23-07-2021, 03:06 PM
चूत के पानी से चूत कि अंदरूनी दीवारें चिकनी हो गईं और अनिकेत का लण्ड छिटककर चूत से बाहर निकल आया. पर क्यूंकि उसने धक्के मारना जारी रखा था, तो लण्ड सटाक से थोड़ा सा नीचे फिसल कर मेघना कि गांड़ के छेद में जा घुसा. चूत का पानी नीचे बहकर पहले से ही गांड़ का छेद गीला कर चुका था, सो लण्ड एक बार में ही सरसराकर गांड़ के नन्हे छिद्र को फाड़ता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया.
" ओह्ह्ह्हह मम्मी !!! ".
अनिकेत कि कमर को अपने नाख़ूनों से खरोचते हुये मेघना चीख उठी !
शादीशुदा मेघना अपनी गांड़ से कुंवारी थी !!
अभिषेक को समझते देर ना लगी कि कमीने अनिकेत ने उसकी बीवी कि गांड़ में अपना लौड़ा घुसेड़ दिया है. अभिषेक ने कई बार मेघना को गांड़ मरवाने के लिए मनाना चाहा था, पर मेघना कभी नहीं मानी, दर्द से डरती थी. और आज एक अनजान लड़के ने उसके चूतड़ कि सील खोलकर रख दी. अभिषेक जितना गुस्सा नहीं था, उतना अब Frustrated हो रहा था. व्हिस्की कि बोतल मुँह से लगाए वो अपनी पत्नि और उसके खुशनसीब प्रेमी को कोसता रहा !!!
" अनिकेत Noooooo !!! ".
मेघना दर्द से बिलबिला उठी.
मेघना भाभी कि गांड़ उसकी चूत के बनिस्बत कहीं ज़्यादा कसी हुई थी और अंदर कि त्वचा बहुत ही अधिक नरम थी. एक बार जब अनिकेत का लण्ड मेघना कि गांड़ में धंसा तो उसे फिर बाहर निकालने का उसका मन ही नहीं हो रहा था.
" आअह्ह्ह... भाभी... आपकी गांड़ कितनी टाइट है... मममममममम !!! ". आनंदविभोर हुआ अनिकेत बड़बड़ाया.
" टाइट के बच्चे... निकालो... बहुत दुख रहा है... हाय मम्मी !!! ". अपने बदन से जोंक कि तरह चिपके अनिकेत को अपने हाथों से ठेलते मारते मेघना चिल्लाई.
मेघना के रोकते मना करते भर में अनिकेत ने जल्दी जल्दी कुछ देर तक और उसकी गांड़ पेल ली, फिर लण्ड बाहर खींचकर वापस से चूत में ठूस दिया.
मेघना ने चैन कि साँस ली !
पहले से भी ज़्यादा तेज़ गति से अनिकेत अब मेघना का बदन रौंदने लगा. पूरा सोफा ऊपर नीचे आगे पीछे हिलने लगा, पलंग हुआ रहता तो अब तक शायद टूट ही गया होता. मेघना जिस तकिये पर लेटकर चुदवा रही थी, इसी धमाचौकड़ी में उसके सिर के नीचे से वो तकिया भी खिसककर नीचे ज़मीन पर जा गिरा. मेघना का सिर सोफे पर गिरा तो उसके खुले खुशबुदार बालों में अनिकेत अपना मुँह छुपाकर उसे चोदने लगा.
" धीरे चोदो अनिकेत... मैं कहाँ भागी जा रही हूँ !!! ". मेघना ने सिसकारते हुये कहा.
अपना हाथ बढ़ाकर बेचारी मेघना नीचे ज़मीन पर गिरे तकिये को उठाने कि भरसक चेष्टा करती रही, पर अनिकेत ने उसे तकिया तक उठाने नहीं दिया, और उसी अवस्था में उसे पेलता रहा !
आलम ये था कि अब तो हर मिनट में मेघना का पानी निकलने लगा. उसकी अपनी जाँघे, अनिकेत कि टांगें, सोफा, नीचे ज़मीन, सारा कुछ चूत के पानी से भींग गया.
पूरा का पूरा कमरा चूतरस कि खुशबुदार गंध से महक उठा. यहाँ तक कि दूर छुपे खड़े अभिषेक का नाक भी इस गंध से अछूता ना रहा. अभिषेक इस कस्तूरी सुगंध को खूब पहचानता था. पूरे महीने मेघना कि चूत और उसका पानी अलग अलग किस्म का महकता था, और जब भी उसकी चूत से ये वाली खास गंध आनी शुरू होती थी, वो पेलवाने के लिए बौरा जाती थी, मगर किसी भी क़ीमत पर अभिषेक को वो उन दिनों में अपनी उर्वर चूत के अंदर झड़ने नहीं देती थी. ये मेघना के सबसे ज़्यादा Fertility वाले दिन जो हुआ करतें थें, जब वीर्य कि एक बूंद भी उसे गर्भवती बनाने के लिए काफ़ी होती थी !!!
अपने उपजाऊ दिनों में मेघना जैसा सेक्स चाहती थी, आज उसे उसका प्रेमी वैसा ही सेक्स दे रहा था, तो अनिकेत से अभिषेक को ईर्ष्या होना स्वाभाविक ही था !
मेघना को ताबड़तोड़ चोद कर अनिकेत ने खुद अपनी मुसीबत बुला ली थी. वो झड़ने कि कगार पर पहुँच चुका था. पर कोई नहीं, ठीक है, 40 मिनट से ज़्यादा देर तक चोदा था उसने आज अपनी मेघना भाभी को, इतनी देर तो वो मूठ मारते वक़्त भी नहीं टिकता !
अनिकेत के अनियमित हो रहे धक्कों और उसके शरीर में उठ रही कंपन से मेघना ने अंदाज़ा लगा लिया कि अब उसका माल गिर जायेगा.
" झड़ रहे हो क्या अनिकेत ??? ". मेघना ने अनिकेत के गाल पर हाथ फेरते हुये प्यार से पूछा.
" अभी नहीं भाभी ! पर थोड़ी देर में निकल जायेगा... ". अनिकेत ने हाँफते हुये कहा.
" Don't cum now अनिकेत... सारा मज़ा किरकिरा हो जायेगा ! ".
अभी कुछ देर पहले जो मेघना ये सारा खेल जल्द से जल्द ख़त्म करने के लिए तरह तरह के प्लान बना रही थी, वही मेघना अब ऐसे बेफिक्र हुई जा रही थी, मानो हनीमून पर आई हो ! सही तरह का शारीरिक सुख मिले तो औरत सब कुछ भुला देती है... अपने पति को भी ! कम से कम मेघना के सन्दर्भ में तो ये बात सच्ची जमती थी !!!
" Slowly slowly चोदो, दस पंद्रह मिनट और टिकोगे ! ". मेघना ने अनिकेत को सलाह दी और उसे चूमने लगी.
हालांकि मेघना को कोई खास फर्क नहीं पड़ता था, अगर अनिकेत झड़ जाये तो, क्यूंकि उसे पता था कि उसमें चोदने कि जैसी लालसा थी, झड़ने के कुछ देर बाद ही फिर से उसका लण्ड तनतना कर तैयार हो ही जायेगा. ये बात और थी कि आज उन दोनों को सेकंड राउंड चुदाई का मौका मिलेगा नहीं...
मेघना का पति ना जाने क्या करने कि प्रतीक्षा कर रहा था !!!
मेघना भाभी कि सलाह मान कर अनिकेत ने धक्के मारना एकदम से रोक दिया, एक गहरी साँस ली, और अपना लण्ड मेघना कि चूत में जड़ तक ठूसकर पूरी तरह से रुक गया. ख़ुशी से झूम उठी मेघना ने अपनी दोनों टांगें अनिकेत कि कमर से लपेटकर उसे खुद से जकड़ लिया, और एकदम धीरे धीरे अपनी गांड़ ऊपर नीचे ऊपर नीचे करने लगी. अब अनिकेत मेघना को नहीं चोद रहा था, बस मेघना के गांड़ उचकाने से उसकी चूत कि तह में घुसा उसका लौड़ा रगड़ खा रहा था. अनिकेत ने अपनी आँखें बंद कर ली और अपना मुँह मेघना कि गर्दन में छुपा लिया.
" आआह भाभी... ऐसे ही करते रहिये... अब मेरा निकलने वाला है... अअअअअहहहहहह !!! ".
झड़ने के लिए इससे रोमांटिक पोज़ और क्या हो सकता था !!!
" ठीक है... गिरा दो फिर ! ". अनिकेत के कान में मेघना फुसफुसाई, और अपनी आँखे मूंद ली.
मेघना कि नरम चूत कि त्वचा का अपने बेचैन लण्ड पर कसाव महसूस करते हुये अनिकेत ने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया और वीर्यस्खलन के लिए रेडी हो गया !
मेघना के फाइनल चरमोत्कर्ष का प्रथम चरण शुरू हो गया था . उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू ही किया था कि तभी उसके सिर को एक हाथ ने बड़ी ही नज़ाकत से सोफे पर से उठाया और उसके नीचे छोटा सा तकिया रख दिया, वही तकिया जो कुछ देर पहले सोफे से नीचे गिर गया था.
अपने सिर के नीचे मुलायम तकिये का सुखद स्पर्श पाकर आनंदित मेघना ने अपनी आँखे थोड़ी सी खोली, मानो वासना के नशे में खोई हो, और फिर सामने का नज़ारा देख उसकी आँखे अपने आप पूरी तरह से खुल गई.
" ओह्ह्ह्हह मम्मी !!! ".
अनिकेत कि कमर को अपने नाख़ूनों से खरोचते हुये मेघना चीख उठी !
शादीशुदा मेघना अपनी गांड़ से कुंवारी थी !!
अभिषेक को समझते देर ना लगी कि कमीने अनिकेत ने उसकी बीवी कि गांड़ में अपना लौड़ा घुसेड़ दिया है. अभिषेक ने कई बार मेघना को गांड़ मरवाने के लिए मनाना चाहा था, पर मेघना कभी नहीं मानी, दर्द से डरती थी. और आज एक अनजान लड़के ने उसके चूतड़ कि सील खोलकर रख दी. अभिषेक जितना गुस्सा नहीं था, उतना अब Frustrated हो रहा था. व्हिस्की कि बोतल मुँह से लगाए वो अपनी पत्नि और उसके खुशनसीब प्रेमी को कोसता रहा !!!
" अनिकेत Noooooo !!! ".
मेघना दर्द से बिलबिला उठी.
मेघना भाभी कि गांड़ उसकी चूत के बनिस्बत कहीं ज़्यादा कसी हुई थी और अंदर कि त्वचा बहुत ही अधिक नरम थी. एक बार जब अनिकेत का लण्ड मेघना कि गांड़ में धंसा तो उसे फिर बाहर निकालने का उसका मन ही नहीं हो रहा था.
" आअह्ह्ह... भाभी... आपकी गांड़ कितनी टाइट है... मममममममम !!! ". आनंदविभोर हुआ अनिकेत बड़बड़ाया.
" टाइट के बच्चे... निकालो... बहुत दुख रहा है... हाय मम्मी !!! ". अपने बदन से जोंक कि तरह चिपके अनिकेत को अपने हाथों से ठेलते मारते मेघना चिल्लाई.
मेघना के रोकते मना करते भर में अनिकेत ने जल्दी जल्दी कुछ देर तक और उसकी गांड़ पेल ली, फिर लण्ड बाहर खींचकर वापस से चूत में ठूस दिया.
मेघना ने चैन कि साँस ली !
पहले से भी ज़्यादा तेज़ गति से अनिकेत अब मेघना का बदन रौंदने लगा. पूरा सोफा ऊपर नीचे आगे पीछे हिलने लगा, पलंग हुआ रहता तो अब तक शायद टूट ही गया होता. मेघना जिस तकिये पर लेटकर चुदवा रही थी, इसी धमाचौकड़ी में उसके सिर के नीचे से वो तकिया भी खिसककर नीचे ज़मीन पर जा गिरा. मेघना का सिर सोफे पर गिरा तो उसके खुले खुशबुदार बालों में अनिकेत अपना मुँह छुपाकर उसे चोदने लगा.
" धीरे चोदो अनिकेत... मैं कहाँ भागी जा रही हूँ !!! ". मेघना ने सिसकारते हुये कहा.
अपना हाथ बढ़ाकर बेचारी मेघना नीचे ज़मीन पर गिरे तकिये को उठाने कि भरसक चेष्टा करती रही, पर अनिकेत ने उसे तकिया तक उठाने नहीं दिया, और उसी अवस्था में उसे पेलता रहा !
आलम ये था कि अब तो हर मिनट में मेघना का पानी निकलने लगा. उसकी अपनी जाँघे, अनिकेत कि टांगें, सोफा, नीचे ज़मीन, सारा कुछ चूत के पानी से भींग गया.
पूरा का पूरा कमरा चूतरस कि खुशबुदार गंध से महक उठा. यहाँ तक कि दूर छुपे खड़े अभिषेक का नाक भी इस गंध से अछूता ना रहा. अभिषेक इस कस्तूरी सुगंध को खूब पहचानता था. पूरे महीने मेघना कि चूत और उसका पानी अलग अलग किस्म का महकता था, और जब भी उसकी चूत से ये वाली खास गंध आनी शुरू होती थी, वो पेलवाने के लिए बौरा जाती थी, मगर किसी भी क़ीमत पर अभिषेक को वो उन दिनों में अपनी उर्वर चूत के अंदर झड़ने नहीं देती थी. ये मेघना के सबसे ज़्यादा Fertility वाले दिन जो हुआ करतें थें, जब वीर्य कि एक बूंद भी उसे गर्भवती बनाने के लिए काफ़ी होती थी !!!
अपने उपजाऊ दिनों में मेघना जैसा सेक्स चाहती थी, आज उसे उसका प्रेमी वैसा ही सेक्स दे रहा था, तो अनिकेत से अभिषेक को ईर्ष्या होना स्वाभाविक ही था !
मेघना को ताबड़तोड़ चोद कर अनिकेत ने खुद अपनी मुसीबत बुला ली थी. वो झड़ने कि कगार पर पहुँच चुका था. पर कोई नहीं, ठीक है, 40 मिनट से ज़्यादा देर तक चोदा था उसने आज अपनी मेघना भाभी को, इतनी देर तो वो मूठ मारते वक़्त भी नहीं टिकता !
अनिकेत के अनियमित हो रहे धक्कों और उसके शरीर में उठ रही कंपन से मेघना ने अंदाज़ा लगा लिया कि अब उसका माल गिर जायेगा.
" झड़ रहे हो क्या अनिकेत ??? ". मेघना ने अनिकेत के गाल पर हाथ फेरते हुये प्यार से पूछा.
" अभी नहीं भाभी ! पर थोड़ी देर में निकल जायेगा... ". अनिकेत ने हाँफते हुये कहा.
" Don't cum now अनिकेत... सारा मज़ा किरकिरा हो जायेगा ! ".
अभी कुछ देर पहले जो मेघना ये सारा खेल जल्द से जल्द ख़त्म करने के लिए तरह तरह के प्लान बना रही थी, वही मेघना अब ऐसे बेफिक्र हुई जा रही थी, मानो हनीमून पर आई हो ! सही तरह का शारीरिक सुख मिले तो औरत सब कुछ भुला देती है... अपने पति को भी ! कम से कम मेघना के सन्दर्भ में तो ये बात सच्ची जमती थी !!!
" Slowly slowly चोदो, दस पंद्रह मिनट और टिकोगे ! ". मेघना ने अनिकेत को सलाह दी और उसे चूमने लगी.
हालांकि मेघना को कोई खास फर्क नहीं पड़ता था, अगर अनिकेत झड़ जाये तो, क्यूंकि उसे पता था कि उसमें चोदने कि जैसी लालसा थी, झड़ने के कुछ देर बाद ही फिर से उसका लण्ड तनतना कर तैयार हो ही जायेगा. ये बात और थी कि आज उन दोनों को सेकंड राउंड चुदाई का मौका मिलेगा नहीं...
मेघना का पति ना जाने क्या करने कि प्रतीक्षा कर रहा था !!!
मेघना भाभी कि सलाह मान कर अनिकेत ने धक्के मारना एकदम से रोक दिया, एक गहरी साँस ली, और अपना लण्ड मेघना कि चूत में जड़ तक ठूसकर पूरी तरह से रुक गया. ख़ुशी से झूम उठी मेघना ने अपनी दोनों टांगें अनिकेत कि कमर से लपेटकर उसे खुद से जकड़ लिया, और एकदम धीरे धीरे अपनी गांड़ ऊपर नीचे ऊपर नीचे करने लगी. अब अनिकेत मेघना को नहीं चोद रहा था, बस मेघना के गांड़ उचकाने से उसकी चूत कि तह में घुसा उसका लौड़ा रगड़ खा रहा था. अनिकेत ने अपनी आँखें बंद कर ली और अपना मुँह मेघना कि गर्दन में छुपा लिया.
" आआह भाभी... ऐसे ही करते रहिये... अब मेरा निकलने वाला है... अअअअअहहहहहह !!! ".
झड़ने के लिए इससे रोमांटिक पोज़ और क्या हो सकता था !!!
" ठीक है... गिरा दो फिर ! ". अनिकेत के कान में मेघना फुसफुसाई, और अपनी आँखे मूंद ली.
मेघना कि नरम चूत कि त्वचा का अपने बेचैन लण्ड पर कसाव महसूस करते हुये अनिकेत ने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया और वीर्यस्खलन के लिए रेडी हो गया !
मेघना के फाइनल चरमोत्कर्ष का प्रथम चरण शुरू हो गया था . उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू ही किया था कि तभी उसके सिर को एक हाथ ने बड़ी ही नज़ाकत से सोफे पर से उठाया और उसके नीचे छोटा सा तकिया रख दिया, वही तकिया जो कुछ देर पहले सोफे से नीचे गिर गया था.
अपने सिर के नीचे मुलायम तकिये का सुखद स्पर्श पाकर आनंदित मेघना ने अपनी आँखे थोड़ी सी खोली, मानो वासना के नशे में खोई हो, और फिर सामने का नज़ारा देख उसकी आँखे अपने आप पूरी तरह से खुल गई.