल हो जाये।फिर साथ ही बाथरूम चलेंगे।और फिर मैंने टीवी आॅन कर दिया और रिमोट से सिलेक्ट करके एक पोर्न मूवी चालू कर दी।इसमें लडका व लडकी 69 पोज में ओरल सेक्स कर रहे थे।
कल तो शीला इतना ज्यादा खुल नहीं पा रही थी पर आज तो ओरल सेक्स में भी कम्फर्टेबल थी,और सारी एक्टिवीटी में साथ दे रही थी।इसलिये मैंने शीला की ओर बांहे फैला कर फिल्म स्टाइल में कहा-
"आजा रानी जैसा ये कर रहे हैं वैसा हम भी करेंगे।"
मेरी इस अदा पे शीला हंस पड़ी।
फिर मैंने उसे अपने ऊपर खिंच कर इस पोज में कर दिया कि उसकी चूत मेरे मुंह पर थी व उसका मुंह मेरे लंड को टच कर रहा था,यानि हम दोनों अब 69 पोज में थे।
"रानी अब मेरा लंड तो मुंह में ले,जैसे वो पिक्चर में कर रही है।"
शीला की झिझक अब मिट चुकी थी और वह अब हर एंगल से साथ दे रही थी।उसने मेरा लंड मुंह में ले कर उपर नीचे करना शुरू कर दिया।तब मैंने भी उसकी चूत पर किसी प्यासे चातक की तरह जीभ फिराना शुरू कर दिया।उसकी काली काली चिकनी चूत और उसकी फांकों के बीच में लाल तिलक और सबसे बीच में वो छेद जहाँ से निकलने वाले सेक्सी जल का मुझे बेसब्री से इंतजार था।मै उसे चूसने लगा।उसकी चूत झड चुकी थी इसलिए इस बार उसमें से झडने की,पसीने की व मूत की मिलीजुली मादक महक आ रही थी।जो मेरे मन को मदमस्त कर रही थी और मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया फिर उसकी गांड चाटने लगा फिर गांड में जीभ घुसा घुसा कर चाटने लगा।शीला भी मेरा लंड मुंह में ले कर उपर नीचे कर रही थी,कि मैंने एक उंगली उसकी चूत मे घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा,शीला शायद इसके लिए तैयार नहीं थी,वो तो हाल ही में झड़ चुकी थी और मैनें उसे पानी व कोल्ड ड्रिंक ही इतना पिला दिया था कि वो बार-बार बाथरूम जाने को कह रही थी, बेचारी अपना मूत रोके हुई थी।
जैसे ही मैंने उंगली उसकी चूत मे घुसाइ और अंदर बाहर करने लगा कि शीला अपने को कंट्रोल नहीं कर पायी
व उसका मूत निकल पड़ा...
आ...ह...मुझे तो मन की मुराद मिल गई, मैनें तुरंत ही उसकी काली चिकनी चूत की फांकों में मुंह लगा दिया और और फिर उसके मूत की धार मेरे मुंह में थी...लेकिन यह क्या...अभी मैं उस रस का स्वाद ले पाऊँ उससे पहले ही शीला तुरंत उठ कर बैठ गयी।
मुस्कुरा कर बोली
"क्या आप भी"
"अरे मैंने क्या किया ? जो किया वो तो तुमने किया।"मैने मुस्कुरा कर कहा।
अचानक मूत छूट पड़ेगा शायद इसके लिए वो तैयार नहीं थी।तभी वो उठी और बाथरूम की ओर लपकी, शायद अब उससे और कंट्रोल नहीं हो पा रहा था।मैं भी उसके पीछे लपका, बोला "शीला देख तूने चुदाई के वक्त वादा किया था कि जो मैं कहूंगा वो मुझे ईनाम देगी...मुझे अपनी चूत का पानी पिलायेगी..."
शीला मुंह पर हाथ रख कर हंसे जा रही थी।
तब तक वो बाथरूम में पहुँच कर नीचे बैठने ही वाली थी कि मै बोला "शीला, रूक ! पानी नीचे नहीं गिराना है,वो पाईप लाईन का काम चालू है ना "
तब मैंने वो मग्गा उठा कर उसकी चूत के मुंह पर लगा दिया।बस फिर क्या था शीला को समझ में आ गयी,चूंकि मैंने उसे बैठने का मौका ही नहीं दिया तो वो खड़े खड़े ही मग्गे में मूतने लगी ....श्श्श्श्श्श्श्श्श्श्ईईईईईईई
बस फिर क्या था, मैनें कहा देख रानी तूने वादा किया है ना तोड़ना मत....
ऐसा कहकर मैंने तुरंत मग्गा हटा कर उसकी चूत पे अपना मुंह लगा दिया...और उसके मूत की धार सीधे मेरे मुंह में .....
एक पल को तो आश्चर्य हुआ उसे लेकिन अब वो मेरी जिद्द के सामने नाॅर्मल थी और हँसते हुए उसी पोज़ में खड़ी रहीं।और मेरी तो बल्ले बल्ले हो रही थी, जवान चूत का पानी मेरे मुंह में गिर रहा था...खारा खारा नमकीन सा बड़ा सेक्सी टेस्ट आ रहा था तभी मुंह में चूत के पानी से धार के टकराने की आवाज आने लगी ...गड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़
और वो नीचे ना गिरे इसलिए मैं उसे आंखें मूंद कर बड़े मजे में गटक गया।
अब शीला जब मूत चुकी तो मै प्रसन्न मन से उसे वाॅशबेसिन तक ले गया।
शीला मुंह पर हाथ रख कर मुस्कुराए जा रही थी।उसने आज पिसींग सेक्स का पहली बार लुत्फ़ जो लिया था।
और मै भी बड़ा उत्साहित था कि एक दिन इसी तरह मै शीला को अपनी मिस्ट्रेस बनाकर हर तरह के सेक्स के मजे लूटूंगा।
फिर मुंह हाथ धोकर हम कमरे से निकले,चूंकि मैं झड़ा नहीं था इसलिए हमने एक ट्रिप और लगाई अब हम दोनों पूरी तरह से हल्का महसूस कर रहे थे।
फिर शीला ने कपड़े पहने और जाने लगी।तब मैंने उसे कुछ रूपये पकड़ाये व होठों पे एक चुम्बन दिया और फिर अपनी गाड़ी में ऑटो स्टाॅप से थोड़ी सी दूरी पर छोड़ दिया।
शेष अगली किस्त में क्रमशः
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RE: मैंने नौकरानी की टट्टी खाई - by rohitpal - 23-07-2021, 06:27 PM



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