23-07-2021, 04:00 PM
मेघना ने अपने पति कि ओर देखकर एक ठंडी आह भरी, तो अनिकेत उसके ऊपर से उठ गया.
" प्लीज् !!! ". अभिषेक ने व्यंग्य भरे स्वर में मुस्कुराकर अनिकेत को देखते हुये कहा.
अनिकेत ने मेघना कि ओर देखा, तो उसने उसे हल्के से एक इशारा किया, जिसका मतलब था कि उसका पति जो बोल रहा है, वो बस वैसे ही करते जाना है. अनिकेत को मेघना भाभी पर भरोसा था, क्यूंकि ज़ाहिर है वो अपने पति को उससे ज़्यादा जानती समझती होगी.
थोड़ी सी हिचक के बाद अनिकेत ने अपना हाथ अपने लण्ड पर से हटा लिया, मेघना ने अपनी टांगें थोड़ी सी फ़ैलाकर उसे अपने ऊपर चढ़ने का बेमन से न्योता दिया. मेघना कि जाँघों के बीच अपनी टांगें अड़ा कर खोये हुये आत्मविश्वास के साथ किसी तरह अनिकेत उसके बदन के ऊपर चढ़ तो गया, पर आगे क्या करे ये समझ में ना आने पर रुककर बेवकूफ़ कि तरह उसी हालत में अभिषेक कि ओर प्रश्नवाचक नज़रों से देखने लगा.
" Go on ! ". उन दोनों पर अपनी आँखे गड़ाये अभिषेक बोला. " चोदो मेरी बीवी को... अनिकेत !!! ".
हिंदी कि कच्ची भद्दी भाषा में अपने पति के मुँह से निकले शब्द सुनकर मेघना को अभिषेक के Frustration का अंदाज़ा लग गया, उससे अब बात करने का कोई फायदा ना था. मेघना ने एक सेकंड के लिए अपनी आँखें बंद कि और एक लंबी गहरी साँस ली, मानो खुद को ही सांत्वना दे रही हो. उसने अनिकेत कि पीठ पर अपने दोनों हाथ लपेटकर उसे अपने ऊपर धीरे से खींच लिया, तो अनिकेत नीचे होकर उसके बदन से सट गया. गरम वीर्य से भरे Condom का मुँह जब मेघना कि चूत के खुले हुये छेद से टकराया तो उसने महसूस किया कि अनिकेत का लण्ड अब पूरी तरह से ढीला पड़ गया है, एक तो वो अभी कुछ देर पहले ही झड़ा था, ऊपर से ऐसा टेंशन वाला माहौल, ये होना तो लाज़मी ही था ना.
ना चाहते हुये भी अनिकेत को उत्तेजित करने के लिए मेघना अपनी गांड़ धीरे धीरे उचकाकर उसके लण्ड को अपनी जाँघों से घिसने लगी और उसकी पीठ सहलाते हुये उसकी गर्दन चूमने लगी.
मगर अनिकेत के शरीर में कोई हरकत होने का दूर दूर तक कोई भी अंदेशा ना था, उसके निर्जीव शरीर में उत्तेजना तो क्या, कोई भी हलचल ना हुई, और फिर किसी तरह अपनी पूरी साहस जुटाकर उसने अभिषेक को देखते हुये सख़्त आवाज़ में कहा.
" मैं नहीं कर सकता अभिषेक भैया ! ".
" तुम्हारे घरवालों को पता है तुमने क्या गुल खिलाये हैं ? ". अभिषेक तपाक से बोला, मानो उसे पता हो कि अनिकेत ऐसा कुछ कहने वाला है. " या फिर मुझे ही उन्हें ये घटिया खबर देनी पड़ेगी ? ".
अनिकेत ने अभी तक तो इस बारे में सोचा भी ना था, कि मेघना भाभी के सनकी पति का घिनौना अत्याचार शायद यहीं तक ना रुके !!!
वो सकते में आ गया और सहम कर चुप हो गया.
अपने पति कि धमकी सुनकर मेघना समझ चुकी थी कि ये सारा सिचुएशन अब उसे ही संभालना है, किसी तरह से नशे और गुस्से में डूबे अभिषेक के इस खेल से वो बस एक बार उबर जाये, तो बाद में देखा जायेगा.
मेघना को पता था कि अब आगे क्या करना है...
अपने दोनों हाथों से अनिकेत के शरीर के भार को अपने ऊपर से ठेलते हुये मेघना ने करवट बदली, तो अनिकेत अब बिस्तर पर पीठ के बल नीचे हो गया, और मेघना उसके ऊपर. अभिषेक को देखते हुये मेघना अनिकेत कि गोद में उठ बैठी और अपना बांया हाथ उसकी ओर बढ़ा दिया. अपनी पत्नि का इशारा समझ अभिषेक ने आगे बढ़कर शराब कि बोतल मेघना को थमा दी.
आगे जो कुछ भी करना था, उसके लिए होशो हवाश कि ज़रूरत नहीं थी !!!
मेघना ने बोतल से व्हिस्की कि एक बड़ी सी घूँट अपने मुँह में भर ली, कुछ पल के लिए शराब को मुँह के अंदर रखकर उसके कड़वे स्वाद के साथ खुद को एडजस्ट होने दिया, साँस रोकी, और फिर पूरी व्हिस्की गले से अंदर उतार ली. बड़ी मुश्किल से अपनी खांसी रोककर व्हिस्की कि कड़वाहट को सहने के बाद मेघना ने बोतल का मुँह अपने नीचे लेटे अनिकेत के मुँह से लगा दिया.
" बस थोड़ा सा !!! ". मेघना धीमे से बोली.
अपनी प्यारी मेघना भाभी कि बात का भरोसा करते हुये अनिकेत ने बिना किसी तरह के ना नुकुर के अपने होंठ खोल दिए, तो मेघना ने बोतल तीरछी करके थोड़ी सी व्हिस्की उसके खुले मुँह में उड़ेल दी. लेटे हुये होने कि वजह से शराब सीधे अनिकेत के गले से जा टकराई और उसे व्हिस्की ज़बरदस्ती एक बार में ही निगलनी पड़ी. वो खांस उठा, तो मेघना उसका नंगा सीना सहलाने लगी.
" ह्म्म्मम्म... Interesting ! ". अभिषेक मुस्कुराया और पास पड़ी एक कुर्सी लेकर पलंग के पास उन दोनों के सामने बैठ गया.
मेघना ने शराब कि बोतल अपने पति को वापस कर दी !
अपनी गांड़ थोड़ी सी ऊपर उठाकर मेघना ने गांड़ के नीचे दबे अनिकेत के ढीले लण्ड को उलटकर उसके पेट पर लुढक जाने दिया, और उसकी गोद में बैठते हुये अपनी चूत को उसके अंडकोष पर रखकर अपनी कमर धीरे धीरे हिलाने लगी.
" उधर मत देखो ! ". अनिकेत का चेहरा अपने हाथ से अपनी ओर घुमाते हुये मेघना बोली. उसे पता था कि जब तक अनिकेत को उसके पति कि मौजूदगी का एहसास रहेगा, उसके लण्ड में तनाव नहीं आएगा.
अनिकेत को मेघना भाभी का सुझाव उचित लगा. अपनी आँखें मूंदकर उसने अपना शरीर ढीला छोड़कर मानो खुद को उसके हवाले कर दिया, और अपने अंडकोष पर मेघना कि नरम गीली चूत कि त्वचा के सुखद स्पर्श का मीठा अनुभव उठाने लगा.
" मुझे भी ये सारा कुछ जल्द से जल्द ख़त्म होने कि उतनी ही जल्दी है जितनी कि तुम्हें... ". अनिकेत के शरीर पर झुकते हुये मेघना ने उसके कान में धीरे से फुसफुसाते हुये कहा. " Just relax... बस थोड़ी देर कि ही बात है ! "
अपनी आँखें खोले बिना ही अनिकेत ने धीरे से अपना सिर हिलाकर मेघना भाभी कि बात पर अपनी स्वीकृति ज़ाहिर कि. रिलैक्स करना उसके लिए संभव तो नहीं था, पर और कोई चारा भी तो ना था, जितना बुरा वो फंसा था, अब उससे बुरा और क्या हो सकता था. इसलिए पूरा खेल जितनी स्वाभाविकता से निपट जाये, उतना ही अच्छा है.
" प्लीज् !!! ". अभिषेक ने व्यंग्य भरे स्वर में मुस्कुराकर अनिकेत को देखते हुये कहा.
अनिकेत ने मेघना कि ओर देखा, तो उसने उसे हल्के से एक इशारा किया, जिसका मतलब था कि उसका पति जो बोल रहा है, वो बस वैसे ही करते जाना है. अनिकेत को मेघना भाभी पर भरोसा था, क्यूंकि ज़ाहिर है वो अपने पति को उससे ज़्यादा जानती समझती होगी.
थोड़ी सी हिचक के बाद अनिकेत ने अपना हाथ अपने लण्ड पर से हटा लिया, मेघना ने अपनी टांगें थोड़ी सी फ़ैलाकर उसे अपने ऊपर चढ़ने का बेमन से न्योता दिया. मेघना कि जाँघों के बीच अपनी टांगें अड़ा कर खोये हुये आत्मविश्वास के साथ किसी तरह अनिकेत उसके बदन के ऊपर चढ़ तो गया, पर आगे क्या करे ये समझ में ना आने पर रुककर बेवकूफ़ कि तरह उसी हालत में अभिषेक कि ओर प्रश्नवाचक नज़रों से देखने लगा.
" Go on ! ". उन दोनों पर अपनी आँखे गड़ाये अभिषेक बोला. " चोदो मेरी बीवी को... अनिकेत !!! ".
हिंदी कि कच्ची भद्दी भाषा में अपने पति के मुँह से निकले शब्द सुनकर मेघना को अभिषेक के Frustration का अंदाज़ा लग गया, उससे अब बात करने का कोई फायदा ना था. मेघना ने एक सेकंड के लिए अपनी आँखें बंद कि और एक लंबी गहरी साँस ली, मानो खुद को ही सांत्वना दे रही हो. उसने अनिकेत कि पीठ पर अपने दोनों हाथ लपेटकर उसे अपने ऊपर धीरे से खींच लिया, तो अनिकेत नीचे होकर उसके बदन से सट गया. गरम वीर्य से भरे Condom का मुँह जब मेघना कि चूत के खुले हुये छेद से टकराया तो उसने महसूस किया कि अनिकेत का लण्ड अब पूरी तरह से ढीला पड़ गया है, एक तो वो अभी कुछ देर पहले ही झड़ा था, ऊपर से ऐसा टेंशन वाला माहौल, ये होना तो लाज़मी ही था ना.
ना चाहते हुये भी अनिकेत को उत्तेजित करने के लिए मेघना अपनी गांड़ धीरे धीरे उचकाकर उसके लण्ड को अपनी जाँघों से घिसने लगी और उसकी पीठ सहलाते हुये उसकी गर्दन चूमने लगी.
मगर अनिकेत के शरीर में कोई हरकत होने का दूर दूर तक कोई भी अंदेशा ना था, उसके निर्जीव शरीर में उत्तेजना तो क्या, कोई भी हलचल ना हुई, और फिर किसी तरह अपनी पूरी साहस जुटाकर उसने अभिषेक को देखते हुये सख़्त आवाज़ में कहा.
" मैं नहीं कर सकता अभिषेक भैया ! ".
" तुम्हारे घरवालों को पता है तुमने क्या गुल खिलाये हैं ? ". अभिषेक तपाक से बोला, मानो उसे पता हो कि अनिकेत ऐसा कुछ कहने वाला है. " या फिर मुझे ही उन्हें ये घटिया खबर देनी पड़ेगी ? ".
अनिकेत ने अभी तक तो इस बारे में सोचा भी ना था, कि मेघना भाभी के सनकी पति का घिनौना अत्याचार शायद यहीं तक ना रुके !!!
वो सकते में आ गया और सहम कर चुप हो गया.
अपने पति कि धमकी सुनकर मेघना समझ चुकी थी कि ये सारा सिचुएशन अब उसे ही संभालना है, किसी तरह से नशे और गुस्से में डूबे अभिषेक के इस खेल से वो बस एक बार उबर जाये, तो बाद में देखा जायेगा.
मेघना को पता था कि अब आगे क्या करना है...
अपने दोनों हाथों से अनिकेत के शरीर के भार को अपने ऊपर से ठेलते हुये मेघना ने करवट बदली, तो अनिकेत अब बिस्तर पर पीठ के बल नीचे हो गया, और मेघना उसके ऊपर. अभिषेक को देखते हुये मेघना अनिकेत कि गोद में उठ बैठी और अपना बांया हाथ उसकी ओर बढ़ा दिया. अपनी पत्नि का इशारा समझ अभिषेक ने आगे बढ़कर शराब कि बोतल मेघना को थमा दी.
आगे जो कुछ भी करना था, उसके लिए होशो हवाश कि ज़रूरत नहीं थी !!!
मेघना ने बोतल से व्हिस्की कि एक बड़ी सी घूँट अपने मुँह में भर ली, कुछ पल के लिए शराब को मुँह के अंदर रखकर उसके कड़वे स्वाद के साथ खुद को एडजस्ट होने दिया, साँस रोकी, और फिर पूरी व्हिस्की गले से अंदर उतार ली. बड़ी मुश्किल से अपनी खांसी रोककर व्हिस्की कि कड़वाहट को सहने के बाद मेघना ने बोतल का मुँह अपने नीचे लेटे अनिकेत के मुँह से लगा दिया.
" बस थोड़ा सा !!! ". मेघना धीमे से बोली.
अपनी प्यारी मेघना भाभी कि बात का भरोसा करते हुये अनिकेत ने बिना किसी तरह के ना नुकुर के अपने होंठ खोल दिए, तो मेघना ने बोतल तीरछी करके थोड़ी सी व्हिस्की उसके खुले मुँह में उड़ेल दी. लेटे हुये होने कि वजह से शराब सीधे अनिकेत के गले से जा टकराई और उसे व्हिस्की ज़बरदस्ती एक बार में ही निगलनी पड़ी. वो खांस उठा, तो मेघना उसका नंगा सीना सहलाने लगी.
" ह्म्म्मम्म... Interesting ! ". अभिषेक मुस्कुराया और पास पड़ी एक कुर्सी लेकर पलंग के पास उन दोनों के सामने बैठ गया.
मेघना ने शराब कि बोतल अपने पति को वापस कर दी !
अपनी गांड़ थोड़ी सी ऊपर उठाकर मेघना ने गांड़ के नीचे दबे अनिकेत के ढीले लण्ड को उलटकर उसके पेट पर लुढक जाने दिया, और उसकी गोद में बैठते हुये अपनी चूत को उसके अंडकोष पर रखकर अपनी कमर धीरे धीरे हिलाने लगी.
" उधर मत देखो ! ". अनिकेत का चेहरा अपने हाथ से अपनी ओर घुमाते हुये मेघना बोली. उसे पता था कि जब तक अनिकेत को उसके पति कि मौजूदगी का एहसास रहेगा, उसके लण्ड में तनाव नहीं आएगा.
अनिकेत को मेघना भाभी का सुझाव उचित लगा. अपनी आँखें मूंदकर उसने अपना शरीर ढीला छोड़कर मानो खुद को उसके हवाले कर दिया, और अपने अंडकोष पर मेघना कि नरम गीली चूत कि त्वचा के सुखद स्पर्श का मीठा अनुभव उठाने लगा.
" मुझे भी ये सारा कुछ जल्द से जल्द ख़त्म होने कि उतनी ही जल्दी है जितनी कि तुम्हें... ". अनिकेत के शरीर पर झुकते हुये मेघना ने उसके कान में धीरे से फुसफुसाते हुये कहा. " Just relax... बस थोड़ी देर कि ही बात है ! "
अपनी आँखें खोले बिना ही अनिकेत ने धीरे से अपना सिर हिलाकर मेघना भाभी कि बात पर अपनी स्वीकृति ज़ाहिर कि. रिलैक्स करना उसके लिए संभव तो नहीं था, पर और कोई चारा भी तो ना था, जितना बुरा वो फंसा था, अब उससे बुरा और क्या हो सकता था. इसलिए पूरा खेल जितनी स्वाभाविकता से निपट जाये, उतना ही अच्छा है.