23-07-2021, 04:56 PM
" Slut !!! ". अनिकेत के रूम से बाहर जाते ही अभिषेक पलंग पर लेटी पड़ी मेघना को देखते हुये घृणास्वरुप बोल उठा.
मेघना ने सुना, पर कुछ बोली नहीं. करीब दो तीन और मिनट तक वो उसी तरह पलंग पर अस्त व्यस्त खुले बालों के साथ लेटी पड़ी रही.
पूरा बेडरूम व्हिस्की, चूत के नमकीन पानी, और खारे वीर्य की मिलीजुली एक अजीब सी तेज़ गंध से भर गया था !
ऊपर नीची होती साँसों पर थोड़ा सा नियंत्रण आया, तो अपने दोनों हाथों का सहारा लेते हुये मेघना बिस्तर पर से उठ बैठी, और पलंग से नीचे उतरकर कुर्सी पर बैठे अपने पति के सामने उसी हालत में आकर नंगी ख़डी हो गई.
अभिषेक ने एक बार अपनी पत्नि कि जाँघों के बीच दबी छुपी उसकी V आकर कि अभी अभी चुदी चुदाई झड़ी हुई चूत को निहारा, फिर अपनी गर्दन ऊपर उठाकर उसकी आँखों में झाँका.
मेघना कि आँखें नम थी, वो रो रही थी !!!
अपनी आँखों से छलक रहे आंसुओं को मेघना ने अपने गोरे गालों पर बह जाने दिया, उसने अपने दोनों हाथ अपने पति के कंधो पर रखें और फिर अपनी दांई टांग थोड़ी सी ऊपर उठाकर उसकी गोद में जा बैठी !
" क्यूँ किया तुमने ऐसा ??? ". अभिषेक ने मेघना के चेहरे से एक बार भी अपनी नज़र हटाए बिना पूछा.
" तुम जानते हो कि मैं तुमसे प्यार करती हूँ... ". अभिषेक के गाल पर अपना हाथ फेरते हुये रोनी आवाज़ में मेघना बोली. " सिर्फ तुमसे !!! ".
अभिषेक ने कोई उत्तर नहीं दिया, कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई. मेघना ने आगे बढ़कर उसे अपने गले से लगा लिया और रोने लगी !
फटा हुआ Condom बाथरूम में फेंकने के बाद अपना लण्ड धोकर खुद को साफ सुथरा कर अनिकेत ड्राइंग रूम में आकर अपने कपड़े पहनने लगा. अपना Condom का पैकेट जीन्स की जेब में ठूंसने के बाद वो अब उन दोनों के घर से जाने को तैयार था. कपड़े पहनने के बाद फिर कुछ सोचकर उसने एक बार अपनी मेघना भाभी से मिलना चाहा, क्या पता, शायद ये उन दोनों की अंतिम मुलाक़ात हो. लेकिन फिर बेडरूम के दरवाज़े पर आते ही वो ठिठककर रुक गया, अंदर कुर्सी पर बैठे अभिषेक की गोद में नंगी बैठी मेघना उसे खुद से चिपकाये गले से लगाए रो रही थी. उसका साहस नहीं हुआ कमरे में जाकर उन दोनों पति पत्नि के इस अंतरंग भावुक क्षण में खलल डालने का...
दरवाज़े की चौखट पर कदमो की आहट सुन मेघना ने अपना चेहरा उस ओर घुमाया, तो अनिकेत को वहाँ खड़ा पाया. हल्के से मुस्कुराकर मेघना ने अनिकेत को आँख मारी, और फिर वापस से अपने पति से लिपट गई !
अनिकेत वहाँ एक पल भी ना रुका.
ड्राइंग रूम में आकर उसने कुर्सी पर पड़ी मेघना की सलवार और कुर्ती को अपने हाथ से उठाकर एक बार सूंघा, उनमें उसकी मेघना भाभी की महक थी, फिर वापस से उसके कपड़े वहीँ कुर्सी पर छोड़कर वो घर से बाहर निकल गया.
जब अनिकेत घर के बाहरी दरवाज़े से बाहर जा रहा था, तब भी पीछे से बेडरूम में रोती सुबकती उसकी मेघना भाभी की आवाज़ उसे एकदम स्पष्ट सुनाई दे रही थी !!!
मेघना ने सुना, पर कुछ बोली नहीं. करीब दो तीन और मिनट तक वो उसी तरह पलंग पर अस्त व्यस्त खुले बालों के साथ लेटी पड़ी रही.
पूरा बेडरूम व्हिस्की, चूत के नमकीन पानी, और खारे वीर्य की मिलीजुली एक अजीब सी तेज़ गंध से भर गया था !
ऊपर नीची होती साँसों पर थोड़ा सा नियंत्रण आया, तो अपने दोनों हाथों का सहारा लेते हुये मेघना बिस्तर पर से उठ बैठी, और पलंग से नीचे उतरकर कुर्सी पर बैठे अपने पति के सामने उसी हालत में आकर नंगी ख़डी हो गई.
अभिषेक ने एक बार अपनी पत्नि कि जाँघों के बीच दबी छुपी उसकी V आकर कि अभी अभी चुदी चुदाई झड़ी हुई चूत को निहारा, फिर अपनी गर्दन ऊपर उठाकर उसकी आँखों में झाँका.
मेघना कि आँखें नम थी, वो रो रही थी !!!
अपनी आँखों से छलक रहे आंसुओं को मेघना ने अपने गोरे गालों पर बह जाने दिया, उसने अपने दोनों हाथ अपने पति के कंधो पर रखें और फिर अपनी दांई टांग थोड़ी सी ऊपर उठाकर उसकी गोद में जा बैठी !
" क्यूँ किया तुमने ऐसा ??? ". अभिषेक ने मेघना के चेहरे से एक बार भी अपनी नज़र हटाए बिना पूछा.
" तुम जानते हो कि मैं तुमसे प्यार करती हूँ... ". अभिषेक के गाल पर अपना हाथ फेरते हुये रोनी आवाज़ में मेघना बोली. " सिर्फ तुमसे !!! ".
अभिषेक ने कोई उत्तर नहीं दिया, कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई. मेघना ने आगे बढ़कर उसे अपने गले से लगा लिया और रोने लगी !
फटा हुआ Condom बाथरूम में फेंकने के बाद अपना लण्ड धोकर खुद को साफ सुथरा कर अनिकेत ड्राइंग रूम में आकर अपने कपड़े पहनने लगा. अपना Condom का पैकेट जीन्स की जेब में ठूंसने के बाद वो अब उन दोनों के घर से जाने को तैयार था. कपड़े पहनने के बाद फिर कुछ सोचकर उसने एक बार अपनी मेघना भाभी से मिलना चाहा, क्या पता, शायद ये उन दोनों की अंतिम मुलाक़ात हो. लेकिन फिर बेडरूम के दरवाज़े पर आते ही वो ठिठककर रुक गया, अंदर कुर्सी पर बैठे अभिषेक की गोद में नंगी बैठी मेघना उसे खुद से चिपकाये गले से लगाए रो रही थी. उसका साहस नहीं हुआ कमरे में जाकर उन दोनों पति पत्नि के इस अंतरंग भावुक क्षण में खलल डालने का...
दरवाज़े की चौखट पर कदमो की आहट सुन मेघना ने अपना चेहरा उस ओर घुमाया, तो अनिकेत को वहाँ खड़ा पाया. हल्के से मुस्कुराकर मेघना ने अनिकेत को आँख मारी, और फिर वापस से अपने पति से लिपट गई !
अनिकेत वहाँ एक पल भी ना रुका.
ड्राइंग रूम में आकर उसने कुर्सी पर पड़ी मेघना की सलवार और कुर्ती को अपने हाथ से उठाकर एक बार सूंघा, उनमें उसकी मेघना भाभी की महक थी, फिर वापस से उसके कपड़े वहीँ कुर्सी पर छोड़कर वो घर से बाहर निकल गया.
जब अनिकेत घर के बाहरी दरवाज़े से बाहर जा रहा था, तब भी पीछे से बेडरूम में रोती सुबकती उसकी मेघना भाभी की आवाज़ उसे एकदम स्पष्ट सुनाई दे रही थी !!!